अजा एकादशी और मंगलवार को भजन, कीर्तन द्वारा संपूर्ण विश्व की मंगल कामनाएं की गई

अजा एकादशी और मंगलवार को भजन, कीर्तन द्वारा संपूर्ण विश्व की मंगल कामनाएं की गई

अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत साढ़े अठारह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 23 /8/2022 मंगलवार को *चौमासा, भादो मास, अजा एकादशी, विश्व जल सप्ताह,ब्लैक रिबन दिवस, अंतर्राष्ट्रीय दिवस दास व्यापार और उसके उन्मूलन के स्मरण के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) अंतर्राष्ट्रीय दिवस, तंगुतूरी प्रकाशम, बलराम जाखड़, सायरा बानो, राजकुमार शुक्ला, रामचंद्र कृष्ण प्रभु, कृष्ण कुमार कुन्नथ, वेंकट नर सिम्हा वरदराज आयंगर जन्म तारीख और विनायकराव पटवर्धन, आरती शाह, कुलदीप नैयर, डॉ रघुवंश सहाय वर्मा, ए एन मूर्ती राव, की निधन तारीख पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल अध्यक्ष ने अपने निज निवास पर भगवान दरबार में रोली अक्षत का तिलक लगा, पुष्पार्पण, माल्यार्पण कर भाग लगा मंत्रोचार से दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रगान गाकर किया। अपने आतिथ्य उद्बोधन में उन्होंने सभी अतिथियों और उपस्थित सदस्यो का स्वागत कर अतिथियों को उनकी उपस्तिथि बहुमूल्य समय प्रदान कर अभिव्यक्ति द्वारा एक पारिवारिक परिवेश स्थापित करने के लिए साधुवाद दिया।

गणेश वंदना निमिषा गोयल, पितर वंदना परबती अग्रवाल, गुरु वंदना पूजा अग्रवाल ने प्रस्तुति दी।
लीला देई ने मंत्र पढ़ संपूर्ण विश्व की मंगल कामना की।
तारा बेरीवाल ने अपने निवास स्थान पर भगवान का दरबार सजाया किरण मित्तल ने एकादशी की कहानी सुनाई प्रतिमा गुप्ता और कुसुम अग्रवाल ने आरती उतारी तारा बेरीवाल ने भोग गया सभी ने पुष्पांजलि अर्पित कर संपूर्ण विश्व की मंगल कामनाएं की।

उषा कलानोरिया अध्यक्ष बारादवार इकाई ने कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए अजा एकादशी और मंगलवार को भजन कीर्तन का कार्यक्रम आयोजित किया। उन्होंने सभी को बारी बारी से उन्हें उनके उद्बोधन अभिव्यक्ति भजन प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया।

कार्यक्रम अध्यक्ष पुष्पा अग्रवाल अध्यक्ष रायपुर इकाई और प्रांतीय उपाध्यक्ष ने अपनी अभिव्यक्ति हर साल 23 अगस्त को अधिनायकवाद, फासीवाद, नाजीवाद आदि के अधिनायकवादी शासन के पीड़ितों के स्मरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे कुछ देशों में ब्लैक रिबन दिवस के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन “अतिवाद, असहिष्णुता और उत्पीड़न” की अस्वीकृति का भी प्रतीक है।

मुख्य अतिथि नंदिनी चौधरी सिंगापुर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया हर साल 23 अगस्त को अधिनायकवाद, फासीवाद, नाजीवाद आदि के अधिनायकवादी शासन के पीड़ितों के स्मरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे कुछ देशों में ब्लैक रिबन दिवस के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन “अतिवाद, असहिष्णुता और उत्पीड़न” की अस्वीकृति का भी प्रतीक है।

विशिष्ट अतिथि रंजना गर्ग गुजरात ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया विश्व जल सप्ताह वैश्विक जल मुद्दों और अंतर्राष्ट्रीय विकास से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए 1991 से स्टॉकहोम अंतर्राष्ट्रीय जल संस्था द्वारा आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है। विश्व जल सप्ताह 2021 का आयोजन 23-27 अगस्त तक पूरी तरह से डिजिटल प्रारूप में किया गया है।

विशिष्ट अतिथि पूजा अग्रवाल बैंगलोर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया दास व्यापार और उसके उन्मूलन के स्मरण के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) अंतर्राष्ट्रीय दिवस प्रतिवर्ष 23 अगस्त को लोगों को ट्रान्साटलांटिक दास व्यापार की त्रासदी की याद दिलाने के लिए मनाया जाता है। यह लोगों को दास व्यापार के ऐतिहासिक कारणों, इसके विधियों और परिणामों के बारे में सोचने का मौका देता है। शिक्षक दास व्यापार से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं, दास व्यापार के परिणामों और सहिष्णुता और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के बारे में लोगों को जागरूक करते हैं। दास व्यापार और उसके उन्मूलन के स्मरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस पहली बार 23 अगस्त, 1998 को कई देशों में, विशेष रूप से हैती में मनाया गया था।

