अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़
प्रांत द्वारा विगत ग्यारह माह से प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में 2/1/2022 रविवार को गूगल मीट पर *केरल के प्रसिद्ध समाज सुधारक मन्नत्तु पद्मनाभन, हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक कथाकार और उपन्यासकार जैनेन्द्र कुमार, प्रसिद्ध भारतीय उद्यमी थे, जिनका भारत के दुग्ध उद्योग में योगदान डी. एन. खुरोदे, अखंड करमयोगी माधव राव देशपांडे, भारतीय अमरीकी गणितज्ञ एस. आर. श्रीनिवास वर्द्धन का जन्म तिथि और स्वतन्त्रता सेनानी वकील मोरेश्वर वासुदेव उर्फ नरकेसरी अभ्यंकर, अश्पृश्यता निवारण को समर्पित समाज सुधारक महर्षि विठ्ठल शिन्दे, प्रसिद्ध महिला स्वतंत्रता सेनानी तथा समाज सुधारका डॉ. राधाबाई, आधुनिक उड़ीसा के निर्माताओं में से एक हरे कृष्ण मेहता, प्रदर्शनियों के विशेषज्ञ राजा भाऊ पतुरकर, गुजराती साहित्यकार राजेन्द्र शाह पुण्य तिथि, पौष अमावस* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम की संयोजिका और संचालन कर्ता *भगवती अग्रवाल अध्यक्ष कोरबा इकाई* ने कार्यक्रम का श्री गणेश अपने निवास स्थान पर रानी सती मां के फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित, पूजा अर्चना आरती आराधना कर गणेश वंदना और पितरों जी की स्तुति से किया। उनकी पूरी टीम ने अमावस के उपलक्ष में रानी सती मंगल पाठ का आयोजन किया।सभी बहनों ने पाठ भजन कर आरती की भोग लगा प्रसाद वितरण कर पूरा माहौल भक्ति के रसपान में डूबो दिया।
सरिया इकाई की अध्यक्षा *डिंपल अग्रवाल* ने रविवार का महत्व बता सूर्य महाराज जी की कथा सुना भजन प्रस्तुत किया।
भाटापारा की *प्रतिमा गुप्ता* ने पितरों की कृपा के बारे में बता पितरों जी महाराज का भजन कर उनका आशीर्वाद की कामना की।
रायपुर की अध्यक्षा *पुष्पा अग्रवाल* ने सभी अतिथियों को तिलक लगा श्री फल और तुलसी मां का पौधा भेट कर स्वागत किया।
*गिरिजा अग्रवाल* मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि का संक्षिप्त जीवन परिचय दे उन्हे उनके उद्बोधन के लिए बारी बारी से डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल**केरल के प्रसिद्ध समाज सुधारक मन्नत्तु पद्मनाभन का जन्म तिथि* पर अपने उद्बोधन में बताया मन्नाथु पद्मनाभन (2 जनवरी 1878 – 25 फरवरी 1970) दक्षिण-पश्चिमी राज्य केरल के एक भारतीय समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे । उन्हें नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) के संस्थापक के रूप में मान्यता प्राप्त है , जो नायर समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है जो राज्य की आबादी का 15.5% है। पद्मनाभन को एक दूरदर्शी सुधारक माना जाता है जिन्होंने एनएसएस के तहत नायर समुदाय को संगठित किया।केरल के प्रसिद्ध समाज सुधारकों में से एक थे। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। कई कठिनाइयों का सामना करते हुए इन्होंने मजिस्ट्रेटी की परीक्षा पास की थी, जिससे वकालत शुरू कर सकें। उस समय नायर समाज में जो अंध विश्वास और पाखण्ड व्याप्त था, उसे दूर करने के लिए मन्नत्तु पद्मनाभन ने ‘नायर सर्विस सोसाइटी’ नामक एक संस्था की स्थापना की थी। केरल का भारत में विलय कराने के आन्दोलन में उन्हें 68 साल की उम्र में जेल भी जाना पड़ा। बहुमुखी सेवा कार्यों के लिए इन्हें 1966 में ‘पद्मभूषण’ सम्मान प्रदान किया गया था।
मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता *नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक कथाकार और उपन्यासकार जैनेन्द्र कुमार का जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया प्रेमचंदोत्तर उपन्यासकारों में जैनेंद्र कुमार (२ जनवरी, १९०५- २४ दिसंबर, १९८८) का विशिष्ट स्थान है। वह हिंदी उपन्यास के इतिहास में मनोविश्लेषणात्मक परंपरा के प्रवर्तक के रूप में मान्य हैं। जैनेंद्र अपने पात्रों की सामान्यगति में सूक्ष्म संकेतों की निहिति की खोज करके उन्हें बड़े कौशल से प्रस्तुत करते हैं। उनके पात्रों की चारित्रिक विशेषताएँ इसी कारण से संयुक्त होकर उभरती हैं। जैनेंद्र के उपन्यासों में घटनाओं की संघटनात्मकता पर बहुत कम बल दिया गया मिलता है। चरित्रों की प्रतिक्रियात्मक संभावनाओं के निर्देशक सूत्र ही मनोविज्ञान और दर्शन का आश्रय लेकर विकास को प्राप्त होते हैं।इन्हे १९७१ में पद्म भूषण
१९७९ में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
विशिष्ट अतिथि *विजया डालमिया हैदराबाद* ने *प्रसिद्ध भारतीय उद्यमी थे, जिनका भारत के दुग्ध उद्योग में योगदान डी. एन. खुरोदे का जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया दारा नुसेरवानजी खुरोदे जन्म: 2 जनवरी, 1906; मृत्यु: 1 जनवरी, 1983) एक प्रसिद्ध भारतीय उद्यमी थे, जिन्हें भारत के दुग्ध उद्योग में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने कॅरियर की शुरुआत में कई निजी और सरकारी संगठनों में काम किया। बाद में कई सरकारी उच्च पदों पर भी अपनी सेवाएँ दीं। डी. एन. खुरोदे ने 1946 से 1952 तक मुम्बई के दुग्ध आयुक्त के रूप में भी कार्य किया। 1950 के दशक में भारत में इनका नाम डेयरी का पर्याय बन गया था। वर्ष 1963 में डी. एन. खुरोदे को वर्गीज़ कुरियन के साथ सम्मिलित रूप से ‘रेमन मैग्सेसे पुरस्कार’ प्रदान किया गया। भारत सरकार ने इनको सन 1964 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मनित किया था।
विशिष्ट अतिथि *पूजा अग्रवाल बैंगलोर* ने *सुकुमार सेन जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया सुकुमार सेन (जन्म- 2 जनवरी, 1899, पश्चिम बंगाल) भारतीय गणराज्य के प्रथम मुख्य निर्वाचन आयुक्त / मुख्य चुनाव आयुक्त थे। वह 21 मार्च, 1950 से 19 दिसंबर, 1958 तक मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर रहे। सुकुमार सेन को प्रशासकीय सेवा क्षेत्र में ‘पद्म भूषण’ से 1954 में सम्मानित किया गया। वह पश्चिम बंगाल राज्य से थे।15 अगस्त, 1947 को आजादी मिलने के बाद भारत सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि चुनाव प्रणाली का ढांचा कैसा हो? इस चुनौती का हल निकालने वाले थे भारतीय सिविल सेवा के सुकुमार सेन। उनकी बदौलत ही भारत का पहला आम चुनाव संपन्न हुआ था। सुकुमार सेन भारत के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त थे, जिन्होंने 25 अक्टूबर, 1951 से लेकर फ़रवरी, 1952 के बीच पहला आम चुनाव संपन्न करवाया था। उन्हीं की बदौलत 67 साल पहले भारत के नागरिक पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर पाए। उनकी इस ख्याति से प्रभावित होकर सूडान ने भी उन्हें अपने यहां चुनाव करवाने के लिए बुलाया था। कहा जाता है कि सुकुमार सेन की ही बदौलत भारत के दूसरे आम चुनाव में साढ़े चार करोड़ की बचत हो सकी।
