जैसे मोबाइल को नित्य रिचार्ज करते है ठीक वैसे ही खेल मन मस्तिष्क शरीर को रिचार्ज करता है *पूर्वा*
कार्यक्रम की शुरुआत हाकी के जादूगर *मेजर ध्यानचंद* के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित कर किया।
कार्यक्रम के *मुख्य अतिथि* शारदा तिवारी ने अपने उद्बोधन में बताया वे 25 साल पिता के घर और 25 साल पति के घर अपनी जिंदगी के 50 साल पूरी जिम्मेदारी निभाने के बाद वापस ग्राउंड आई पूर्व में स्पोर्ट्स ऑफिसर थी पर दो बेटियों की परवरिश के लिये लाखो रुपये की नॉकरी छोड़ दी और पूरी तरह हाउस वाइफ बनकर अपनी ड्यूटी पूरी की आज दोनो बेटियां 1 रिया तिवारी डाइटीशियन है और 1 सुप्रीम कोर्ट वकील है !पिछले 6 सालों से खेल रही हु बंगलौर तमिलनाडु गोवा विदिशा लखनऊ दिल्ली नासिक और लास्ट 1919 में मणिपुर खेल कर आई न्यूजीलैंड जापान श्री लंका कनाडा इंटरनेशनल के लिये चयनित हुई कुछ जगह गई और मेडल लाई मेरी साथी बहनो को ये मेडल्स समर्पित करती हू।ये सिर्फ खेल के कारण संभव रहा।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि *पूर्व अग्रवाल* श्रीराम कॉलेज दिल्ली की छात्रा जो स्वयं छः बार तैराकी में छत्तीसगढ़ का राष्ट्र स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चूंकि है । दिल्ली से महिला बाल विकास से *उत्कृष्ट खिलाड़ी* का पुरस्कार प्राप्त है, *राष्ट्रपति पुरस्कार* से सम्मानित ने अपने आतिथ्य उद्बोधन में बताया खेल शारीरिक मानसिक बौद्धिक ताकत का प्रतीक है।खेल सिर्फ खेल भावना और अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए खिलाड़ी भावना से खेलना चाहिए।खेल से एकाग्रता, साकारात्मक सोच विचार विपरीत परिस्थिति में स्वयं को संभालना ,एडजस्ट कर खुद को निखारना पहले से और अधिक मजबूत करने में सहायक होता है।
खेल से जीवन को देखने समझने के नजरिए में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उन्होंने कहा आज के मोबाइल कंप्यूटर टेलीविजन के युग में हर व्यक्ति को कम से कम एक आउटडोर खेल खेलना अति अनिवार्य है।जैसे मोबाइल को नित्य रिचार्ज करते है ठीक वैसे ही खेल मन मस्तिष्क शरीर को रिचार्ज करता है। करोना महामारी, तालिबान अफगानिस्तान के मामले ने सीखा दिया है की सर्वप्रथम हमे स्वयं को हर स्तर, स्तिथि में मजबूत, तंदुरुस्त, स्वास्थ, एकजुट रखना होगा।
*कार्यक्रम की अध्यक्षा डॉ अनीता अग्रवाल* ने बताया संस्था की तरफ से उन्होंने *मालती पनौरे व्हीलचेयर तलवारबाज जिन्होंने भारत का प्रनिधित्व अंतर्राष्ट्रीय स्तर* पर किया है को प्रशस्तिपत्र द्वारा सम्मानित किया।
*डॉ अग्रवाल* जो स्वयं एथलीट, बास्केटबॉल खिलाड़ी रह चूंकि ने कहा खेल हर जीत के लिए नही सिर्फ खेल भावना से खेलना चाहिए।खेल चाहे कोई भी हो तन मन दोनो को ऊर्जा से लबालब भर देता है।खेल हमारे दैनिक दिनचर्या और निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है खेल हमे हर परिस्थिति को अवसर उत्सव में बदलना और स्वयं को प्रफुल्लित रखने में कारगार होता है।
*कार्यक्रम में सम्मेलन की* सुलोचना धनावत, सरला लोहिया, विनीता अग्रवाल, मंजू अग्रवाल,सरिता, भगवती अग्रवाल, राजबाला गर्ग, कुसुम गोयल, पूनम गोयल, उषा कलानोरिता, कमला अग्रवाल, सीरा अग्रवाल, रेखा गर्ग, रंजना, डिंपल अग्रवाल व सभी सदस्यों ने अपनी अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुत कर सभी को खेल दिवस की बधाई दी ओलंपिक में सभी खिलाड़ी जिन्होंने भारत का प्रनिधित्व किया और सभी मेडल धारी को बधाईयां प्रेषित की।
*प्रेमलता गोयल उपाध्यक्ष* अंबिकापुर ने आज का इतिहास बताया।
*उमा बंसल महासचिव* ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया और विगत छः माह से नित्य आयोजित कार्यक्रम को भी खिलाड़ी भावना का प्रतीक बताया।
आभार प्रदर्शन कर खेल और खिलाड़ी भावना की अलख जलाने की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम समापन किया गया।
