*शिक्षा विभाग बिलासपुर के अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ 30 जून को 12 से 02 बजे तक जेडी शिक्षा कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन, कार्रवाई नहीं होने पर शिक्षकों , किसान मजदूर महासंघ,शिक्षक संगठनों में आक्रोश*
बिलासपुर,
बिलासपुर संभागीय शिक्षा विभाग में संयुक्त संचालक (जेडी), डीईओ एवं बीईओ की मनमानी और जिला प्रशासन की निष्क्रियता के विरोध में शिक्षक संगठन 30 जून को धरना प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन जेडी शिक्षा कार्यालय घोड़ादाना स्कूल तारबाहर के समक्ष दोपहर12 बजे से 02 बजे तक किया जाएगा। धरना के बाद ज्ञापन सौंपा जाएगा।
धरना प्रदर्शन का निर्णय तब लिया गया जब आंदोलन की पूर्व चेतावनी के बावजूद विभागीय प्रमुखों ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। शिक्षक संगठनों ने आरोप लगाया है कि स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण में नियमों को दरकिनार कर पक्षपातपूर्ण व मनमानीपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे शिक्षकों को प्रताड़ित होना पड़ रहा है।
मुख्य आरोप इस प्रकार हैं:
शिक्षक श्याम मूरत कौशिक की 7 वर्षों से लंबित पेंशन राशि का भुगतान नहीं किया गया।
डीईओ बिलासपुर द्वारा निलंबन और बहाली को प्रताड़ना व दबाव का हथियार बनाया जा रहा है।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 18 स्कूलों में स्वीकृत अतिरिक्त कक्ष निर्माण की फाइल को डीईओ बिलासपुर द्वारा दबा कर रखने के कारण कलेक्टर द्वारा जारी नोटिस के बाद कोई कार्यवाही नहीं होना।
पॉक्सो एक्ट जैसे गंभीर मामलों में आरोपी शिक्षकों को बहाल किया जा रहा है जबकि अन्य मामलों में पक्षपात किया जा रहा है।
संलग्नीकरण वाले कर्मचारियों को मूल कार्यालय में वापस नहीं भेजा जा रहा है।
सहायक संचालक मुकेश मिश्रा द्वारा शराब के नशे में शिक्षकों के साथ अभद्र व्यवहार, गाली-गलौज और दुर्व्यवहार किया गया, साथ ही शासन व विभागीय अधिकारियों के प्रति भी आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया। बावजूद इसके, न तो एफआईआर दर्ज की गई और न ही विभागीय कार्रवाई की गई। यही हरकत यदि कोई शिक्षक या तृतीय चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के द्वारा किए जाए होती तो ये अधिकारी तुरंत fir कर जेल भेज कर निलंबित कर दिए होते। इस तरह से भेदभाव पूर्ण कार्यवाही के खिलाफ भी ये धरना प्रदर्शन है।
किसान मजदूर छात्र शिक्षक बेरोजगार महासंघ बिलासपुर के अध्यक्ष,पूर्व जिला अध्यक्ष छत्तीसगढ़ कर्मचारी संघ एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्याम मूरत कौशिक ने कहा कि — “इस मामले में आवेदन निवेदन शिकायत एवं चेतावनी के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है इसलिए संगठन के पास आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।”
धरने की लिखित सूचना 18 जून को संयुक्त संचालक, कलेक्टर, एसपी, एसडीएम एवं थाना प्रभारी तारबाहर को दी जा चुकी है। संगठन की प्रमुख मांगें हैं — पेंशन भुगतान, डीईओ व बीईओ तखतपुर के विरुद्ध जांच एवं कार्रवाई, युक्तियुक्तकरण में पारदर्शिता, एवं आरोपी सहायक संचालक के खिलाफ सख्त विभागीय व कानूनी कार्रवाई।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह पहला अवसर है जब संभागीय शिक्षा कार्यालय में इस प्रकार की गंभीर घटना के बाद भी प्रशासनिक चुप्पी बनी हुई है।
अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कब तक इस गंभीर मामले पर कार्रवाई करते हैं, या फिर मामले को दबाने की कोशिश की जाएगी। वहीं, कलेक्टर बिलासपुर द्वारा शिकायतकर्ताओं को रायपुर डायरेक्टर स्तर पर जाने की सलाह देना भी प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है। लगातार बढ़ती मनमानी के कारण शिक्षक वर्ग एवं आम जनों में भारी रोष व्याप्त है।
श्याम मूरत कौशिक ने अपील की है कि अधिकारियों से पीड़ित शिक्षक, आमजन, जन संगठन, शिक्षक एवं कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी एवं अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने वाले सभी जन अधिक से अधिक की संख्या में शामिल होकर धरना प्रदर्शन सफल बनाए।

