अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत 27/10/2021 बुधवार को *विश्व श्रव्य दृश्य विरासत दिवस, इन्फेंट्री सेना दिवस, कार्तिक मास की षष्ठी, इतिहासकार पंडित भागवत दत्त,,वीर योद्धा बंदा बहादुर और , स्वतंत्रता सेनानी ब्रह्म बांधव उपाध्याय, टी एस एस राजन,महान गणितज्ञ रामानुजम की पुण्य तिथि* पर गूगल मीट पर ऑनलाइन कार्यक्रम।

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़

प्रांत द्वारा विगत आठ माह से चल रहे नित्य आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 27/10/2021 बुधवार को *विश्व श्रव्य दृश्य विरासत दिवस, इन्फेंट्री सेना दिवस, कार्तिक मास की षष्ठी, इतिहासकार पंडित भागवत दत्त,,वीर योद्धा बंदा बहादुर और स्वतंत्रता सेनानी जितेंद्र नाथ जतिन दास की जन्म तिथि, स्वतंत्रता सेनानी ब्रह्म बांधव उपाध्याय, टी एस एस राजन,महान गणितज्ञ रामानुजम की पुण्य तिथि* पर गूगल मीट पर ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम का संचालन संयोजन *उमा बंसल महासचिव* कोरबा ने किया उन्होंने मुख्य और विशिष्ट अतिथि का जीवन परिचय दे उन्हे उद्बोधन के लिए डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।उन्होंने करवा चौथ के दूसरे चरण की प्रतियोगिता का आयोजन कर पूनम गोयल जी को निर्णायक की भूमिका निभाने का निवेदन किया।

कार्यक्रम की *अध्यक्षा डॉ अनीता अग्रवाल* ने सभी अतिथियों और सदस्यो का डिजिटल मंच पर अक्षत रोली का तिलक कर श्री फल भेट दे स्वागत किया।
उन्होंने वेदों के ज्ञाता महान इतिहासकार पंडित भगवद्दत्त की जन्म तिथि पर बताया अध्ययन, अनुसंधान और लेखन के साथ ही वे आर्य समाज में सक्रिय रहते थे। आर्य समाज के उच्च संस्था ‘परोपकारिणी सभा’ के वे निर्वाचित सदस्य थे। वे उसकी ‘विद्वत् समिति’ के भी सदस्य थे। उनकी ख्याति एक श्रेष्ठ विद्वान व वक्ता की थी। आर्य समाज के कार्यक्रमों में वे देश भर में प्रवास भी करते थे। इसी कारण वे पंडित भगवद्दत्त के नाम से प्रसिद्ध हुए।
नारी शिक्षा के समर्थक भगवद्दत्त जी ने अपनी पत्नी सत्यवती को पढ़ने के लिए प्रेरित किया और वह शास्त्री परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली पंजाब की प्रथम महिला बनीं। उनके पुत्र सत्यश्रवा भी संस्कृत विद्वान हैं, उन्होंने अपने पिताजी के अनेक ग्रंथों का अंग्रेजी में अनुवाद कर प्रकाशित किया है। इस समय उपलब्ध उनकी प्रमुख पुस्तकें इस प्रकार हैं – वैदिक वांगमय का इतिहास (तीन भाग), भारतवर्ष का वृहद इतिहास (दो भाग), ऋग्वेद पर व्याख्यान, ऋग्मंत्र व्याख्या, निरुक्त भाषा भाष्य, अथर्ववेदीय पंचपरलिका, वाल्मीकीय रामायण के बालकांड, अयोध्याकांड तथा अरण्यकांड के कश्मीरी (पश्चिमोत्तर) संस्करण का सम्पादन, भारतीय संस्कृति का इतिहास, भाषा का इतिहास, स्वामी दयानंद के पत्र व विज्ञापन, वेद विद्या निदर्शन आदि है।

कार्यक्रम कुउख्य अतिथि *नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने अपनी अभिव्यक्ति में *विश्व श्रव्य-दृश्य विरासत दिवस* के बारे में बताया हर साल 27 अक्टूबर को यह दिवस मनाया जाता है। ऑडियोविज़ुअल हेरिटेज के लिए विश्व दिवस यूनेस्को और कोऑर्डिनेटिंग काउंसिल ऑफ़ ऑडियोविज़ुअल आर्काइव्ज़ एसोसिएशन दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो ऑडियो विज़ुअल संरक्षण पेशेवरों और संस्थानों को सम्मानित करने के लिए है जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमारी विरासत की रक्षा करते हैं। रिकॉर्ड किए गए ध्वनि और दृश्य-श्रव्य दस्तावेजों के महत्व और संरक्षण जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिन को चुना गया था।
ऑडियोविज़ुअल हेरिटेज 2021 के लिए विश्व दिवस का विषय *विश्व के लिए आपकी खिड़की* है परविस्तार से सरला शब्दो में बताया।

*कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रतियोगिता की निर्णायक पूनम अग्रवाल* ने *इंफेंट्री सेना दिवस* के बारे में अपने उद्बोधन में बताया सेना के यश और गौरव को याद करने के लिए यह दिन मनाया जाता है. दरअसल, इंफेंट्री सेना दिवस इसलिए मानाया जाता है क्योंकि 27 अक्टूबर 1947 को आजादी के कुछ ही दिनों बाद इसी सेना ने अपनी वीरता दिखाते हुए कश्मीर में एक मिशन में जीत हासिल किया था।

कार्यक्रम की *विशिष्ट अतिथि सरिता अग्रवाल झुनझुन राजस्थान* ने अपने उद्बोधन में बताया कार्तिक मास का महात्म बता कथा सुना भजन गा सामूहिक कीर्तन करवाया।इन्होंने प्रतियोगिता में अपनी सक्रिय सहभागिता निभाई।

