पितृपक्ष पखवाड़े में 16 दिनो में पितृ से संबंधित 16 प्रतियोगिताओं के आयोजन के साथ सर्वपितृ अमावस्या के दिन भजनी से दी पितरों को विदाई

पितृपक्ष पखवाड़े में 16 दिनो में पितृ से संबंधित 16 प्रतियोगिताओं के आयोजन के साथ सर्वपितृ अमावस्या के दिन भजनी से दी पितरों को विदाई

फार्मेसी दिवस पर फार्मासिस्ट द्वारा

अमावस्या पर रानी सती मंगल पाठ का आयोजन

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत लगभग बीस माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में आज 25 सितम्बर 2022 रविवार को दोपहर 3 बजे से गूगल मीट पर चतुर्मास, पितृ पक्ष, सर्वपितृ महालय अमावस्या, रविवार, विश्व फार्मेसिस्ट दिवस, अंतोदय दिवस, अजय कुमार मिश्रा भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ, 16वीं लोकसभा में राजनेता और संसद सदस्य हैं, चौधरी देवी लाल – भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री एवं भारतीय राजनीति के पुरोधा, किसानों के मसीहा, महान् स्वतंत्रता सेनानी, हरियाणा के जन्मदाता, दीनदयाल उपाध्याय, महान् चिंतक और संगठक, सतीश धवन – भारत के प्रसिद्ध रॉकेट वैज्ञानिक, भाऊराव देवाजी खोब्रागडे – भारतीय भारतीय रिपब्लिकन पार्टी के राजनीतिज्ञ, जगमोहन मल्होत्रा – भारतीय सिविल सेवा के भूतपूर्व नौकरशाह तथा भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ, फ़िरोज़ ख़ान – प्रसिद्ध अभिनेता एवं फ़िल्म निर्माता-निर्देशक, दिव्या दत्ता – फ़िल्म अभिनेत्री की जन्म तारीख और एस. पी. बालासुब्रमण्यम – भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध पार्श्वगायक, कन्हैया लाल नंदन- वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार, जन कृष्णमूर्ति – 2001 से 2002 तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, सुदर्शन सिंह चक्र- साहित्यकार एवं स्वतंत्रता सेनानी, प्रफुल्लचंद्र सेन – बंगाल के प्रमुख कांग्रेसी नेता, गांधी जी के अनुयायी और स्वतंत्रता सेनानी, एस. मुखर्जी – भारत के भूतपूर्व 20वें मुख्य न्यायाधीश, रुक्माबाई – भारत की प्रथम महिला चिकित्सक की पुण्य तिथि पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

डॉ अनीता अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर भगवान दरबार में फोटो पर रोली अक्षत पुष्प श्री फल चढ़ा माल्यार्पण कर मंत्रोचार से दीप प्रज्वलित कर गणेश वंदना, पितरों की स्तुति, गुरु वंदना और राष्ट्र गीत से किया।
अपने आतिथ्य उद्बोधन में उन्होंने सभी अतिथियों और सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने आगे बताया पितृ पक्ष के दिनो मे पितृपक्ष पखवाड़ा के रूप में प्रतिदिन पितृ के भजन, भाव प्रदर्शन, महात्म, वंश वृक्ष बनाओ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमे सभी देश के कोने कोने से बहनों ने सहभागिता निभा प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त किए साथ ही साथ पितृ के लिए श्रद्धा विश्वास और अधिक जताया। उन्होंने पितृ पक्ष के अंतिम दिन बताया सर्वपितृ अमावस्या पितरों की विदाई के लिए बेहद खास होती है।पितृ पक्ष की शुरुआत 10 सितंबर से हो चुकी है। 16 दिन तक चलने वाले पितृ पक्ष का समापन 25 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या महालय अमावस्या के नाम से जानते हैं। इस दिन पितरों के पिंडदान, तर्पण और दान आदि का आखिरी दिन होता है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों को विदाई दी जाती है, विशेष पूजा-पाठ और नियमों का पालन करने से पितर प्रसन्न होकर अपने लोक को जाते हैं और वंशजों को खूब सारा आशीर्वाद देकर जाते हैं।

