*यातायात के नियमों का पालन कर हम स्वयं को
सुरक्षित रख दूसरो को सुरक्षा प्रदान करते है _ डॉ प्रो जी के अग्रवाल*
*स्वामी विवेकानंद को फिर से अपने अंदर जीना होगा ऐसा करने से एक बार पुनः भारत को विश्व गुरु स्थापित कर पायेंगे @ प्रो डॉ संजय आयदे*
अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत पौने बारह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 12 जनवरी 2022 बुधवार को दोपहर 3 बजे से गूगल मीट पर *राष्ट्रीय युवा दिवस, राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह,10 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह दिवस, जीजाबाई, स्वामी विवेकानंद, भारतरत्न डॉ भगवान दास, महिला क्रांतिकारी नेली सेनगुप्ता, गणितज्ञ बद्रीनाथ प्रसाद, स्वतंत्रता आंदोलन के पुरोधा उमाशंकर दीक्षित, महर्षि महेश योगी, संगीतकार सी रामचंद्र, उर्दू कवि अहमद फराज, अजय माकन, उपमुख्य मंत्री दिनेश शर्मा, प्रियंका गांधी जन्म तिथि और गणितज्ञ पियार्डी फरमा, स्वतंत्रता सेनानी गोपीनाथ साहा, क्रांतिकारी सूर्य सेन, प्यारेलाल शर्मा पुण्य तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम की संयोजिका और संचालिका *डॉ अनीता अग्रवाल* ने कार्यक्रम का श्री गणेश अपने निवास स्थान पर स्वामी विवेकानंद के छायाचित्र पर रोली अक्षत का तिलक लगा श्री फल चढ़ा माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर गणेश वंदना से किया।
*प्रेमलता गोयल* ने मंत्रोचार से दीप प्रज्वलित किया *राजकुमारी गुप्ता* रायपुर ने गणेश भजन, *उषा कलानोरिया* ने पितरों की वंदना, *सुलोचना धनावत* ने गुरु वंदना प्रस्तुत किया *हेमलता मित्तल, विजया डालमिया* ने अतिथियों को तिलक लगा, श्री फल और तुलसी पौध भेट कर स्वागत गीत गया *पुष्पा अग्रवाल और पूजा अग्रवाल* ने अतिथियों का संक्षिप्त जीवन परिचय सभी के सम्मुख प्रेषित कर अतिथियों को बारी बारी से उनके उद्बोधन के लिए बुलाया। *भगवती अग्रवाल और सुशीला अग्रवाल* ने आभार व्यक्त कर अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता *डॉक्टर जी के अग्रवाल* प्रोफेसर मैकेनिकल इंजीनियरिंग शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय कोनी बिलासपुर ने *सड़क सुरक्षा सप्ताह* के उपलक्ष में अपने वक्तत्व में एक वीडियो क्लिप दिखाकर सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक के नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया यातायात के मुख्य तीन प्रकार के चिन्ह होते हैं इनफॉर्मेटरी, मैंडेटरी और कॉशनरी चेतावनी संकेत । इन संकेतों को हम अच्छे से पढ़े समझे और जब भी सड़क पर हम दो पहिया या चार पहिया के वाहन चलाते हैं उनका पालन करें ऐसा करने से हम स्वयं को तो सुरक्षित रखते ही हैं साथ ही साथ दूसरों को भी सुरक्षा प्रदान करते हैं। संपूर्ण विश्व में 2021 में लगभग 13 लाख लोग सड़क दुर्घटना में आकस्मित मौत की गोद में सो गए थे। अगर हम यातायात के नियमों का पालन करेंगे तो हम इस आंकड़े को कम कर सकते हैं ।
माता पिता होने के नाते हमें अपनी औलाद को अगर कार से जाते हैं तो सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य करवाएं और अगर दो पहिया गाड़ी से जाते हैं तो हेलमेट लगाकर ही घर से बाहर निकले ऐसा अगर हम करते हैं तो हम सुरक्षित रह पाएंगे। उन्होंने प्रिंसेस डायना, जसपाल भट्टी, जगजीत सिंह के इकलौते पुत्र के रोड दुर्घटना से हुए मृत्यु के बारे में बताया। मंच के माध्यम से उन्होंने आह्वान किया कि सब प्रण ले कि वे सड़क पर चलते समय अपने वहां की निर्धारित गति रखेगे, निर्धारित मोड़ पर इंडिकेटर देगे और गाड़ी चलाते समय हेलमेट पहनेगे।सभी प्रकार के चिन्ह को सुरक्षात्मक दृष्टि से देख पालन करेंगे।
