नानी बाई रो मायरा के भव्य आयोजन पूरा मंच हुआ भावुक द्रवित नेत्रों से भगवान श्री कृष्ण को भाई रूप में चुनरी पहनाते हुए की अनुभूती से हुए भावविभोर
ब्रह्मांड की हर समय का समाधान है गीता मंच पर रामायण के बाद गीता पाठ
अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत ईक्काईस माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में आज 6 नवंबर 2022 रविवार को दोपहर तीन बजे से गूगल मीट पर चतुर्मास, कार्तिक मास, त्रयोदशी,यशवंत सिन्हा लोकसभा सदस्य की जन्म तारीख और संजीव कुमार, हिंदी फिल्म अभिनेता, सिद्धार्थ शंकर राय – पश्चिम बंगाल के भूतपूर्व मुख्यमंत्रीऔर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्मृति दिवस पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर भगवान दरबार में फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा मोली चढ़ा पुष्पार्पण, माल्यार्पण कर श्री फल प्रसाद चढ़ा मंत्रोचार से दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रगान से किया।
अपने आतिथ्य उद्बोधन में उन्होंने सभी अतिथियों और सदस्यों का स्वागत किया सभी को कार्तिक पुण्य माह, त्रयोदशी की बधाई प्रेषित की।
पुष्पा अग्रवाल कार्यक्रम संयोजिका संचालिका ने गणेश वंदना, पितरों जी की स्तुति, गुरु वंदना प्रस्तुति दी।उन्होंने सभी अतिथियों का संक्षिप्त जीवन परिचय प्रस्तुत कर सभी को उनके उद्बोधन के लिए बारी बारी से आमंत्रित किया। उन्होंने बताया आज मंच पर नानी बाई रो मायरो का आयोजन किया गया है।
कुसुम अग्रवाल सह कोषाध्यक्ष ने नानी बाई रो मायरो की पौराणिक कथा का रसपान करवाया। प्रीति अग्रवाल, श्वेता अग्रवाल, पार्बती अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, कुसुम, डिंपल अग्रवाल, सुलोचना धनावत, तारा बेरीवाल, अंशु अग्रवाल व उपस्थित सभी सदस्यो ने मायरा के भजन गीत गाए जिससे पूरे मंच ने द्रवित नेत्री से श्री कृष्ण को भाई रूप में चुंदड़ी पहनते हुए की सुखद अनुभूति महसूस की।
कुसुम अग्रवाल सह कोषाध्यक्ष ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया नानी बाई रो मायरो यह रचना राजस्थान-गुजरात के लोक में भक्त नरसी मेहता ने रची है।
बाल व्यास जया किशोरी ने कथा का शुभारंभ करते हुए कहा कि नानी बाई रो मायरो अटूट श्रद्धा पर आधारित प्रेरणादायी कथा है। कथा के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण का गुणगान किया जाता है। भगवान को यदि सच्चे मन से याद किया जाए तो वे अपने भक्तों की रक्षा करने स्वयं आते हैं।
नानी बाई का मायरा’ भक्त नरसी की भगवान कृष्ण की भक्ति पर आधारित कथा है जिसमें ‘मायरो’ अर्थात ‘भात’ जोकि मामा या नाना द्वारा कन्या को उसकी शादी में दिया जाता है वह भात स्वयं श्री कृष्ण लाते हैं, नानी बाई नरसी जी की पुत्री थी और सुलोचना बाई नानी बाई की पुत्री थी, सुलोचना बाई का विवाह जब तय हुआ था तब नानी बाई के ससुराल वालो ने यह सोचा कि नरसी एक गरीब व्यक्ति है तो वह शादी के लिये भात नहीं भर पायेगा, उनको लगा कि अगर वह साधुओं की टोली को लेकर पहुँचे तो उनकी बहुत बदनामी हो जायेगी इसलिये उन्होंने एक बहुत लम्बी सूची भात के सामान की बनाई उस सूची में करोड़ों का सामान लिख दिया गया जिससे कि नरसी उस सूची को देखकर खुद ही न आये।
नरसी जी को निमंत्रण भेजा गया साथ ही मायरा भरने की सूची भी भेजी गई परन्तु नरसी के पास केवल एक चीज़ थी वह थी श्री कृष्ण की भक्ति, इसलिये वे उनपर भरोसा करते हुए अपने संतों की टोली के साथ सुलोचना बाई को आर्शिवाद देने के लिये अंजार नगर पहुँच गये, उन्हें आता देख नानी बाई के ससुराल वाले भड़क गये और उनका अपमान करने लगे, अपने इस अपमान से नरसी जी व्यथित हो गये और रोते हुए श्री कृष्ण को याद करने लगे, नानी बाई भी अपने पिता के इस अपमान को बर्दाश्त नहीं कर पाई और आत्महत्या करने दौड़ पड़ी परन्तु श्री कृष्ण ने नानी बाई को रोक दिया और उसे यह कहा कि कल वह स्वयं नरसी के साथ मायरा भरने के लिये आयेंगे।
सुलोचना धनावत प्रचार प्रसार प्रभारी ने अध्यात्म को जीवन का मूल मंत्र बता गीता के पाठ का आयोजन किया।उन्होंने प्रथम अध्याय के संस्कृत श्लोकों को पढ़ कर सुनाया।उन्होंने बताया संपूर्ण जीवन ही गीता है दुनिया की हर समस्या का समाधान है गीता।
कार्यक्रम अध्यक्ष नंदिनी चौधरी सिंगापुर ने अपने उद्बोधन में बताया
यशवंत सिन्हा (जन्म: 6 नवम्बर 1937, पटना) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता और तृणमूल कांग्रेस के नेता रहे है | वे भारत के पूर्व वित्त मंत्री रहने के साथ-साथ अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री भी रह चुके हैं। विपक्ष ने उन्हें २०२२ में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है।
मुख्य वक्ता कमलेश बोंदिया सिमगेड़ा झारखंड ने अपने उद्बोधन में बताया कार्तिक मास का, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष का महात्म बताया उन्होंने इस दौरान सुनी जाने वाली पौराणिक कहानियां सुनाई।