*सुलोचना धनावत* ने *वीर योद्धा बंदा बाधादुर* के बारे में बताया बन्दा सिंह बहादुर एक महान सेनानायक थे। उन्हें बन्दा बहादुर,[2] वीर लक्ष्मण देव भारद्वाज, महंत माधो दास बैरागी और वीर बन्दा बैरागी[3][4] भी कहते हैं। उनका मूल नाम लक्ष्मण देव था। वे पहले ऐसे व्यक्तिव हुए, जिन्होंने मुगलों के अजेय होने के भ्रम को तोड़ा, छोटे साहबज़ादों की शहादत का बदला लिया और गुरु गोबिन्द सिंह द्वारा संकल्पित प्रभुसत्ता सम्पन्न लोक राज्य की राजधानी लोहगढ़ में स्वराज की नींव रखी। यही नहीं, उन्होंने गुरु नानक देव और गुरु गोबिन्द सिंह के नाम से सिक्का और मोहरें जारी करके, निम्न वर्ग के लोगों की उच्च पद दिलाया और हल वाहक किसान-मज़दूरों को ज़मीन का मालिक बनाया।

*मधु अग्रवाल* ने *स्वतंत्रता सेनानी जितेंद्र नाथ* की शौर्यगाथा के बारे में बताया कैसे संघर्ष कर ब्रिटिश हुकूमत को एक बार नहीं बल्कि कई बार हिला कर रख दिया था। स्वतंत्रता से पहले अनशन से शाहिद होने वाले एक मात्र क्रांतिकारी रहे।इनके देश प्रेम और अनशन का कोई शानी नही है।

*उषा कलानोरिया* ने *स्वतंत्रता सेनानी ब्रह्म बांधव उपाध्याय* के बारे में बताया ब्रह्मबांधव उपाध्याय एक प्रकांड विद्वान् थे जिनका हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत और फारसी भाषाओं पर असाधारण अधिकार था। वे पहले अध्यापक थे। ब्रह्मबांधव उपाध्याय ने गुरूदेव श्री रवींद्रनाथ टैगोर की शांति निकेतन की स्थापना में सहयोग दिया। भारतीय दर्शनशास्त्र पर इंग्लैंड में ब्रह्मबांधव उपाध्याय ने कई भाषण दिए। इन्होंने बाद के दिनों में कई पत्रों का संपादन किया और अंग्रेज़ों के विरुद्ध उत्तेजक लेख लिखे।

*भगवती अग्रवाल* ने अपनी अभिव्यक्ति में *टी एस एस राजन* के बारे में बताया तिरुवेंगीमलाई सेशा सुन्दर राजन ने विदेश से चिकित्सा की शिक्षा प्राप्त की थी। बाद के दिनों में अपनी चलती हुई प्रैक्टिस छोड़कर वे स्वतंत्रता संग्राम में सम्मिलित हो गए। 1937 में इन्हें मद्रास के स्वास्थ्यमंत्री के पद पर नियुक्त किया गया था। इन्होंने देश हित के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

*मीरा अग्रवाल* ने *महान गणितज्ञ रामानुजन* के बारे में बताया इन्होंने संख्या सिद्धांत, निरंतर अंश, गणितीय विश्लेषण और अनंत श्रृंखला में आश्चर्यजनक योगदान दिया था। जिसका हम आज तक अध्यन कर रहे है।

*प्रेमलता गोयल उपाध्यक्ष* ने आज के इतिहास में बताया 1947 में जम्मू कश्मीर के राजा हरि सिंह ने भारत में जम्मू कश्मीर के विलय को स्वीकार कर लिया।
2008 – केन्द्र सरकार ने अख़बार उद्योग के पत्रकारों और ग़ैर पत्रकारों को अंतरिम राहत की अधिसूचना जारी की।
1670 – वीर योद्धा बंदा बहादुर सिंह का जन्म हुआ ।
1811 – सिलाई मशीन का आविष्कारक आइजैक मेरिट सिंगर का जन्म हुआ।
1893 – महान इतिहासकार प. भगद्वत का जन्म हुआ।
1904 – स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी जितेंद्र नाथ दास उर्फ जतिन दास का कलकत्ता में जन्म हुआ।
1907 – भारतीय स्वतंत्रता सेनानी ब्रह्मबांधव उपाध्याय का निधन हुआ।
1953 – भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में सम्मिलित होने वाले प्रमुख भारतीयों में से एक टी.एस.एस. राजन का निधन हुआ।
1974 – महान भारतीय गणितज्ञ रामानुजम का निधन हुआ।
1982 – गांधी जी के निजी सचिव प्यारे लाल का निधन हुआ।

सभी *अतिथियों को स्मृति चिह्न डिजिटल मंच पर भेट* कर उनके समय और उद्बोधन के लिए आभार व्यक्त कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।

कार्यक्रम में भगवती अग्रवाल, भारती मोदी, नंदिनी चौधरी, विद्याक्षी, मीरा अग्रवाल, निमिषा गोयल, पूनम अग्रवाल, प्रेमलता गोयल, पुष्पा अग्रवाल, रंजना गर्ग, रोशनी सेकसरिया, संतोष कुमार, सरोज, सरिता गोयल, पूनम गोयल, सरला लोहिया, डिंपल अग्रवाल, सिया अग्रवाल, उषा कलामोरिया, सुलोचना धनावत, वंदना अग्रवाल, ज्योति अग्रवाल, सरिता गोयल,रोशनी अग्रवाल, गिरिजा गोयल, वंदना अग्रवाल ने अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाया।