अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत दस माह से प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में गूगल मीट पर *विश्व पर्वत दिवस, विश्व बाल कोश दिवस, यूनिसेफ डे,संत ज्ञानेश्वर समाधि दिवस, मंगसीर नवमी* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़

प्रांत द्वारा विगत दस माह से प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में गूगल मीट पर *विश्व पर्वत दिवस, विश्व बाल कोश दिवस, यूनिसेफ डे,संत ज्ञानेश्वर समाधि दिवस, मंगसीर नवमी* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम का संचालन *प्रेमलता गोयल* उपाध्यक्ष ने करते हुए कार्यक्रम का श्री गणेश अपने निवास स्थान पर शिव भगवान, गणेश भगवान के फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित, पूजा अर्चना आरती आराधना कर गणेश वंदना और पितरों जी की स्तुति से किया।
*डिंपल अग्रवाल* ने सभी अतिथियों को तिलक लगा श्री फल और मनी प्लांट का पौधा भेट कर स्वागत किया।उनका संक्षिप्त जीवन परिचय दे उन्हे उनके उद्बोधन के लिए बारी बारी से डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल* ने *अंतराष्ट्रीय पर्वत दिवस* पर अपने उद्बोधन में बताया पार्वती के सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।बच्चों और लोगों को ताजे पानी, स्वच्छ ऊर्जा, भोजन और मनोरंजन प्रदान करने में पहाड़ों की भूमिका के बारे में शिक्षित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाया जाता है। उन्होंने 2021 के विषय “सतत पर्वतीय पर्यटन” है पर विस्तार से सरल भाषा में बताया।

मुख्य अतिथि *नंदिनी चौधरी* ने *यूनिसेफ दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया दुनिया भर के बच्चों और किशोरों की हेल्थ, एजुकेशन, उनके अधिकार और जीवन की रक्षा करने के उद्येश्य से यह दिवस मनाया जाता है। यूनीसेफ डे ,संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष के लिए खड़ा है । दुनिया भर में यूनिसेफ दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 11 दिसंबर, 1946 को यूनिसेफ का गठन वर्ल्ड वार-II के कारण हताहत हुए बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और सामान्य कल्याण में सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष के रूप में किया गया था।

विशिष्ट अतिथि *सुशीला अग्रवाल कोलकत्ता* ने *संत ज्ञानेश्वर समाधि दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया संत ज्ञानेश्वर महाराज की गणना देश के महान संतों और मराठी कवियों में होती है. वे संत नामदेव के समकालीन थे. संत ज्ञानेश्वर महाराज के 725वें संजीवन समाधि दिवस पर आप उनके इन महान मराठी विचारों को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर कर सकते हैं. उनके इन महान विचारों से जीवन को जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाने की प्रेरणा ली जा सकती है।

विशिष्ट अतिथि *विजया डालमिया हैदराबाद* ने *विश्व बाल कोष दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया संयुक्त राष्ट्र बाल कोष यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रेंस फण्ड यूनीसेफ की स्थापना का आरंभिक उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध में नष्ट हुए राष्ट्रों के बच्चों को खाना और स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना था। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 11 दिसम्बर 1946 को की थी। 1953 में यूनीसेफ, संयुक्त राष्ट्र का स्थाई सदस्य बन गया। उस समय इसका नाम यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रेंस फण्ड की जगह यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रेंस फण्ड कर दिया गया।इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क राम भगत द्वारा निर्मित में है। वर्तमान में इसके मुखिया ऐन वेनेमन है। यूनीसेफ को 1965 में उसके बेहतर कार्य के लिए शांति के क्षेत्र मेंनोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 1989 में संगठन को इन्दिरा गान्धी शान्ति पुरस्कार भी प्रदान किया गया था।इसके 120 से अधिक शहरों में कार्यालय हैं और 190 से अधिक स्थानों पर इसके कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्तमान में यूनीसेफ फण्ड एकत्रित करने के लिए विश्व स्तरीय एथलीट और टीमों की सहायता लेता है।

*सीमा गुप्ता* ने मंगसीर माह की नवमी का महात्म बता पौराणिक कथा सुनाई।उन्होंने भजन प्रस्तुति पेश की।

*भगवती अग्रवाल* ने शनिवार का महात्म बता शनि भगवान के कई प्रसंग बता, भजन सुना सामूहिक कीर्तन और *ओम शनिचराय नमः* मंत्र का जाप करवाया।

*उमा बंसल महासचिव* ने आज के मुख्य समाचार पर प्रकाश सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया। सभी सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।

*सम्मेलन के सभी* सदस्य सुलोचना धनावत, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, गिरिजा गोयल, रेखा गर्ग, मधु अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, उषा कलानौरिया, उमा बंसल, राजबाला गर्ग, निशा गोयल, नंदिनी चौधरी, पुष्पा अग्रवाल, सुशीला अग्रवाल ने भजन प्रस्तुति से भक्तिमय वातावरण बना सभी सदस्यों को झूमने गाने के लिए प्रेरित किया। अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।