*विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर जागरूक अभियान @ नंदिनी चौधरी सिंगापुर*
*मंगलवार को हनुमान चालीसा, राम स्तुति, भजंसे गुणमान हुआ मंच@डिंपल*
अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत साढ़े पंद्रह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 31/5/2022 मंगलवार को दोपहर तीन बजे से गूगल मीट पर *विश्व धूम्रपान निषेध दिवस, हिंदी पत्रिका दिवस, एबे फारिया, महारानी अहिल्याबाई होलकर, अरुणा साहेब कीर्लोसकर, राजीव चंद्रशेखर, विनोद मेहता, वनराज भाटिया, राज खोसला, लाला जगत नारायण जन्म तिथि* और *अनिल विश्वास संगीतकार एवं गायकार, जयंती लाल नानोमा – अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज एवं कोच पुण्य तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर भगवान गणेश, राम दरबार में रोली अक्षत का तिलक लगा, श्री फल चढ़ा माल्यार्पण कर मंत्रोचार दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्र गान से किया।
*उषा कलानोरिया* अध्यक्ष बारदवार इकाई ने संचालन करते हुए सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ से स्वागत किया। सदस्यो से गणेश वंदना, पितरों जी की स्तुति,गुरु वंदना करवा ईश्वरीय कृपा दृष्टि की प्रार्थना की।
*डिंपल अग्रवाल* अध्यक्ष सरिया इकाई कार्यक्रम संयोजिका संचालिका ने श्री राम जी की स्तुति प्रस्तुत की।
*पुष्पा अग्रवाल* अध्यक्ष रायपुर इकाई ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। सभी सदस्यो ने भी हनुमान चालीसा का पाठ अपने अपने निवास स्थान पर किया।
सभी उपस्थित सदस्यो ने भजनों द्वारा पूरा मंच हनान और राम भक्ति से भर दिया।
डिंपल अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर हनुमान जी की आरती की, कुसुम अग्रवाल प्रांतीय सह कोषाध्यक्ष ने भोग गा भगवान को भोग अर्पण किया।
मुख्य अतिथि *नंदिनी चौधरी* सिंगापुर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया 31 मई को दुनिया भर में हर साल *विश्व तंबाकू निषेध दिवस* मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य तंबाकू सेवन के व्यापक प्रसार और नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करना है, जो वर्तमान में दुनिया भर में हर साल 70 लाख से अधिक मौतों का कारण बनता है, जिनमें से 890,000 गैर-धूम्रपान करने वालों का परिणाम दूसरे नंबर पर हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य राज्यों ने 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस बनाया। पिछले इक्कीस वर्षों में, दुनिया भर में सरकारों, सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठनों, धूम्रपान करने वालों, उत्पादकों से उत्साह और प्रतिरोध दोनों मिले हैं। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम वर्ष 2007-08 में भारत के 21 राज्यों के 42 जिलो में पायलेट परियोजना के रूप में प्रारम्भ किया गया। सर्वप्रथम राजस्थान के 2 जिलों जयपुर व झुंझुनू को सम्मिलित कर गतिविधियाँ प्रारम्भ की गयी। वर्ष 2015-16 में जयपुर, झुन्झुनू के अतिरिक्त अजमेर, टॉक, चूरू, उदयपुर, राजसमन्द, चित्तौडगढ, कोटा, झालावाड, भरतपुर, सवाईमाधोपुर, अलवर, जैसलमेर, पाली, सिरोही, श्रीगंगानगर जिले (कुल 17 जिले) योजनान्तर्गत सम्मिलित किये गये ।
विशिष्ट अतिथि *रंजना गर्ग* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. यह तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. हम सभी इस बात से तो अवगत हैं कि तंबाकू से सेहत पर बहुत नुकसान होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि तंबाकू के सेवन से दुनिया भर में हर साल 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है. मानव लागत के अलावा तंबाकू के सेवन से पर्यावरण भी खराब होता है. तंबाकू की खपत उन कारकों में से एक है, जो माना जाता है कि 2030 तक संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए सस्टेनेबल डेवलपमेंट एजेंडा को पाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, जिसका उद्देश्य उस समय तक तंबाकू से संबंधित मौतों को एक तिहाई कम करना है. यहां वर्ल्ड टोबैको डे का इतिहास इसके साथ ही वर्ल्ड टोबैको डे का महत्व और थीम के बारे में जानें।