मुख्य अतिथि पार्बती अग्रवाल लाऊ मुंडा उड़ीसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया दास व्यापार और उसके उन्मूलन के स्मरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस दास व्यापार और उसके उन्मूलन के स्मरण के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) अंतर्राष्ट्रीय दिवस प्रतिवर्ष 23 अगस्त को लोगों को ट्रान्साटलांटिक दास व्यापार की त्रासदी की याद दिलाने के लिए मनाया जाता है।

विशिष्ट अतिथि सबिता अग्रवाल सन पुर ओडिसा ने अपनी अभिव्यक्ति में तंगुतुरी प्रकाशम (जन्म: 23 अगस्त, 1872; मृत्यु: 20 मई, 1957) प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और आंध्र राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री थे। उनका जन्म 23 अगस्त, 1872 ई. में गुन्टूर ज़िले के कनपर्ती नामक गाँव में हुआ था। टी. प्रकाशम का पूरा नाम ‘टंगटूरी प्रकाशम’ था। अल्पायु में ही उनके पिता का देहान्त हो गया था। उन्होंने पहले मद्रास और फिर इंग्लैण्ड से बैरिस्टर की पढ़ाई की थी। इंग्लैण्ड में दो मुकदमों की पैरवी भी उन्होंने की थी, और इसी समय महात्मा गाँधी से उनका प्रथम बार साक्षात्कार हुआ। देश में व्याप्त ग़रीबी को टी. प्रकाशम ने काफ़ी क़रीब से देखा था, इसीलिए गाँधी जी के प्रथम आन्दोलन के समय उन्होंने अपनी लाखों रुपये की बैरिस्टरी का त्याग कर दिया।

सपना सराफ संयोजिका बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया बलराम जाखड़ (जन्म: 23 अगस्त, 1923; मृत्यु- 3 फ़रवरी, 2016) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष हैं। वे मध्य प्रदे राज्य के राज्यपाल भी रहे हैं। डॉ. बलराम जाखड़ ने सातवीं लोक सभा के लिए अपने सर्वप्रथम निर्वाचन के तुरन्त बाद अध्यक्ष पद प्राप्त करके अपने संसदीय जीवन की शुरूआत करने का गौरव प्राप्त किया। उन्हें लगातार दो बार लोक सभा में पूर्ण अवधि के लिए सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने जाने का अनूठा सम्मान भी प्राप्त हुआ। कृषक से राजनीतिज्ञ बने बलराम जाखड़ ने लोकसभा अध्यक्ष पद की चुनौतियों का पूरी जीवंतता से मुकाबला किया और पूर्ण गरिमा, शालीनता और निष्पक्षता से सभा की कार्रवाई का संचालन किया। उन्होंने अपने दल में सक्रिय भूमिका निभाने तथा इसके जरिए देश के सामाजिक-राजनीतिक जीवन में सक्रिय बने रहने के लिए वर्ष 1989 में अध्यक्ष पद का त्याग कर दिया।

मंजू अग्रवाल अध्यक्ष अंबिकापुर इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया सायरा बानो ( जन्म: 23 अगस्त, 1944) हिन्दी फ़िल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। बॉलीवुड में ऐसे कई सितारे हैं, जो बेशक बॉक्स-ऑफिस के लिहाज से औसत हों पर जब बात दर्शकों के बीच पैठ जमाने की हो तो वह सबसे आगे होते हैं, ऐसी ही एक अदाकारा हैं सायरा बानो। अपने समय की सबसे ख़ूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक सायरा बानो को लोग उनकी अदाकारी कम और उनकी ख़ूबसूरती के लिए ज्यादा पहचानते हैं।

सरला लोहिया अध्यक्ष राजनांदगांव इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया राजकुमार शुक्ल (जन्म: 23 अगस्त, 1875 – मृत्यु: 20 मई, 1929) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय बिहार के चंपारण के निवासी और स्वतंत्रता सेनानी थे। ये राजकुमार शुक्ल ही थे जिन्होंने गांधीजी को चंपारण आने को बाध्य किया और आने के बाद गांधीजी के बारे में मौखिक प्रचार करके सबको बताया ताकि जनमानस गांधी पर भरोसा कर सके और गांधी के नेतृत्व में आंदोलन चल सके।

