अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़
प्रांत द्वारा विगत ग्यारह माह से प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में 27/12/2021 सोमवार को गूगल मीट पर *अंतराष्ट्रीय महामारी तैयारी दिवस,वैज्ञानिक लुईस पास्टर, सैनिक अल्बर्ट एक्का, राजनीतिज्ञ नित्यानंद स्वामी, गलीब जन्म तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम की संचालन कर्ता *सुलोचना धनावत* ने कार्यक्रम का श्री गणेश अपने निवास स्थान पर रानी सती मां के फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित, पूजा अर्चना आरती आराधना कर गणेश वंदना और पितरों जी की स्तुति से किया। उन्होंने जीवन में सतसंग का महत्व बताया।
*सरिता अग्रवाल* ने सोमवार का महत्व बता शंकर पार्वती जी की कथा सुना गणेश वंदना भजन प्रस्तुत किया।
बाराद्वार इकाई की अध्यक्षा *उषा कलानौरिया* ने पितरों की कृपा के बारे में बता पितरों जी महाराज का भजन कर उनका आशीर्वाद की कामना की।
कोरबा इकाई की अध्यक्षा *भगवती अग्रवाल* ने सभी अतिथियों को तिलक लगा श्री फल और तुलसी मां का पौधा भेट कर स्वागत किया।
रायपुर इकाई की अध्यक्षा *पुष्पा अग्रवाल* ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि का संक्षिप्त जीवन परिचय दे उन्हे उनके उद्बोधन के लिए बारी बारी से डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल* ने *अंतराष्ट्रीय महामारी तैयारी दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया महामारी तैयारी दिवस संयुक्त राष्ट्र दिनांक 27 दिसम्बर को पहला अंतर्राष्ट्रीय महामारी तैयारी दिवस मना रहा है। इस दिवस को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दी। इस दिवस को मनाने के लिए हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव को मंज़ूरी दी थी। यह दिवस का उद्देश्य सूचनाओं के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना, वैज्ञानिक ज्ञान का प्रसार और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान सुनिश्चित करना है। इससे भविष्य में COVID-19 जैसी परिस्थितियों को रोकने में मदद मिलेगी।महामारी में ज्यादातर संक्रामक रोग शामिल हैं। इसमें कैंसर और हृदय रोग और अन्य गैर-संचारी रोग शामिल नहीं हैं। एक महामारी वह बीमारी है जो कम समय के भीतर बड़े पैमाने पर लोगों में तेजी से फैलती है।यह दिवस मनाने से महामारी रोकने के लिए सावधान कर जागरूक करने का है।
मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता *नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *गालिब जन्म जयंती* पर अपने उद्बोधन में बताया मिर्ज़ा असदुल्लाह बेग ख़ान, जो अपने तख़ल्लुस ग़ालिब से जाने जाते हैं, उर्दू एवं फ़ारसी भाषा के एक महान शायर थे। इनको उर्दू भाषा का सर्वकालिक महान शायर माना जाता है और फ़ारसी कविता के प्रवाह को हिन्दुस्तानी जबान में लोकप्रिय करवाने का श्रेय भी इनको दिया जाता है। यद्दपि इससे पहले के वर्षो में मीर तक़ी “मीर” भी इसी वजह से जाने जाता है। ग़ालिब के लिखे पत्र, जो उस समय प्रकाशित नहीं हुए थे, को भी उर्दू लेखन का महत्वपूर्ण दस्तावेज़ माना जाता है। ग़ालिब को भारत और पाकिस्तान में एक महत्वपूर्ण कवि के रूप में जाना जाता है। उन्हे दबीर-उल-मुल्क और नज़्म-उद-दौला का ख़िताब मिला।