*कुसुम अग्रवाल* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया जुगल किशोर शुक्ल जी द्वारा 30 मई 1826 को उदन्त मार्तण्ड का पहला अंक प्रकाशित करने के कारण 30 मई का दिन हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है। शुक्ल जी ने हिंदी पत्रकारिता के इतिहास की नींव रखी।
*निमिषा गोयल* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया सर्व समाज जागरूकता अभियान एवं महापुरुष स्मारक समिति के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को सुंदर मौहल्ला स्थित कमलेश महिला प्रशिक्षण केंद्र में हिंदी पत्रकारिता दिवस धूमधाम से मनाया गया। सर्वप्रथम मुख्य वक्ता अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्प अर्पित किए। मुख्य वक्ता ने अपने संबोधन में कहा कि जुगल किशोर शुक्ल जी द्वारा 30 मई 1826 को उदन्त मार्तण्ड का पहला अंक प्रकाशित करने के कारण 30 मई का दिन हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है। शुक्ल जी ने हिंदी पत्रकारिता के इतिहास की नींव रखी। समाज को जागरूक एवं सशक्त बनाने में पत्रकारों की महती भूमिका है। पत्रकार ही समाज एवं राष्ट्र के सजग प्रहरी है। अध्यक्षता रश्मि शर्मा ने की। संचालन अनीता कुमारी ने किया। व्यवस्थापक ऊषा वर्मा रहीं। कार्यक्रम संयोजक कौशल किशोर रहे। श्रीपाल सिंह, मनोज कुमार, पूनम ने विचार व्यक्त किए। प्रिया गुप्ता, सृष्टि रस्तोगी, यति गुप्ता, महक अग्रवाल, दीक्षा शर्मा, झलक अग्रवाल, गुंजन गुप्ता, सीमा शर्मा, ऋतु शर्मा, सरस्वती रानी आदि मौजूद रहे।
विशिष्ट अतिथि *सबिता अग्रवाल* सन पुर ओडिसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *महारानी अहिल्याबाई होल्कर* ( जन्म: 31 मई, 1725; मृत्यु: 13 अगस्त, 1795) मल्हारराव होल्कर के पुत्र खंडेराव की पत्नी थीं। अहिल्याबाई किसी बड़े राज्य की रानी नहीं थीं, लेकिन अपने राज्य काल में उन्होंने जो कुछ किया वह आश्चर्यचकित करने वाला है। वह एक बहादुर योद्धा और कुशल तीरंदाज थीं। उन्होंने कई युद्धों में अपनी सेना का नेतृत्व किया और हाथी पर सवार होकर वीरता के साथ लड़ीं।
विशिष्ट अतिथि *पार्बती अग्रवाल* लाऊ मुंडा उड़ीसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *अण्णा साहेब किर्लोस्कर* (जन्म: 31 मई, 1843; मृत्यु: 2 नवंबर, 1885) का वास्तविक नाम बळवंत पांडुरंग किर्लोस्कर है। उन्होंने नाटकों के कला पक्ष को समृद्ध किया और मराठी रंगमंच की आधुनिक तकनीक आंरभ की। लोकमान्य तिलक के शब्दों में उन्होंने अपने नाटकों के द्वारा भारतीय संस्कृति का पुनरुद्वार किया।
विशिष्ट अतिथि *पूजा अग्रवाल* बैंगलोर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *राजीव चंद्रशेखर* (जन्म- 31 मई, 1964, अहमदाबाद, गुजरात) भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं। 7 जुलाई, 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमण्डल में विस्तार तथा फेरबदल के बाद राजीव चंद्रशेखर को ‘कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री’ तथा ‘इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री’ बनाया गया है।
*सुलोचना धनावत* प्रचार प्रसार प्रभारी ने बताया *एब्बे फारिया* दुनिया का वह पहला व्यक्ति था, जिसने सम्मोहन की कला को एक वैज्ञानिक आधार प्रदान किया और उसे अंधविश्वास तथा झाड़फूक की श्रेणी से बाहर निकाला। उसने इस विद्या का मनोवैज्ञानिक सिद्धांत भी तैयार किया। एब्बे फारिया नेपोलियन बोनापार्ट का विश्वासपात्र सलाहकार तथा अंतरंग दोस्त था। फारिया मूल रूप से भारतीय था, जो सम्मोहन और वशीकरण की कला में इतना पारंगत था कि उसने अपनी इस कला से विश्वविजेता नेपोलियन को भी वशीभूत कर लिया था।