निमिषा गोयल पत्थलगांव ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया रामचंद्र कृष्ण प्रभु (जन्म- 23 अगस्त, 1883, गुरुपुर कस्बा (मंगलौर के निकट); मृत्यु- 4 जनवरी, 1967) गांधी जी के अनुयाई और प्रसिद्ध पत्रकार थे। वे 1930 में नमक सत्याग्रह में गिरफ्तार हुए और जेल से छूटने पर उन्होंने फिर पत्रकारिता के पेशे को अपना लिया।

कुसुम अग्रवाल प्रांतीय सह कोषाध्यक्ष ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया कृष्णकुमार कुन्नथ (जन्म- 23 अगस्त, 1968, केरल; मृत्यु- 31 मई, 2022, कोलकाता) प्रसिद्ध भारतीय पार्श्वगायक थे। उन्हें उनके संक्षिप्त नाम ‘केके’ से अधिक जाना जाता था। वह हिंदी, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ और तमिल फिल्मों में प्रमुख गायक रहे। केके ने अपने दोस्तों के साथ एक रॉक बैंड का भी गठन किया था। मशहूर गायक किशोर कुमार और संगीत निर्देशक आर. डी. प्रधान ने केके को बहुत प्रभावित किया था। विख्यात फिल्म निर्देशक विशाल भरद्वाज ने केके को बॉलीवुड में गाने का पहला मौका दिया था। उन्होंने बॉलीवुड में अपना कार्यकाल फ़िल्म ‘माचिस’ के ‘छोड़ आये हम वो गलियाँ’ से शुरू किया। केके 31 मई, 2022 की आधी रात को कोलकाता के नजरुल मंच पर परफॉर्म कर रहे थे कि अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और कुछ ही पलों में उनकी मौत हो गई।

डिंपल अग्रवाल अध्यक्ष सरिया इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में विनायकराव पटवर्धन (जन्म: 22 जुलाई, 1898; मृत्यु: 23 अगस्त, 1975) हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के गायक थे। पं. विष्णुदिगंबर पलुस्कर के शिष्यों में विनायकराव पटवर्धन अपने समय के महान् गायक थे।

तारा बेरीवाल अध्यक्ष रायगढ़ इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया आरती साहा ( जन्म- 24 सितम्बर, 1940, कोलकाता; मृत्यु- 23 अगस्त, 1994) भारत की प्रसिद्ध महिला तैराक थीं। वे भारत तथा एशिया की ऐसी पहली महिला तैराक थीं, जिसने इंग्लिश चैनल तैरकर पार किया था। आरती साहा ने यह करनामा वर्ष 29 सितम्बर, 1959 में कर दिखाया था और 1960 में उन्हें ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया था। आरती साहा ‘पद्मश्री’ प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी थीं। उनको “हिंदुस्तानी जलपरी” कहा जाता है।

अंशु अग्रवाल पत्थलगांव ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया कुलदीप नैयर (जन्म: 14 अगस्त 1924; मृत्यु- 23 अगस्त, 2018, दिल्ली) भारत के प्रसिद्ध लेखक एवं पत्रकार थे। भारत सरकार के प्रेस सूचना अधिकारी के पद पर कई वर्षों तक कार्य करने के बाद वे यू. एन. आई, पी. आई. बी. ‘द स्टैट्समैनं ‘इण्डियन एक्सप्रेस’ के साथ लम्बे समय तक जुड़े रहे। कुलदीप नैयर 25 वर्षों तक ‘द टाइम्स’ लन्दन के संवाददाता भी रहे।

कीर्ति अग्रवाल कोरबा ने अपनी अभिव्यक्ति में डॉ. रघुवंश सहाय वर्मा (30 जून, 1921; मृत्यु- 23 अगस्त, 2013) हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं आलोचक थे। वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष तथा ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज’, शिमला के फेलो रहे। डॉ. रघुवंश दोनों हाथों से अपंग थे, लेकिन फिर भी इस अपंगता को उन्होंने अपनी कमज़ोरी नहीं बनने दिया। वह पैरों से लिखते थे। वे निरंतर पैरों से लिखते रहे और इतना लिख दिया कि उन्हें कई सम्मान और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