कार्यक्रम के अध्यक्ष *डॉक्टर प्रोफेसर संजय आयदे* विभाग प्रमुख विवेकानंद केंद्र छत्तीसगढ़ विभाग ने *विश्व युवा दिवस और स्वामी विवेकानंद जयंती* पर अपने वक्त में स्वामी विवेकानंद के संपूर्ण जीवन पर प्रकाश डाल उनको संपूर्ण विश्व के लिए पावर हाउस बताया। उनकी संकल्प शक्ति अध्यात्म का ज्ञान समूचे ब्रह्मांड को ऊर्जा देता है भारत जब गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था उन्होंने युवा मन को ललकारा कहा उठो जागो तब तक मत सो जब तक तुम उस लक्ष्य को प्राप्त ना कर लेते हो इस विचार को अपने अंदर बढ़ते रहिए संघर्ष करिए और जब कभी दिल और दिमाग में संघर्ष हो तो दिल की बात सुनिए। महात्मा गांधी जी ने भी स्वामी विवेकानंद के साहित्य को पढ़ने के बाद कहा था कि स्वामी विवेकानंद को पढ़कर मेरा राष्ट्रप्रेम 1000 गुना बढ़ गया है। सभी क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी ने स्वामी विवेकानंद के साहित्य को पढ़कर 1957 में स्वतंत्रता दिलवाई। स्वामी विवेकानंद एक ऐसे युवा थे जिन्होंने *संपूर्ण विश्व में भारत की शक्ति का परिचय* करवाया। उनका सारगर्भित उद्बोधन 11 सितंबर 1893 शिकागो में आज भी याद किया जाता है उनके केवल 5 शब्द *सिस्टर्स एंड ब्रदर्स ऑफ अमेरिका* को सुनकर 7000 की भीड़ में लगातार 2 मिनट तक करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया और प्रथम बार *परिवार जैसी कोई संकल्पना* होती है इस एहसास को विदेशियों ने माना। आज के समय जब हम जात पात अशिक्षा बेरोजगारी आदि समस्याओं से जूझ रहे हैं ऐसे समय में हमें स्वामी विवेकानंद को याद करना चाहिए उनके साहित्य को पढ़ना चाहिए और स्वामी विवेकानंद को जीना होगा ऐसा करने से एक बार पुनः भारत को विश्व गुरु स्थापित किया जा सकेगा।
प्रांत महिला अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल* ने *जीजाबाई जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया जीजाबाई एक महान देशभक्त थी, जिनके रोम-रोम में देश प्रेम की भावना प्रज्जवलित थी। इसके अलावा वे भारत की वीर राष्ट्रमाता के रुप में भी मशहूर थी। क्योंकि उन्होंने अपने वीर पुत्र छत्रपति शिवाजी महाराज को ऐसे संस्कार दिए और उनके अंदर राष्ट्रभक्ति और नैतिक चरित्र के ऐसे बीजे बोए जिसके चलते छत्रपति शिवाजी महाराज आगे चलकर एक वीर, महान निर्भिक नेता, राष्ट्रभक्त कुशल प्रशासक बने। राजमाता जीजाबाई का पूरा जीवन साहस, त्याग और बलिदान से परिपूर्ण रहा। भारत की वीर प्रसविनी माता जीजाबाई ने अपने जीवन में विपरीत परिस्थियों में भी तमाम तरह की कठिनाइयों का हिम्मत से और डटकर सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और धैर्य नहीं खोया और हमेशा अपने लक्ष्य को पाने के लिए आगे बढ़ती रहीं। उन्होंने अपने पुत्र शिवाजी को भी समाज के कल्याण के प्रति समर्पित रहने की सीख दी।
विशिष्ट अतिथि *नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *स्वामी विवेकानंद जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया एक युवा संन्यासी के रूप में भारतीय संस्कृति की सुगंध विदेशों में बिखेरनें वाले स्वामी विवेकानंद साहित्य, दर्शन और इतिहास के प्रकाण्ड विव्दान थे। स्वामी विवेकानंद ने ‘योग’, ‘राजयोग’ तथा ‘ज्ञानयोग’ जैसे ग्रंथों की रचना करके युवा जगत को एक नई राह दिखाई है जिसका प्रभाव जनमानस पर युगों-युगों तक छाया रहेगा। कन्याकुमारी में निर्मित उनका स्मारक आज भी स्वामी विवेकानंद महानता की कहानी बताता है।
“संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है असंभव से भी आगे निकल जाना।“
