अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा 9/11/2021 मंगलवार को गूगल मीट पर *विधि सेवा दिवस, विश्व उर्दू दिवस, उत्तराखंड स्थापना दिवस, छठ पूजा विज्ञान,लाल कृष्ण आडवाणी जी की जन्म तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़

प्रांत द्वारा विगत आठ माह से चल रहे नित्य आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 9/11/2021 मंगलवार को गूगल मीट पर *विधि सेवा दिवस, विश्व उर्दू दिवस, उत्तराखंड स्थापना दिवस, छठ पूजा विज्ञान,लाल कृष्ण आडवाणी जी की जन्म तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम की अध्यक्षा *डॉ अनीता अग्रवाल* ने सभी सदस्यो, अतिथियों का डिजिटल तिलक लगा पुष्प गुच्छ मनी प्लांट भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने मां लक्ष्मी के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना आरती आराधना कर गणेश वंदना पितरों जी की स्तुति कर कार्यक्रम का श्री गणेश किया।
उन्होंने जो विज्ञान साइंसेज में पीएचडी है अपने वक्तत्व में *छठ पूजा का विज्ञान* संबंधित बाते बताई कैसे चतुर्थी को सिर्फ लौकी और भात का सेवन कर शरीर को व्रत के अनुकूल तैयार करते है, दूसरे दिन पंचमी को निर्जला व्रत के दिन गन्ने के रस व गुड़ से बनी खीर जा सेवन करते है जिससे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कसंतुला बना रहता है।
छत के लिए बनाए प्रसाद में अधिकतर कैल्शियम की मात्रा प्रचूर मात्रा में रहती है। उपवास के दौरान शरीर के नेचुरल कैल्शियम का उपभोग होता है।
पूजा का समय सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अर्घ्य रखा है ये समय में विटामिन डी प्रचूर मात्रा में रहता है।उपवास अदरक और गुड़ खा कर पूर्ण किया जाता है ये सुपाच्य होता है और शरीर भोजन के लिए तैयार किया जाता है ।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि *नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *उत्तराखंड स्थापना दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया उत्तराखंड स्‍थापना दिवस – उत्तराखंड देश के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है। जिसे पहले उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। उत्‍तराखंड को देवताओं की भूमि भी कहा जाता है। यहां हिंदुओं के कई प्रमुख स्‍थान है। यह पहला ऐसा राज्‍य है जहां पर हिंदी के बाद संस्‍कृत शब्‍द को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्‍त है। उत्तराखंड वादियों और नदियों से बसा हुआ है। उत्तराखंड जाने वालों में पिछले कुछ सालों में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इतना ही नहीं कई लोग वहां पर जाकर बसने भी लगे हैं। उत्तराखंड को अलग राज्‍य बनाने की मांग को लेकर सालों से आंदोलन जारी था। 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड अस्तित्व में आया था।उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक स्थल केदारनाथ, ऋषिकेश, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, उत्तरकाशी, देवप्रयाग, पंच प्रयाग आदि प्रमुख है। केदारनाथ चार धाम की यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्‍सा है

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि *कमलेश बोंदिया* ने *विश्व उर्दू दिवस* पर अपने उद्बोधन में बताया संगठन के अध्यक्ष डॉ सैयद अहमद खान ने एक विज्ञप्ति में बताया कि नौ नवंबर को प्रख्यात उर्दू शायर अल्लामा इकबाल की जयंती के मौके पर विश्व उर्दू दिवस मनाया जाता है।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि *रंजना गर्ग* ने *विधि सेवा दिवस* पर अपने उद्बोधन में बताया 9 नवंबर, 2020 को देश में राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस मनाया गया। इसका उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों के लोगों को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करना है।

*सरिया की अध्यक्ष डिंपल अग्रवाल* ने *कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी* पर अपनी अभिव्यक्ति में कार्तिक स्नान का महत्व बताया।कार्तिक मास के भजन सुनाए।

बरद्वार ईकाई की *अध्यक्षा उषा कलानोरिया* ने मंच से लाल कृष्ण आडवाणी जी की जन्म तिथि पर उन्हें बढ़िया प्रेषित कर उनके स्वस्थ निरोगी जीवन की मंच से शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम की वरिष्ट सदस्या *सुलोचना धनावत* ने भजन प्रस्तुति के बाद सामूहिक कीर्तन सतसंग करवा सतसंग का जीवन में महत्व बताया। उन्होंने छठ पूजा की पूरी विधि बताई।

*पुष्पा अग्रवाल* ने डा. लक्ष्मीमल सिंघवी की जन्म तिथि पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया *डा. लक्ष्मीमल सिंघवी भारतीयता के मनीषी राजदूत ऐसे ही प्रतिभावान पुरुष थे, जिन्होंने लेखन, सम्पादन, राजनेता, सांसद, अधिवक्ता से लेकर समाजसेवा आदि सभी क्षेत्रों में अपनी योग्यता का लोहा मनवाया*
ईश्वर सबको कुछ न कुछ प्रतिभा देकर भेजता है पर कुछ लोग उसे अपने परिश्रम से और अधिक तराश लेते हैं।
साहित्य के क्षेत्र में भी उनका योगदान अप्रतिम था। देश-विदेश के सैकड़ों साहित्यिक आयोजनों एवं न्यासों से वे जुड़े थे। इनके द्वारा उन्होंने जहाँ एक ओर कालजयी लेखक व कवियों का साहित्य प्रकाशित कराया, वहीं नये रचनाकारों की कृतियों को भी प्रकाश में लाये।

*प्रेमलता गोयल अंबिकापुर इकाई की अध्यक्षा* ने आज के इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में बताया।

*उमा बंसल प्रांतीय महासचिव* ने कार्यक्रम का संचालन कर सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट किया सभी की उपस्तिथि अभिव्यक्ति भजन प्रस्तुति के लिए आभार व्यक्त किया विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।

कार्यक्रम की सभी सदस्य उमा बंसल, मधु अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, सुलोचना धनावत, रेखा गर्ग, मंजू गोयल, उषा कलानोरिया, हेमलता मित्तल, गिरिजा गोयल, पूजा अग्रवाल, गंगा अग्रवाल, मंजू गोयल, प्रेमलता गोयल, रेखा गर्ग, रंजना गर्ग, वंदना अग्रवाल ने अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को भक्तिमय,आनंदमय और सफल बनाया।