उषा कलानोरिया अध्यक्ष बाराद्वार इकाई ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए अतिथियों का संक्षिप्त जीवन परिचय प्रस्तुत कर सभी का स्वागत कर उनके उद्बोधन के लिए बारी बारी से आमंत्रित किया। आज अमावस्या के उपलक्ष में प्रति अमावस्या के अनुसार रानी सती मंगल पाठ का आयोजन किया।गणेश वंदना भगवती पितरों का विदाई भजन प्रतिमा गुप्ता गुरु वंदना उषा कलानोरिया ने किया। अमावस्या को मंगलपाठ का आयोजन कार्यक्रम अध्यक्ष श्री महेन्द्र मित्तल संस्थापक छत्तीसगढ़ का झुंझनु मंदिर के द्वारा किया गया।उन्होने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया साथ ही बहनो को मंदिर की अखंड ज्योत के दर्शन करवाए व 26 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा के लिए सभी को आमंत्रण दिया तत्पश्चात आशीर्वाद व मंगलाचरण कर पाठ की शुरुआत की आगे पुष्पा, कीर्ति, किरण मित्तल, कुसुम अग्रवाल , मधु बसना, कमलेश बोंदिया व सरोज रायगढ़ ने क्रमशः एक एक कर मंगलपाठ पढा आरती मधु बसना व सरोज रायगढ़ के निवास पर की गयी व आरती गान प्रतिमा गुप्ता, भोग गान भगवती, पुष्पांजलि किरण मित्तल ने गाया अंत में भूलचूक माफी भजन मधु द्वारा किया गया।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर अख्तर फार्मेसी कॉलेज ने अपने उद्बोधन में बताया विश्व फार्मासिस्ट दिवस
हर साल 25 सितंबर को विश्व फार्मासिस्ट दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2009 में इस्तांबुल, तुर्की में वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ फार्मेसी एंड फार्मास्युटिकल साइंसेज में इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन (FIP) काउंसिल द्वारा बनाया गया था। 25 सितंबर को विश्व फार्मासिस्ट दिवस के रूप में चुना जाता है क्योंकि इस तारीख को FIP 1912 में अस्तित्व में आया था।

विशिष्ट अतिथि नंदिनी चौधरी सिंगापुर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया अंत्योदय दिवस
भारतीय राजनीति के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्वों में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को चिह्नित करने के लिए हर साल 25 सितंबर को अंत्योदय दिवस मनाया जाता है। इस दिन को राष्ट्रीय महत्व दिया गया था जब 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे स्वर्गीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सम्मान में उनकी जयंती के अवसर पर समर्पित किया था। इस वर्ष अंत्योदय दिवस उपाध्याय की 105वीं जयंती है।

विशिष्ट अतिथि कमलेश बोंदिया झारखंड ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया सर्वपितृ अमावस्या का महत्व बताते हुए कहा हिंदू धर्म में वैसे तो हर माह आने वाली अमावस्या का अपना महत्व बताया गया है। लेकिन अश्नविन अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या या फिर महालय अमावस्या का खास महत्व है। इस दिन पितरों का तर्पण करने से वे प्रसन्न होते हैं। इस दिन पितरों के निमित्त विशेष व्यंजन व पकवान बनाए जाते हैं। भोजन को कौए, गाय, कुत्ते आदि को दिया जाता है। इसके साथ ही इस दिन ब्राह्मण भोज भी कराया जाता है। पितृदोष से पीड़ित लोगों के लिए ये दिन महत्वपूर्ण होता है।

पुष्पा अग्रवाल प्रांतीय उपाध्यक्ष ने सभी उपस्थित सदस्यो की फोटो ले कोलाज बनाया। उन्होंने बताया अजय कुमार मिश्रा ( जन्म- 25 सितंबर, 1960, लखीमपुरखीरी, उत्तर प्रदेश) भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ, 16वीं लोकसभा में राजनेता और संसद सदस्य हैं। 7 जुलाई, 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमण्डल में विस्तार तथा फेरबदल के बाद अजय कुमार मिश्रा को ‘गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री’ बनाया गया है। वह उत्तर प्रदेश के खीरी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। अजय कुमार मिश्रा स्वास्थ्य के बारे में ग्रामीण युवाओं के बीच जागरूकता पैदा करते हैं। उनकी क्रिकेट, पावर लिफ्टिंग और कुश्ती में विशेष रुचि है। कई स्पोर्ट्स इवेंट्स में विश्वविद्यालय और जिला स्तर पर उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की है। कुश्ती, क्रिकेट और पावर लिफ्टिंग जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन भी कराया है।