ऐसी सोच वाले व्यक्तित्व थे।स्वामी विवेकानंद। जिन्होनें अध्यात्मिक, धार्मिक ज्ञान के बल पर समस्त मानव जीवन को अपनी रचनाओं के माध्यम से सीख दी वे हमेशा कर्म पर भरोसा रखने वाले महापुरुष थे। स्वामी विवेकानंद का मानना था कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए तब तक कोशिश करते रहना चाहिए जब तक की लक्ष्य हासिल नहीं हो जाए।
विशिष्ट अतिथि *सुशीला अग्रवाल शांतिनिकेतन कोलकाता* ने *भारतरत्न डाक्टर भगवानदास जन्म जयंती* अपनी अभिव्यक्ति में बताया भारतरत्न डाक्टर भगवानदास (१२ जनवरी १८६९ – १८ सितम्बर १९५८) भारत के प्रमुख शिक्षा शास्त्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, दार्शनिक (थियोसोफी) एवं कई संस्थाओं के संस्थापक थे। सन् १९५५ में उन्हें भारतरत्न की सर्वोच्च उपाधि से विभूषित किया गया था। उन्होने डॉक्टर एनी बेसेन्ट के साथ व्यवसायी सहयोग किया, जो बाद मे सेन्ट्रल हिन्दू कालेज की स्थापना का प्रमुख कारण बना। सेन्ट्रल हिन्दू कालेज, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना का मूल है। बाद मे उन्होंने काशी विद्यापीठ की स्थापना की और वहाँ वे प्रमुख अध्यापक भी थे। डॉक्टर भगवान दास ने हिन्दी और संस्कृत मे ३० से भी अधिक पुस्तकों का लेखन किया है।
विशिष्ट अतिथि *विजया डालमिया हैदराबाद* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *प्रसिद्ध महिला क्रांतिकारी नेली सेनगुप्त जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया नेली सेनगुप्ता (1886–1973) एक अंग्रेज महिला थीं जिन्होने भारत की स्वतन्त्रता के लिये संघर्ष किया। वे यतीन्द्र मोहन सेनगुप्त की पत्नी थीं। १९३३ के कोलकाता अधिवेशन में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सभापति चुनी गयीं।
विशिष्ट अतिथि *रंजना गर्ग गुजरात* ने *प्रसाद गणितज्ञ बद्रीनाथ प्रसाद जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया अपनी अभिव्यक्ति में बताया बद्रीनाथ प्रसाद (१२ जनवरी १८९९ – १८ जनवरी १९६६) भारत के सुप्रसिद्ध गणितज्ञ एवं शिक्षाशास्त्री थे। उन्हे साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सन १९६३ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
विशिष्ट अतिथि *राखी गर्ग राजस्थान* ने *भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन’ के पुरोधा उमाशंकर दीक्षित जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया उमाशंकर दीक्षित जी का जन्म 12 जनवरी, 1901 ई. को उन्नाव, उत्तर प्रदेश मे हुआ था इनके पिता का नाम राम सरूप तथा माता का नाम शिव प्यारी देवी था। इनके एकमात्र पुत्र का नाम विनोद दीक्षित था। इन्होंने स्वतंत्रता सेनानी के रूप मे ‘असहयोग आन्दोलन’ में भाग लिया। गणेश शंकर विद्यार्थी के सहयोगी थे। इनके जीवन पर स्वामी विवेकानन्द, रामतीर्थ और गांधीजी के विचारों का गहरा प्रभाव था।
विशिष्ट अतिथि *कमलेश बोंदिया सिमगेड़ा झारखंड* ने *स्वामी विवेकानंद जयंती* पर उनके जीवन और कार्यों पर प्रकाश डाल कविता सुना *भारतीय अध्यात्मवादी महर्षि महेश योगी जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया महर्षि महेश योगी(जन्म 12 जनवरी 1918 -निधन 5 फरवरी 2008 ) का जन्म 12 जनवरी 1918 को छत्तीसगढ़ के राजिम शहर के पास पांडुका गाँव में हुआ था। उनका मूल नाम महेश प्रसाद वर्मा था। उन्होने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक की उपाधि अर्जित की। उन्होने तेरह वर्ष तक ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती के सानिध्य में शिक्षा ग्रहण की। महर्षि महेश योगी ने शंकराचार्य की मौजूदगी में रामेश्वरम में 10 हजार बाल