राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा पर सभी उपस्थित सदस्यो ने नेत्रदान के लिए संकल्प लिया
एम.जी.के. मेनन -‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (इसरो) के भूतपूर्व अध्यक्ष की जन्म तिथि पर कार्यक्रम
अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत साढ़े अठारह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 28/ 8 /2022 रविवार को *चौमासा, विश्व जल सप्ताह, राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा, अन्नू रानी, जगदीश सिंह खेहर, राजेंद्र यादव, विलायत ख़ाँ, एम.जी.के. मेनन, टी. वी. राजेश्वर, विजया देवी , आबिदा सुल्तान,सरस्वती प्रसाद, फ़िराक़ गोरखपुरी, नारायण गुरु की जन्म तारीख और कपिल देव द्विवेदी, शंखो चौधरी, जयसिंह की निधन तारीख पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल अध्यक्ष ने अपने निज निवास पर भगवान दरबार में रोली अक्षत का तिलक लगा, पुष्पार्पण, माल्यार्पण कर भाग लगा मंत्रोचार से दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रगान गाकर किया। अपने आतिथ्य उद्बोधन में उन्होंने सभी अतिथियों और उपस्थित सदस्यो का स्वागत कर अतिथियों को उनकी उपस्तिथि बहुमूल्य समय प्रदान कर अभिव्यक्ति द्वारा एक पारिवारिक परिवेश स्थापित कर प्रतिदिन अयोजित कार्यक्रम को संभव बनाने के लिए साधुवाद दिया। सभी को हृदय के अंतर्मन से हार्दिक शुभकामनाएं बधाई प्रेषित की।
उन्होंने राष्ट्रीय नेत्रदान पाठवाड़ा के अंतर्गत नेत्रदान के लिए किया प्रेरित।
गणेश वंदना में पार्बती अग्रवाल, पितर वंदना मधु मित्तल, गुरु वंदना किरण मित्तल, हनुमान भजन उपमा अग्रवाल, रानी सती भजन लक्ष्मी अग्रवाल ने प्रस्तुति दी, लीला देई ने मंत्र पढ़ कर संपूर्ण विश्व की मंगलएल कामना की। एल
उषा कलानोरिया अध्यक्ष बारादवार इकाई ने कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए सभी को बारी बारी से सभी को उनकी प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया।
मुख्य अतिथि नंदिनी चौधरी सिंगापुर ने अपनी अभिव्यक्ति बताया विश्व जल सप्ताह 2022 का आयोजन 23 अगस्त से 1 सितंबर तक किया गया है। विश्व जल सप्ताह पर जल के उपयोग के महत्व को बताया।जल को बेशकिमती बताया।
विशिष्ट अतिथि पूजा अग्रवाल बैंगलोर ने अन्नू रानी (अंग्रेज़ी: जन्म- 28 अगस्त, 1992, मेरठ, उत्तर प्रदेश) भारत की सर्वश्रेष्ठ भाला फेंकने वाली महिला खिलाड़ी हैं। उन्होंने बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में भारत के लिये कांस्य पदक जीता है। इससे पहले उन्होंने वर्ष 2014 में हुए एशियाई गेम्स में भी कांस्य पदक, फिर 2015 की एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक और 2017 की एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक अपने नाम किया था। अन्नू रानी वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में अपनी जगह पक्की करने वाली भारतीय महिला हैं।
विशिष्ट अतिथि सबिता अग्रवाल सन पुर ओडिसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया कैप्टन अनुज नय्यर (जन्म- 28 अगस्त, 1975; बलिदान- 7 जुलाई, 1999) भारतीय सैन्य अधिकारी थे। वह 17 जाट रेजीमेन्ट के भारतीय सेना के अधिकारी थे, जिन्हें कारगिल युद्ध में अभियानों के दौरान युद्ध में अनुकरणीय वीरता के लिए मरणोपरांत 1999 में भारत के दूसरे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार ‘महावीर चक्र‘ से सम्मानित किया गया था।
