अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत नौ माह से प्रतिदिन आयोजित वीइर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 6/12/2021 सोमवार को *शौर्य दिवस, महापरिनिर्वाण दिवस, बृजलाल वियानी जन्मतिथि, डॉ भीमराव अंबेडकर निर्वाण दिवस, मेजर होशियार सिंह निर्वाण दिवस* पर आयोजित कार्यक्रम।
कार्यक्रम का संचालन *प्रेमलता गोयल* उपाध्यक्ष ने करते हुए कार्यक्रम का श्री गणेश अपने निवास स्थान पर शिव भगवान, गणेश भगवान के फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित, पूजा अर्चना आराधना कर गणेश वंदना और पितरों जी की स्तुति से किया।
*सरिया इकाई की अध्यक्षा डिंपल अग्रवाल* ने गणेश भजन प्रस्तुत कर सभी अतिथियों को तिलक लगा श्री फल और मनी प्लांट का पौधा भेट कर स्वागत किया।
कार्यक्रम की अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल* ने अपने उद्बोधन में *शौर्य दिवस* पर राम जी की स्तुति कर अपने उद्बोधन में बताया अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद से ही छह दिसंबर को हर साल विश्व हिन्दू परिषद और उसके सहयोगी संगठन अयोध्या समेत देश भर में शौर्य दिवस मनाते रहे हैं।बाबरी विध्वंस की 26वीं बरसी शौर्य दिवस तक सीमित नहीं रखी गई है, बल्कि इससे आगे बढ़कर मंदिर निर्माण का टारगेट पूरा करने के लिए मंच से प्रार्थना कर श्री राम जय राम जय जय राम का सामूहिक कीर्तन किया गया।
मुख्य अतिथि *नंदिनी चौधरी* ने भजन प्रस्तुति के बाद *डॉ आंबेडकर जी की पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया डॉ. आंबेडकर ने दलितों की स्थिति में सुधार लाने और उनके हक्क के लिए बहुत संघर्ष किया। छुआछूत को खत्म करने में उनकी बड़ी भूमिका थी। इसलिए उनको बौद्ध गुरु माना जाता है। उनके अनुयायियों का मानना है कि, उनके गुरु भगवान बुद्ध की तरह ही काफी प्रभावी और सदाचारी थे। उनका मानना है कि, डॉ. आंबेडकर अपने कार्यों की वजह से निर्वाण प्राप्त कर चुके हैं। यही वजह है कि उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस या महापरिनिर्वाण दिन के तौर पर मनाया जाता है।बौद्ध धर्म के अनुसार, जो निर्वाण प्राप्त करता है वह सांसारिक इच्छाओं और जीवन की पीड़ा से मुक्त होगा। साथ ही वह जीवन चक्र से मुक्त होगा यानी वह बार-बार जन्म नहीं लेगा। परिनिर्वाण बौद्ध धर्म के प्रमुख सिद्धांतों और लक्ष्यों में से एक है। इसका वस्तुत: मतलब ‘मौत के बाद निर्वाण’ है।
विशिष्ट अतिथि *सुशीला अग्रवाल शांतिनिकेतन* ने *महापरिनिर्वाण दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर एक बौद्ध गुरु थे, इसलिए उनकी पुण्यतिथि के लिए बौद्ध अवधारणा में ‘महापरिनिर्वाण’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर पूरे भारत के लाखों लोग 1 दिसंबर से मुंबई में चैत्यभूमि उनकी समाधि पर आते हैं। यहां 25 लाख से अधिक भीम अनुयायी इकट्ठा होते हैं और चैत्यभूमि स्तूप में रखे आंबेडकर के अस्थि कलश और प्रतिमा को श्रद्धांजलि देते हैं। इस दिन भारत और दुनिया भर से आंबेडकरवादी उनकी प्रतिमा के सामने श्रद्धांजलि देते हैं।भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर (डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर) की 65वीं आज पुण्यतिथि है। उनका महापरिनिर्वाण (निधन) 6 दिसंबर 1956 को हुआ था। वे भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन जातिवाद को खत्म करने और गरीबों, दलितों, पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए अर्पित किया। इसलिए आज के दिन उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