मुख्य अतिथि सबिता अग्रवाल सन पुर ओडिसा ने अपने उद्बोधन में बताया संजीव कुमार (मूल नाम : हरीभाई जरीवाला; जन्म: 9 जुलाई 1938, मृत्यु: 6 नवम्बर 1985) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। उनका पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। वे मूल रूप से गुजराती थे। इस महान कलाकार का नाम फ़िल्मजगत की आकाशगंगा में एक ऐसे धुव्रतारे की तरह याद किया जाता है जिनके बेमिसाल अभिनय से सुसज्जित फ़िल्मों की रोशनी से बॉलीवुड हमेशा जगमगाता रहेगा। उन्होंने नया दिन नयी रात फ़िल्म में नौ रोल किये थे। कोशिश फ़िल्म में उन्होंने गूँगे बहरे व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। शोले फ़िल्म में ठाकुर का चरित्र उनके अभिनय से अमर हो गया।
विशिष्ट अतिथि पार्वती अग्रवाल लाऊ मुंडा ओडिसा ने अपने उद्बोधन में बताया सिद्धार्थ शंकर राय (20 अक्टूबर 1920 – 6 नवंबर 2010) एक वकील, राजनयिक और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ थे। अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने कई कार्यालयों का संचालन किया, जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री (1971-72), पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री (1972-77), पंजाब के राज्यपाल (1986-89) और संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय राजदूत (1992-96)) शामिल थे। वह एक समय कांग्रेस पार्टी के मुख्य संकटमोचक थे। उनका जन्म पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक बंगाली परिवार में हुआ था।
विशिष्ट अतिथि पूजा अग्रवाल बैंगलोर ने अपने उद्बोधन में *1943 में आज की तारीख को ही दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सौंपे।
विशिष्ट अतिथि रंजना गर्ग गुजरात ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण की क्षति को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस 5 नवंबर 2001 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने घोषणा की कि हर साल 6 नवंबर को ‘युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ मनाया जाएगा।
विशिष्ट अतिथि ललिता अग्रवाल भागलपुर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया नवंबर 3 को विश्व जेलिफ़िश दिवस चूंकि यह वह मौसम है जब जेलीफ़िश उत्तरी गोलार्ध के तटों पर अपना प्रवास शुरू करेगी, विश्व जेलीफ़िश दिवस दक्षिणी गोलार्ध में वसंत ऋतु में गिरने के लिए निर्धारित किया गया है।
रजनी जिंदल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया 2 नवंबर को परुमला पेरुन्नाल केरल का गौरवशाली त्योहार भारत के सदाबहार राज्य में सबसे प्रसिद्ध समारोहों में से एक है। परुमला पेरुन्नल केरल एक ऐसा त्योहार है जो केरल को रोक देता है। परुमला पेरुन्नल केरल एक सुलभ स्थान पर मनाया जाता है, जिससे पर्यटकों के लिए इस अवसर पर यात्रा करना और अनुग्रह प्राप्त करना आसान हो जाता है।
कुसुम अग्रवाल सह कोषाध्यक्ष ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया नवंबर 3 को विश्व सैंडविच दिवस मनाया जाता है।इस दावे के बाद कि उन्होंने सैंडविच का आविष्कार किया, जॉन मोंटेगु, सैंडविच के चौथे अर्ल को सैंडविच का नाम माना जाता है। यह दिन गो-टू इवनिंग मील में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के स्वादों का सम्मान करता है।
श्वेता अग्रवाल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया 5 नवंबर को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस
सुनामी के खतरों को उजागर करने और प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के महत्व पर जोर देने के लिए मनाया जाता है। कई संगठन लोगों को स्थिति से अवगत कराने के लिए सुनामी के बारे में पारंपरिक ज्ञान प्रदान करते हैं।
डिंपल अग्रवाल ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया और सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
तारा बेरीवाल ने संपूर्ण विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।
कार्यक्रम में शामिल मीना गोयल, नंदनी चौधरी, पूजा अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, रंजना गर्ग, पार्बती अग्रवाल, कमलेश बोंदिया, अंशु अग्रवाल, आशा बेरीवाल, मीना अग्रवाल, लक्ष्मी अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, तारा बेरीवाल, सुलोचना धनावत, पुष्पा अग्रवाल, प्रतिमा गुप्ता, राजकुमारी गुप्ता, कीर्ति अग्रवाल, मोनिका अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, उषा कलानोरिया, डिंपल अग्रवाल, मंजू गोयल, ललिता अग्रवाल, राजबाला गर्ग, हेमलता मित्तल, निमिषा गोयल, निशा गोयल, मधु अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, मोनिका अग्रवाल, रजनी जिंदल, श्वेता अग्रवाल, रेखा गर्ग, मधु मित्तल, शीतल लाठ, सरला लोहिया ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