कुसुम अग्रवाल प्रांतीय सह कोषाध्यक्ष ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया चौधरी देवी लाल (जन्म- 25 सितंबर, 1914 – मृत्यु- 6 अप्रॅल, 2001) भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री एवं भारतीय राजनीति के पुरोधा, किसानों के मसीहा, महान् स्वतंत्रता सेनानी, हरियाणा के जन्मदाता, राष्ट्रीय राजनीति के भीष्म-पितामह, करोड़ों भारतीयों के जननायक थे। आज भी चौधरी देवी लाल का महज नाम-मात्र लेने से ही, हज़ारों की संख्या में बुजुर्ग एवं नौजवान उद्वेलित हो उठते हैं। उन्होंने आजीवन किसान, मुजारों, मज़दूरों, ग़रीब एवं सर्वहारा वर्ग के लोगों के लिए लड़ाई लड़ी और कभी भी पराजित नहीं हुए। आज उनका क़द भारतीय राजनीति में बहुत ऊंचा है। उन्हें लोग भारतीय राजनीति के अपराजित नायक के रूप में जानते हैं। उन्होंने भारतीय राजनीतिज्ञों के सामने अपना जो चरित्र रखा वह वर्तमान दौर में बहुत प्रासंगिक है।

तारा बेरीवाल अध्यक्ष रायगढ़ इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया
दीनदयाल उपाध्याय (जन्म: 25 सितंबर, 1916, मथुरा, उत्तर प्रदेश; मृत्यु: 11 फ़रवरी 1968) भारतीय जनसंघ के नेता थे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक प्रखर विचारक, उत्कृष्ट संगठनकर्ता तथा एक ऐसे नेता थे जिन्होंने जीवनपर्यंन्त अपनी व्यक्तिगत ईमानदारी व सत्यनिष्ठा को महत्त्व दिया। वे भारतीय जनता पार्टी के लिए वैचारिक मार्गदर्शन और नैतिक प्रेरणा के स्रोत रहे हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय मज़हब और संप्रदाय के आधार पर भारतीय संस्कृति का विभाजन करने वालों को देश के विभाजन का ज़िम्मेदार मानते थे। वह हिन्दू राष्ट्रवादी तो थे ही, इसके साथ ही साथ भारतीय राजनीति के पुरोधा भी थे। दीनदयाल की मान्यता थी कि हिन्दू कोई धर्म या संप्रदाय नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीय संस्कृति हैं। दीनदयाल उपाध्याय की पुस्तक एकात्म मानववाद (इंटीगरल ह्यूमेनिज्म) है जिसमें साम्यवाद और पूंजीवाद, दोनों की समालोचना की गई है। एकात्म मानववाद में मानव जाति की मूलभूत आवश्यकताओं और सृजित क़ानूनों के अनुरुप राजनीतिक कार्रवाई हेतु एक वैकल्पिक सन्दर्भ दिया गया है।

कीर्ती अग्रवाल कोरबा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया सतीश धवन (जन्म- 25 सितंबर, 1920; मृत्यु- 3 जनवरी, 2002) भारत के प्रसिद्ध रॉकेट वैज्ञानिक थे। देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊँचाईयों पर पहुँचाने में उनका बहुत ही महत्त्वपूर्ण योगदान था। एक महान् वैज्ञानिक होने के साथ-साथ प्रोफ़ेसर सतीश धवन एक बेहतरीन इनसान और कुशल शिक्षक भी थे। उन्हें भारतीय प्रतिभाओं पर बहुत भरोसा था। सतीश धवन को विक्रम साराभाई के बाद देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वे ‘इसरो’ के अध्यक्ष भी नियुक्त किये गए थे। प्रोफ़ेसर धवन ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस में कई सकारात्मक बदलाव किए थे। उन्होंने संस्थान में अपने देश के अलावा विदेशों से भी युवा प्रतिभाओं को शामिल किया। उन्होंने कई नए विभाग भी शुरू किए और छात्रों को विविध क्षेत्रों में शोध के लिए प्रेरित किया। सतीश धवन के प्रयासों से ही संचार उपग्रह इन्सैट, दूरसंवेदी उपग्रह आईआरएस और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी का सपना साकार हो पाया था।

