अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा 26/12/2021 रविवार को गूगल मीट पर *वनयोगी बालासाहब देशपाण्डे, बाबा आमटे, सुभाष बाबू की सहधर्मिणी एमिली शैंकल बोस, ध्येयवादी पत्रकार बाबू राव ठाकुर, स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद ऊधम सिंह, पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

*जीवन को निखारने के लिए स्वयं से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए मधु पांडे अधिवक्ता अंतराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी*

अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत ग्यारह माह से प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में 26/12/2021 रविवार को गूगल मीट पर *वनयोगी बालासाहब देशपाण्डे, बाबा आमटे, सुभाष बाबू की सहधर्मिणी एमिली शैंकल बोस, ध्येयवादी पत्रकार बाबू राव ठाकुर, स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद ऊधम सिंह, विद्यानंद जी महाराज जन्म तिथि, क्रांतिकारी भूपेंद्र नाथ दत्त, गोपीचंद भार्गव, लेखक यशपाल, बिना दास पुण्य तिथि, वीर जोरावर सिंह, वीर फतेह सिंह बलिदान दिवस* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम की संयोजिका और संचालन कर्ता *भगवती अग्रवाल* ने कार्यक्रम का श्री गणेश अपने निवास स्थान पर विष्णु भगवान के फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित, पूजा अर्चना आरती आराधना कर गणेश वंदना और पितरों जी की स्तुति से किया। उन्होंने जीवन में सतसंग का महत्व बताया।

सरिया इकाई की अध्यक्षा *डिंपल अग्रवाल* ने रविवार का महत्व बता सूर्य भगवान जी की कथा सुना गणेश वंदना भजन प्रस्तुत किया।

बाराद्वार इकाई की अध्यक्षा *उषा कलानौरिया* ने पितरों की कृपा के बारे में बता पितरों जी महाराज का भजन कर उनका आशीर्वाद की कामना की।

कोरबा इकाई की अध्यक्षा *भगवती अग्रवाल* ने सभी अतिथियों को तिलक लगा श्री फल और तुलसी मां का पौधा भेट कर स्वागत किया।

रायपुर इकाई की अध्यक्षा *पुष्पा अग्रवाल* ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि का संक्षिप्त जीवन परिचय दे उन्हे उनके उद्बोधन के लिए बारी बारी से डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल* ने *बाबा आमटे जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया डॉ॰ मुरलीधर देवीदास आमटे जो कि बाबा आमटे के नाम से ख्यात हैं, भारत के प्रमुख व सम्मानित समाजसेवी थे। समाज से परित्यक्त लोगों और कुष्ठ रोगियों के लिये उन्होंने अनेक आश्रमों और समुदायों की स्थापना की। इनमें चन्द्रपुर, महाराष्ट्र स्थित आनंदवन का नाम प्रसिद्ध है। इसके अतिरिक्त आमटे ने अनेक अन्य सामाजिक कार्यों, जिनमें वन्य जीवन संरक्षण तथा नर्मदा बचाओ आंदोलन प्रमुख हैं, के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया। 9 फ़रवरी 2008 को बाबा का 94 साल की आयु में चन्द्रपुर जिले के वड़ोरा स्थित अपने निवास में निधन हो गया।

मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता *मधु पांडे अधिवक्ता अंतराष्ट्रीय बैडमिंटन में भारत का प्रतिनिधित्व* ने अपने उद्बोधन में महिलाओं से संबंधित कानून और खिलाड़ी भावना के बारे में विस्तार से बताया।

विशिष्ट अतिथि *नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *वनयोगी बालासाहब देशपाण्डे जन्म-दिवस* पर अपने उद्बोधन में बताया आज से लगभग सत्तर साल पहले जशपुर का वनवासी अंचल जब अशिक्षा, निर्धनता, बेकारी झेल रहा था और ईसाई मिशनरियां इसका फ़ायदा उठाकर उन्हें बेरोकटोक षड़यंत्रपूर्वक धर्मांतरित कर रही थी तब एक युवा वहाँ नौकरी करने आया था, जब उसने यह सब देखा तो नौकरी छोड़कर निर्धन एवं अशिक्षित वनवासियों का संकल्प लेकर वहीं बस गया और जीविकोपार्जन के लिए जशपुर में वकालत का पेशा प्रारंभ किया।
उस युवा का नाम रमाकान्त केशव बालासाहब देशपांडे था, उनका जन्म अमरावती (महाराष्ट्र) में श्री केशव देशपांडे के घर में 26 दिसम्बर, 1913 को हुआ।

