अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत 29/10/2021 को *अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट दिवस, विश्व स्ट्रोक डे, कार्तिक मास की अष्टमी, स्थापना दिवस,भारतीय बॉक्सर विजेंद्र सिंह जन्मदिवस* पर गूगल मीट ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़

प्रांत द्वारा विगत आठ माह से चल रहे नित्य आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 29/10/2021 को *अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट दिवस, विश्व स्ट्रोक डे, कार्तिक मास की अष्टमी, स्थापना दिवस, स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता कमलादेवी चटोपाध्याय निर्वाण दिवस,भारतीय बॉक्सर विजेंद्र सिंह जन्मदिवस* पर गूगल मीट ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन *उमा बंसल महासचिव* कोरबा ने किया। उन्होंने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि के संक्षिप्त जीवन परिचय को बता उनका डिजिटल मंच पर रोली अक्षत का तिलक कर श्री फल मनी प्लांट और स्मृति चिह्न डिजिटल मंच पर भेट कर स्वागत सम्मानित किया।उन्हे बारी बारी से उद्बोधन के लिए आमंत्रित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षा डॉ अनीता अग्रवाल ने *अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट दिवस* के उपलक्ष में बताया इसी दिन हुई थी दुनिया में इंटरनेट की शुरूआत
इंटरनेट निस्संदेह प्रौद्योगिकी के सबसे महान आविष्कारों में से एक है। अधिकतर सभी लोग इस बात से अवगत हो चुके है कि नेटवर्क इंटरनेट ने दुनिया भर के सभी लोगो को इस माध्यम से एक सूत्र में पिरोया है, बंधा है ,नजदीक लाया है।
लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने वर्क फ्रॉम होम किया. इसके अलावा खाली समय में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एंटरटेनमेंट और बच्चों की पढ़ाई के लिए भी तेज इंटरनेट की जरूरत थी।
अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन के नित्य आयोजित कार्यक्रम भी इंटरनेट से ही संभव हो पाए है इसमें देश विदेश के बहने जुड़ हिंदुत्व जागरण के लिए प्रयासरत हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर रितेश गुप्ता ने *विश्व स्ट्रोक डे* पर बताया कि स्ट्रोक की समस्या तब होती है, जब मस्तिष्क को होने वाली खून की आपूर्ति बंद हो जाती है या किसी वजह से अवरुद्ध हो जाती है। खून की स्थिर आपूर्ति के बिना, मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं। ऐसी स्थिति में अगर समय पर इलाज या चिकित्सीय सहायता न मिले तो ब्रेन धीरे-धीरे मृत होने लगता है और उसके साथ ही शरीर भी। एक बार जब स्ट्रोक हो जाता है, उसके बाद उसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ये लक्षण पुरुषों और महिलाओं में बिलकुल अलग-अलग तरह से नजर आते हैं। किसी व्यक्ति की बढ़ती उम्र उसे स्ट्रोक के प्रति अधिक संवेदनशील बना देती है।
उन्होंने स्ट्रोक के लक्षण, कारण, उपचार, गंभीरता के बारे में सरल शब्दों में बता सभी को जागरूक किया।

कार्यक्रम की *विशिष्ट अतिथि नंदिनी चौधरी* सिंगापुर ने *स्थापना-दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया आज के दिन ही विदेशी धरती पर आजाद हिन्द सरकार की स्थापना हुई थी।
भारत की स्वाधीनता में सुभाष चंद्र बोस की *आजाद हिन्द फौज* की बड़ी निर्णायक भूमिका है; पर इसकी स्थापना से पहले भारत के ही एक अंग रहे अफगानिस्तान में भी *आजाद हिन्द सरकार* की स्थापना हुई थी। स्वतंत्रता के लिए ऐसे अनेक बलिदानों के बाद भी विदेशी धरती से देश की स्वतंत्रता के कष्टसाध्य प्रयास लगातार चलते रहे और अंततः सफलता प्राप्त हुई परंतु अभी हमे जय प्रकार की कुरीतियों से स्वतंत्रता प्राप्त करनी शेष है।

कार्यक्रम की *विशिष्ट अतिथि संतोषी चौधरी* ने अपनी अभिव्यक्ति में *भारतीय बॉक्सर विजेंद्र सिंह* को उनके जन्मदिन की मंच से बधाई शुभ कामनाएं प्रेषित कर बताया विजेन्दर सिंह भारत के एक प्रोफेशनल मुक्केबाज है. ये भारत के पहले मुक्केबाज है, जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीता. विजेंदर सिंह भारत के हरियाणा राज्य के एक छोटे से गाँव से है, उनका जन्म बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था, लेकिन लम्बे समय के बाद वे मुक्केबाजी के समर्थक बन गए और उन्होंने मुक्केबाजी को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया. भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने जूनियर लेवल में बहुत से पुरस्कार जीते. इसके बाद उन्होंने “एफ्रो एशियाई गेम्स” में स्वर्ण पदक जीता और “कॉमनवेल्थ गेम्स” में भी कई सारे पदक जीते. इसी के चलते विजेंदर सिंह सबसे ज्यादा प्रसिद्ध तब हुए, जब उन्होंने “बेइजिंग ओलंपिक” में मध्यभार वर्ग में एक कांस्य पदक जीता. फिर कुछ समय बाद सन 2015 में विजेंदर सिंह ने एक “क्वीन्सबेरी प्रोमोशन्स के साथ बहु – वर्षीय अग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया, जिससे उनके कैरियर में एक नया मोड़ आ गया.भारत सरकार द्वारा सन 2009 ने विजेंदर सिंह को “राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड” दिया गया.
सन 2010 में विजेंदर सिंह को “पद्मश्री अवार्ड” दिया गया.

कार्यक्रम की *विशिष्ट अतिथि रंजना गर्ग गुजरात* से ने *स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता कमलादेवी चटोपाध्याय* के निर्वाण दिवस पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया भारतीय समाजसुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, तथा भारतीय हस्तकला के क्षेत्र में नवजागरण लाने वाली गांधीवादी महिला थीं। उन्हें सबसे अधिक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान के लिए; स्वतंत्र भारत में भारतीय हस्तशिल्प, हथकरघा, और थियेटर के पुनर्जागरण के पीछे प्रेरणा शक्ति के लिए; और सहयोग की अगुआई करके भारतीय महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक स्तर के उत्थान के लिए याद किया जाता था। उन्हे समाज सेवा के लिए १९५५ में पद्म भूषण से अलंकृत किया गया।

कार्यक्रम की वरिष्ट सदस्या *सुलोचना धनावत* ने अपनी अभिव्यक्ति में *कार्तिक मास की अष्टमी* का महात्म बता भजन प्रस्तुत कर सामूहिक कीर्तन सतसंग करवाया।

*प्रेमलता गोयल उपाध्यक्ष* ने आज के इतिहास में बताया की सन 1945 में विश्व में आज ही बाल पेन बाजार में उतारा गया बाल पेन के अविष्कार क्यों हुई इस पर प्रकाश डाला

*उषा कलानोरिया* ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।सभी सदस्यो को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति भजन प्रस्तुति के लिए आभार व्यक्त कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।

कार्यक्रम में *भगवती अग्रवाल, नंदिनी चौधरी, गिरिजा गोयल, मधु अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, प्रेमलता गोयल, रंजना गर्ग, रेखा गर्ग,संतोषी चौधरी, सरला लोहिया, सुलोचना धनावत, उषा कलानोरिया, सिया अग्रवाल, राखी गर्ग* व सभी सदस्यों ने अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।