अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत पौने पंद्रह महा से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 23 अप्रैल 2022 शनिवार को दोपहर 3:00 बजे से गूगल मीट पर *विश्व पुस्तक दिवस, विश्व पुस्तक एवम कॉपीराइट दिवस, अनिल सुथर भनंदर, मार्जोरी कैमरॉन, अमेरिकी लेखक, चित्रकार और अभिनेत्री, शेक्सपियर जन्म तिथि बोरिस येल्तसि, बाबू कुंवर सिंह, शेक्सपियर, बोरिस निकोलयविच येल्तसिन, जुआन एंटोनियो समारांच पुण्य तिथि* आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

*पुस्तकें ज्ञान तथा नैतिकता की संदेशवाहक, अखंड सम्पत्ति, भिन्न-भिन्न प्रकार की संस्कृति हेतु एक खिड़की तथा चर्चा हेतु एक औजार का काम करती हैं तथा भौतिक वैभव के रूप में देखी जाती हैं@डॉ अनीता*

अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत पौने पंद्रह महा से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 23 अप्रैल 2022 शनिवार को दोपहर 3:00 बजे से गूगल मीट पर *विश्व पुस्तक दिवस, विश्व पुस्तक एवम कॉपीराइट दिवस, अनिल सुथर भनंदर, मार्जोरी कैमरॉन, अमेरिकी लेखक, चित्रकार और अभिनेत्री, शेक्सपियर जन्म तिथि बोरिस येल्तसि, बाबू कुंवर सिंह, शेक्सपियर, बोरिस निकोलयविच येल्तसिन, जुआन एंटोनियो समारांच पुण्य तिथि* आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम का श्री गणेश प्रांतीय अध्यक्ष डॉ अनीता अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर भगवान हनुमान के छायाचित्र के सामने श्रीफल का प्रसाद चढ़ा पूजा अर्चना आराधना से किया। उन्होंने अपने स्वागत उद्बोधन में सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्थिति के लिए स्वागत वंदन अभिनंदन किया। उन्होंने बताया *प्रतिदिन दोपहर में बहनों का जो हाउसवाइफ है का अधिकतर सोने और आराम करने* का समय होता है लेकिन वर्चुअल कार्यक्रम में प्रतिदिन आयोजित भजन,आध्यात्मिक, मनोरंजक, ज्ञानवर्धक कार्यक्रम के आयोजन से सभी बहनों ने पिछले डेढ़ साल से दोपहर में सोना छोड़कर कार्यक्रम में अपनी सक्रिय सहभागिता निभा मानसिक आध्यात्मिक शारीरिक रूप से पहले से और अधिक स्वस्थ महसूस कर लाभान्वित रही है।
और उन्हीं सभी बहनों के आग्रह पर प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किए जा रहे हैं।
प्राय: इस कार्यक्रम में तीन पीढ़ी भाग लेती हैं परंतु पत्थलगांव का एक श्री मुरारीलाल गोयल जा परिवार परिवार है जहां चार पीढ़ी दादी सास लक्ष्मी देवी गोयल, सास निशा गोयल, बहु निमिषा गोयल और पोता पोती चौड़ी पीढ़ी के वर्चुअल कार्यक्रम में अपनी सहभागिता निभाते है। प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम से प्रभावित हो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन की आजीवन सदस्यता लेकर परिवार का हिस्सा बन गई है।
*डॉ अनीता* जो स्वयं प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष रही है ने आगे बताया *विश्व पुस्तक तथा कॉपीराइट दिवस* ‘इन्हेन्स बुक रीडिंग हैबिट्स’ के एकमात्र महत्वपूर्ण उद्देश्य से प्रेरित है। इसके माध्यम से इस प्रवृत्ति को विशेषकर बच्चों में प्रोत्साहित करना है।पुस्तकें ज्ञान तथा नैतिकता की संदेशवाहक, अखंड सम्पत्ति, भिन्न-भिन्न प्रकार की संस्कृति हेतु एक खिड़की तथा चर्चा हेतु एक औजार का काम करती हैं तथा भौतिक वैभव के रूप में देखी जाती हैं। इसके कारण रचनात्मक कलाकारों के स्वामित्व की रक्षा भी होती है।

मुख्य अतिथि *नंदिनी चौधरी* सिंगापुर ने *विश्व पुस्तक एवम कॉपीराइट दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया विश्व पुस्तक दिवस’ लोगों में किताबों के प्रति प्रेम बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष ’23 अप्रैल’ को मनाया जाता है। आज लोगों और किताबों के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। इसी दूरी को पाटने के लिए ‘विश्व पुस्तक दिवस’ मनाया जाता है। इंसान और किताबों के बीच की दूरी को पाटने के लिए यूनेस्को ने ’23 अप्रैल’ को ‘विश्व पुस्तक दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। यूनेस्को के निर्णय के बाद से पूरे विश्व में इस दिन ‘विश्व पुस्तक दिवस’ मनाया जाता है।