विशिष्ट अतिथि *विजया डालमिया हैदराबाद* ने *लुईस पास्टर जन्म जयंती* पर अपने उद्बोधन में बताया लुई पाश्चर एक फ़्रांसिसी चिकित्साविद और वैज्ञानिक थे जिन्होंने अपनी वैज्ञानिकों खोजो के द्वारा बीमारी के दौरान घाव उत्पन्न होने की स्थिति में जो असहनीय पीड़ा होती है उससे मुक्ति दिलाकर एक बड़ी मानव सेवा ही की थी। 19वी शताब्दी के जिन विशिष्ठ वैज्ञानिकों में उन्हें गिना जाता है। एक फ्रांसीसी था रसायनज्ञ और विज्ञानियों के सिद्धांतों की अपनी खोजों के लिए प्रसिद्ध टीकाकरण , माइक्रोबियल किण्वन , और पाश्चराइजेशन । रसायन विज्ञान में उनके शोध ने रोगों के कारणों और रोकथाम की समझ में उल्लेखनीय सफलता हासिल की , जिसने स्वच्छता, सार्वजनिक स्वास्थ्य और आधुनिक चिकित्सा की नींव रखी रेबीज और एंथ्रेक्स के टीकों के विकास के माध्यम से उनके कार्यों को लाखों लोगों की जान बचाने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक के संस्थापकों में से एक माना जाता है जीवाणु और “जीवाणु के पिता” के रूप में सम्मानित किया गया है और “के पिता के रूप सूक्ष्म जीव विज्ञान ” (एक साथ के साथ रॉबर्ट कोच और बाद के विशेषण का श्रेय एंटोनी वैन लीउवेनहोएक को भी दिया गया।
विशिष्ट अतिथि *सुशीला अग्रवाल शांतिनिकेतन* ने *अल्बर्ट एक्का जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया लांस नायक अलबर्ट एक्का एक भारतीय सैनिक थे जो भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971 में हिली की लड़ाई में वीरगति को प्राप्त हो गए थे। इन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
*प्रीति मोदी* ने *अल्बर्ट एक्का* पर अपने उद्बोधन में बताया अलबर्ट एक्का का जन्म 27 दिसम्बर, 1942 को झारखंड के गुमला जिला के डुमरी ब्लाक के जरी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम जूलियस एक्का और माँ का नाम मरियम एक्का था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सी. सी. स्कूल पटराटोली से की थी और माध्यमिक परीक्षा भिखमपुर मिडल स्कूल से पास की थी। इनका जन्म स्थल जरी गांव चैनपुर तहसील में पड़ने वाला एक आदिवासी क्षेत्र है जो झारखण्ड राज्य का हिस्सा है। एल्बर्ट की दिली इच्छा फौज में जाने की थी, जो दिसंबर 1962 को पूरी हुई। उन्होंने फौज में बिहार रेजिमेंट से अपना कार्य शुरू किया। बाद में जब 14 गार्ड्स का गठन हुआ, तब एल्बर्ट अपने कुछ साथियों के साथ वहाँ स्थानांतरित कर किए गए। एल्बर्ट एक अच्छे योद्धा तो थे ही, यह हॉकी के भी अच्छे खिलाड़ी थे। इनके अनुशासन का ही प्रभाव था कि ट्रेनिंग के ही दौरान एल्बर्ट एक्का को लांस नायक बना दिया गया था।
*कुसुम अग्रवाल* ने *स्वामी नित्यानंद स्वामी जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया नित्यानन्द स्वामी भारत के उत्तराखण्ड राज्य के भूतपूर्व मुख्यमन्त्री हैं। उनके शासनकाल में उत्तराखण्ड का नाम उत्तरांचल था। वे राज्य के प्रथम मुख्यमन्त्री थे और उनका शासनकाल ९ नवम्बर, २००० से लेकर २९ अक्टूबर, २००१ तक चला। इनका जन्म २७ दिसंबर, १९२७ को हरियाणा राज्य में हुआ था, लेकिन उन्होनें अपना लगभग सारा जीवन देहरादून में बिताया जहाँ पर उनके पिता भारतीय वानिकी संस्थान में कार्यरत थे। उनका विवाह चन्द्रकान्ता स्वामी से हुआ और उनकी चार बेटियाँ हैं। कम आयु में ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम से जुड़ गए और देहरादून में उन्होंने स्थानीय विरोधों में भागीदारी की।