विशिष्ट अतिथि पार्वती अग्रवाल लाऊ मुंडा उड़ीसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया जगदीश सिंह खेहर (जन्म- 28 अगस्त, 1952) भारत के 44वें मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। वे सिक्ख समुदाय से देश के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त होने वाले प्रथम व्यक्ति हैं। वे मुख्य न्यायाधीश टी. एस. ठाकुर के बाद इस पद पर नियुक्त हुए थे। जगदीश सिंह खेहर बेहद सख्त न्यायाधीश के रूप में जाने जाते हैं। मुख्य न्यायाधीश के रूप में इनका कार्यकाल 4 जनवरी, 2017 से 27 अगस्त, 2017 तक रहा।
विशिष्ट अतिथि सोनल सिंघानिया शहडोल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया राजेंद्र यादव (जन्म: 28 अगस्त 1929 – मृत्यु: 28 अक्टूबर 2013) हिन्दी साहित्य की सुप्रसिद्ध पत्रिका हंस के सम्पादक और लोकप्रिय उपन्यासकार थे। राजेंद्र यादव ने 1951 ई. में आगरा विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिन्दी) की परीक्षा प्रथम श्रेणी, प्रथम स्थान के साथ उत्तीर्ण की। जिस दौर में हिन्दी की साहित्यिक पत्रिकाएं अकाल मौत का शिकार हो रही थीं, उस दौर में भी हंस का लगातार प्रकाशन राजेंद्र यादव की वजह से ही संभव हो पाया। उपन्यास, कहानी, कविता और आलोचना सहित साहित्य की तमाम विधाओं पर उनकी समान पकड़ थी।
विशिष्ट अतिथि यशोदा गुप्ता कटनी मध्यप्रदेश ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया विलायत ख़ाँ (जन्म- 28 अगस्त, 1928, बंगाल; मृत्यु- 13 मार्च, 2004, मुंबई) भारत के प्रसिद्ध सितार वादक थे, जिन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत ख्याति प्राप्त की थी। उस्ताद विलायत ख़ाँ की पिछली कई पुश्तें सितार वादन से जुड़ी रही थीं। उनके पिता इनायत हुसैन ख़ाँ से पहले उस्ताद इमदाद हुसैन ख़ाँ भी जाने-माने सितार वादक रहे थे। विलायत ख़ाँ ने सितार वादन की अपनी अलग गायन शैली विकसित की थी, जिसमें श्रोताओं पर गायन का अहसास होता था। उनकी कला के सम्मान में राष्ट्रपति फ़खरुद्दीन अली अहमद ने उन्हें “आफ़ताब-ए-सितार” का सम्मान दिया था। ये सम्मान पाने वाले वे एकमात्र सितार वादक थे।
पुष्पा अग्रवाल प्रांतीय उपाध्यक्ष एवम अध्यक्ष रायपुर इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया एम.जी.के. मेनन (जन्म- 28 अगस्त, 1928, मंगलूर, कर्नाटक) ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (इसरो) के भूतपूर्व अध्यक्ष हैं। वे अंतरिक्ष विभाग, इसरो के परामर्शदाता हैं। मेनन जी ‘भारतीय सांख्यिकीय संस्थान’, कोलकाता के अध्यक्ष हैं। प्रोफ़ेसर मेनन ने 1953 में ब्रिस्टोल विश्वविद्यालय, यू.के. से पी.एच.डी की उपाधि ग्रहण की थी। उन्हें भारत और विदेशों से असंख्य मानद डॉक्टरेट आदि की उपाधियाँ हासिल हुई हैं।
मंजू गोयल अध्यक्ष अंबिकापुर इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया टी. वी. राजेश्वर (जन्म- 28 अगस्त, 1926 सलेम, तमिलनाडु) पहले भारतीय पुलिस अधिकारी हैं, जिन्हें उप-राज्यपाल के संवैधानिक पद पर नियुक्त किया था। ये सिक्किम, पश्चिम बंगाल एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल रहे।
सरला लोहिया अध्यक्ष राजनांदगांव ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया रानी विजया देवी (जन्म- 28 अगस्त, 1922; मृत्यु- 8 दिसंबर, 2005) भारतीय राजकुमारी थीं। वह संगीत की कई कलाओं में कुशल थीं।
विजया देवी युवराज कांतेराव नरसिम्हा राजा बडियार की बड़ी बेटी थीं।वह कर्नाटक संगीत, नृत्य और वीणा वादन में निपुण थीं।
सन 1941 में कोटड़ा सांगनी के ठाकोर साहब से इनका विवाह हुआ था।रानी विजया देवी इंटरनेशनल म्यूजिक एंड आर्टस सोसाइटी की संस्थापक और अध्यक्ष थीं।8 दिसंबर 2005 को बैंगलोर के एक निजी अस्पताल में इनकी मृत्यु हुई।[१]
डिंपल अग्रवाल अध्यक्ष सरिया इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में आबिदा सुल्तान ( जन्म: 28 अगस्त, 1913 – मृत्यु: 11 मई, 2002) भोपाल रियासत की राजकुमारी थीं। आबिदा सुल्तान को भारत की पहली महिला पायलट होने का गौरव प्राप्त था। इन्हें 25 जनवरी, 1942 को उड़ान लाइसेंस मिला था।