विशिष्ट अतिथि *पूजा अग्रवाल* बैंगलोर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस प्रत्येक वर्ष ’23 अप्रैल’ को मनाया जाता है। इसे ‘विश्व पुस्तक दिवस’ भी कहा जाता है। इंसान के बचपन से स्कूल से आरंभ हुई पढ़ाई जीवन के अंत तक चलती है। लेकिन अब कम्प्यूटर और इंटरनेट के प्रति बढ़ती दिलचस्पी के कारण पुस्तकों से लोगों की दूरी बढ़ती जा रही है। आज के युग में लोग नेट में फंसते जा रहे हैं। यही कारण है कि लोगों और किताबों के बीच की दूरी को पाटने के लिए यूनेस्को ने ’23 अप्रैल’ को ‘विश्व पुस्तक दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यूनेस्को के निर्णय के बाद से पूरे विश्व में इस दिन ‘विश्व पुस्तक दिवस’ मनाया जाता है।

विशिष्ट अतिथि *सबिता अग्रवाल* सन पुर ओडिसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया 23 अप्रैल’, सन 1995 को पहली बार ‘पुस्तक दिवस’ मनाया गया था। कालांतर में यह हर देश में व्यापक होता गया। किताबों का हमारे जीवन में क्या महत्व है, इसके बारे में बताने के लिए ‘विश्व पुस्तक दिवस’ पर शहर के विभिन्न स्थानों पर सेमिनार आयोजित किये जाते हैं जो सभी को पुस्तक पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

विशिष्ट अतिथि *पार्बती अग्रवाल* लाऊ मुंडा उड़ीसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया पढ़ना किसे अच्छा नहीं लगता। बचपन में स्कूल से आरंभ हुई पढ़ाई जीवन के अंत तक चलती है, पर दुर्भाग्यवश आजकल पढ़ने की प्रवृत्ति लोगों में कम होती जा रही है। पुस्तकों से लोग दूर भाग रहे हैं। आज सब लोग सभी कुछ नेट पर ही खंगालना चाहते हैं। शोध बताते हैं कि इसके चलते लोगों की जिज्ञासु प्रवृत्ति और याद करने की क्षमता भी ख़त्म होती जा रही है। बच्चों के लिए तो यह विशेष समस्या है। पुस्तकें बच्चों में अध्ययन की प्रवृत्ति, जिज्ञासु प्रवृत्ति, सहेजकर रखने की प्रवृत्ति और संस्कार रोपित करती हैं। पुस्तकें न सिर्फ ज्ञान देती हैं, बल्कि कला, संस्कृति, लोकजीवन, सभ्यता के बारे में भी बताती हैं। नेट पर लगातार बैठने से लोगों की आँखों और मस्तिष्क पर भी बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में पुस्तकों के प्रति लोगों में आकर्षण पैदा करना जरुरी हो गया है। इसके अलावा तमाम बच्चे ग़रीबी के चलते भी पुस्तकें नहीं पढ़ पाते, इस ओर भी ध्यान देने की जरुरत है। ‘सभी के लिए शिक्षा क़ानून’ को इसी दिशा में देखा जा रहा है।

विशिष्ट अतिथि *रंजना गर्ग* गुजरात ने अपनी अभिव्यक्ति में *विश्व पुस्तक एवम कॉपीराइट दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया उच्च उद्देशीय अंतरराष्ट्रीय सहयोग तथा विकास की भावना से प्रेरित 193 सदस्य देश तथा 6 सहयोगी सदस्यों की संस्था यूनेस्को द्वारा विश्व पुस्तक तथा स्वामित्व (कॉपीराइट) दिवस का औपचारिक शुभारंभ 23 अप्रैल 1995 को हुआ था। इसकी नींव तो 1923 में स्पेन में पुस्तक विक्रेताओं द्वारा प्रसिद्ध लेखक मीगुयेल डी सरवेन्टीस को सम्मानित करने हेतु आयोजन के समय ही रख दी गई थी। उनका देहांत भी 23 अप्रैल को ही हुआ था।

