अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़
प्रांत द्वारा विगत आठ माह से नित्य आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 11/11/2021 गुरुवार को गूगल मीट पर *राष्ट्रीय शिक्षा दिवस,कार्तिक मास की सप्तमी,मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जन्म तिथि, गुरु तेग बहादुर बलिदान दिवस, गांधीवादी स्वतंत्रता सेनानी जीवट राम भगवान दास आचार्य कृपलानी जन्म तिथि,अनसूया साराभाई का जन्म तिथि,स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज की जन्म तिथि, भारत के नैतिकता और ईमानदारी का मूल्य समझने वाले पत्रकार अमिताभ चौधरी की जन्म तिथि, प्रसिद्ध कथक नर्तक पंडित शम्भू महाराज की पुण्य तिथि,मशहूर फ़िल्म निर्देशक और संगीत में ध्वनि के जानकार देवकी बोस की पुण्य तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम की अध्यक्षता *डॉ अनीता अग्रवाल* ने कार्यक्रम का श्री गणेश भगवान श्री कृष्ण की फोटो पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना आराधना आरती से किया उन्होंने गणेश वंदना और पितरों जी की स्तुति की।
उन्होंने *राष्ट्रीय शिक्षक दिवस* पर अपने उद्बोधन में सभी सदस्य को शिक्षक बता उनका डिजिटल मंच पर सम्मान किया और जीवन में शिक्षक के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया यह दिवस भारत सरकार भारत के पहले शिक्षा मंत्री एवं भारत रत्न से सम्मानित मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की याद में हर 11 नवंबर को मनाया जाता है।
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के अनुसार, स्कूल ऐसी प्रयोगशालाएँ हैं जहां देश के भावी नागरिकों का विकास होता हैं। उन्हें भारत में IIT और विभिन्न अन्य संस्थानों की स्थापना का श्रेय दिया जाता है।मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 11 सितंबर 2008 को, शिक्षा के क्षेत्र में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के योगदान को चिन्हित करने के लिए उनके जन्मदिन 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। 2008 से, भारत में हर साल, राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को अवकाश घोषित किए बिना मनाया जाता है।मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का शिक्षा, राष्ट्र-निर्माण और संस्था-निर्माण के क्षेत्र में योगदान अनुकरणीय है। वह भारत में शिक्षा के प्रमुख वास्तुकार हैं। वे 1947 से 1958 तक स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे। उन्हें मरणोपरांत 1992 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
*उमा बंसल* महासचिव कोरबा ने मंच संचालन करते हुए सभी अतिथियों सदस्यो का डिजिटल मंच पर रोली अक्षत का तिलक कर पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। मुख्य अतिथि का संक्षिप जीवन परिचय दे उन्हे उनके उद्बोधन के लिए मंच पर आमंत्रित किया।
*उमा* ने अपने उद्बोधन में बताया जमनालाल बजाज ४ नवम्बर को जन्मे बजाज भारत के एक उद्योगपति, मानवशास्त्री एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वे महात्मा गांधी के अनुयायी थे तथा उनके बहुत करीबी व्यक्ति थे। गांधीजी ने उन्हें अपने पुत्र की तरह माना। आज भी उनके संचालित ट्रस्ट समाजसेवा के कामों में जुटा है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि *नंदिनी चौधरी* सिंगापुर ने अपने उद्बोधन में *मौलाना अबुल कलाम आजाद* की जन्म तिथि पर मंच से नमन कर उनके जीवन और कार्यों पर प्रकाश डालते हुए आईआईटी जैसे तकनीकी संस्थान की स्थापना के जनक,भारत के पहले शिक्षा मंत्री भारत रत्न महान सपूत के बताए मार्गो पर चल हर व्यक्ति को शिक्षित होने के लिए प्रेरित और जागरूक किया।
*पूनम सरिता गोयल* ने अपने उद्बोधन में अमिताभ चौधरी के बारे में बताया इन्होंने अपना एक नया साप्ताहिक स्तम्भ ‘नेपथ्य दर्शन’ शुरू किया था। उन्होंने इसकी संरचना में खुद को ‘श्री निरपेक्ष’ का नाम दिया, जिसका अर्थ है- “जो किसी पक्ष का पोषक नहीं है।” इस स्तम्भ के माध्यम से अमिताभ चौधरी ने एक से एक भेद देने वाली खोजी पत्रकारिता का उदाहरण प्रस्तुत किया।ये एक महान पत्रकार है इनके नैतिकता और ईमानदारी का मूल्य समझने वाले पत्रकार थे। पत्रकारिता के नए दौर में उन्होंने कार्य किया था। उन्होंने बांग्ला प्रेस में काम करते हुए यह सिद्धन्त अपनाया था कि चाहे वह राजनेता हो या अधिकारी, जनसेवा भाव उसमें पूर्ण निष्ठा से बना रहना चाहिए। बांग्ला के दैनिक समाचार पत्र ‘जुगांतर’ के सहायक सम्पादक पद से शुरू होकर वह जहाँ कहीं भी पहुँचे, उन्होंने अपना यह सिद्धांत बराबर बनाए रखा और इसके जरिए वे निष्ठापूर्वक नागरिक तथा समुदाय के हित में खोजी पत्रकार की भूमिका निभाते रहे। अमिताभ चौधरी की इस कर्तव्यनिष्ठा के लिए उन्हें 1961 का *मेग्सेसे पुरस्कार* प्रदान किया गया था।