विशिष्ट अतिथि *राजू अग्रवाल लैलूंगा* ने *अश्विनी कुमार चौबे जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया अश्विनी कुमार चौबे (जन्म- 2 जनवरी, 1953, भागलपुर, बिहार) भारत की सोलहवीं लोकसभा के सांसद हैं। 2014 के चुनावों में उन्होंने बिहार की बक्सर सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया था। सत्रहवीं लोकसभा में अश्विनी कुमार चौबे को ‘स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री’ बनाया गया था, किन्तु 7 जुलाई, 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमण्डल में हुए विस्तार तथा फेरबदल के बाद उन्हें ‘उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय’ तथा ‘पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय’ में राज्य मंत्री बनाया गया है। अश्विनी कुमार चौबे बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं।
विशिष्ट अतिथि *किशोर धनावत* ने *भारतीय तैराक बुला चौधरी के जन्म दिन* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया बुला चौधरी (जन्म- 2 जनवरी, 1970, कलकत्ता), भारतीय महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने पांचो महाद्वीप के सातों समुद्र तैर कर पार किए हैं और उन पर अपनी जीत हासिल की है। बुला चौधरी को ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें ‘जल परी’ की उपाधि दी जा चुकी है। 2003 में उन्हें ‘ध्यानचंद लाइफटाइम एचीवमेंट’ अवॉर्ड भी दिया गया है। वह सुर्खियों में तब आईं, जब उन्होंने मात्र 9 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय प्रतियोगिता जीत ली। उन्होंने अपनी आयु वर्ग की सभी प्रतियोगिताएं जीत कर एकसाथ छह स्वर्ण पदक जीत लिए।बुला चौधरी’ ने पाँचो महाद्वीप के सातों समुद्र तैर कर पार किए हैं और उन पर अपनी जीत हासिल की है तथा इनको ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें ‘जल परी’ की उपाधि दी जा चुकी है तथा उन्होंंने मात्र 9 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय तैराकी चैंपियनशिप जीती।इन्हे ‘अर्जुन पुरस्कार’ (1990), ध्यानचंद लाइफटाइम एचीवमेंट (2003), ‘जिब्राल्टर जलडमरूमध्य (स्पेन)’ (2000) पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
विशिष्ट अतिथि *सुशीला अग्रवाल शांतिनिकेतन* ने *भारतीय मुक्केबाज लाखा सिंह के जन्मदिन* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया लाखा सिंह (जन्म- 2 जनवरी, 1965) भारत के प्रसिद्ध मुक्केबाज़ थे। सन 1990 के दौर में लाखा सिंह अपनी बॉक्सिंग की वजह से जाने जाते थे। साल 1994 उनके लिए बेहद खास था। इसी साल उन्होंने एशियन बॉक्सिंग चैंपिनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया था। लेकिन अब साथी खिलाड़ियों से मिले धोखे और खेल संघों, सरकारों द्वारा नजरअंदाज किए जाने की वजह से लाखा सिंह की जिंदगी बेहद खराब दौर से गुजर रही है। दो साल में तीन अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने वाले लाखा सिंह 1996 के अटलांटा ओलिंपिक में भारत के सबसे चमकदार सितारे थे।
