प्रशासन ने परमिशन की रद्द, एस पी रायपुर ने प्रेस कांफ्रेंस कर लॉ एंड ऑर्डर को बताया कारण ।
क्षत्रिय करणी सेना प्रमुख ने कहा लोकतंत्र की हत्या , लोकतांत्रिक प्रदर्शन से डरे शासन और प्रशासन , सभी को तय कार्यक्रम में साईं विला भाठा गांव में आने का किया आवाहन ।
रायपुर। 7 दिसंबर, रविवार को राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में करणी सेना के आह्वान पर विशाल “क्षत्रिय स्वाभिमान न्याय महापंचायत” आयोजित होने जा रही है। पूरे प्रदेश सहित देशभर से करणी सेना के कार्यकर्ताओं व क्षत्रिय समाज के प्रतिनिधियों के पहुँचने की संभावना जताई जा रही है। आयोजन को लेकर सोशल मीडिया और समाजिक संगठनों में व्यापक चर्चा है और इसे क्षत्रिय गौरव व स्वाभिमान की निर्णायक लड़ाई बताया जा रहा है।
वीरेंद्र सिंह तोमर प्रकरण बना आंदोलन का केंद्र
क्षत्रिय करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह तोमर और उनके परिवार के साथ हुई कथित पुलिस कार्रवाई को लेकर यह आंदोलन बुलाया गया है। करणी सेना का आरोप है कि कानून व्यवस्था के नाम पर समाज विशेष के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ, क्षत्राणियों के साथ अश्लीलता हुई जो न्याय प्रक्रिया की मर्यादा और मानवाधिकार के विरुद्ध है। इसी घटना ने सामाजिक संगठनों को एकजुट कर दिया है और अब यह मुद्दा सार्वजनिक मंच पर न्याय की मांग में बदल गया है।


प्रदेश भर से जुड़ेंगे समाज के प्रतिनिधि
सूत्रों के अनुसार, रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, कोरिया, सरगुजा, जांजगीर, बस्तर से बड़ी संख्या में समाज के लोग रायपुर पहुँच रहे हैं। करणी सेना ने इसे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज उठाने का मंच बताया है। संगठन का दावा है कि आंदोलन किसी दल या सत्ता विरोध का प्रयास नहीं, बल्कि राजपूत समाज की गरिमा और सम्मान की लड़ाई है। उन कुछ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हैं जो संविधान की मर्यादा और शपथ को भूल गए है राजपूत समाज कमजोर नहीं हैं जो अपने ऊपर हुए जुल्म और अत्याचार का जवाब न दे सके ।
आयोजन की रूपरेखा
दोपहर 1 बजे से विशाल सभा
समाज के वरिष्ठ जनों का संबोधन
शासन प्रशासन को ज्ञापन और पैदल मार्च
करणी सेना ने कहा है कि आंदोलन संविधान की मर्यादा में रहकर होगा क्षत्रिय अपनी मर्यादा और अनुशासन में रहना जानते है और आवश्यकता पड़ी तो जवाब देना भी जानते है और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए स्वयंसेवकों की टीम तैनात रहेगी ।
प्रशासन अलर्ट, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
रायपुर पुलिस और प्रशासन ने कार्यक्रम स्थल और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है और भीड़ प्रबंधन के लिए पर्याप्त बल तैनात किया जा रहा है। अधिकारियों ने शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है।
आंदोलन का संकेत
जब जब किसी आंदोलन को दबाया जाता है तब तब ये और बड़ा होता है आने वाले समय में राजपूत क्षत्रिय समाज किस करवट बैठता है ये भविष्य की गर्त में छुपा है
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सभा सिर्फ एक घटना का विरोध नहीं, बल्कि क्षत्रिय समाज के संगठित नेतृत्व और युवा पीढ़ी की जागरूकता का प्रकट रूप है। आने वाले समय में इसका सामाजिक और राजनीतिक असर भी देखने को मिल सकता है अगर सरकार आंदोलन का दमन करने का प्रयास करती है तो आने वाले समय में राजपूत समाज में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ सकता है ।