सरोज निगनिया ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया भाऊराव देवाजी खोब्रागडे (जन्म- 25 सितंबर, 1925; मृत्यु- 9 अप्रॅल, 1984) भारतीय भारतीय रिपब्लिकन पार्टी के राजनीतिज्ञ थे। वे महाराष्ट्र से थे।

प्रतिमा गुप्ता ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया जगमोहन मल्होत्रा ( जन्म- 25 सितंबर, 1927; मृत्यु- 3 मई, 2021) भारतीय सिविल सेवा के भूतपूर्व नौकरशाह तथा भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ थे। उन्हें प्रायः केवल ‘जगमोहन’ नाम से पुकारा जाता था। वे दिल्ली तथा गोवा के उपराज्यपाल तथा जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल रहे। जगमोहन जी लोकसभा में भी निर्वाचित हुए तथा नगरीय विकास मंत्री और पर्यटन मंत्री रहे।

राजकुमारी गुप्ता ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया फ़िरोज़ ख़ान हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता एवं फ़िल्म निर्माता-निर्देशक थे। फ़िरोज़ ख़ान अपनी ख़ास शैली, अलग अंदाज़ और किरदारों के लिए जाने जाते रहे। फ़िल्मों में कहीं वो एक सुंदर हीरो की भूमिका में हैं तो कहीं खूंखार विलेन के रोल में दोनों ही चरित्रों में फ़िरोज़ ख़ान जान डाल देते थे।

लक्ष्मी अग्रवाल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया श्रीपति पण्डितराध्युल बालासुब्रमण्यम जन्म- 4 जून, 1946, नेल्लोर, मद्रास; मृत्यु- 25 सितंबर, 2020, चेन्नई, तमिलनाडु) भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध पार्श्वगायकों में से एक थे। पार्श्वगायक होने के साथ-साथ वह एक अभिनेता, संगीत निर्देशक, गायक और फ़िल्म निर्माता भी थे। एस. पी. बालासुब्रमण्यम ने छह बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए ‘राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार’ और आन्ध्र प्रदेश सरकार द्वारा 25 बार तेलुगू सिनेमा में ‘नन्दी पुरस्कार’ जीता। जब अभिनेता सलमान ख़ान नए-नए फ़िल्मों में आए थे तो कई सालों तक एस.पी. बालासुब्रण्यम को सलमान ख़ान की आवाज़ समझा जाता था। फ़िल्म ‘मैंने प्यार किया’ के गाने हों या ‘साजन’ या फिर ‘हम आपके हैं कौन’- इन सब फ़िल्मों में सलमान ख़ान को एस.पी. बालासुब्रमण्यम ने ही आवाज़ दी थी।

निशा गोयल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया कन्हैयालाल नंदन (जन्म: 1 जुलाई, 1933 उत्तर प्रदेश – मृत्यु: 25 सितंबर, 2010 दिल्ली) वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार, मंचीय कवि और गीतकार के रूप में मशहूर रहे। नंदन ने पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में अपना अलग मुकाम बनाया। पराग, सारिका और दिनमान जैसी पत्रिकाओं में बतौर संपादक अपनी छाप छोड़ने वाले नंदन ने कई किताबें भी लिखीं। कन्हैयालाल नंदन को भारत सरकार के पद्मश्री पुरस्कार के अलावा भारतेन्दु पुरस्कार और नेहरू फेलोशिप पुरस्कार से भी नवाजा गया

मधु मित्तल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया जन कृष्णमूर्ति (जन्म- 24 मई 1928, मदुरई, तमिलनाडु; मृत्यु- 25 सितम्बर 2007) भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ थे, जो 2001 से 2002 तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।