आबिदा सुल्तान का जन्म 28 अगस्त 1913 को हुआ था। इनके पिता हमीदुल्लाह ख़ान भोपाल रियासत के अंतिम नवाब थे। आबिदा अपने पिता की बड़ी संतान थी। उनकी परवरिश दादी सुल्तान जहां बेगम ने किया था। अपनी दादी के अनुशासन में रहकर बहुत कम उम्र में ही आबिदा सुल्तान कार ड्राइविंग के अलावा घोड़े, पालतू चीतल जैसे जानवरों की सवारी और शूटिंग कौशल में पारंगत हो चुकी थी। उस जमाने में वे बगैर नकाब के कार चलाती थीं।
भगवती अग्रवाल अध्यक्ष कोरबा इकाई प्रांतीय मीडिया प्रभारी ने अपनी अभिव्यक्ति में सरस्वती प्रसाद ( जन्म: 28 अगस्त, 1932 – मृत्यु: 19 सितम्बर, 2013) चर्चित लेखिका, सुमित्रानंदन पंत की मानस पुत्री एवं समकालीन कवयित्री रश्मि प्रभा की माँ हैं। सरस्वती प्रसाद के प्रकाशित संग्रह – ‘नदी पुकारे सागर’ और ‘एक थी तरु’ एवं प्रकाशित रचनाएँ- कादम्बिनी, साप्ताहिक हिंदुस्तान, नैन्सी है।
तारा बेरीवाल अध्यक्ष रायगढ़ इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया कपिल देव द्विवेदी (जन्म- 16 दिसम्बर, 1998; मृत्यु- 28 अगस्त, 2011) वेद, वेदांग, संस्कृत, व्याकरण एवं भाषा विज्ञान के अप्रतिम विद्धान थे। उन्होंने इन विषयों पर 75 से अधिक ग्रंथ लिखे। आपने स्वतंत्रता संग्राम में भी भाग लिया तथा छ: माह तक कठोर कारावास भोगा। कपिल देव द्विवेदी ‘गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय’ के कुलपति भी रहे। इन्हें भारत सरकार ने 1991 में ‘पद्म श्री’ से अलंकृत किया था। कपिल देव द्विवेदी की गणना विश्व के प्रमुख प्राच्यविद्याविदों, भाषाविदों और वेदविदों में की जाती है। वह संस्कृत के सरलीकरण पद्धति के उन्नायक एवं प्रवर्तक माने जाते हैं। संस्कृत को लोकप्रिय बनाने में आपका महत्त्वपूर्ण योगदान है।
मधु मित्तल रायपुर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया नारायण गुरु (जन्म- 28 अगस्त, 1855; मृत्यु- 20 सितम्बर, 1928) भारत के महान संत एवं समाज सुधारक थे। कन्याकुमारी में मारुतवन पहाड़ों की एक गुफा में उन्होंने तपस्या की थी। गौतम बुद्ध को गया में पीपल के पेड़ के नीचे बोधि की प्राप्ति हुई थी। नारायण गुरु को उस परम की प्राप्ति गुफा में हुई। समाज सुधारक नारायण गुरु द्वारा स्थापित ‘शिवगिरि मठ’ पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और उनकी समाधि केरल में सबसे प्रसिद्ध स्मारकों में से एक है। नारायण गुरु को श्री नारायण गुरु के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म एझावा जाति के परिवार में हुआ था। केरल के जाति-ग्रस्त समाज में उन्हें बहुत अन्याय का सामना करना पड़ा। उन्होंने केरल में सुधार आंदोलन का नेतृत्व किया, जातिवाद को खारिज कर दिया और आध्यात्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक समानता के नए मूल्यों को बढ़ावा दिया। नारायण गुरु ने मंदिरों और शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना के माध्यम से अपने स्वयं के प्रयासों से दलितों के आध्यात्मिक और सामाजिक उत्थान की आवश्यकता पर जोर दिया।
निमिषा गोयल पत्थलगांव ने अपनी अभिव्यक्ति में फ़िराक़ गोरखपुरी (वास्तविक नाम- ‘रघुपति सहाय’, जन्म- 28 अगस्त, 1896, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 3 मार्च, 1982, दिल्ली) भारत के प्रसिद्धि प्राप्त और उर्दू के माने हुए शायर थे। ‘फिराक’ उनका तख़ल्लुस था। उन्हें उर्दू कविता को बोलियों से जोड़ कर उसमें नई लोच और रंगत पैदा करने का श्रेय दिया जाता है। फ़िराक़ गोरखपुरी ने अपने साहित्यिक जीवन का आरंभ ग़ज़ल से किया था। फ़ारसी, हिन्दी, ब्रजभाषा और भारतीय संस्कृति की गहरी समझ होने के कारण उनकी शायरी में भारत की मूल पहचान रच-बस गई है। उन्हें ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ और ‘सोवियत लैण्ड नेहरू अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया था। वर्ष 1970 में उन्हें ‘साहित्य अकादमी’ का सदस्य भी मनोनीत किया गया था।