*उषा कलानोरिया* अध्यक्ष बाराद्वार इकाई एवम कार्यक्रम संयोजिका संचालिका जो बाराद्वार के एक निजी स्कूल में प्राचार्य पद पर पदस्थ हैं ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया 23 अप्रैल को *सरवेन्टीस, शेक्सपीयर तथा गारसिलआसो डी लाव्हेगा, मारिसे ड्रयन, के. लक्तनेस, ब्लेडीमीर नोबोकोव्ह, जोसेफ प्ला तथा मैन्युएल सेजीया* के जन्म/ निधन के दिन के रूप में जाना जाता है। *विलियम शेक्सपीयर के तो जन्म तथा निधन* की तिथि भी 23 अप्रैल थी। अतः विश्व पुस्तक तथा कॉपीराइट दिवस का आयोजन करने हेतु 23 अप्रैल का चयन एक निश्चित विचारधारा के अंतर्गत किया गया।

*भगवती अग्रवाल* अध्यक्ष कोरबा इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *कुंवर सिंह* (13 नवंबर 1777 – 26 अप्रैल 1858) सन 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही और महानायक थे। अन्याय विरोधी व स्वतंत्रता प्रेमी बाबू कुंवर सिंह कुशल सेना नायक थे। इनको 80 वर्ष की उम्र में भी लड़ने तथा विजय हासिल करने के लिए जाना जाता है।बाबू कुंवर सिंह “क्षत्रिय” समाज से थे। राजपूतों की उज्जैन शाखा के परमार ठाकुर थे।आरा-पटना निर्माणाधीन फोर लेन सड़क से पटना से आरा जाते समय कायमनगर के पास नदी के किनारे बाबू वीर कुंवर की 21 फीट की ऊंची कांसे की चमकती तलवार का निर्माण किया गया है।

*डिंपल अग्रवाल* अध्यक्ष सरिया इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *बोरिस निकोलयविच येल्तसिन* (1 फरवरी 1931 – 23 अप्रैल 2007) रूस के प्रथम राष्ट्रपति थे। यह रूस के राष्ट्रपति बनने से पहले इन्होंने,१९९१ ई. में सोवियत संघ की समाप्ति की घोषणा की थी, जिससे नए १५ राष्ट्रों का निर्माण हूआ।इनका कार्यकाल ‘शोक थेरेपी’ के कारण संकटपूर्ण रहा। राष्ट्रपति येल्तसिन और अन्य उच्च अधिकारियों ने सगे-संबंधियों ने सरकारी कल-कारखानों और कृषि-फार्मों को मिट्टी के मोल पर खरीद लिया। चूंकि कल-कारखानों की बिक्री-किमतें बहुत कम थीं,इसे इतिहास की सबसे बड़ी गैराज सेल के नाम से भी जाना जाता है, जो कि येल्तसिन के कार्यकाल में हुई थी।

*पुष्पा अग्रवाल* अध्यक्ष रायपुर इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *अनिल सुथर भनंदर* जन्म तारीख पर उनके बारे में विस्तार से सरल शब्दो में बताया।

*मंजू गोयल* अध्यक्ष अंबिकापुर इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *जुआन एंटोनियो समारांच* अंतरराष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति (आईओसी) के पूर्व अध्यक्ष रहे है।

*सुलोचना धनावत* प्रचार प्रसार प्रभारी ने विलियम शेक्सपियर के जन्म और मृत्यु तारीख पर उनके कार्यों पर प्रकाश डाल उनकी लेखनी की तारीफ की।

*उषा केडिया मैसूर* अग्र ज्योति मासिक पुस्तक की संपादिका और *निशा गोयल* पत्थलगांव के वैवाहिक वर्षगांठ पर सभी सदस्यो ने शुभकामनाएं बधाई प्रेषित कर गुलदस्ता भेट कर कार्यक्रम को पारिवारिक और मनोरंजक बनाया।
उषा केडिया जो एक कवियित्री भी है ने वैवाहिक जीवन पर *स्वरचित कविता* का पाठ किया।

*शीतल लाठ* अध्यक्ष बिलासपुर इकाई ने सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।

कार्यक्रम में उपस्थित नंदिनी चौधरी, पार्बती अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, रंजना गर्ग, भगवती अग्रवाल, अंशु अग्रवाल, कीर्ति अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, उषा कालानोरिया, उषा केडिया मैसूर, उषा काकारानोरिया, निशा गोयल, निमिषा गोयल, हेमलता मित्तल, रजनी जिंदल, मधु मित्तल ने शनिवार को शनिदेव के कृपा के प्रसंग, पौराणिक कथा और हनुमान जी के भजन प्रस्तुति से सभी उपस्थित सदस्यो को भक्ति के रसपान में भिगो पूरा मंच भक्तिमय बना दिया।