अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा 28/11/2021 को गूगल मीट पर *राष्ट्रीय एनसीसी दिवस, रानी सती प्रकटोसव दिवस* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम

अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़

प्रांत द्वारा विगत नौ माह से चल रहे प्रतिदान आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम की श्रृंखला में 28/11/2021 को गूगल मीट पर *राष्ट्रीय एनसीसी दिवस, रानी सती प्रकटोसव दिवस* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम की संयोजिका सरला लोहिया ने अपने निवास स्थान पर मां रानी सती दरबार सजा पूजा अर्चना आरती आराधना से कार्यक्रम का श्री गणेश किया।
डिंपल अग्रवाल ने गणेश वंदना, सुलोचना धनावत ने पितरों जी की स्तुति, पुष्पा अग्रवाल ने चुनरी, राजबाला गर्ग ने मेहंदी भजन प्रस्तुति से पूरे डिजिटल मंच को भक्ति मय बना दिया।

अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल* ने अपने उद्बोधन में *एनसीसी दिवस* पर बताया हर साल नवंबर माह के चौथे रविवार को मनाया जाता है। यह एक त्रि-सेवा,अन्तर्सेवा संगठन है, इसका आदर्श वाक्य *एकता और अनुशासन* है। एनसीसी देश के युवाओं में चरित्र, साहचर्य, अनुशासन, नेतृत्व, धर्मनिरपेक्षता, रोमांच, स्पोर्ट मैनशिप, तथा नि:स्वार्थ सेवा-भाव का संचार करना।संगठित, प्रशिक्षित एवं प्रेरित युवकों का एक मानव संसाधन तैयार करना। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करना एवं देश की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहना।एनसीसी का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। इस मुख्यालय को कमांड करने वाला अधिकारी डायरेक्टर जनरल एनसीसी कहलाता है जो लेफ्टिनेंट पद का अफसर होता है। यह सीधे भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रति उत्तरदायी होता है। महानिदेशक के अधीन भारत के विभिन्न राज्यों में उप महानिदेशक एनसीसी कार्यरत हैं, जो ब्रिगेडियर के समकक्ष पद के अफसर होते हैं। इनका मुख्यालय राज्य की राजधानी या राज्य के किसी बड़े शहर में स्थित होता है।एनसीसी का झंडा तीन रंग की, तीन समान खड़ी पट्टियों में बँटा हुआ होता है। इसमें सबसे पहले दाहिने लाल रंग की पट्टी, बीच में गहरी नीले रंग की पट्टी तथा बायें आसमानी रंग की पट्टी है जो कि क्रमशः थल सेना, नौ सेना और वायु सेना का प्रतीक है। झंडे के बीच में 16 पंखुड़ियों का बना एक चक्र है इसी चक्र के बीच में ‘NCC’ शब्द लिखा है। इसी के नीचे हिंदी भाषा में एनसीसी का आदर्श वाक्य ‘एकता और अनुशासन’ लिखा हुआ होता है।

मुख्य अतिथि *नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *स्वर्गीय तुकाराम ओम्बले* के बारे में अपनी अभिव्यक्ति में बताया भारतीय भूमि पर जन्म लेने वाले महान योद्धा में से एक तुकाराम की शौर्य गाथा को जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है हमे अपने बच्चो को ये वीर गाथाएं सुना फौलाद बनाना होगा। उन्होंने बताया तुकाराम कर्तव्य निर्वहन का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
स्वर्गीय ओम्बले सेना में नायक थे। सेना से रिटायर होने के बाद उन्होंने मुंबई पुलिस ज्वाइन की थी। चाहते तो पेंशन ले कर आराम से घर रह सकते थे। पर नहीं, वे जन्मे थे लड़ने के लिए, जीतने के लिए होते हैं कुछ योद्धा, जिनमें लड़ने की जिद्द होती है। वे कभी रिटायर नहीं होते, कभी बृद्ध नहीं होते, मृत्यु के क्षण तक युवा और योद्धा ही रहते हैं।

*प्रेमलता गोयल उपाध्यक्ष* ने मंच संचालन किया और आज के इतिहास की मुख्य घटनाओं पर प्रकाश डाला।

*उमा बंसल महासचिव कोरबा* ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया गया और सभी सदस्य को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, गिरिजा गोयल, रेखा गर्ग, मधु अग्रवाल, लक्ष्मी सिंघानिया, अनीता गोयल, सुनीता अग्रवाल, विजया डालमिया, सरिता अग्रवाल, सिया अग्रवाल, सुलोचना धनावत, सरला लोहिया, प्रेमलता गोयल, उमा बंसल,पुष्पा अग्रवाल, राजबाला अग्रवाल, सुशीला अग्रवाल, नंदिनी चौधरी, वंदना अग्रवाल व सभी सदस्य का योगदान रहा।