विशिष्ट अतिथि *विजया डालमिया हैदराबाद* ने *एमिली शेंकल बोस जन्म जयंती* पर अपने उद्बोधन में बताया एमिली शेंकल भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी नेता सुभाष चन्द्र बोस की सहयोगी (प्राइवेट सेक्रेटरी) थी जिसके साथ बाद में बोस ने आस्ट्रिया में भारतीय रीति-रिवाज़ से विवाह कर लिया। एमिली और बोस की एकमात्र जीवित सन्तान अनिता बोस फाफ है। जब सुभाष के भाई शरत चन्द्र बोस 1948 में वियेना गये थे तो एमिली ने उनका भावपूर्ण स्वागत किया था। एमिली तो अब नहीं रहीं परन्तु उनकी पुत्री अनिता कभी कभार भारत भ्रमण के बहाने अपने पिता के परिवार जनों से मिलने कोलकाता आ जाती हैं।

विशिष्ट अतिथि *सुशीला अग्रवाल शांतिनिकेतन* ने *ध्येयवादी पत्रकार समाजसेवी, सामाजिक कार्यकर्ता बाबू राव ठाकुर* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया नाम कर्नाटक में प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र तरुण भारत के संपादक बाबुराव धोड़ेपंत ठाकुर एक सत्यान्वेषी विद्वान पत्रकार थे। उन्हें हर कष्ट सहे परंतु अपना अध्याय नहीं खोया। समाजसेवा इनके अंदर कूट-कूट कर भरी थी किशोरावस्था में अपने मित्रों के साथ मिलकर भारत वैभव समाज संस्था का स्थापना की संस्था के माध्यम से शिक्षा की नई ज्योत जलाई प्रोनों एवं निर्धनों के लिए रात्रि कालीन कक्षाएं चलाकर शिक्षा का ज्ञान दीया। समाचार पत्र को आजीविका का साधन ना मानकर संघर्ष का सफल साधन और आज की आशा आकांक्षाओं का सच्चा दर्पण मानते थे।

*निशा गोयल* ने *स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद ऊधम सिंह जन्म जयंती* पर अपने उद्बोधन में बताया उधम सिंह भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के महान सेनानी एवं क्रान्तिकारी थे।उन्होंने जलियांवाला बाग कांड के समय पंजाब के गर्वनर जनरल रहे माइकल ओ’ ड्वायर को लन्दन में जाकर गोली मारी थी। कई इतिहासकारों का मानना है कि यह हत्याकाण्ड ओ’ ड्वायर व अन्य ब्रिटिश अधिकारियों का एक सुनियोजित षड्यंत्र था, जो पंजाब प्रांत पर नियन्त्रण बनाने के लिये किया गया था।

*कुसुम अग्रवाल* ने *प्रसिद्ध संत महात्मा विद्यानंद महाराज जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया स्वामी विद्यानंद जी महाराज प्रसिद्ध संत-महात्माओं में से एक हैं। इन पर स्वामी श्री केशवानन्द जी महाराज की विशेष कृपा थी। ये स्वभाव से अत्यन्त सरल और कर्मशील माने जाते हैं।स्वामी केशवानन्द जी महाराज ने सत्यानंद जी को अपना शिष्य बनाया, परन्तु वह अधिक दिनों तक नहीं रह पाये और माँ के चरणों में लीन हो गये। उस समय स्वामी नित्यानंद जी महाराज विद्यमान थे। उन्होंने भी स्वामी केशवानंद जी महाराज से दीक्षा ग्रहण की। स्वामी नित्यानंद जी महाराज माँ की सेवा अनन्य भक्ति से किया करते थे। स्वामी श्री केशवाननद जी महाराज के परम भक्त श्री विश्म्भर दयाल जी और उनकी पत्नी श्रीमती रामप्यारी देवी जी, जो प्रतिदिन महाराज जी के दर्शन करने आया करते थे, ‘मां’ की भक्ति के साथ-साथ गुरु महाराज स्वामी श्री केशवानंद जी के भी कृपा पात्र हो गये। श्री विश्म्भर दयाल जी के छह पुत्र थे, इन छह पुत्रों पर महाराज का आशीर्वाद सदा विद्यमान रहा। परन्तु चतुर्थ पुत्र पर उनकी कृपा दृष्टि अत्यधिक रही और ‘विधुभूषण’ नामक यह बालक आज स्वामी विद्यानंद जी महाराज के नाम से जाने जाते हैं।

