अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत सोलह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 5 जून 2022 रविवार को दोपहर तीन बजे से गूगल मीट पर विश्व पर्यावरण दिवस, प्रजातिवाद के खिलाफ विश्व दिवस, अवैध, गैरकानूनी और अनियमित मत्स्य पालन के खिलाफ विरोध हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस,डेनमार्क का संविधान दिवस, साहित्यकार गोविंद शंकर कुरुप, टेनिस खिलाड़ी रमेश कृष्णन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राम माधव अवस्थी जन्म तिथि और माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर पुण्य तिथि पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर भगवान सूर्य की उपासना कर मंत्रोचार से दीप प्रज्वलित कर, राष्ट्र गान के बाद अपने कंपाउंड में फलदार आम, जामुन, अमरूद, सीताफल का पौधारोपण कर किया

पर्यावरण को अनमोल धरोहर, भगवान मान बुद्धिमत्ता से उपयोग कर सस्टेनेबल डेवलपमेंट में सहभागी बने @ डॉ एम एल अग्रवाल

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत सोलह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 5 जून 2022 रविवार को दोपहर तीन बजे से गूगल मीट पर विश्व पर्यावरण दिवस, प्रजातिवाद के खिलाफ विश्व दिवस, अवैध, गैरकानूनी और अनियमित मत्स्य पालन के खिलाफ विरोध हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस,डेनमार्क का संविधान दिवस, साहित्यकार गोविंद शंकर कुरुप, टेनिस खिलाड़ी रमेश कृष्णन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राम माधव अवस्थी जन्म तिथि और माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर पुण्य तिथि पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर भगवान सूर्य की उपासना कर मंत्रोचार से दीप प्रज्वलित कर, राष्ट्र गान के बाद अपने कंपाउंड में फलदार आम, जामुन, अमरूद, सीताफल का पौधारोपण कर किया।

उषा कलानोरिया कार्यक्रम संयोजिका संचालिका अध्यक्ष बारदवार इकाई ने सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया। स्वागत गीत से स्वागत किया और उन्हें उनके उद्बोधन के लिए आमंत्रित किया।

कार्यक्रम अध्यक्ष मुख्य वक्ता डॉ एम एल अग्रवाल आईआईटी कानपुर आईआईटी खड़गपुर से पर्यावरण इंजीनियरिंग में रिसर्चर, ज्वाइंट डायरेक्टर डायरेक्टरेट तकनीकी शिक्षा, प्राचार्य इंजीनियरिंग महाविद्यालय, चेयरमैन पर्यावरण संरक्षण ने अपने उद्बोधन में विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कर पर्यावरण संरक्षण सस्टेनेबल डेवलपमेंट में सक्रिय सहभागिता निभाने के लिए आह्वान किया।
उन्होंने अपने वक्तत्व में बताया हमे पर्यावरण को हमारे पूर्वजों द्वारा जिस रूप में विरासत में मिला था उसी रूप में अपने बच्चो की धरोहर मान सा रक्षण करना चाहिए। कोविड ने बहुत बड़ी सिख सिखाई है अभी भी हम सचेत नहीं हुए तो परिणाम भयावह होंगे।
हमारे सनातन हिंदू प्रणाली में धरती, पशु, पक्षी, वृक्षों की अलग अलग त्योहारी में पूजा की जाती है उन सभी का वैज्ञानिक तथ्य स्वास्थ की दृष्टि से लाभदायक है।
पर्यावरण भगवान है भ से भूमि, ग से गगन, व से वायु, अ से अग्नि, न से नीर जल होता है ये पांचों प्रकृति के मूल तत्वों जा अगर हम बुद्धिमता से इस्तेमाल करे तो भगवान की पूजा उपासना से बड़ी बात होगी और हम स्वयं ईश्वर इन पांचों तत्व के नियंत्रक में समाहित होते हुए पाएंगे।उन्होंने बताया हमारी रचना भी इन्ही पांचों तत्व से मिलकर बनी हुई है और अंत में इसी में मिल जाएंगी अतः इस अंतरंग घनिष्ट रिश्ते को संजोए हुए रखना अनिवार्य है ये अमूल्य धरोहर है।

सबिता अग्रवाल ने गणेश वंदना, पुष्पा अग्रवाल ने पितरों जी की स्तुति, पूजा अग्रवाल ने गुरु वंदना प्रस्तुत किया।

मुख्य अतिथि नंदिनी चौधरी सिंगापुर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया हर साल 5 जून को अवैध, गैरकानूनी और अनियमित मत्स्य पालन के खिलाफ विरोध हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, अवैध, बिना लाइसेंस और अनियमित मछली पकड़ने की गतिविधियां प्रत्येक वर्ष, 11 से 26 मिलियन टन मछली की हानि के लिए जिम्मेदार हैं, और अनुमान है कि इसका आर्थिक मूल्य 1023 यूएस बिलियन डॉलर है।

विशिष्ट अतिथि पूजा अग्रवाल बैंगलोर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया गोविन्द शंकर कुरुप या जी शंकर कुरुप (५ जून १९०१-२ फरवरी १९७८) मलयालम भाषा के प्रसिद्ध कवि हैं। उनका जन्म केरल के एक गाँव नायतोट्ट में हुआ था। ३ साल की उम्र से उनकी शिक्षा आरंभ हुई। ८ वर्ष तक की आयु में वे ‘अमर कोश’ ‘सिद्धरुपम’ ‘श्रीरामोदन्तम’ आदि ग्रन्थ कंठस्थ कर चुके थे और रघुवंश महाकाव्य के कई श्लोक पढ चुके थे। ११ वर्ष की आयु में महाकवि कुंजिकुट्टन के गाँव आगमन पर वे कविता की ओर उन्मुख हुये। तिरुविल्वमला में अध्यापन कार्य करते हुये अँग्रेजी भाषा तथा साहित्य का अध्यन किया। अँग्रेजी साहित्य इनको गीति के आलोक की ओर ले गया। उनकी प्रसिद्ध रचना ओटक्कुष़ल अर्थात बाँसुरी भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कार ज्ञानपीठ द्वारा सम्मानित हुई। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह विश्वदर्शनम् के लिये उन्हें सन् 1963 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

विशिष्ट अतिथि सबिता अग्रवाल सन पुर ओडिसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया रमेश कृष्णन (जन्म: ५ जुलाई, १९६१, मद्रास, भारत) टेनिस प्रशिक्षक और पूर्व टेनिस खिलाड़ी हैं। १९७० के दशक के अंत में कनिष्ठ खिलाड़ी के रूप में इन्होंने विंबल्डन और फ्रेंच ओपन में बॉय्ज़ एकल उपाधि जीती थी। १९८० के दशक में तीन ग्रैंड स्लैम के क्वार्टर फ़ाइनल तक पहुंचे और डेविस कप टीम में भी फैनल तक पहुंचे थे। २००७ में ये भारत के डैविस कप कप्तान रहे थे।
रमेश रामनाथन कृष्णन के पुत्र हैं, जो भारत के प्रसिद्ध टेनिस खिलाड़ी रहे हैं। इन्हें १९९८ में भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था।

विशिष्ट अतिथि पार्बती अग्रवाल लाऊ मुंडा उड़ीसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया राम माधव अवस्थी 5जून 1996 जिला उत्तरकाशी उत्तराखंड में हुआ था। इनके पिता श्रीमान रोशन लाल अवस्थी हैं।

विशिष्ट अतिथि यशोदा गुप्ता कटनी मध्यप्रदेश ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया गोरखनाथ मन्दिर के महन्त और उत्तर प्रदेश राज्य के 21वें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 में उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था।उन्होंने उनके कार्यों पर प्रकाश डाला।

विशिष्ट अतिथि रंजना गर्ग गुजरात ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर (मराठी: माधव सदाशिव गोळवलकर ; जन्म: १९ फ़रवरी १९०६ – मृत्यु: ५ जून १९७३) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक तथा विचारक थे। इनके अनुयायी इन्हें प्रायः ‘गुरूजी’ के ही नाम से अधिक जानते हैं। हिन्दुत्व की विचारधारा का प्रवर्तन करने वालों उनका नाम प्रमुख है। वे संघ के कुछ आरम्भिक नेताओं में से एक हैं।

डिंपल अग्रवाल अध्यक्ष सरिया इकाई ने कोलाज बना, सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए आभार व्यक्त कर शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम समापन किया।

कार्यक्रम में डॉक्टर एम एल अग्रवाल, नंदिनी चौधरी, सबिता अग्रवाल, पार्बती अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, यशोदा गुप्ता, अंशु अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, पुष्पा रतेरिया, तारा बेरीवाल, मधु मित्तल, निमिषा गोयल, सुलोचना धनावत, उषा कलानोरिया ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।