*छः राज्यों से बहनों ने लिया भाग*
19 अगस्त 2021 विश्व फोटोग्राफी दिवस, विश्व मानवीय दिवस, सावन मास शुक्ल पक्ष द्वादसी को अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
*कार्यक्रम का संचालन उमा बंसल* महासचिव कोरबा ने किया।उन्होंने फोटोग्राफी दिवस का इतिहास और महत्व बताया।
सम्मेलन की *सभी बहन* सुलोचना धनावत, सरला लोहिया, उषा कलानौरिया, मीरा अग्रवाल, विनीता सतीश अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, राजबाला गर्ग, कुसुम अग्रवाल, पूनम गोयल, रेखा गर्ग, रंजना अग्रवाल, प्रगति अग्रवाल, ने
बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया अपनी अभिव्यक्ति और भजन से कार्यक्रम के सफल आयोजन में अपनी भागीदारी निभाई।
*डिंपल अग्रवाल उषा कलानौरिया, सुलोचना धनावत* ने कबीर दोहे द्वारा मानवता के सही मायने बताए।
*मीरा अग्रवाल* ने बताया आज के दिन ही इलेक्ट्रिक कैब का निर्माण हुआ था।उन्होंने सुमधुर कृष्ण भजन प्रस्तुत किया।
*प्रेमलता गोयल* ने आज का इतिहास बताया।1666 में छत्रपति शिवाजी फलों की टोकरी में छिपकर औरंगजेब की कैद से फरार। 1919 में अफगानिस्तान ने ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। 1999 में भारत की परमाणु नीति से नाराज जी-8 ने सभी तरह की मदद पर रोक लगाई।
*डिंपल अग्रवाल* ने गणेश वंदना भजन से कार्यक्रम का श्री गणेश किया।
*अध्यक्ष डॉ अनीता अग्रवाल* ने कृष्ण भगवान की फोटो पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने सभी अतिथियों का डिजिटल पौधा और श्रीफल दे स्वागत किया। उन्होंने बताया ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित करवाई गई थी। *फोटोग्राफी दिवस* पर सभी से *परिवार की एक फोटो* ऑनलाइन मंगवाई थे जजमेंट के बाद प्रतियोगिता के परिणाम घोषित किए *प्रथम* मंजू अग्रवाल *द्वितीय* रंजना गर्ग *तृतीय* लता अग्रवाल *संतावना* स्थान हनी बंसल रही। प्रतियोगिता में *छः राज्य* राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिसा की बहनों ने भाग लिया।
*विश्व मानवीय दिवस पर मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है विषय पर निबंध लेखन* प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमे *प्रथम* पुष्पा अग्रवाल, *दूसरे* स्थान पर ज्योति शरावगी, *तृतीय* कामलेश बोंदिया, *संतावना* सिया अग्रवाल रही। सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र द्वारा पुरस्कृत किया गया और सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
आभार प्रदर्शन कर विश्व कल्याण की भावना रख *अपनी टैग लाइन* *मरणोपरांत भी परोपकार की भावना से नारे लगवाए जीते जी रक्त दान जाते जाते नेत्र और देह दान और जो हमे प्राप्त है वो पर्याप्त से अधिक है और हम बदलेंगे तब युग बदलेगा* के साथ कल्याण मंत्र द्वारा विधिवत कार्यक्रम समापन की घोषणा की ।