ब्रह्मचारियों को आध्यात्मिक योग और साधना की दीक्षा दी। हिमालय क्षेत्र में दो वर्ष का मौन व्रत करने के बाद सन् 1955 में उन्होने टीएम तकनीक की शिक्षा देना आरम्भ की। सन् 1957 में उनने टीएम आन्दोलन आरम्भ किया और इसके लिये विश्व के विभिन्न भागों का भ्रमण किया। महर्षि महेश योगी द्वारा चलाया गए आंदोलन ने उस समय जोर पकड़ा जब रॉक ग्रुप ‘बीटल्स’ ने 1968 में उनके आश्रम का दौरा किया। इसके बाद गुरुजी का ट्रेसडेंशल मेडिटेशन अर्थात भावातीत ध्यान पूरी पश्चिमी दुनिया में लोकप्रिय हुआ।उनके शिष्यों में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी से लेकर आध्यात्मिक गुरू दीपक चोपड़ा तक शामिल रहे।
विशिष्ट अतिथि *पूजा अग्रवाल बैंगलोर* ने *हिन्दी फ़िल्म निर्माता-निर्देशक, गायक और संगीतकार सी. रामचन्द्र का जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया चितळकर रामचन्द्र (जन्म- 12 जनवरी, 1918, अहमदनगर, महाराष्ट्र; मृत्यु- 5 जनवरी, 1982, मुंबई) न केवल संगीत निर्देशन की प्रतिभा से परिपूर्ण थे, अपितु उन्होंने अपनी गायकी, फ़िल्म निर्माण, निर्देशन और अभिनय से भी सिने प्रेमियों को अपना दीवाना बनाए रखा। फ़िल्म जगत में ‘अन्ना साहब’ के नाम से मशहूर सी. रामचन्द्र से फ़िल्मों से जुड़ी कोई भी विधा अछूती नहीं रही थी। वह ऐसे हंसमुख इंसान थे, जिनकी उपस्थिति मात्र से ही माहौल खुशनुमा हो जाता था। हँसते-हँसाते रहने की प्रवृत्ति को उन्होंने अपने संगीत निर्देशन और गायकी में भी खूब बारीकी से उकेरा था। सी. रामचन्द्र का यह अंदाज़ आज भी उनके चहेतों की यादों में बसा हुआ है।
विशिष्ट अतिथि *लता मोदी साकोली महाराष्ट्र* ने *प्रसिद्ध उर्दू कवि अहमद फ़राज़ का जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया
अहमद फ़राज़ (१४ जनवरी १९३१- २५ अगस्त २००८), असली नाम सैयद अहमद शाह, का जन्म पाकिस्तान के नौशेरां शहर में हुआ था। वे आधुनिक उर्दू के सर्वश्रेष्ठ रचनाकारों में गिने जाते हैं।
विशिष्ट अतिथि *यशोदा गुप्ता कटनी मध्यप्रदेश* ने *भारतीय राजनीतिज्ञ अजय माकन जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया श्री अजय माकन को भारत सरकार की पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रीमंडल में गृह राज्यमंत्री में मंत्री बनाया गया है।
*वरिष्ट सदस्या सुलोचना धनावत* ने *राजनीतिज्ञ तथा उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा जन्म जयंती* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया दिनेश शर्मा एक भारतीय राजनेता हैं, जो दो बार लखनऊ के महापौर (मेयर) रह चुके हैं। वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री हैं।
रायपुर इकाई की अध्यक्ष *पुष्पा अग्रवाल* ने *पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की बेटी प्रियंका गांधी के जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया प्रियंका गांधी वाड्रा ( उर्फ़ गांधी ; जन्म 12 जनवरी 1972) एक भारतीय नेता और के महासचिव अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के प्रभारी उत्तर प्रदेश । वह राजीव गांधी और सोनिया गांधी की बेटी , राहुल गांधी की बहन और फिरोज और इंदिरा गांधी की पोती हैं , जो उन्हें राजनीतिक रूप से प्रमुख नेहरू-गांधी परिवार का सदस्य बनाती हैं । वह राजीव गांधी फाउंडेशन की ट्रस्टी भी हैं ।
कोरबा इकाई की अध्यक्षा *भगवती अग्रवाल* ने *फ़्रांस के गणितज्ञ पियरडी फ़रमा की पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में उनके कार्यों पर प्रकाश डाला।
