राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ क्रांति द्वारा विगत 14 माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रंखला में 30 मार्च 2022 मंगलवार को *राजस्थान दिवस, त्रयोदशी, गंगौर, यशस्विनी सिंह देसवाल,देविका रानी, *सीरिल रैडक्लिफ़,विन्सेंट वैन गो जन्म जयंती* आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ क्रांति द्वारा विगत 14 माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रंखला में 30 मार्च 2022 मंगलवार को *राजस्थान दिवस, त्रयोदशी, गंगौर, यशस्विनी सिंह देसवाल,देविका रानी, *सीरिल रैडक्लिफ़,विन्सेंट वैन गो जन्म जयंती* आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम का श्री गणेश *डॉ अनीता अग्रवाल अध्यक्ष* ने अपने निवास स्थान पर भगवान गणेश के छायाचित्र पर रोली चावल का तिलक लगा श्रीफल पुष्प डूबा चढ़ाकर माल्यार्पण कर मंत्रोचार से दीप प्रज्वलित किया।
उन्होंने अपने आतिथ्य उद्बोधन में सभी अतिथियों और सदस्यों का स्वागत करते हुए अधिकतर सभी *राजस्थानी मारवाड़ी बहनों* को राजस्थान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं बधाई प्रेषित की।

कार्यक्रम अध्यक्ष *मंजू अग्रवाल* ने अपने उद्बोधन में बताया प्रतिदिन आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों भजन प्रस्तुति के द्वारा व्यक्तिगत एवं संपूर्ण घर की शुद्धि होने के साथ-साथ घर में कीर्तन सत्संग का होना पुण्य प्रताप का ही फल है।

मुख्य अतिथि *सबिता अग्रवाल* सन पुर ओडिसा ने अपनी अभिव्यक्ति में राजस्थान दिवस पर सभी राजस्थान वासियों को शुभ कामनाएं बधाई प्रेषित किया।उन्होंने खाटू श्याम, रानी सती दादी, जीन माता, मेहंदी पर के बाला जी , महाराजा अग्रसेन का इतिहास बताया।जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ के ऐतिहासिक महत्व को बताया।

विशिष्ट अतिथि *कमलेश बोंदिया* सिमगेडा झारखंड ने *राजस्थान स्थापना दिवस* अपनी अभिव्यक्ति में बताया राजस्थान शुरू से ही राजा महाराजाओं का गढ़ रहा है। अधिकतर वीर वीरांगनाएं राजस्थान से ही रही है।यह संस्कृति की अनूठी छटा रही है जो सभी को लुभानवित करती रही है।

विशिष्ट अतिथि *पार्बती अग्रवाल* लाऊ मुंडा उड़ीसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *राजस्थान दिवस* को राजस्थान का स्थापना दिवस भी कहा जाता है. हर वर्ष के तीसरे महीने में 30 तारीख को राजस्थान दिवस मनाया जाता है. 30 मार्च, 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर ‘वृहत्तर राजस्थान संघ’ बना था. इस दिन राजस्थान के लोगों की वीरता, दृढ़ इच्छाशक्ति और बलिदान को नमन किया जाता है. हर वर्ष 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया जाता है।

विशिष्ट अतिथि *रंजना गर्ग* गुजरात ने अपनी अभिव्यक्ति में भगवान गणेश की आराधना करने का महत्व बता पौराणिक गणेश कथा सुनाई।

विशिष्ट अतिथि *यशोदा गुप्ता* कटनी मध्यप्रदेश ने अपनी अभिव्यक्ति में गंगौर पूजा का महात्म बताया और गंगौर गीत प्रस्तुत किया।

*पुष्पा अग्रवाल* अध्यक्ष रायपुर इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *यशस्विनी सिंह देसवाल* (जन्म- 30 मार्च, 1997, पंचकुला, हरियाणा) भारतीय *महिला निशानेबाज़* खिलाड़ी हैं। उन्होंने रियो डी जेनेरो में आयोजित 2019 आईएसएसएफ विश्व कप में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। जिसके बाद उन्होंने 2021 में हुए ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो ओलंपिक) के लिये अपनी प्रतिभागिता पक्की की थी। टोक्यो ओलम्पिक में भारत की सबसे बड़ी पदक उम्मीद माने जा रहे निशानेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। मनु भाकर और यशस्विनी सिंह देसवाल टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में जगह नहीं बना सकीं। दोनों का यह पहला ओलंपिक था और अपेक्षाओं के दबाव का आखिरी क्षणों में दोनों सामना नहीं कर सकीं।

