अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़
प्रांत द्वारा विगत ग्यारह माह से प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में 30/12/2021 गुरुवार को गूगल मीट पर *ओम जय जगदीश हरे के लेखक श्रद्धाराम फिल्लौरी, स्वातंत्र्य सेनानी एवम प्रसिद्ध साहित्यकार कन्हैयालाल मुंशी, बीसवीं सदी के महान् संत ,प्रेम उपासक और समाज सेवक रमण महर्षि, संसद के लोकसभा सदस्य और संस्कृत के विद्वान् साथ ही आर्य समाज के नेता प्रसिद्ध प्रकाशवीर शास्त्री, प्रथम भारतीय शतरंज मास्टर मैनुअल आरों, भारत के प्रसिद्ध राजनैतिक विश्लेषक, वरिष्ठ पत्रकार और हिन्दी प्रेमी वेद प्रताप वैदिक, प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हनुमप्पा सुदर्शन जन्मदिवस, मेघालय के क्रांतिकारी वीर युकियांग नोंगबा बलिदान दिवस,भारतीय भौतिकशास्त्र डॉ विक्रम साराभाई निर्वाण दिवस, पुड्डुचेरी के संस्थापक तथा गवर्नर जनरल मार्टिन, मेघालय के क्रांतिकारी वीर युकियांग नांगवा का बलिदान दिवस, हिन्दी के कवि और ग़ज़लकार दुष्यंत कुमार, हिन्दी के साहित्यकार व पत्रकार रघुवीर सहाय, भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार, पत्रकार और ‘कादम्बिनी पत्रिका’ के सम्पादक राजेन्द्र अवस्थी की पुण्य तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम की संयोजिका और संचालन कर्ता *पुष्पा अग्रवाल अध्यक्ष रायपुर इकाई* ने कार्यक्रम का श्री गणेश अपने निवास स्थान पर विष्णु भगवान, राधा कृष्ण के फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा, पुष्पार्पण, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित, पूजा अर्चना आरती आराधना कर गणेश वंदना और पितरों जी की स्तुति से किया। उन्होंने एकादशी का महत्व कहानी बताया।कीर्तन का आयोजन किया सभी सदस्यो ने झूम झूमकर भजन प्रस्तुति दी। कुसुम अग्रवाल ने भगवान का भोग गा प्रसाद लगाया, पुष्पा ने आरती के बाद स्तुति कर प्रसाद वितरण किया।
सरिया इकाई की अध्यक्षा *डिंपल अग्रवाल* ने गुरुवार का महत्व बता बृहस्पति महाराज जी की कथा सुना गणेश वंदना भजन प्रस्तुत किया।
बाराद्वार इकाई की अध्यक्षा *उषा कलानौरिया* ने पितरों की कृपा के बारे में बता पितरों जी महाराज का भजन कर उनका आशीर्वाद की कामना की।
कोरबा इकाई की अध्यक्षा *भगवती अग्रवाल* ने सभी अतिथियों को तिलक लगा श्री फल और तुलसी मां का पौधा भेट कर स्वागत किया।
रायपुर इकाई की अध्यक्षा *पुष्पा अग्रवाल* ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि का संक्षिप्त जीवन परिचय दे उन्हे उनके उद्बोधन के लिए बारी बारी से डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल* ने *प्रेम के उपासक, समाज सेवी रमण महर्षि जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया रमण महर्षि (1879-1950) अद्यतन काल के महान ऋषि और संत थे। उन्होंने आत्म विचार पर बहुत बल दिया। उनका आधुनिक काल में भारत और विदेश में बहुत प्रभाव रहा है।रमण महर्षि ने अद्वैतवाद पर जोर दिया। उन्होंने उपदेश दिया कि परमानंद की प्राप्ति ‘अहम्’ को मिटाने तथा अंत:साधना से होती है। रमण ने संस्कृत, मलयालम, एवं तेलुगु भाषाओं में लिखा। बाद में आश्रम ने उनकी रचनाओं का अनुवाद पाश्चात्य भाषाओं में किया।
मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता *नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *कन्हैयालाल माणिकलाल मुंश जन्म जयंती* पर अपने उद्बोधन में बताया कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी (२९ दिसंबर, १८८७ – ८ फरवरी, १९७१) भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, राजनेता, गुजराती एवं हिन्दी के ख्यातनाम साहित्यकार तथा शिक्षाविद थे। उन्होने भारतीय विद्या भवन की स्थापना की।भारतीय विद्या भवन के संस्थापक(1938) बॉम्बे स्टेट के गृहमंत्री (1937–40) हैदराबाद राज्य के एजेन्ट-जनरल (1948)