सरिया इकाई की अध्यक्षा *डिंपल अग्रवाल* ने *दस दिवसीय अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और विश्व युवा दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति बड़े सरल शब्दो में रख *पश्चिम बंगाल के स्वतंत्रता सेनानी गोपीनाथ साहा की पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया सूर्य सेन गोपीनाथ साहा (जन्म- 1901, हुगली ज़िला, पश्चिम बंगाल; मृत्यु- 12 जनवरी, 1924) पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। वे ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ के सदस्य थे। वे भारत के अमर क्रांतिकारियों की श्रृंखला में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उनका मुख्य कार्य क्षेत्र बंगाल रहा।
पश्चिम बंगाल (भारत) का क्रांतिकारी जिसने कोलकाता के पुलिस आयुक्त चार्ल्स ऑगस्टस टेगार्ट की हत्या करने का प्रयास किया। 12 जनवरी, 1924 को किए गए इस प्रयास में उससे पुलिस आयुक्त को पहचानने में चूक हुई। फलतः एक अन्य अंग्रेज़ मारा गया। इसके बाद गोपीनाथ साहा को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें फांसी दी गई।
बाराद्वार इकाई की अध्यक्षा *ऊषा कलानोरिया* ने *भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले प्रसिद्ध क्रांतिकारी सूर्य सेन की पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया सूर्य सेन (22 मार्च 1894 — 12 जनवरी 1934) भारत की स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारी थे। उन्होने इंडियन रिपब्लिकन आर्मी की स्थापना की और चटगांव विद्रोह का सफल नेतृत्व किया। वे नेशनल हाईस्कूल में सीनियर ग्रेजुएट शिक्षक के रूप में कार्यरत थे और लोग प्यार से उन्हें “मास्टर दा” कहकर सम्बोधित करते थे।
*निशा गोयल पत्थलगांव* ने *भारतीय क्रांतिकारियों में से एक प्यारे लाल शर्मा की पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया प्यारेलाल का जीवन संघर्षशील रहा। नेता सुरेंद्र कुमार मुन्नी प्यार लाल शर्मा को पिता होने के साथ ही राजनैतिक गुरु भी मानते थे।
*उमा बंसल महासचिव कोरबा और प्रेमलता गोयल उपाध्यक्ष अंबिकापुर* ने आज के इतिहास की कुछ मुख्य घटनाओं पर प्रकाश डाला।
1976 में दुनिया के सबसे जाने माने जासूसी उपन्यासकारों में से एक अगाथा क्रिस्टी का निधन हुआ।
1992 में भारत के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक कुमार गंधर्व का निधन हुआ।
2005 में भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता और खलनायक अमरीश पुरी का निधन हुआ।
2008 में विश्व के सबसे बड़े फ़िल्म शो टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव की बुनियाद रखने वाले ‘मुर्रे दस्ती कोहल’ का निधन हुआ।
रायपुर इकाई की अध्यक्षा *श्रीमती शीतल लाठ* ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर सभी अतिथियों को सम्मानित किया।
*हेमलता बंसल कोषाध्यक्ष* शक्ति ने सभी की उपस्तिथि, प्रस्तुति, अभिव्यक्ति के लिए आभार व्यक्त किया। विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम समापन की घोषणा की।
नंदिनी चौधरी, सुशीला अग्रवाल, विजया डालमिया, लाता मोदी, कमलेश बोंदिया, निमिषा गर्ग, पूजा अग्रवाल, हेमलता मित्तल, सिया अग्रवाल, हेमलता बंसल, कीर्ति अग्रवाल, राजकुमारी गुप्ता, प्रतिमा गुप्ता, यशोदा गुप्ता, रेखा गर्ग, सरिता गोयल, लक्ष्मी गोयल, पूनम गोयल, सीमा गुप्ता, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, सिया अग्रवाल, सुलोचना धनावत, पुष्पा अग्रवाल, उषा कलानोरिया, निशा गोयल, संगीता चौधरी, गिरिजा गोयल, प्रेमलता गोयल, शारदा वसावतियां, शालू अग्रवाल, नंदिनी गोयल ने अपनी उपस्तिथि, अभिव्यक्ति, प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