*शीतल लाठ* अध्यक्ष बिलासपुर इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *देविका रानी* (जन्म- 30 मार्च, 1908, विशाखापत्तनम; मृत्यु- 9 मार्च, 1994, बैंगलोर) भारतीय रजतपट की पहली स्थापित नायिका जो अपने युग से कहीं आगे की सोच रखने वाली अभिनेत्री थीं और उन्होंने अपनी फ़िल्मों के माध्यम से जर्जर सामाजिक रूढ़ियों और मान्यताओं को चुनौती देते हुए नए मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं को स्थापित करने का काम किया था। कवि शिरोमणि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर के ख़ानदान से ताल्लुक रखने वाली देविका ने दस वर्ष के अपने फ़िल्मी कैरियर में कुल 15 फ़िल्मों में ही काम किया, लेकिन उनकी हर फ़िल्म को क्लासिक का दर्जा हासिल है। विषय की गहराई और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी उनकी फ़िल्मों ने अंतरराष्ट्रीय और भारतीय फ़िल्म जगत् में नए मूल्य और मानदंड स्थापित किए। हिंदी फ़िल्मों की पहली स्वप्न सुंदरी और ड्रैगन लेडी जैसे विशेषणों से अलंकृत देविका को उनकी ख़ूबसूरती, शालीनता धाराप्रवाह अंग्रेज़ी और अभिनय कौशल के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जितनी लोकप्रियता और सराहना मिली उतनी कम ही अभिनेत्रियों को नसीब हो पाती है।

*डिंपल अग्रवाल* अध्यक्ष सरिया इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *सीरिल रैडक्लिफ़* (जन्म: 30 मार्च, 1899 – मृत्यु: 1 अप्रॅल, 1977) एक ब्रिटिश वकील थे, जिन्होंने भारत-पाकिस्तान विभाजन की रेखा तैयार की थी, जिसे वर्तमान में रैडक्लिफ़ रेखा कहा जाता है।

*उषा कलानोरिया* अध्यक्ष बाराद्वार इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *विन्सेंट वैन गो* (30 मार्च, 1853; मृत्यु- 29 जुलाई, 1890) नीदरलैण्ड के प्रसिद्ध चित्रकारों में से एक थे। उनकी पर-प्रभाववादी चित्रकारी ने 20वीं शताब्दी की आधुनिक कला पर अमिट छाप छोड़ी। उपन्यास ‘लस्ट फ़ॉर लाइफ़’ वर्ष 1934 में उपन्यासकार इर्विंग स्टोन ने लिखी थी। यह प्रसिद्ध डच चित्रकार विन्सेंट वैन गो के जीवन पर आधारित है।

*भगवती अग्रवाल* अध्यक्ष कोरबा इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में 15 साल पहले पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को मानव बम से उड़ाने के मामले में सह आरोपी आतंकी परमजीत सिंह भ्योरा को बुड़ैल जेल में विशेष कोर्ट में स्पेशल जज रवि कुमार सोंधी ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई।

*मंजू गोयल* अध्यक्ष अंबिकापुर इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया रिलायंस एनर्जी लिमिटेड को 400 किलोवाट उच्च वोल्टेज विद्युत ट्रांसमिशन के लिए लगभग 1200 करोड़ रुपये के ठेके मिले।

*सुलोचना धनावत* प्रचार प्रसार प्रभारी ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया जेनेवा में महामशीन में प्रोटोन को टकराने में सफलता मिली। यूरोपियन सैंटर फॉर न्यूकलियर रिसर्च के भौतिक वैज्ञानिकों ने महामशीन में 13.7 बिलियन साल पहले बिग-बैंग के जरिए हुए ब्रहमांड के निर्माण की प्रक्रिया को दुहराने का प्रयोग किया। इससे वैज्ञानिक बिग-बैंग थ्यौरी के जरिए ब्रहमांड की उत्पत्ति की गुत्थी शायद सुलझा सकें।

*कुसुम अग्रवाल* प्रांतीय सह कोषाध्यक्ष ने सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए आभार व्यक्त किया।

*उमा बंसल* महासचिव ने शांति मंत्र द्वारा कार्यक्रम समापन की घोषणा की।

कार्यक्रम में शामिल सभी सदस्य नंदिनी चौधरी, कमलेश बोंदिया, भगवती अग्रवाल, मंजू अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, अंशु अग्रवाल, कीर्ति अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, रेखा गर्ग, पार्वती अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, शालू वसावतिया, तारा बेरीवाल, रंजना गर्ग, राखी गर्ग, प्रतिमा गुप्ता, सुलोचना धनावत, राजकुमारी गुप्ता, यशोदा गुप्ता, पुष्पा रटेरिया, मधु मित्तल, रेखा गर्ग ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।