छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने दुर्ग के चंदूलाल चंद्राकर
मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में भर्ती पर लगाई गई रोक को हटा दिया है यह निर्णय कोर्ट ने सरकार के जवाब के बाद दीया है शासन की ओर बताया गया है कि पहले यह कॉलेज निजी कंपनी के अधीन था जिसे अब शासन ने अधिग्रहित कर लिया है इसलिए मेडिकल कॉलेज के संचालन के लिए सीधी भर्ती करना आवश्यक है जिसके बाद चीफ जस्टिस अरुण कुमार गोस्वामी की डिवीजन बेंच ने पूर्व में दिए गए स्थगन आदेश को हटा दिया है जन स्वास्थ्य कर्मचारी यूनियन चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज कर्मचारी संघ की तरफ से देवराज साहू एवं अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है इसमें राज्य शासन की ओर से कॉलेज में नर्स के 176 पदों पर 3 माह पहले भर्ती के लिए जारी विज्ञापन को चुनौती दी गई है याचिका में बताया गया है कि याचिकाकर्ता चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल कॉलेज में और कर्मचारी 3 से 8 वर्षों से कार्यरत थे राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज अधिग्रहण अधिनियम 2021 के तहत मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण कर लिया याचिकाकर्ताओं ने इस अधिनियम की धारा 12 को चुनौती दी है साथ ही कहा है कि अधिनियम संविधान के नियमों के विपरीत बनाया गया है बीते 17 फरवरी को प्रारंभिक सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने आगामी आदेश तक भर्ती पर रोक लगा दी थी साथ ही प्रकरण में राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था
याचिकाकर्ता समेत 101 कर्मचारी हो गए हैं बाहर
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि राज्य शासन के अधिग्रहण के लिए बनाए गए अधिनियम के कारण 101 कर्मचारियों को नौकरी से बाहर होना पड़ा है इसके चलते उनका भविष्य अंधकार में हो गया है संविधान में कोई भी अधिनियम लागू कर किसी व्यक्ति का रोजगार छीना नहीं जा सकता इसलिए यह संविधान के खिलाफ है
शासन ने दिया जवाब और इसे हटाने किया आग्रह
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस अरुण कुमार गोस्वामी की डिवीजन बेंच में हुई राज्य सरकार की तरफ से अधिवक्ता संदीप दुबे ने जवाब प्रस्तुत कर बताया कि यह अधिग्रहण अधिनियम संविधान के अनुरूप बनाया गया है साथ ही यह भी बताया कि चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल कॉलेज पहले एक निजी कंपनी के कंट्रोल में था इसलिए वहां कार्य कार्यरत निजी कर्मचारियों को राज्य शासन संविलियन नहीं कर सकती अब शासन ने मेडिकल कॉलेज को अधिग्रहित कर लिया है ऐसे में कॉलेज संचालित करने के लिए स्टाफ की भर्ती करना जरूरी है