*भगवती अग्रवाल* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *विनोद मेहता* (जन्म: 31 मई, 1942; मृत्यु: 8 मार्च, 2015) जानेमाने पत्रकार, आउटलुक पत्रिका के संस्थापक एवं मुख्य संपादक थे। पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए विनोद मेहता को प्रतिष्ठित जी.के. रेड्डी मेमोरियल पुरस्कार और यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।संपादक, लेखक और टेलीविजन टिप्पणीकार की अपनी लंबी पारी के दौरान विनोद मेहता मेज पर हाज़िरजवाबी, बेबाकी और निष्पक्षता लेकर आए। इस वजह से वह देशभर और पूरी दुनिया में अपने पाठकों एवं दर्शकों, यहां तक कि दोस्तों और दुश्मनों के भी चहेते बने रहे। ऐसा प्रतिद्वंद्वी विरला ही मिलेगा जिसके पास उनके लिए दो अच्छे शब्द न हों।
*कीर्ति अग्रवाल* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *वनराज भाटिया* (जन्म- 31 मई, 1927; मृत्यु- 7 मई, 2021) भारतीय हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार थे। उन्होंने अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर के अअभिनय से सजी फ़िल्म ‘अजूबा’ का संगीत दिया था। ‘तमस’, ‘अंकुर’, ‘मंथन’, ‘मंडी’, ‘जुनून’ और ‘कलयुग’ जैसी फिल्मों में भी वनराज भाटिया ने संगीत दिया। वनराज भाटिया को 1988 में गोविंद निहलानी की फिल्म ‘तमस’ में सर्वश्रेष्ठ संगीत के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला और 2012 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया। उन्होंने 60 के दशक में कई मशहूर ऐड फिल्मों का संगीत देते हुए अपने संगीतमय कॅरियर की शुरुआत की थी।
*मीना अग्रवाल* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *राज खोसला* (जन्म: 31 मई, 1925, पंजाब; मृत्यु: 9 जून, 1991) 1950 से 1980 के दशक तक हिंदी फ़िल्मों में शीर्ष निर्देशक, निर्माणकर्ता और पटकथाकारों में से एक थे। उन्हें देव आनंद जैसे अभिनेताओं की सफलता के लिए श्रेय दिया जाता है। गुरु दत्त के तहत अपना कॅरियर शुरू करने के बाद, वह सी.आई.डी की की तरह हिट फ़िल्में बनाते रहे। ‘वो कौन थी’? (1964), ‘मेरा साया’ (1966), ‘दोस्ताना’ (1980) और मुख्य फ़िल्म ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ (1978) थी, जिसने उन्हें फ़िल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ मूवी पुरस्कार दिलाया था।
*मोनिका अग्रवाल* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *लाला जगत नारायन* (जन्म- 31 मई, 1899, पंजाब; मृत्यु- 9 सितम्बर, 1981) प्रसिद्ध पत्रकार तथा हिन्द समाचार समूह के संस्थापक थे। वे कांग्रेस और आर्य समाज के प्रसिद्ध कार्यकर्ता एवं स्वतंत्रता सेनानी थे। लाला जगत नारायन छूआछूत के विरोधी और महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार मिलें, इस बात के समर्थक थे। 80 के दशक में जब पूरा पंजाब आतंकी माहौल से सुलग रहा था, उस दौर में भी कलम के सिपाही एवं देश भावना से प्रेरित लाला जी ने अपने बिंदास लेखन से आतंकियों के मंसूबों को उजागर किया और राज्य में शांति कायम करने के भरसक प्रयास किए।
*हेमलता मित्तल* ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनकी उपस्थिति और प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।
कार्यक्रम में नंदिनी चौधरी, पूजा अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, पार्बती अग्रवाल, रंजना गर्ग, अंशु अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, मीना अग्रवाल, मोनिका अग्रवाल, हेमलता मित्तल, उषा कलानोरिया, उमा बंसल, सुलोचना धनावत, कीर्ति अग्रवाल, राजकुमारी गुप्ता, रेखा गर्ग ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