मधु अग्रवाल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया सुदर्शन सिंह चक्र जन्म: 4 नवम्बर, 1911 – मृत्यु: 25 सितम्बर, 1989) महान् भक्त हृदय साधक, साहित्य सेवी, एक अनूठे दार्शनिक एवं सिद्ध संत थे। जहां एक ओर उन्होंने कल्याण पत्रिका के सम्पादकीय विभाग में अनेक वर्षों तक भाई हनुमान प्रसाद पोद्दार के सान्निध्य में रहकर धार्मिक पत्रकारिता के अनेक आदर्श मानदण्ड स्थापित किए, वहीं धार्मिक, आध्यात्मिक विषयों पर 80 से ज़्यादा पुस्तकें लिखकर साहित्य-साधना की।

सुलोचना अग्रवाल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया प्रफुल्लचंद्र सेन ( जन्म-10 अप्रैल, 1897, हुगली ज़िला; मृत्यु- 25 सितम्बर, 1990, कलकत्ता) बंगाल के प्रमुख कांग्रेसी नेता, गांधी जी के अनुयायी और स्वतंत्रता सेनानी थे। प्रफुल्लचंद्र सेन 1961 से 1967 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री थे। ग्राम विकास के कार्यों और हरिजनोद्धार में योगदान के कारण उन्हें ‘आरामबाग का गांधी’ कहते थे। स्वतंत्रता आंदोलन में प्रफुल्लचंद्र सेन ने 11 वर्ष तक जेल की सज़ा भी भोगी थी।

लक्ष्मी मित्तल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया सब्यसाची मुखर्जी (जन्म- 1 जून, 1927; मृत्यु- 25 सितम्बर, 1990) भारत के भूतपूर्व 20वें मुख्य न्यायाधीश रहे थे। वह 18 दिसम्बर, 1989 से 25 सितम्बर, 1990 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश पद पर रहे। जुलाई 1968 में उन्हें कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

पूजा अग्रवाल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया रुक्माबाई राउत जन्म- 22 नवम्बर, 1864; मृत्यु- 25 सितम्बर, 1955) भारत की प्रथम महिला चिकित्सक थीं। वह एक ऐतिहासिक क़ानूनी मामले के केंद्र में भी थीं, जिसके परिणामस्वरूप ‘एज ऑफ कॉन्सेंट एक्ट, 1891’ नामक क़ानून बना था। रुक्माबाई को डॉक्टर बनने की इच्छा थी और वे लोगों की सेवा करना चाहती थीं। उनके इस फैसले को घरवालों और लोगों का समर्थन मिला। इसके लिए ‘लंदन स्कूल ऑफ़ मेडिसन’ में भेजने और पढ़ाई के लिए एक फंड तैयार किया गया था। वहाँ से रुक्माबाई ने स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1895 में वापस भारत लौटीं। रुक्माबाई ने सूरत के महिला अस्तपाल को चुना। उन्होंने जीवन भर डॉक्टरी की। डॉ. रुक्माबाई एक सामाजिक सुधारक भी थीं, जिन्होंने कई बुराईयों के लिए आवाज उठाई और महिला और बाल अधिकारों के लिए खुलकर बोला।

निमिषा गोयल ने रविवार का महात्म बता पौराणिक कथा सुनाई।
मंजू गोयल अध्यक्ष अंबिकापुर इकाई ने चतुर्मास का महात्म बताया।
भगवती अग्रवाल मीडिया प्रभारी ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
डिंपल अग्रवाल अध्यक्ष सरिया इकाई ने सभी अतिथियों को उनके उद्बोधन और उपस्तिथि के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
उपमा अग्रवाल संयोजिका बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
सपना सराफ संयोजिकानेति मेरी शान ने सभी भक्तजन भक्त मंडली को दादी मंगल पाठ गायन के लिए आभार प्रकट किया।
शीतल लाठ प्रांतीय योग प्रभारी ने विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।
कार्यक्रम में प्रोफेसर अख्तर, नंदिनी चौधरी, पूजा अग्रवाल, कमलेश बोंदिया, रंजना गर्ग, सोनल सिंघानिया, प्रतिमा गुप्ता, राजकुमारी गुप्ता, कीर्ति अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, आशा बेरीवाल, तारा बेरीवाल, सरोज निगमिया, लक्ष्मी अग्रवाल, किरण अग्रवाल, निर्मला देवी, मधु मित्तल, मधु अग्रवाल, सुलोचना अग्रवाल, निमिषा गोयल, लक्ष्मी गोयल ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।