किसान हत्या को मजबूर, बेचा गया धान का पैसा नहीं मिला : आभा तिवारी*

राजनांदगांव किसान हताश निराश है कर्ज के बोझ तले दबी है जिला भाजपा मंत्री आभा तिवारी ने किसानों पर हो रहे अत्याचार को उजागर करते हुए छत्तीसगढ़ भूपेश सरकार की पोल खोली बताया कि किसान कर्जा लेकर के खेती करता है और समर्थन मूल्य में धान बेचने के लिए सोसाइटी जाता है और धान भेजता है तो बेचा गया धान का पैसा उसे नहीं मिलता धान तो लिया जाता है बोरा भी ले लेते हैं । मगर किसान को केवल एक कागज उसे थमा दिया जाता है कहा जाता है कि बैंकों में पता लगाओ। जब किसान बैंक जाता है तो बैंक से पता चलता है कि उसका बेचा गया धान का पैसा नहीं आया है किसान दर-दर ठोकर खाकर फिर सोसाइटी में पता करता है तो पता चलता है की जो 10 तारीख को धान बेचा था वह किसी टेक्निकल फॉल्ट के कारण उसके खाते में पैसा नहीं आया है। आज 17 दिन हो गए मगर उसके खाते में पैसा नहीं आया है आभा तिवारी ने बताया कि जिन किसानों ने 17 तारीख को धान बेचा था उन किसानों के खाते में पैसे आए हैं मगर जो 10 तारीख को किसानों ने धान बेचा वह जिले भर के किसान के पैसे अब तक नहीं पहुंचे हैं यह जानकारी प्रमुख अधिकारियों ने मुझे बताएं।। मैं खुद इसका कारण जानने के लिए जिज्ञासु हुई लेकिन उन अधिकारियों को भी समझ नहीं आ रहा है कि आखिर टेक्निकल फॉल्ट कैसे हुआ। मुझे शक हो रहा है छत्तीसगढ़ सरकार के ऊपर कि कहीं वह अवैध धान खरीदी का काम तो नहीं की होगी या फिर कई आंकड़े छुपाने और उजागर करने के चक्कर में कुछ घालमेल तो नहीं हुआ होगा।। छत्तीसगढ़ भूपेश सरकार शक के दायरे में आखिर किसानों को आज 17 दिन हो गए उन्हें पैसा क्यों नहीं दिया गया कर्ज से लदे किसान वह अपना कर्ज कैसे चुकाएंगे उन पर तो ऋण भी दोगुना चढ़ जाएगा व्यापारी भी किसानों से अपना पैसा मांग रहे हैं जिन्होंने बैंक से कर्ज नहीं लिया। आखिर क्यों भूपेश सरकार किसानों को खून के आंसू रुलाने में मजबूर हो रही है ? कहीं ऐसा तो नहीं इन किसानों का पैसा यूपी के चुनाव खर्चों में लगाया जा रहा है और जिले के राजनांदगांव निगम क्षेत्र में भी उन पैसों का उपयोग हुआ होगा। किसानों के अंदर अनेक सवाल है कि जिन सरकार को हमने किसान हितैषी सोचकर चुना था वह किसानों की दुश्मन बन बैठी है।। पिछला का किस्त भी अब तक नहीं आया है कट्टा में भी कटौती और जो बेचे गए धान उसका पैसा भी नहीं दी गई।