किरण मित्तल रायगढ़ ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया शंखो चौधरी ( जन्म- 25 फ़रवरी, 1916; मृत्यु- 28 अगस्त, 2006) भारतीय मूर्तिकार थे, जो भारत के कला परिदृश्य में एक प्रसिद्ध व्यक्ति थे। यद्यपि उनका वास्तविक नाम ‘नर नारायण रखा’ गया था, लेकिन वे अपने घरेलू नाम ‘शंखो’ से अधिक व्यापक रूप से जाने जाते थे। शंखो चौधरी ने प्रसिद्ध मूर्तिकार रामकिंकर बैज से शिक्षा ग्रहण की थी, जिनसे वह पेरिस में मिले थे। शंखों चौधरी के मूर्तिशिल्प के विषयों महिला आकृति और वन्य जीवन शामिल हैं। उन्होंने मीडिया की एक विस्तृत श्रृंखला में काम किया था। आपने लकड़ी, धातु, टेराकोटा, प्रस्तर (काला और सफेद संगमरमर) का प्रयोग किया। उनकी मूर्तिशिल्प में वक्राकार रूप प्रदान कर उनको जीवंत बनाने की। कोशिश हुई है।
लक्ष्मी अग्रवाल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया जयसिंह अथवा ‘मिर्ज़ा राजा जयसिंह’ अथवा जयसिंह प्रथम (जन्म- 15 जुलाई, 1611 ई., आमेर; मृत्यु- 28 अगस्त, 1667 ई.) आमेर के राजा तथा मुग़ल साम्राज्य के वरिष्ठ सेनापति (मिर्ज़ा राजा) थे। वे राजा भाऊ सिंह के पुत्र थे, जिन्होंने 1614 ई. से 1621 ई. तक शासन किया। शाहजहाँ ने अप्रॅल, 1639 ई. में जयसिंह को रावलपिण्डी बुलाकर ‘मिर्ज़ा राजा‘ की पदवी दी थी। यह पदवी उनके दादा मानसिंह को भी अकबर से मिली थी।
शीतल लाठ अध्यक्ष बिलासपुर इकाई ने सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
उपमा अग्रवाल प्रांतीय संयोजक बेटी मेरी शान ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर आभार प्रदर्शन कर उनके उद्बोधन को ज्ञानवर्धक बताया।
सपना सराफ संयोजिका बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ ने सभी सदस्यो को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया जिनके प्रस्तुति फलस्वरूप सफल आयोजन संभव हो पाया।
सुलोचना धनावत प्रचार प्रसार प्रभारी ने संपूर्ण विश्व कल्याण की भावना से कल्याण मंत्र द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।
कार्यक्रम में सिया राम अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, बजरंग अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, श्लोक अग्रवाल, नित्यानंद अग्रवाल, मोनूलाल अग्रवाल, राजेंद्र अग्रवाल राजू, राजू सुल्तानिया, नित्यानंद अग्रवाल, नंदिनी चौधरी, अंशु केडिया, सोनल सिंघानिया, आशा बेरीवाल, एहसान जिंदल, ज्योत्सना लाठ, कीर्ति अग्रवाल, शीतल लाठ, कुसुम अग्रवाल, लक्ष्मी अग्रवाल, प्रतिमा गुप्ता, रेखा गर्ग, पारबती अग्रवाल, उषा कलानोरिया, तारा बेरीवाल, सुनील मित्तल, शिव कलानोरिया, शीतल लाठ, लीला देई सोनल सिंघानिया, भगवती अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, राजकुमारी गुप्ता, पूजा अग्रवाल, अंशु अग्रवाल, आशा बेरीवाल, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, कीर्ति अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, किरण अग्रवाल, कीर्ति अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, निमिषा गोयल, परबती अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, प्रतीक अग्रवाल, सरिता अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, सरिता चिरपाल, अंजू केडिया, प्रतीक बेरीवाल, पुष्पा अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, ज्योत्सना, उषा कलामोरिया, राजकुमारी गुप्ता,प्रतिमा गुप्ता, पुष्पा अग्रवाल, सोनल सिंघानिया, शिवांश अग्रवाल, लक्ष्मी अग्रवाल, ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
