*मातृभाषा का उपयोग दैनिक जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण व अनिवार्य _ डॉ अनीता*
अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत तेरह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 21/2/2022 सोमवार को *विश्व मातृ दिवस, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जन्म तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर भगवान शंकर पार्वती के छाया चित्र पर रोली अक्षत का तिलक लगा श्री फल चढ़ा माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर किया।उन्होंने मारवाड़ी भाषा और राष्ट्र भाषा हिंदी का महत्व बता सभी को अपनी मात्र भाषा का सम्मान कर दैनिक जीवन में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम का संचालन उमा बंसल महासचिव कोरबा ने अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस का महत्व बताया।उन्होंने बताया मारवाड़ी भाषा सुनने और बोलने ने सबसे सुमधुर है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नंदिनी चौधरी सिंगापुर ने सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” के जन्म तिथि पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों[क] में से एक माने जाते हैं। वे जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्य में छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। उन्होंने कई कहानियाँ, उपन्यास और निबंध भी लिखे हैं किन्तु उनकी ख्याति विशेषरुप से कविता के कारण ही है।
सुलोचना धनावत ने विश्व मातृभाषा दिवस पर अपनी मातृभाषा मारवाड़ी में स्व:रचित कविता जिसका
शीर्षक *अन्तर-जागरण* है का पठन किया।
काया-माया सुण म्हारा भाया ,
सगला अठै रै जासी ।
जद पड़ेलो यम रो डंडो ,
सिर पकड़ तुं पछतासी ।
“नाम”रट ल टेम थोडो ह ,
जानो कोणी मथुरा-काशी ।
” बो “घर म थार रेव साग ,
बात मान ल तो सुख पासी ।
सूर-कबीर अर मीरा बाई ,
आपां न यो गेलो बताया ।
चालनों तो आपांन इ पड़सी,
सोच ल देर मत कर भाया ।
मधु मित्तल, तारा बेरीवाल, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, रंजना गर्ग, रजनी जिंदल, यशोदा गुप्ता, सुलोचना धनावत व सभी सदस्य ने मारवाड़ी भाषा में चर्चा कर, भजन, जकड़ी, भोग प्रस्तुत कर कार्यक्रम को सफल बनाया।
सभी को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम समापन किया गया।
