रायपुर. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन हो गया। वह 74 साल के थे। पिछले 19 दिनों से उनका इलाज शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में किया जा रहा था। अचानक दिल का दौरा पड़ने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। डॉक्टर उनकी तबियत में सुधार के दावे कर रहे थे। हालांकि उनकी स्थिति लगातार गंभीर ही बनी हुई थी। अस्पताल में अजीत जोगी कोमा में थे, उनके मष्तिष्क में किसी प्रकार की हलचल नहीं थे। जोगी के निधन की खबर सुनकर प्रशंसक बड़ी तादाद में अस्पताल के बाहर जमा हो रहे हैं।
सुरक्षा को ध्यान में रखकर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की गई है।डॉ सुनील खेमका की टीम अजीत जोगी के इलाज में लगी थी। शुक्रवार कोउन्होंने बताया कि पिछले दिनों उनकी तबीतय में अच्छा सुधार दिखा था। मगर उन्हें बार-बार अटैक आ रहे थे। आज करीब 45 मिनट तक हमने प्रयास किया उन्हें सीपीआर दिया गया। 3 बजकर 30 मिनट पर अजीत जोगी का निधन हो गया।
शुरूआती जिंदगी
अजीत जोगी का पूरा नाम, अजीत प्रमोद कुमार जोगी था। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के पेंड्रा में 29 अप्रैल 1946 को इनका जन्म हुआ । पिता का नाम स्वर्गीय काशी प्रसाद जोगी है। अजीत जोगी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। बीई मैकेनिकल में गोल्ड मेडलिस्ट रहे। अजीत जोगी को घुड़सवारी, ग्लाइडिंग, स्विमिंग, योगा, ट्रैकिंग, शिकार करना किताबें पढ़ना और तांत्रिक विज्ञान की जानकारी रखने का शौक था।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद अजीत जोगी रायपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज में साल 1967-68 में लेक्चरर रहे। सन 1968 से 70 के दौरान इन्हें भारतीय पुलिस सेवा में चयनित किया गया, 1970 से 80 के दौरान यह आईएएस बने। साल 1974 से 1986 तकरीबन 12 वर्षों तक सीधी, शहडोल, रायपुर और इंदौर जिले में कलेक्टर रहे।
राजनीतिक सफर
कलेक्टर रहने के दौरान अपने काम-काज की वजह से अजीत जोगी मशहूर हो चुके थे। उनके चर्चे तब देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भी सुन रखे थे। सन 1986 में राजीव गांधी के कहने पर अजीत जोगी ने कलेक्टर की नौकरी छोड़ी और कांग्रेस पार्टी से राजनीतिक सफर की शुरूआत की। अजीत जोगी 1986 से 1998 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। इस दौरान वह कांग्रेस में अलग-अलग पदों पर भी काम करते रहे। 1998 में रायगढ़ से लोकसभा सांसद चुने गए।
साल 2000 में जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ, तो अजीत जोगी को राज्य का पहला मुख्यमंत्री बनाया गया। जोगी साल 2003 तक राज्य के सीएम रहे। साल 2016 में कांग्रेस से बगावत कर उन्होंने अपनी अलग पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ बना ली।