*पूजा अग्रवाल* ने *भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रसिद्ध क्रांतिकारी, लेखक तथा समाजशास्त्री भूपेंद्रनाथ दत्त पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया डॉ भूपेंद्रनाथ दत्त भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रसिद्ध क्रांतिकारी तथा समाजशास्त्री थे। अपने युवाकाल में वे युगान्तर आन्दोलन से नजदीकी से जुड़े थे। अपनी गिरफ्तारी (सन् १९०७) तक वे युगान्तर पत्रिका के सम्पादक थे।भूपेंद्रनाथ दत्ता एक भारतीय क्रांतिकारी और बाद में एक प्रसिद्ध समाजशास्त्री और मानवविज्ञानी थे । उन्होंने अपने राजनीतिक कार्यों में ऋषि अरबिंदो को जोड़ा । अपनी युवावस्था में, वह 1907 में अपनी गिरफ्तारी और कारावास तक जुगंतर पत्रिका के संपादक के रूप में सेवा करते हुए, जुगंतर आंदोलन से निकटता से जुड़े थे। अपने बाद के क्रांतिकारी करियर में, वह इंडो-जर्मन षडयंत्र के लिए गुप्त थे । उनके बड़े भाई स्वामी विवेकानंद थे । एशियाटिक सोसाइटी आज रखती डॉ भूपेन्द्रनाथ दत्ता स्मारक व्याख्यान उनके सम्मान में।

*मंजू गोयल* ने *गाँधी स्मारक निधि के प्रथम अध्यक्ष, गाँधीवादी नेता, स्वतंत्रता सेनानी और पंजाब के प्रथम मुख्यमंत्री गोपी चन्द भार्गव* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया गोपी चन्द भार्गव संयुक्त पंजाब के प्रथम मुख्यमंत्री थे। वे ‘गाँधी स्मारक निधि’ के प्रथम अध्यक्ष, गाँधीवादी नेता तथा स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका सम्पूर्ण जीवन एक प्रेरणा स्त्रोत था। गोपी चन्द भार्गव के जीवन का मुख्य उद्देश्य समाज की सेवा था और वे आजीवन इसी कार्य में तत्पर रहे। उन्होंने महात्मा गाँधी के साथ देश की आज़ादी की लड़ाई भी लड़ी।
गोपी चन्द भार्गव का जन्म 8 मार्च, 1889 को तत्कालीन पंजाब के हिसार ज़िले में हुआ था।
उन्होंने ‘लाहौर मेडिकल कॉलेज’ से एम.बी.बी.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 1913 ई. से चिकित्सा कार्य प्रारम्भ किया था, लेकिन 1919 में जलियाँवाला बाग़ हत्याकाण्ड की घटना के कारण वे राजनीति में आ गए।अपनी निष्ठा और देशभक्ति के कारण डॉ. भार्गव का बड़ा सम्मान था। वे उदार दृष्टिकोण के व्यक्ति थे। जातिवाद पर उनका विश्वास नहीं था। महिलाओं की समानता के वे पक्षपाती थे।डॉ. भार्गव ‘गाँधी स्मारक निधि’ के प्रथम अध्यक्ष भी रहे थे।
उन्होंने गाँधी जी की रचनात्मक प्रवृत्तियों को आगे बढ़ाने के लिये कई कदम उठाए। विभाजन से उत्पन्न उत्तेजना और कटुता के बीच प्रशासन को उचित दिशा की ओर ले जाने में उन्होंने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।

*राखी गोयल* ने *हिन्दी के यशस्वी कथाकार और निबन्ध लेखक यशपाल पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया यशपाल हिन्दी के यशस्वी कथाकार और निबन्ध लेखक हैं। यशपाल राजनीतिक तथा साहित्यिक, दोनों क्षेत्रों में क्रान्तिकारी हैं। उनके लिए राजनीति तथा साहित्य दोनों साधन हैं और एक ही लक्ष्य की पूर्ति में सहायक हैं।जेल से मुक्त होने पर इन्होंने ‘विप्लव’ मासिक निकाला, जो थोड़े ही दिनों में काफ़ी लोकप्रिय हो गया।राजनीतिक तथा साहित्यिक, दोनों क्षेत्रों में वे क्रान्तिकारी हैं। उनके लिए राजनीति तथा साहित्य दोनों साधन हैं और एक ही लक्ष्य की पूर्ति में सहायक हैं। साहित्य के माध्यम से उन्होंने वैचारिक क्रान्ति की भूमिका तैयार करने का प्रयास किया है। विचारों से वे काफ़ी दूर तक मार्क्सवादी हैं, पर कट्टरता से मुक्त होने के कारण इससे उनकी साहित्यिकता को प्राय: क्षति नहीं पहुँची है, उससे वे लाभान्वित ही हुए हैं।यशपाल मुख्यत: मध्यमवर्गीय जीवन के कलाकार हैं और इस वर्ग से सम्बद्ध उनकी कहानियाँ बहुत ही मार्मिक बन पड़ीं हैं। मध्यवर्ग की असंगतियों, कमज़ोरियों, विरोधाभासों, रूढ़ियों आदि पर इतना प्रबल कशाघात करने वाला कोई दूसरा कहानीकार नहीं है। दो विरोधी परिस्थितियों का वैषम्य प्रदर्शित कर व्यंग्य की सर्जना उनकी प्रमुख विशेषता है। यथार्थ जीवन की नवीन प्रसंगोदभावना द्वारा वे अपनी कहानियों को और भी प्रभावशाली बना देते हैं।एक सफल कथाकार होने के साथ-साथ यशपाल अच्छे व्यक्तित्व-व्यंजक निबन्धकार भी हैं। वे अपने दृष्टिकोण के आधार पर सड़ी-गली रूढ़ियों, ह्रासोन्मुखी, प्रवृत्तियों पर जमकर प्रहार करते हैं। उन्होंने सरस तथा व्यंग्य-विनोद, गर्भ संस्मरण और रेखाचित्र भी लिखे हैं। ‘न्याय का संघर्ष’, ‘देखा सोचा, समझा’, ‘सिंहावलोकन’ (तीन भाग) आदि में उनके निबन्ध, संस्मरण और रेखाचित्र संग्रहीत हैं।

*सिया अग्रवाल* ने *भारत की महिला क्रांतिकारियों में से एक बीना दास पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया बीना दास भारत की महिला क्रांतिकारियों में से एक थीं। ‘पुण्याश्रम संस्था’ की स्थापना इन्होंने की थी, जो निराश्रित महिलाओं को आश्रय प्रदान करती थी।इनका रुझान प्रारम्भ से ही सार्वजनिक कार्यों की ओर रहा था। ‘पुण्याश्रम संस्था’ की स्थापना इन्होंने की थी, जो निराश्रित महिलाओं को आश्रय प्रदान करती थी। बीना दास का सम्पर्क ‘युगांतर दल’ के क्रांतिकारियों से हो गया था। एक दीक्षांत समारोह में इन्होंने अंग्रेज़ गवर्नर स्टनली जैक्सन पर गोली चलाई, लेकिन इस कार्य में गवर्नर बाल-बाल बच गया और बीना गिरफ़्तार कर ली गईं। 1937 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कई राजबंदियों के साथ बीना दास को भी रिहा कर दिया गया।

अंबिकापुर की अध्यक्षा *प्रेमलता गोयल* ने आज के इतिहास की मुख्य घटनाओं पर प्रकाश डाला उन्होंने बताया 1904 – दिल्ली से मुंबई के बीच देश की पहली क्राॅस कंट्री मोटरकार रैली का उद्घाटन।
1925 – तुर्की में ग्रेगोरियन कैंलेडर अपनाया गया।
1925 – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना।
1977 – सोवियत संघ ने पूर्वी कजाख क्षेत्र में परमाणु परीक्षण किया।
1997 – उड़ीसा की प्रमुख पार्टी, बीजू जनता दल (बीजद) की स्थापना वरिष्ठ राजनेता बीजू
पटनायक के पुत्र नवीन पटनायक ने की।
2012 – चीन की राजधानी बीजिंग से ग्वांग्झू शहर तक बनाए गए दुनिया के सबसे लंबे हाई स्पीड रेलमार्ग को खोला गया

*गिरिजा गोयल* ने कार्यक्रम की महत्ता बताते हुए अपनी अभिव्यक्ति में बताया ये कार्यक्रम मानसिक बौद्धिक विकास, हिंदू संगठन, राम राज्य स्थापना का एक अनूठा प्रयास है।

*उमा बंसल महासचिव कोरबा* ने आज के मुख्य समाचार की मुख्य घटना पर प्रकाश डाला।

*बिलासपुर इकाई की अध्यक्षा शीतल लाठ* ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया

*हेमलता बंसल कोषाध्यक्ष* ने सभी सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।

भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, गिरिजा गोयल, उषा कलानौरिया, सिया अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, उमा बंसल, सुलोचना धनावत, प्रेमलता गोयल, पुष्पा अग्रवाल, नंदिनी चौधरी, हेमलता मित्तल,सरिता गोयल, सुनीता गोयल, मंजू गोयल, निशा गोयल, पूजा अग्रवाल, राजबाला गर्ग, रेखा गर्ग, राखी गोयल, निशा गोयल, शीतल लाठ, सिया अग्रवाल, सुशीला अग्रवाल, विजया डालमिया,हेमलता बंसल, मंजिरी पालीवाल ने भजन प्रस्तुति से भक्तिमय वातावरण बना सभी सदस्यों को झूमने गाने के लिए प्रेरित किया। अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।