मधु मित्तल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया ए. एन. मूर्ति राव (जन्म- 16 जून, 1900; मृत्यु- 23 अगस्त, 2003) कन्नड़ भाषा के विख्यात साहित्यकार थे।इनके द्वारा रचित एक संस्मरण ‘चित्रगळु पत्रगळु’ के लिये उन्हें सन 1979 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
ए. एन. मूर्ति राव अपने नास्तिक विचारों और लेखन के लिए लोकप्रिय थे।उन्होंने नाटक और लघु कथाएँ आदि भी लिखी हैं। इसके अलावा वह कन्नड़ और संस्कृति विभाग के पहले निदेशक थे, जिसका नेतृत्व केंगल हनुमंतैया ने किया था।

भगवती अग्रवाल अध्यक्ष कोरबा इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया अजा एकादशी या ‘कामिका एकादशी’ का व्रत भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की एकादशी को किया जाता है। इस एकादशी के दिन किया जाने वाला व्रत समस्त पापों और कष्टों को नष्ट करके हर प्रकार की सुख-समृद्धि प्रदान करता है। अजा एकादशी के व्रत को करने से पूर्वजन्म की बाधाएँ दूर हो जाती हैं। इस एकादशी को ‘जया एकादशी’ तथा ‘कामिका एकादशी’ भी कहते हैं। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु के ‘उपेन्द्र’ स्वरूप की पूजा अराधना की जाती है तथा रात्रि जागरण किया जाता है। इस पवित्र एकादशी के फल लोक और परलोक दोनों में उत्तम कहे गये है। अजा एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को हज़ार गौदान करने के समान फल प्राप्त होते हैं। व्यक्ति द्वारा जाने-अनजाने में किए गये सभी पाप समाप्त होते है और जीवन में सुख-समृ्द्धि दोनों उसे प्राप्ति होती हैं।

शीतल लाठ प्रांतीय योग प्रभारी बिलासपुर इकाई की अध्यक्ष ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया वेंकटनरसिम्हा वरदराज आयंगर (जन्म- 23 अगस्त, 1902; मृत्यु- 22 फ़रवरी, 1978) भारतीय रिज़र्व बैंक के छठे गवर्नर थे। इनका कार्यकाल 1 मार्च 1957 से 28 फ़रवरी 1962 तक रहा। अपनी नियुक्ति के पूर्व वह भारतीय सिविल सेवा के सदस्य और भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं।

पुष्पा राटेरिया ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया कुलदीप नैयर (जन्म: 14 अगस्त 1924; मृत्यु- 23 अगस्त, 2018, दिल्ली) भारत के प्रसिद्ध लेखक एवं पत्रकार थे। भारत सरकार के प्रेस सूचना अधिकारी के पद पर कई वर्षों तक कार्य करने के बाद वे यू. एन. आई, पी. आई. बी. ‘द स्टैट्समैनं ‘इण्डियन एक्सप्रेस’ के साथ लम्बे समय तक जुड़े रहे। कुलदीप नैयर 25 वर्षों तक ‘द टाइम्स’ लन्दन के संवाददाता भी रहे।

निशा गोयल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया विनायकराव पटवर्धन (जन्म: 22 जुलाई, 1898; मृत्यु: 23 अगस्त, 1975) हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के गायक थे। पं. विष्णुदिगंबर पलुस्कर के शिष्यों में विनायकराव पटवर्धन अपने समय के महान् गायक थे।

उपमा अग्रवाल प्रांतीय संयोजक बेटी मेरी शान ने सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर आभार प्रदर्शन कर उनके उद्बोधन को ज्ञानवर्धक बताया।

सुलोचना धनावत प्रचार प्रसार प्रभारी ने संपूर्ण विश्व कल्याण की भावना से कल्याण मंत्र द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।

कार्यक्रम में नंदिनी चौधरी, मीना गोयल, मीना मित्तल, रजनी जिंदल, पूजा अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, तारा बेरीवाल, सरला लोहिया, पार्बती अग्रवाल, सपना सराफ, उषा कलानोरिया, प्रतिमा गुप्ता, राजकुमारी गुप्ता, यशोदा गुप्ता, कीर्ति अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, मधु मित्तल, निशा गोयल, निमिषा गोयल, लक्ष्मी गोयल, लक्ष्मी अग्रवाल, पुष्पा रातेरिया, रजनी जिंदल, किरण अग्रवाल, लक्ष्मी अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, उपमा अग्रवाल, हेमलता बंसल, शीतल लाठ, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, सुलोचना धनावत,कीर्ति अग्रवाल, सविता अग्रवाल, पार्वती अग्रवाल, प्रतिमा गुप्ता, तारा बेरीवाल, पूजा अग्रवाल, रेखा गर्ग, लक्ष्मी गोयल, संतोषी अग्रवाल, किरन मित्तल, ओम लता अग्रवाल, सपना सराफ, लीला देवी आशा अग्रवाल ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।