*पूजा अग्रवाल* ने *स्वामी नित्यानंद जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया ये पेशे से एक वकील हैं और जन संघ से जुड़कर उन्होनें सक्रीय राजनीति में प्रवेश किया। व्यावसायिक रूप से वकील, स्वामी ने जनसंघ के अन्तर्गत सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। नित्यानन्द पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गए और बाद में भारतीय जनता पार्टी में पहुँचे हैं। राजनीति की सीढ़ी चढ़कर, वह गढ़वाल और कुमाऊँ के सबसे बड़े (क्षेत्र-वार) स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद में चुने गए। वह १९९१ में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के उपाध्यक्ष बने और १९९२ में सर्वसम्मति से उसी के अध्यक्ष चुने गए। वर्ष २००० में उत्तरांचल (अब उत्तराखण्ड) के पृथक राज्य बनने पर, भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें नए राज्य के मुख्यमन्त्री का पदभार सम्भालने के लिए कहा। उन्होने ९ नवम्बर २००० से २९ अक्टूबर २००१ तक पदभार ग्रहण किया और फिर भाजपा के कहने पर भगत सिंह कोश्यारी के पक्ष में स्वेछिक पदत्याग किया।तबसे लेकर वे अपने निवास चुनावक्षेत्र लक्ष्मण चौक (देहरादून नगर) से राज्य विधानसभा के लिए दो चुनाव लड़ चुके हैं (२००२ और २००७ में), पर दोनों ही में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दिनेश अग्रवाल से हार गए। तथापि स्वामी एक सक्रीय राजनीतिज्ञ हैं और अपनी पार्टी के सक्रीय सदस्य हैं।
*गिरिजा गोयल* ने आज के मुख्य समाचार की मुख्य घटना पर प्रकाश डाला।1797- प्रसिद्ध उर्दू कवि मिर्जा गालिब का उत्तर प्रदेश के आगरा में जन्म.
1861- कलकत्ता (अब कोलकाता) में पहली बार चाय की सार्वजनिक बोली संपन्न.
1911- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में पहली बार ‘जन गण मन’ गाया गया.
1934- पर्सिया के शाह ने ‘पर्सिया’ का नाम बदलकर ‘ईरान’ करने की घोषणा की.
1939- तुर्की में भूकंप से लगभग 40,000 लोगों की मौत हुई.
1945- 29 सदस्य देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना की गयी.
1960- फ्रांस ने परमाणु परीक्षण किया.
1972- उत्तरी कोरिया में नया संविधान लागू हुआ.
1975- धनबाद के चासनाला कोयला खदान दुर्घटना में 372 लोगों की मौत हुई.
1979- सोवियत सेना ने अफगानिस्तान पर हमला किया.
1985- यूरोप के विएना और रोम हवाई अड्डों पर चरमपंथी हमले में 16 लोग मारे गये और सौ से ज्यादा घायल हुए.
2002- पहले मानव क्लोन ईव का संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्म लिया.
2007- रावलपिंडी के पास पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की गोली मारकर हत्या।
*आरुषि अग्रवाल* ने बताया आज के दिन ही 29 सदस्य देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना हुई। इस संस्था का उद्देश्य विदेशी मुद्रा के मूल्यों को स्थिर रखना, वाणिज्य विकास और प्रगति को सुचारू बनाना आदि है।
*बिलासपुर इकाई की अध्यक्षा शीतल लाठ* ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया
*अनीता अग्रवाल* ने सभी सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।
भगवती अग्रवाल, गिरिजा गोयल, उषा कलानौरिया, सिया अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, उमा बंसल, सुलोचना धनावत, भगवती अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, नंदिनी चौधरी, सरिता गोयल, सुनीता गोयल, मंजू गोयल, पूजा अग्रवाल, राजबाला गर्ग, रेखा गर्ग, निशा गोयल, राखी गोयल, राखी गर्ग, शीतल लाठ, सुशीला अग्रवाल, विजया डालमिया,हेमलता बंसल, आरुषि अग्रवाल, प्रीति मोदी, निशा गोयल, सरिता अग्रवाल,गंगा अग्रवाल, धीरज अग्रवाल, अनीता अग्रवाल कोरबा ने भजन प्रस्तुति से भक्तिमय वातावरण बना सभी सदस्यों को झूमने गाने के लिए प्रेरित किया। अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