*पूजा अग्रवाल* ने अपने उद्बोधन में बताया शंभू महाराज नृत्य को लय से अधिक भाव-प्रधान के महत्त्व को स्वीकार करते थे। उनकी मान्यता थी कि- भाव-विहीन लय-ताल प्रधान नृत्य मात्र एक चमत्कारपूर्ण तमाशा हो सकता है, नृत्य नहीं हो सकता। शंभू महाराज भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैली कत्थक के प्रसिद्धि प्राप्त गुरु तथा नर्तक थे। वे लखनऊ घराने से सम्बंधित थे। उनका वास्तविक नाम ‘शंभूनाथ मिश्रा’ था। नृत्य के संग ठुमरी गाकर उसके भावों को विभिन्न प्रकार से इस अदा से शंभू महाराज प्रदर्शित करते थे कि दर्शक मुग्ध हुए बिना नहीं रह सकता था। उन्हे मंच से श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
*कुसुम अग्रवाल* ने अपनी अभिव्यक्ति में जीवटराम भगवानदास कृपलानी के बारे में बताया ये महा पुरुष भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी, गांधीवादी समाजवादी, पर्यावरणवादी तथा राजनेता थे।उन्हें सम्मान से आचार्य कृपलानी कहा जाता था।भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे जब भारत को आजादी मिली। जब भावी प्रधानमंत्री के लिये कांग्रेस में मतदान हुआ तो तो सरदार पटेल के बाद सबसे अधिक मत उनको ही मिले थे। किन्तु गांधीजी के कहने पर सरदार पटेल और आचार्य कृपलानी ने अपना नाम वापस ले लिया और जवाहर लाल नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया गया।कृपलानी ने 1977 में जनता सरकार के गठन में अहम भूमिका निभायी। कृपलानी गांधीवादी दर्शन के एक प्रमुख व्याख्याता थे और उन्होंने इस विषय पर अनेक पुस्तकें लिखीं।
*वंदना अग्रवाल* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया अनसूया साराभाई भारत में स्त्री श्रम आन्दोलन की अग्रदूत थीं। उन्होने १९२०] में अहमदाबाद में मजदूर महाजन संघ की स्थापना की जो भारत के टेक्सटाइल श्रमिकों के सबसे पुराना संघ है। महिलाओं और गरीबों की भलाई के लिए काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने एक स्कूल भी खोला। उन्होंने ३६ घंटे की पारी के बाद घर लौटने वाले महिला मिल कामगारों की दयनीय स्थिति देखने के बाद श्रम आंदोलन में शामिल होने का फैसला किया।अहमदाबाद टेक्सटाइल श्रम संघ (मगर महाजन संघ) का गठन किया गया।
*पुष्पा अग्रवाल* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *कार्तिक मास की सप्तमी* के उपलक्ष में छठ व्रत को जैसे पूर्ण कर व्रत खोलते है के बारे में विस्तार से सरल शब्दों में बताया।उन्होंने भजन प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।
*गिरिजा अग्रवाल* ने अपनी अभिव्यक्ति में *कार्तिक गुरुवार* पर बताया गुरुवार को किस विधि से पूजा अर्चना कर पुण्य प्राप्त कर सकते है।उन्होंने गुरुवार की कहानी सुनाई।
*मधु अग्रवाल* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया हम भारतीय जन्म से ही संस्कारी होते है । माताएं गर्भ से महान पुरुष,मानव सेवा की गाथाएं किस्से कहानी सुनाती है जिससे जन्म के बाद राष्ट्र हित सर्वोपरि मान उसके अनुकूल ही कार्य कर इतिहास रचा जा सके।
*रेखा गर्ग* नेअपनी अभिव्यक्ति में बताया क्रांतिकारियों ने देश व धर्म की रक्षा हेतु बलिदान दिया उन सभीके बलिदान से उनके दिखाए मार्ग पर चल राष्ट्र हित के लिए कार्य करने होगे तभी हमारा उनकी जयंती या पंत तिथि मनाना सार्थक होगा।मंच से सभी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम की वरिष्ट सदस्य *मुख्य वक्ता सुलोचना धनावत* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया कार्तिक मास के पूजा आराधना कर पुण्य प्राप्ति के बारे में बताया उन्होंने पौराणिक कथा सुनाई जिससे मनुष्य सत्कर्म कर मोक्ष प्राप्त कर सके।
बरद्वार इकाई की *अध्यक्षा उषा कलानोरिया* ने अपनी भजन प्रस्तुति से पूरा डिजिटल मंच भक्तिमय बना दिया।उन्होंने प्रेरणा दायक कहानी सुनाई।
सरिया इकाई की *अध्यक्षा डिंपल अग्रवाल* ने अपने अंदाज में श्याम भजन सुनाया जिसे सुन सभी सदस्य झूमने थिरकने लगे पूरा डिजिटल मंच भक्तिमय हो गया।
*शीतल लाठ* ने स्वस्थ जीवन शैली पर प्रकाश डाल स्वस्थ रहने के किसके बताए। उन्होंने गुस्सा त्याग शांत रहने के लिए कहा।
कोरबा इकाई की *अध्यक्षा भगवती अग्रवाल* ने भजन प्रस्तुति दी।
अंबिकापुर इकाई की अध्यक्षा *श्रीमती प्रेम लता गोयल* ने आज के इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे मे बताया।
अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया गया और सभी की उपस्तिथि अभिव्यक्ति भजन प्रस्तुति के लिए आभार व्यक्त कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।
कार्यक्रम में सम्मेलन की भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, मधु अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, गिरिजा गोयल, रेखा गर्ग, मीरा अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल,शीतल लाठ,प्रेमलता गोयल, रेखा गर्ग, उमा बंसल, उषा कलानोरिया, डिंपल अग्रवाल, सुलोचना धनावत, वंदना अग्रवाल ने अपनी अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुति उपस्तिथि से कार्यक्रम को आनंदमय बना सफल बनाया।