भारतीय संविधान सभा के सदस्य
संसद सदस्य कृषि एवं खाद्य मंत्री (1952–53) रहे।
विशिष्ट अतिथि *विजया डालमिया हैदराबाद* ने *प्रकाशवीर शास्त्री जन्म जयंती* पर अपने उद्बोधन में बताया प्रकाशवीर शास्त्री (30 दिसम्बर 1923 – 23 नवम्बर 1977) भारतीय संसद के सदस्य तथा आर्यसमाज के नेता थे।प्रकाश वीर शास्त्री (30 दिसंबर 1923 – 23 नवंबर 1977) भारत की संसद (संसद) के सदस्य थे और आर्य समाज आंदोलन के नेता भी थे। उनका मूल नाम ‘ओमप्रकाश त्यागी’ था। वे एक प्रखर वक्ता थे, उनके भाषणों में तर्क बहुत शक्तिशाली होते थे। उनके विरोधी भी उनके प्रशंसक बन जाते थे।प्रकाशवीर शास्त्री ने हिंदी, धर्मान्तरण, धारा ३७० को हटाने के लिए अनेक प्रयत्न किए।[1] पांचवें और छठे दशक की अनेक ज्वलन्त समस्याओं पर अपने बेबाक विचार व्यक्त किए। 1957 में आर्य समाज द्वारा संचालित हिंदी आंदोलन में उनके भाषणों ने जबर्दस्त जान फूंक दी थी। सारे देश से हजारों सत्याग्रही पंजाब आकर गिरफ्तारियाँ दे रहे थे।
विशिष्ट अतिथि *सुशीला अग्रवाल शांतिनिकेतन* ने *मैनुअल आरोन जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया मैनुअल आरोन (जन्म 30 दिसंबर 1935) 20वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में पहले भारतीय शतरंज मास्टर हैं। वह 1960 से 1980 के दशक में भारत में शतरंज पर हावी रहे, 1959 और 1981 के बीच नौ बार भारत के राष्ट्रीय चैंपियन रहे । वह अंतरराष्ट्रीय मास्टर खिताब से सम्मानित होने वाले भारत के पहले खिलाड़ी हैं , और अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रथाओं को शुरू करने में प्रमुख आंकड़ों में से एक हैं। भारत को; 1960 तक, भारतीय शतरंज (के रूप में जाना चतुरंग ) अक्सर कई स्थानीय पारंपरिक वेरिएंट का उपयोग कर खेला गया था । (के जैसे में एवज कैसलिंग, राजा एक बार शूरवीरों की चाल को अंजाम दे सकता था, अगर इसकी जाँच नहीं की गई होती)। हारून ने अंतरराष्ट्रीय विविधता को लोकप्रिय बनाने में मदद की, कई शतरंज समूहों का गठन किया और खिलाड़ियों से उद्घाटन और अन्य औपचारिक शतरंज साहित्य का अध्ययन करने का आग्रह किया।
विशिष्ट अतिथि झारवाड़ा राजस्थान से *कीर्ति अग्रवाल* ने *डॉ॰ वेद प्रताप वैदिक जन्म जयंती* पर अपने उद्बोधन में बताया डॉ॰ वेद प्रताप वैदिक (जन्म: 30 दिसम्बर 1944, इंदौर, मध्य प्रदेश) भारतवर्ष के वरिष्ठ पत्रकार, राजनैतिक विश्लेषक, पटु वक्ता एवं हिन्दी प्रेमी हैं। हिन्दी को भारत और विश्व मंच पर स्थापित करने की दिशा में सदा प्रयत्नशील रहते हैं। भाषा के सवाल पर स्वामी दयानन्द सरस्वती, महात्मा गांधी और डॉ॰ राममनोहर लोहिया की परम्परा को आगे बढ़ाने वालों में डॉ॰ वैदिक का नाम अग्रणी है।रामधारी सिंह ‘दिनकर’सम्मान, हिन्दी अकादमी, दिल्ली सम्मान, राममनोहर लोहिया सम्मान प्राप्त हुआ।
विशिष्ट अतिथि *अनीता अग्रवाल कटनी मध्य प्रदेश* ने *डॉ. हनुम्प्पा सुदर्शन जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया डॉ. हनुम्प्पा सुदर्शन एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हैं। इन्हें आदिवासियों के बीच किये गये कार्यों के लिए पद्मश्री और राइट लाइव्लीहुड अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त डॉ. हनुम्प्पा सुदर्शन को दो स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा दिये जाने वाले सोशल एंटरप्रेन्योरशिप अवार्ड 2014 का विजेता घोषित किया गया है।डॉ. हनुम्प्पा सुदर्शन का जन्म 30 दिसम्बर, 1950 को येमलूर, बेंगळूरू में हुआ था। बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और 1973 में डॉक्टर बन गये। एक दिन कुछ दोस्तों के साथ बसावनागुडी के रामकृष्ण आश्रम गये। वह दिन इनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट रहा। इसके बाद से ये स्वामी रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद को पढ़ते गये। उनकी शिक्षाओं ने इनके जीवन का की पूरी दिशा बदल गई।