*राजबाला गर्ग सूरजपुर* ने *अखंड करमयोगी माधव राव देशपांडे का जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया माधव शामा या श्यामा ने शिर्डी में अध्ययन किया और बाद में जूनियर स्कूल में सहायक मास्टर बन गए थे। वे छात्रों को मस्जिद (द्वारकामाई) के अगले दरवाजे के कमरे में पढ़ाया कहते थे और वहीं की एक खिड़की से बाबा को देखा करते थे। बस, वहीं से उनके मन में भक्ति जाग्रत हुई और वे बाबा के हो गए।
*राखी गोयल* ने *भारतीय अमरीकी गणितज्ञ एस. आर. श्रीनिवास वर्द्धन का जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में महान गणितज्ञ श्रीनिवास वर्धन के जीवन और कार्य पर सरल भाषा में प्रकाश डाला।
*कुसुम अग्रवाल* ने *स्वतन्त्रता सेनानी वकील मोरेश्वर वासुदेव उर्फ नरकेसरी अभ्यंकर की पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया मोरेश्वर वासुदेव अभ्यंकर (१९ अगस्त १८८६ – २ जनवरी १९३५) एक वकील, भारतीय स्वतन्त्रता सेनानी तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तिलकवादी कार्यकर्ता थे।
**निशा गोयल* ने *महर्षि विट्ठल रामजी शिन्दे पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया महर्षि विट्ठल रामजी शिन्दे ( 23 अप्रैल,1873 – 2 जनवरी, 1944) महाराष्ट्र के सबसे बड़े समाजसुधारकों में से थे। उनका सबसे बड़ा योगदान अस्पृश्यता को मिटाना तथा दलित वर्ग को बराबरी पर लाना था।यंगथीस्टयूनियन’ नामक संस्था स्थापित की।अछूतों के लिए रात्रि-स्कूल खोला। इसी प्रकार14मार्च 1907को अछूत जातियों के सामाजिक-धार्मिक सुधार के निमित्त’सोमवंशीय मित्र समाज’ की स्थापना की। प्रार्थना समाजकी ओर से 18अक्टूबरा 1906को ‘डिप्रेस्ड क्लासेस मिशन’ की स्थापना की गयी थी। विट्ठल रामजी शिंदे इसके महासचिव थे।विट्ठल रामजी शिंदे पृथक चुनाव प्रणाली के विरुद्ध थे। वे उसे देश के लिए विभाजनकारी मानते थे।विट्ठल रामजी शिंदे पृथक चुनाव प्रणाली के विरुद्ध थे। वे उसे देश के लिए विभाजनकारी मानते थे।
*राजकुमारी गुप्ता* ने *प्रसिद्ध महिला स्वतंत्रता सेनानी तथा समाज सुधारका डॉ. राधाबाई की पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया राधाबाई रायपुर नगर ( छत्तीसगढ़ ) की प्रथम महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रुप में जाना जाता है। इन्होने छत्तीसगढ़ की अनेक महिलाओ को प्रेरित किया। 2 जनवरी, 1950 को इनकी मृत्यू हो गई। श्रीमती राधाबाई का जन्म नागपुर, महाराष्ट्र में वर्ष 1875 में हुआ था।
अंबिकापुर की अध्यक्षा *प्रेमलता गोयल* ने *आधुनिक उड़ीसा के निर्माताओं में से एक हरे कृष्ण मेहताब की पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया आधुनिक उड़ीसा के निर्माताओं में गिने जाने वाले हरेकृष्ण महताब भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रहे थे। वे 1946 से 1950 तक तथा फिर 1956 से 1961 तक उड़ीसा के मुख्यमंत्री भी रहे। हरेकृष्ण महताब उड़ीसा में ‘उत्कल केसरी’ की उपाधि से भी जाने जाते थे। … हरेकृष्ण महताब ने रामकृष्ण मिशन के साथ सहयोग दिया।
