पृथ्वी संरक्षण सर्वजन का मौलिक दायित्व – द्विवेदी

राजनांदगांव. विश्व पृथ्वी दिवस के महत्तम परिप्रेक्ष्य मेंं शासकीय कमला देवी राठी महिला स्नातकोत्तर भूगोल विभाग द्वारा संस्था प्राचार्य डॉ. आलोक मिश्रा के प्रमुख संरक्षण में विषयक छात्राओं के लिए विशेष जनजागरूकता व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। सर्वप्रथम विभागाध्यक्ष कृष्ण कुमार द्विवेदी ने छात्राओं को बताया कि ब्रह्मांण्ड के एकमात्र ज्ञात जीवंत गृह पृथ्वी के निरंतर बिगड़ते पर्यावरण, बढ़ते प्रदूषण, घटते संसाधन तथा भूमण्डलीय तापन एवं जलवायु परिवर्तन जैसे गहन संकटों के कारण सबसे सुंदर गृह पृथ्वी के अस्तित्व को बचाने के लिए देश-धरती के जन-जन, सर्वजन को जागरूक करने की आवश्यकता है और इसी के लिए यू.एन.ए. द्वारा विश्व के 193 देशों में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। समसायिक परिप्रेक्ष्य में आवश्यक हो गया है कि पृथ्वी पर्यावरण के मूल तत्व जल-मिट्टी-वायु के संरक्षण-संवर्धन हेतु प्रत्येक व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से संकल्पित होकर प्रतिदिन पहल करनी होगी और अपने-अपने घर, गली, ग्राम, नगर में फल-फूलदार पंचवृक्षावली विकसित कर चतुर्दिक हरियाली, हरितिमा का विस्तार करना होगा इसी से ही पृथ्वी की सुरक्षा की जा सकेगी, वस्तुत: पृथ्वी संरक्षण सर्वजन का मौलिक दायित्व एवं व्यक्तिगत जिम्मेदारी है। आगे प्राध्यापक द्विवेदी ने विशेष रूप से स्पष्ट किया कि पृथ्वी संरक्षण की भारतीय सनातन सांस्कृतिक परंपराओं को दैनिक दिनचर्या में स्वीकार कर व्यक्ति-व्यक्ति जल स्रोतों – नदी, झीले, झरने, तालाब आदि का संरक्षण करें, मानवीय एवं वन्य प्रांतरों, वन्य-जीवों, पशु-पक्षियों तथा विलुप्त होती जीवजंतुओं की प्रजातियों का संरक्षण – संवर्धन करें, भरण-पोषण के आधार मूल आधार मिट्टी का संवर्धन करें साथ ही शुद्ध वायु (ऑक्सीजन) की संतुलित उपलब्धता में वृद्धि हेतु – पीपल, बरगद जैसे महा वृक्षों का अधिकाधिक संवर्धन करना आवश्यक हो गया है। धरती माता का संरक्षण-संवर्धन ही मानवीय सभ्यता को संरक्षित एवं समृद्ध कर सकेगा। यही हमारी सनातन संस्कृति का मूल सार संदेश है। इसके लिए एकमात्र उपाय पृथ्वी के मूल पर्या तत्वों जल-मिट््टी-वायु के संरक्षण और संवर्धन करके ही पृथ्वी की रक्षा की जा सकती है। इस अवसर पर विभाग के डॉ. जयसिंह साहू ने भी पृथ्वी संरक्षण की सामयिक आवश्यकता पर विचार रखें। विषयक स्नातकोत्तर छात्राओंं एवं शोध छात्राओं द्वारा पृथ्वी संरक्षण कर संकल्प लिया गया।