विशिष्ट अतिथि *कीर्ति अग्रवाल ओडिसा* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया 1980 में इन्होंने इंटीग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तौर पर मैसूर के पास बी.आर. हिल्स में विवेकानंद गिरिजन कल्याण केंद्र शुरू किया। इन्होंने अपना क्लीनिक एक पहाड़ी पर झोपड़ी में शुरू किया। चूंकि इन्हें वहां के लोगों से जुड़ना था, इसलिए इन्हें उनके जैसे ही रहना पड़ा। तभी ये उनकी तकलीफ़ों को वाकई समझ पाये। रोगियों को ढूंढ़-ढूंढ़कर उनका इलाज करना पड़ा। शुरू-शुरू में आदिवासियों के तगड़े विरोध का भी सामना करना पड़ा, लेकिन धीरे-धीरे वे समझते गए और उन्हें इनपर भरोसा भी हो गया। फिर इन्होंने कर्नाटक और तमिल नाडु के अलावा अरुणाचल प्रदेश में भी अपना नेटवर्क फैलाया और अच्छा काम किया।
*प्रतिमा गुप्ता भाटापारा* ने *फ्रांकोइस मार्टिन पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया फ्रांकोइस मार्टिन (1634-31 दिसंबर 1706) पांडिचेरी के पहले गवर्नर जनरल थे । 1673 में, बीजापुर के सुल्तान के अधीन वालोकोंडापुरम के गवर्नर शेर खान लोदी ने मसूलीपट्टनम के निदेशक फ्रेंकोइस मार्टिन को एक समझौता करने के लिए एक साइट प्रदान की। उन्होंने 1674 में फ्रांसीसी भारत की भावी राजधानी पांडिचेरी की स्थापना की। उन्हें पुडुचेरी के पिता के रूप में जाना जाता है। वह इस पद को धारण करने से पहले फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी के आयुक्त थे और इससे पहले फ्रेंकोइस बैरन थे और पियरे डुलिवियर द्वारा सफल हुए थे। पांडिचेरी में फ्रांस्वा मार्टिन के नाम पर एक सड़क है।
*राज कुमारी गुप्ता* ने *विक्रम अंबालाल साराभाई पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया विक्रम अंबालाल साराभाई (१२ अगस्त, १९१९- ३० दिसंबर, १९७१) भारत के प्रमुख वैज्ञानिक थे। इन्होंने ८६ वैज्ञानिक शोध पत्र लिखे एवं ४० संस्थान खोले। इनको विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में सन १९६६ में भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।डॉ॰ विक्रम साराभाई के नाम को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम से अलग नहीं किया जा सकता। यह जगप्रसिद्ध है कि वह विक्रम साराभाई ही थे जिन्होंने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत को अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थान दिलाया। लेकिन इसके साथ-साथ उन्होंने अन्य क्षेत्रों जैसे वस्त्र, भेषज, आणविक ऊर्जा, इलेक्ट्रानिक्स और अन्य अनेक क्षेत्रों में भी बराबर का योगदान किया।
*यशोदा गुप्ता* ने *दुष्यंत कुमार त्यागी पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया दुष्यंत कुमार त्यागी (27 सितंबर 1931-30 दिसंबर 1975) एक हिन्दी कवि , कथाकार और ग़ज़लकार थे। कई पुस्तकों में उनकी जन्मतिथि 1 सितंबर 1933 लिखी है, किन्तु दुष्यन्त साहित्य के मर्मज्ञ विजय बहादुर सिंह के अनुसार कवि की वास्तविक जन्मतिथि 27 सितंबर 1931 है।एक कंठ विषपायी 1963(काव्य नाटक)और मसीहा मर गया (नाटक), सूर्य का स्वागत, आवाज़ों के घेरे, जलते हुए वन का बसंत (काव्य संग्रह)
छोटे-छोटे सवाल, आँगन में एक वृक्ष, दुहरी जिंदगी (उपन्यास), मन के कोण (लघुकथाएँ), साये में धूप (ग़ज़ल संग्रह)
*निशा गोयल* ने *रघुवीर सहाय पुण्य तिथि* पर अपने उद्बोधन में बताया रघुवीर सहाय का जन्म लखनऊ में हुआ था। अंग्रेज़ी साहित्य में एम ए (१९५१) लखनऊ विश्वविद्यालय। साहित्य सृजन १९४६ से। पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक नवजीवन (लखनऊ) से १९४९ में। १९५१ के आरंभ तक उपसंपादक और सांस्कृतिक संवाददाता। इसी वर्ष दिल्ली आए। यहाँ प्रतीक के सहायक संपादक (१९५१-५२), आकाशवाणी के समाचार विभाग में उपसंपादक (१९५३-५७)। १९५५ में विमलेश्वरी सहाय से विवाह।कविता संग्रह ‘लोग भूल गए हैं ‘ के लिए 1984 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित
*गिरिजा गोयल* ने *राजेन्द्र अवस्थी पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया राजेन्द्र अवस्थी (२५ जनवरी, १९३० – ३० दिसंबर, २००९) हिंदी के प्रख्यात पत्रकार और लेखक थे। उनका जन्म मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के ज्योतिनगर गढा इलाके में हुआ था। वे नवभारत, सारिका, नंदन, साप्ताहिक हिन्दुस्तान और कादम्बिनी के संपादक रहे। उन्होंने अनेक उपन्यासों कहानियों एवं कविताओं की रचना की। वह ऑथर गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी रहे। दिल्ली सरकार की हिन्दी अकादमी ने उन्हें १९९७-९८ में साहित्यिक कृति से सम्मानित किया था।
*उमा बंसल महासचिव कोरबा* ने आज के मुख्य समाचार और इतिहास की मुख्य घटना पर प्रकाश डाला।
*स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में भारत की आजादी का झंडा लहराया*
1803 – ब्रिटेन की ईस्ट इंडिया कंपनी ने दिल्ली, आगरा तथा भरूच पर नियंत्रण किया।
1873 – अमेरिका के न्यूयार्क में माप तौल के लिए मेट्रोलाॅजिकल सोसायटी का गठन।
1893 – रूस और फ्रांस ने सैन्य समझौते पर हस्ताक्षर किये।
1906 – अखिल भारतीय मुस्लीम लीग की स्थापना ढाका (अब बंगलादेश) में हुई।
1919 – लंदन में वकालत के लिए प्रथम महिला विद्यार्थी का प्रवेश।
1922 – रूस की राजधानी मास्को के बोलशोई थियेटर से सोवियत संघ (USSR) के निर्माण की औपचारिक रूप से घोषणा की गयी। करीब 7 दशकों तक एक बेहद शक्तिशाली कम्युनिस्ट राष्ट्र के रूप सोवियत संघ का अस्तित्व रहा.
1935 – इटली के लड़ाकू विमानों के हमले में अफ्रीकी देश इथोपिया स्थित स्वीडन की रेड क्रास इकाई ध्वस्त।
1938 – वीके जोरिकिन ने इलेक्ट्रॉनिक टेलीविजन सिस्टम का पेटेंट कराया।
1943 – स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में भारत की आजादी का झंडा लहराया।
1947 – रोमानिया के नरेश के त्यागपत्र के साथ ही इस देश में राजशाही शासन व्यवस्था का अंत हुआ और लोकतंत्र की स्थापना हुई।
1949 – भारत ने चीन को मान्यता दी।
1993 – वेटिकन ने इजरायल को मान्यता दी।
1996 – ग्वाटेमाला में गत 36 वर्षों से चला आ रहा गृहयुद्ध समाप्त।
2006 – इराक के पूर्व कथित तानाशाह सद्दाम हुसैन को फ़ाँसी दी गई।
*बिलासपुर इकाई की अध्यक्षा शीतल लाठ* ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया
*हेमलता बंसल कोषाध्यक्ष* ने सभी सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।
भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, गिरिजा गोयल, उषा कलानौरिया, सिया अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, उमा बंसल, सुलोचना धनावत, प्रेमलता गोयल, पुष्पा अग्रवाल, नंदिनी चौधरी, हेमलता मित्तल,सरिता गोयल, सुनीता गोयल, मंजू गोयल, निशा गोयल, पूजा अग्रवाल, राजबाला गर्ग, रेखा गर्ग, राखी गोयल, निशा गोयल, शीतल लाठ, सिया अग्रवाल, सुशीला अग्रवाल, राजकुमारी गुप्ता, प्रतिमा गुप्ता, यशोदा गुप्ता, राजबाला गर्ग, सिया अग्रवाल, हेमलता मित्तल, सरिता अग्रवाल, कीर्ति, विजया डालमिया, पूजा अग्रवाल, हेमलता बंसल, मंजिरी पालीवाल ने भजन प्रस्तुति से भक्तिमय वातावरण बना सभी सदस्यों को झूमने गाने के लिए प्रेरित किया। अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