विशिष्ट अतिथि *विजया डालमिया हैदराबाद* ने कृष्ण भजन प्रस्तुत कर *बृजलाल वियाणी की जन्म तिथि* परपनी अभिव्यक्ति में बताया वियाणी जी ‘माहेश्वरी सभा’ और बरार चेम्बर ऑफ कॉमर्स की भी स्थापना की। वे गांधी जी के ‘सर्वोदय सिद्धांत’ को राष्ट्र की उन्नति का एकमात्र मार्ग मानते थे। वे इस बात पर बल देते थे कि मनुष्य के चरित्र में परिवर्तन से ही समाज में परिवर्तन आ सकता है।प्रमुख सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्त्ता थे। शिक्षा संबंधी और स्वयं सेवी संस्थाओं के वे संस्थापक थे। इन्होंने दहेज, बाल-विवाह आदि का पूरी शक्ति से विरोध किया था। बृजलाल जी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और प्रदेश विधान सभा तथा केन्द्रीय संसद के सदस्य थे।
बाराद्वार इकाई की अध्यक्षा *ऊषा कलानोरिया* ने पितरों जी का भजन प्रस्तुत कर *मेजर होशियार सिंह दहिया के निर्वाण दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया वे परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिक थे। उन्होंने भारतीय सेना में समर्पण के साथ सेवा की और ब्रिगेडियर के रूप में सेवानिवृत्त हुए। उन्हें भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
*राजबाला गर्ग* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद से ही छह दिसंबर को हर साल विश्व हिन्दू परिषद और उसके सहयोगी संगठन अयोध्या समेत देश भर में शौर्य दिवस मनाते रहे हैं।
*ममता अग्रवाल* बारद्वार ने भजन प्रस्तुत कर अपनी अभिव्यक्ति में बताया प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में जुड़कर उन्हे आध्यात्मिक पथ पर बढ़ने की मजबूती प्राप्त हुई है।
*सिया अग्रवाल, रेखा गर्ग,मंजू गोयल, पुष्पा अग्रवाल* ने भजन प्रस्तुति से पूरे मंच को भक्तिमय बना दिया।
*गिरिजा गोयल लैलूंगा* ने पूजा का महात्म बताया और इतिहास की मुख्य घटनापार प्रकाश डाला 1907 – भारत के स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित डकैती की पहली घटना चिंगरीपोटा रेलवे स्टेशन पर हुई।1992 – अयोध्या में बर्बरता की प्रतीक बाबरी मस्जिद के ढांचे का विध्वंस ।
2006 – नासा ने मार्स ग्लोबल सर्वियर द्वारा खिंचे चित्रों को सार्वजनिक किया।1896 – मध्य प्रदेश के प्रमुख सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्त्ता बृजलाल वियाणी का जन्म हुआ।1956 – भारत के सविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर का निधन हुआ।1998 – परमवीर चक्र सम्मानित भारतीय सैनिक मेजर होशियार सिंह का निधन हुआ।
कोरबा इकाई की अध्यक्षा *भगवती अग्रवाल* ने सोमवार का महात्म बता शिव पार्वती भगवान के कई प्रसंग बता, भजन सुना सामूहिक कीर्तन और *ओम नमः शिवाय* मंत्र का जाप करवाया।
*उमा बंसल महासचिव* ने आज के मुख्य समाचार पर प्रकाश सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया। सभी सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।
*सम्मेलन के सभी* सदस्य सुलोचना धनावत, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, गिरिजा गोयल, रेखा गर्ग, कुसुम अग्रवाल, उषा कलानौरिया, उमा बंसल, राजबाला गर्ग,नंदिनी चौधरी, ममता अग्रवाल,पुष्पा अग्रवाल, सुशीला अग्रवाल ने भजन प्रस्तुति से भक्तिमय वातावरण बना सभी सदस्यों को झूमने गाने के लिए प्रेरित किया। अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
