राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत 14 माह से प्रतिदिन आयोजित वर्तुल कार्यक्रम की श्रंखला में  25 मार्च 2022 गुरुवार को दोपहर 3:00 बजे से गूगल मीट में **ग्रामीण डाक जीवन बीमा दिवस,विश्व तपेदिक/विश्व क्षय रोग दिवस, कृष्णा सिंह पटेल जन्म तिथि और हारुन अल रशीद, अब्बासी खलीफा पुण्य तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

*क्षय रोग घातक संक्रामक रोग है इसके रोकथाम के लिए स्वच्छता, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना अनिवार्य है_ डॉक्टर अमित दुबे असिस्टेंट मेडिकल ऑफिसर करगी रोड*

राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत 14 माह से प्रतिदिन आयोजित वर्तुल कार्यक्रम की श्रंखला में 25 मार्च 2022 गुरुवार को दोपहर 3:00 बजे से गूगल मीट में **ग्रामीण डाक जीवन बीमा दिवस,विश्व तपेदिक/विश्व क्षय रोग दिवस, कृष्णा सिंह पटेल जन्म तिथि और हारुन अल रशीद, अब्बासी खलीफा पुण्य तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम का श्रीगणेश अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल* ने अपने निवास स्थान पर भगवान विष्णु के छायाचित्र पर रोली अक्षत का तिलक लगा पुष्पार्पण, माल्यार्पण कर मंत्रोचार से भी प्रचलित किया उन्होंने अपने आतिथ्य उद्बोधन में *डॉ अमित दुबे मुख्य अतिथि* मुख्य वक्ता और सभी सदस्यों का स्वागत किया और उनके निरोगी जीवन की मंगल कामनाएं की।

कार्यक्रम संयोजिका संचालिका *शीतल लाठ* अध्यक्ष बिलासपुर इकाई में मुख्य वक्ता का जीवन परिचय सभी के समक्ष प्रस्तुत किया।

सीमा अग्रवाल, *उषा कलानोरिया* ने पुष्प गुच्छ एवं मोर पंख देकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया।

*डिंपल अग्रवाल* अध्यक्ष सरिया इकाई ने स्वागत गीत गाकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
*मुख्य वक्ता डॉ अनिल दुबे करगी रोड कोटा असिस्टेंट मेडिकल ऑफिसर* ने *विश्व क्षय दिवस* के उपलक्ष में अपने उद्बोधन में ट्यूबरक्लोसिस के लक्षण रोकथाम और उपचार के बारे में सरल शब्दों में विस्तार से बताया।
उन्होंने टी बी के प्रकार बताए की मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है_
अगर टीबी का जीवाणु फेफड़ों को संक्रमित करता है तो वह पल्मोनरी *टीबी (फुफ्फुसीय यक्ष्मा)* कहलाता है।
अगर टीबी का जीवाणु फेफड़ों की जगह शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित करता है, तो इस प्रकार की टीबी *एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी (इतर फुफ्फुसीय यक्ष्मा)* कहलाती है।

टीबी (क्षयरोग) एक , जो कि माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु की वजह से होती है। टीबी (क्षयरोग) आमतौर पर ज्यादातर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है। यह रोग हवा के माध्यम से फैलता है।जब क्षयरोग से ग्रसित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है तो उसके साथ संक्रामक ड्रॉपलेट न्यूक्लीआई उत्पन्न होता है, जो कि हवा के माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। ये ड्रॉपलेट न्यूक्लीआई कई घंटों तक वातावरण में सक्रिय रहते हैं। जब एक स्वस्थ व्यक्ति हवा में घुले हुए इन माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस ड्रॉपलेट न्यूक्लीआई के संपर्क में आता है तो वह इससे संक्रमित हो सकता है।
अगर लगातार 3 हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना। खांसी के साथ खून का आना। छाती में दर्द और सांस का फूलना।वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना।शाम को बुखार का आना और ठंड लगना। रात में पसीना आना सब टीबी (क्षयरोग) के *लक्षण* है।

*अगर टीबी के लक्षण दिखाई* दे तो तत्काल डॉक्टर की परामर्श ले रोगी को टीबी की जांच, टेस्ट करवाना चाहिए।स्पुटम/अन्य फ्लूइड टेस्ट,स्किन टेस्ट (मोंटेक्स टेस्ट), लाइन प्रोब असे, जीन एक्सपर्ट टेस्ट
*टी बी के उपचार* के बारे में उन्होंने बताया टीबी के जीवाणुओं को मारने के लिए इसका उपचार करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है। टीबी के उपचार में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली 2 एंटीबायोटिक्स आइसोनियाजिड और रिफाम्पिसिन हैं और उपचार 6-9 महीने में किया जाता है।
*टी बी क्षयरोग की रोकथाम और नियंत्रण* के लिए उन्होंने बताया मुख्य रूप से शिशुओं के बैसिलस कैल्मेट-ग्यूरिन (बीसीजी) का टीकाकरण कराना चाहिए, टीबी रोग से संक्रमित रोगी को खांसते वक्त मुंह पर कपड़ा रखना चाहिए और भीड़-भाड़ वाली जगह पर या बाहर कहीं भी नहीं थूकना चाहिए, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खान पान का विशेष ध्यान देना चाहिए।

*प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम* में उन्होंने सभी सदस्यों के प्रश्नों के समाधान बताए।

*पार्बती अग्रवाल लौमुंडा ओडिसा* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया ग्रामीण डाक जीवन बीमा सर्वप्रथम 1993 में मल्होत्रा समिति द्वारा की गई थी।1995 से सुचारू रूप से ग्रामीण लोगो के जीवन का ज्यादा से ज्यादा इंश्योरेंस कर उन्हे लाभ पहुंचाना ही मकसद रहा है। इसके लिए डाक घर और सेवको का सहयोग ले ग्रामीणों को जागरूक किया गया है।

*पुष्पा अग्रवाल* अध्यक्ष रायपुर इकाई ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

*उमा बंसल महासचिव* ने सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।

कार्यक्रम में शामिल डॉक्टर अमित दुबे, सभी सदस्य भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, अंशु अग्रवाल, शीतल लाठ, तारा बेरीवाल, सीमा अग्रवाल, उषा कलानोरिया, किरण अग्रवाल, कीर्ति अग्रवाल, कोमल केडिया, कुसुम अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, निशा गोयल, पार्बती अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, सरिता गोयल, पूनम गोयल, निशा गोयल, सुमित्रा मोर, सिया अग्रवाल, आर्या अग्रवाल, राजकुमारी गुप्ता ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।