धनतेरस, छोटी दीपावली अंतर्राष्ट्रीय मानक दिवस, राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम
अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत साढ़े बीस माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 23 अक्टूबर 2022 रविवार को दोपहर तीन बजे से गूगल मीट पर चतुर्मास, कार्तिक मास, धनतेरस, शिव चतुर्दशी, छोटी दीपावली, दक्षिणी दीपावली, अंतर्राष्ट्रीय मानक दिवस, राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस, अरविन्द अडिग – प्रसिद्ध भारतीय लेखक हैं,शोभा करंदलाजे – भारतीय जनता पार्टी की राजनीतिज्ञ, रानी चेन्नम्मा – झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के समान कर्नाटक की वीरांगना और स्वतंत्रता सेनानी, खंडू भाई देसाई, श्रमिक नेता, भैरोंसिंह शेखावत – राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री व भारत के उपराष्ट्रपति, देवेन वर्मा – हिन्दी सिनेमा के प्रसिद्ध हास्य अभिनेतता, सुनील मित्तल – एक भारतीय उद्योगपति, समाज सेवी और भारत के सबसे बड़े टेलीकॉम कंपनी एयरटेल के चेयरमैन, मिर्ज़ा इस्माइल – सन 1908 में मैसूर के महाराजा के सहायक सचिव की जन्म तारीख और सुनील गंगोपाध्याय सरस्वती सम्मान से सम्मानित प्रसिद्ध बांग्ला साहित्यकार, तुलसीदास प्रसिद्ध कवि की निधन तारीख पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर भगवान दरबार में फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा मोली चढ़ा पुष्पार्पण, माल्यार्पण कर श्री फल प्रसाद चढ़ा मंत्रोचार से दीप प्रज्वलित कर गणेश वंदना, पितरों जी की स्तुति, गुरु वंदना और राष्ट्रगान से किया।
अपने आतिथ्य उद्बोधन में उन्होंने सभी अतिथियों और सदस्यों का स्वागत किया सभी को कार्तिक पुण्य माह की तेरस धनतेरस की बधाई प्रेषित कर अतिथियों का संक्षिप्त जीवन परिचय प्रस्तुत कर सभी को उनके उद्बोधन के लिए आमंत्रित किया।
कार्यक्रम अध्यक्ष नंदिनी चौधरी सिंगापुर ने अपने उद्बोधन में बताया
साढ़े बीस माह से प्रतिदिन वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन करवाना बहुत बढ़ी बात है कार्यक्रम अध्यात्म, बौद्धिक, मानसिक, मनोरंजन की दृष्टि बहुत ही उपयोगी ज्ञानवर्धक बताया।
मुख्य वक्ता कमलेश बोंदिया सिमगेड़ा झारखंड ने अपने उद्बोधन में बताया कार्तिक मास का, कार्तिक स्नान का महात्म बताया उन्होंने इस माह में स्नान के दौरान सुनी जाने वाली पौराणिक कहानियां सुनाई।
मुख्य अतिथि सबिता अग्रवाल सन पुर ओडिसा ने अपने उद्बोधन में बताया गोस्वामी तुलसीदास (1511— 1623) एक हिंदू कवी-संत, सुधारक जगद्गुरु रामानंदाचार्य के परंपरा में रामानंदी संप्रदाय के एक बिचारक श्रीराम के भक्त है। संस्कृत और अवधी में कई रचना करने वाले कवी रामचरितमानस के रचिता थे।
विशिष्ट अतिथि पार्वती अग्रवाल लाऊ मुंडा ओडिसा ने अपने उद्बोधन में बताया सुनील गंगोपाध्याय या सुनील गांगुली (7 सितम्बर 1934 – 23 अक्टूबर 2012) सरस्वती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार थे। वो कवि और उपन्यासकार थे।
विशिष्ट अतिथि पूजा अग्रवाल बैंगलोर ने अपने उद्बोधन में रानी चेनम्मा (१७७८ – १८२९) भारत के कर्नाटक के कित्तूर राज्य की रानी थीं। सन् १८२४ में (सन् १८५७ के भारत के स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम से भी ३३ वर्ष पूर्व) उन्होने हड़प नीति (डॉक्ट्रिन ऑफ लेप्स) के विरुद्ध अंग्रेजों से सशस्त्र संघर्ष किया था। संघर्ष में वह वीरगति को प्राप्त हुईं। भारत में उन्हें भारत की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष करने वाले सबसे पहले शासकों में उनका नाम लिया जाता है।
विशिष्ट अतिथि रंजना गर्ग ने धनतेरस कार्तिक माह (पूर्णिमान्त) की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। भारत सरकार ने धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
विशिष्ट अतिथि अंजली ने धनतेरस पर्व के बारे में बताता जैन आगम में धनतेरस को ‘धन्य तेरस’ या ‘ध्यान तेरस’ भी कहते हैं। भगवान महावीर इस दिन तीसरे और चौथे ध्यान में जाने के लिये योग निरोध के लिये चले गये थे। तीन दिन के ध्यान के बाद योग निरोध करते हुये दीपावली के दिन निर्वाण को प्राप्त हुये। तभी से यह दिन धन्य तेरस के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
विशिष्ट अतिथि प्रीति अग्रवाल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया संयुक्त राज्य अमेरिका ने 23 अक्टूबर 2014 को विश्व मानक दिवस का 2014 का जश्न मनाया। कनाडा के राष्ट्रीय मान्यता संस्था, कनाडा के मानक मान्यता परिषद, अंतरराष्ट्रीय मानदंड की तारीख के निकट दिन देखकर अंतर्राष्ट्रीय मानक दिवस के साथ विश्व मानकों दिवस का जश्न मनाती है।
उषा कलानोरिया ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया हिंदू मान्यता के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था। नरकासुर के बंदी गृह में 16 हजार से ज्यादा महिलाएं कैद थीं, जिन्हें भगवान कृष्ण ने आजाद कराया था। तब से छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के तौर पर मनाया जाता है।
पुष्पा अग्रवाल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया यह त्यौहार नरक चौदस व नर्क चतुर्दशी के नाम से भी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल तेल लगाकर अपामार्ग की पत्तियाँ जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है। विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो स्वर्ग को प्राप्त करते हैं।
सुलोचना धनावत प्रचार प्रसार प्रभारी ने रामचरित मानस का जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है बताते हुए कई प्रसंगों का दैनिक जीवन में अनुसरण करने की बात पर जोर दिया। उन्होंने सभी उपस्थित सदस्यो को लंका काण्ड के पाठ के लिए आमंत्रित किया।
सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया और सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के धन्यवाद ज्ञापित किया गया। संपूर्ण विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।
कार्यक्रम में शामिल मीना गोयल, नंदनी चौधरी, पूजा अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, पार्बती अग्रवाल, कमलेश बोंदिया, अंशु अग्रवाल, आशा बेरीवाल, मीना अग्रवाल, लक्ष्मी अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, तारा बेरीवाल, सुलोचना धनावत, पुष्पा अग्रवाल, प्रतिमा गुप्ता, राजकुमारी गुप्ता, कीर्ति अग्रवाल, मोनिका अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, उषा कलानोरिया, डिंपल अग्रवाल, मंजू गोयल, हेमलता मित्तल, निमिषा गोयल, निशा गोयल, मधु अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, मोनिका अग्रवाल, रजनी जिंदल, श्वेता अग्रवाल, रेखा गर्ग, मधु मित्तल, शीतल लाठ, सरला लोहिया ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