*वरिष्ट सदस्या सुलोचना धनावत* ने *प्रदर्शनियों के विशेषज्ञ राजा भाऊ पतुरकर की पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रथम पीढ़ी के प्रचारकों में से एक राजाभाऊ जी पातुरकर का जन्म 1915 में नागपुर में हुआ था. गहरा रंग, स्वस्थ व सुदृढ़ शरीर, कठोर मन, कलाप्रेम, अनुशासन प्रियता, किसी भी कठिनाई का साहस से सामना करना तथा सामाजिक कार्य के प्रति समर्पण के गुण उन्हें अपने पिताजी से मिले थे. खेलों में अत्यधिक रुचि के कारण वे अपने साथी छात्रों में बहुत लोकप्रिय थे. महाल के सीताबर्डी विद्यालय में पढ़ते समय उनकी मित्रता बापूराव बराडपांडे जी, बालासाहब व भाऊराव देवरस जी, कृष्णराव मोहरील जी से हुई. इनके माध्यम से उनका परिचय संघ शाखा और डॉ. हेडगेवार जी से हुआ।उन्होंने संघ कार्य को देश भर में कैसे फैलाया, इसकी जानकारी एकत्र करने का बीड़ा उठाया. डॉ. जी जहां-जहां गये थे, राजाभाऊ ने वहां जाकर सामग्री एकत्र की. उन्होंने वहां के चित्र आदि लेकर एक चित्रमय झांकी तैयार की. इसके प्रदर्शन के समय उनका ओजस्वी भाषण डॉ. हेडगेवार तथा संघ के प्रारम्भिक काल का जीवंत वातावरण प्रस्तुत कर देता था. दो जनवरी, 1988 को अपनी प्रदर्शनियों के माध्यम से जनजागरण करने वाले राजाभाऊ पातुरकर जी का नागपुर में ही देहांत हुआ।
*निवीता जालान* ने *गुजराती साहित्यकार राजेन्द्र शाह की पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया राजेन्द्र केशवलाल शाह (२८ जनवरी १९१३, कपाड़वनज, भारत – २ जनवरी २०१०) एक गुजराती भाषा के साहित्यकार थे। उन्होंने गुजराती में २० से अधिक काव्य और गीतों के संकलन रचे हैं, ज़्यादातर प्रकृति की सुंदरता और जनजाति और मछुआरों की रोज़मर्रा की ज़िन्दगी के विषयों पर। संस्कृत छंदों में रची उनकी कविताओं पर रविन्द्रनाथ टगोर की कृतियों का गहरा असर रहा है।
*पूजा अग्रवाल बिलासपुर* ने आज के मुख्य समाचार और इतिहास की मुख्य घटना पर प्रकाश डाला।उन्होंने बताया देश के सर्वोच्च सम्मान *भारत रत्न की स्थापना* आज के दिन ही हुई थी।
1757 – ब्रिटिश सैनिकों ने भारत के कलकत्ता शहर (अब कोलकाता) पर कब्जा किया।
1839 – फ्रांसिसी फोटोग्राफर लुई दागुएरे ने चांद की पहली फोटो प्रदर्शित की।
1899 – रामकृष्ण के आदेश के बाद साधु कलकत्ता (अब कोलकाता) स्थित बेलूर मठ में रहने लगे।
1942 – द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना ने फिलीपींस की राजधानी मनीला पर कब्जा किया।
1954 – पद्म विभूषण पुरस्कार की स्थापना 2 जनवरी 1954 में की गयी थी।
1954 – भारत रत्न पुरस्कार 2 जनवरी 1954 को प्रारम्भ किया गया था।
1991 – तिरुअनंतपुरम हवाई अड्डा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया गया।
*बिलासपुर इकाई की अध्यक्षा शीतल लाठ* ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया
*हेमलता बंसल कोषाध्यक्ष* ने सभी सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।
भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, गिरिजा गोयल, राजकुमारी गुप्ता, प्रतिमा गुप्ता, राजू गोयल, किशोर धनावत, कुसुम अग्रवाल, सुलोचना धनावत, प्रेमलता गोयल, पुष्पा अग्रवाल, नंदिनी चौधरी, हेमलता मित्तल, निशा गोयल, पूजा अग्रवाल, राजबाला गर्ग, रेखा गर्ग, राखी गोयल, शीतल लाठ,सुशीला अग्रवाल, विजया डालमिया,हेमलता बंसल, नीविता जालान, ने भजन प्रस्तुति से भक्तिमय वातावरण बना सभी सदस्यों को झूमने गाने के लिए प्रेरित किया। अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
