विश्व जैव ईंधन दिवस, विश्व बाघ दिवस, अंतर्राष्ट्रीय शेर दिवस, विश्व कैलीग्राफी दिवस, राष्ट्रीय आलसी दिवस पर परिचर्चा

विश्व जैव ईंधन दिवस, विश्व बाघ दिवस, अंतर्राष्ट्रीय शेर दिवस, विश्व कैलीग्राफी दिवस, राष्ट्रीय आलसी दिवस पर परिचर्चा

अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत

द्वारा विगत सत्रह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 10/8/2022 बुद्ध वार को चतुर्मास,श्रावण मास, त्रयोदशी ,स्वदेशी लोगों का अंतरराष्ट्रीय दिवस, विश्व जैव ईंधन दिवस, विश्व बाघ दिवस, अंतर्राष्ट्रीय शेर दिवस, विश्व कैलीग्राफी दिवस, राष्ट्रीय आलसी दिवस, पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल अध्यक्ष ने अपने निज निवास पर भगवान के छाया चित्र पर पुष्पार्पण, माल्यार्पण कर मंत्रोचार से दीप प्रज्वलित किया।अपने आतिथ्य उद्बोधन में उन्होंने सभी अतिथियों और सदस्यों का स्वागत किया।
मधु मित्तल ने राष्ट्रगान, पुष्पा अग्रवाल ने गणेश वंदना, उषा कलानोरिया ने पितरों जी की स्तुति, तारा बेरीवाल ने गुरु वंदना प्रस्तुति दी।
लीला देई ने मंत्र पढ़ संपूर्ण विश्व की मंगल कामना की।

पुष्पा अग्रवाल अध्यक्ष रायपुर इकाई और प्रांतीय उपाध्यक्ष, कार्यक्रम संयोजिका संचालिका ने त्रयोदशी को वर्चुअल भजन संध्या का आयोजन किया। सभी सदस्यो ने बारी बारीसे भजनों की सुमधुर प्रस्तुति से मंच को बनाया भक्तिमय।पुष्पा अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर आरती की, कुसुम ने भोग गया, सभी ने पुष्पांजलि अर्पित कर संपूर्ण विश्व में राम राज्य की परिकल्पना को साकार करने का आहवान कर प्रतिज्ञा ली।
उन्होंने अपनी अभिव्यक्ति में बताया विश्व शेर दिवस हर साल १० अगस्त शेरो के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है । यह दिन शेर की संरक्षण के लिए समर्थन जुटाने का भी प्रयास करता है ।
भारत एशियाई शेरो का घर है जो सासन गिर राष्ट्रीय उद्यान के संरक्षित छेत्र में निवास करते है ।शेरो की रक्षा की पहल २०१३ में शुरू हुई थी ।इसलिए पहला विश्व शेर दिवस २०१३ में ही मनाया गया था ।तभी से ये दिन शेरो की रक्षा के लिए संघर्ष का प्रतीक बन गया ।एशियाई शेरो की अंतिम शेष आबादी गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाती है
एशियाई शेर को व्यिज्ञानिक रूप से पैथेरा लियो पार्शिका कहा जाता है । इनकी ऊंचाई लगभग ११० सेंटी मीटर होती है उन्हे वन्य जीव अधिनियम १९७२ की अनुसूची आई में सूचीबद्ध किया गया है ।आईयूसीएन रेड लिस्ट में लुप्त प्राय प्रजातियों के रूप में माना जाता है व्यस्क शेर का वजन १६० से १९० किलोग्राम के बीच होता है और मादा का वजन ११० से १२० किलोग्राम के बीच होता है । २०२० में गुजरात के गिर जंगलों में एशियाई शेरो की आबादी में लगभग २९%की वृद्धि हुई है। शेरो के वितरण छेत्रो में भी ३६ % की वृद्धि हुई है ।जो की काफी प्रसन्नता का विषय है इसकी जानकारी खुद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने विश्व शेर दिवस पर बधाई देते हुवे कहा की भारत को एशिया टिक लॉयन का घर होने का गर्व है यह बात हम सबके लिए और खुशी की है की पिछले कुछ वर्षो में शेर आबादी में लगातार वृद्धि आई है ।यह भी पहल की गई जिसमे स्थानीय समुदायों और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को सामिल किया गया ताकि आवास सुरक्षित हो और पर्यटन को भी बढ़ावा मिले

मुख्य अतिथि पूजा अग्रवाल बैंगलोर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया
विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस दुनिया भर में हर साल 9 अगस्त को मनाया जाता है। यह स्वदेशी लोगों की भूमिका और उनके अधिकारों के संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालता है। यूनेस्को इस दिन को दिन के वार्षिक विषय के अनुरूप परियोजनाओं और गतिविधियों पर जानकारी

विशिष्ट अतिथि कमलेश बोंदिया सिमगेड़ा झारखंड ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया विश्व जैव ईंधन दिवस को हर साल 10 अगस्त के दिन अपरंपरागत जीवाश्म ईंधन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है जो पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में काम कर सकता है।

विशिष्ट अतिथि पार्बती अग्रवाल लाऊ मुंडा उड़ीसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया बीते कुछ समय से जलवायु परिवर्तन का असर हम सभी को झेलना ही पड़ रहा है. जलवायु परिवर्तन की वजह से प्राकृतिक संकट आते हैं और साथ ही हमारा पारिस्थितिक तंत्र भी बिगड़ गया है. इससे, जीवन के सभी क्षेत्रों में इसका असर साफ़ दिखाई दे रहा है. इंसान जिस तरह से जैव ईंधन का लगातार बड़े स्तर पर दोहन या इस्तेमाल कर रहे हैं उसका पर्यावरण पर खतरनाक असर देखने को मिल रहा है. इसीलिए, अब समय के साथ अपरंपरागत जीवाश्म ईंधन को इस्तेमाल करने की ज़रूरत समझी गई और लोगों को इस बारे में लगातार जागरुक भी किया जा रहा है. विश्व जैव ईंधन दिवस को हर साल 10 अगस्त के दिन अपरंपरागत जीवाश्म ईंधन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है जो पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में काम कर सकता है।

विशिष्ट अतिथि रंजना गर्ग गुजरात ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया विश्व शेर (सिंह) दिवस हर साल 10 अगस्त को शेरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन शेर के संरक्षण के लिए समर्थन जुटाने का भी प्रयास करता है।
भारत एशियाई शेरों का घर है, जो सासन-गिर राष्ट्रीय उद्यान के संरक्षित क्षेत्र में निवास करते हैं। WWF के अनुसार, शेर कभी पूरे अफ्रीका, एशिया और यूरोप में पाए जाते थे। लेकिन अब इन महाद्वीपों में शेरों की संख्या कम हो गई है।
शेरों की रक्षा की पहल 2013 में शुरू हुई थी इसलिए पहला विश्व शेर दिवस 2013 में ही मनाया गया था। तभी से यह दिन शेरों की रक्षा के लिए संघर्ष का प्रतीक बन गया। एशियाई शेरों की अंतिम शेष आबादी गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाती है।
एशियाई शेर को वैज्ञानिक रूप से पेंथेरा लियो पर्सिका कहा जाता है। इनकी ऊंचाई लगभग 110 सेमी होती है। उन्हें वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची I में सूचीबद्ध किया गया है और IUCN रेड लिस्ट में लुप्तप्राय प्रजातियों के रूप में माना जाता है। वयस्क नर शेर का वजन 160 से 190 किलोग्राम के बीच होता है और मादा का वजन 110 से 120 किलोग्राम के बीच होता है।एशियाई शेरों की जनसंख्या 2020 में, गुजरात के गिर जंगलों में एशियाई शेरों की आबादी में लगभग 29% की वृद्धि हुई है। शेरों के वितरण क्षेत्र में भी 36% की वृद्धि हुई है।

विशिष्ट अतिथि सबिता अग्रवाल सन पुर ओडिसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बुधवार का महात्म बता गणेश भगवान और त्रयोदशी की पौराणिक कथा का रसपान करवाया।

कुसुम अग्रवाल प्रांतीय सह कोषाध्यक्ष ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया यहाँ एक विशेष दिन है जिसे आप सोफे से उठे बिना मना सकते हैं। राष्ट्रीय आलसी दिवस इसके बारे में दोषी महसूस किए बिना एक ब्रेक लेने और कुछ कीमती “मैं” समय का आनंद लेने का एक आदर्श बहाना है।

शीतल लाठ अध्यक्ष बिलासपुर इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में विश्व कैलीग्राफी दिवस पर बताया कैलिग्राफी के लिए निब वाले पेन का प्रयोग किया जाता है. इसमें पेन को 30 से 60 डिग्री तिरछा पकड़कर शब्द बनाए जाते हैं. साथ ही आपको पेन पर कितना जोर देना है इसका भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है.
कैलिग्राफी की प्रैक्टिस करते हुए प्रकाश के नियम को याद रखना जरूरी है. जिस दिशा से प्रकाश आ रहा है उस दिशा को हमेशा बारीक रखा जाता है, जबकि प्रकाश पर अंकुश लगाने वाले सब्जेक्ट के पीछे का हिस्सा बोल्ड होना चाहिए।

उषा कलानोरिया अध्यक्ष बारदवार इकाई ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर आभार प्रदर्शन कर उनके उद्बोधन को ज्ञानवर्धक बताया।

उपमा अग्रवाल प्रांतीय संयोजक बेटी मेरी शान ने सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

सुलोचना धनावत प्रचार प्रसार प्रभारी ने संपूर्ण विश्व कल्याण की भावना से कल्याण मंत्र द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।

कार्यक्रम में मीना गोयल, मनीषा मित्तल, पूजा अग्रवाल, कमलेश बोंदिया, रंजना गर्ग, नंदिनी चौधरी, रजनी जिंदल, पूजा अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, तारा बेरीवाल, सरला लोहिया, पार्बती अग्रवाल, सपना सराफ, उषा कलानोरिया, प्रतिमा गुप्ता, राजकुमारी गुप्ता, यशोदा गुप्ता, कीर्ति अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, मधु मित्तल, निशा गोयल, निमिषा गोयल, लक्ष्मी गोयल, रजनी, किरण अग्रवाल, लक्ष्मी अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, उपमा अग्रवाल, हेमलता बंसल, हेमलता मित्तल, शीतल लाठ, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, सुलोचना धनावत ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।