लुइस ब्रेल की 213 वीं जन्म जयंती पर रंगारंग कार्यक्रम दृष्टिबाधित पृथ्वी राज पूजा विश्वकर्मा द्वारा दृष्टिबाधित साक्षरता के सफलता के नए सोपान स्थापित करेंगे व्याख्याता देवेंद्र चंद्रा और प्रशांत मोकाशे*

*लुइस ब्रेल की 213 वीं जन्म जयंती पर रंगारंग

कार्यक्रम दृष्टिबाधित पृथ्वी राज पूजा विश्वकर्मा द्वारा दृष्टिबाधित साक्षरता के सफलता के नए सोपान स्थापित करेंगे व्याख्याता देवेंद्र चंद्रा और प्रशांत मोकाशे*

अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत ग्यारह माह से प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में 4/1/2022 मंगलवार को गूगल मीट पर *विश्व ब्रेल दिवस, लुइस ब्रेल जयंती, सर आइजैक न्यूटन, सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप चंद्र षाडंगी, उपन्यासकार नबीला जमशेद, पूर्व न्यायधीश तीरथ सिंह ठाकुर, अभिनेता प्रदीप कुमार, अभिनेत्री निरूपा राय, जन्म तिथि और संगीतकार आर डी बर्मन, मुख्य न्यायाधीश एस एच कपाड़िया, साहित्यकार अयोध्या प्रसाद खत्री, पत्रकार स्वतंत्रता सेनानी मोहमाद अली जौहर, गांधीजी के अनूनायी रामचंद्र कृष्ण प्रभु, साहित्यकार पंडित झाबरमल शर्मा पुण्य तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम की संचालन कर्ता *उमा बंसल* ने कार्यक्रम का श्री गणेश अपने निवास स्थान पर हनुमान भगवान के फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित, पूजा अर्चना आरती आराधना कर गणेश वंदना और पितरों जी की स्तुति से किया। उन्होंने जीवन में सतसंग का महत्व बताया।

सरिया इकाई की अध्यक्षा *डिंपल अग्रवाल* ने मंगलवार का महत्व बता हनुमान महाराज जी की कथा सुना गणेश वंदना भजन प्रस्तुत किया।

बाराद्वार इकाई की अध्यक्षा *उषा कलानौरिया* ने पितरों की कृपा के बारे में बता पितरों जी महाराज का भजन कर उनका आशीर्वाद की कामना की।

कोरबा इकाई की अध्यक्षा *भगवती अग्रवाल* ने सभी अतिथियों को तिलक लगा श्री फल और तुलसी मां का पौधा भेट कर स्वागत किया।

रायपुर इकाई की अध्यक्षा *पुष्पा अग्रवाल,नंदिनी चौधरी, कुसुम अग्रवाल* ने मुख्य अतिथि , मुख्यवक्ता,कार्यक्रम के अध्यक्ष और विशिष्ट अतिथि का संक्षिप्त जीवन परिचय दे उन्हे उनके उद्बोधन के लिए बारी बारी से डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता *श्री देवेन्द्र चंद्रा वरिष्ट व्याख्याता शासकीय दृष्टि और श्रवण बाधितार्थ उच्चतर माध्यमिक शाला तिफरा बिलासपुर* ने *विश्व ब्रेल दिवस* पर अपने वक्तत्व में बताया4 जनवरी को हर साल विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है। दुनियाभर में दृष्टिबाधितों के लिए ये दिन बहुत खास है। … लुईस ब्रेल एक आविष्कारक हैं, जिन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था। ब्रेल लिपि एक भाषा है, जिसका उपयोग आंखों से देख न पाने वाले लोग लिखने और पढ़ने के लिए करते हैं। वर्ष 2019 से हर साल 4 जनवरी को विश्व स्तर पर *विश्व ब्रेल दिवस* के रूप में मनाया जाता है। यह दिन दृष्टि बाधित और दृष्टि-विहीन लोगों के लिए मानवाधिकार हासिल करने में संचार के साधन के रूप में ब्रेल के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन दृष्टि बाधित लोगों के लिए ब्रेल लिपि विकसित करने वाले लुई ब्रेल की जयंती को चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने बताया ब्रेल प्रत्येक अक्षर और संख्या, और यहां तक कि संगीत, गणितीय और वैज्ञानिक प्रतीकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए छह बिंदुओं का उपयोग करके वर्णमाला और संख्यात्मक प्रतीकों का एक स्पर्शपूर्ण प्रतिनिधित्व है। ब्रेल (19वीं शताब्दी के फ्रांस में इसके आविष्कारक, लुई ब्रेल के नाम पर) का उपयोग नेत्रहीन और आंशिक रूप से देखे जाने वाले लोगों द्वारा उन्हीं पुस्तकों और पत्रिकाओं को पढ़ने के लिए किया जाता है जो एक दृश्य फ़ॉन्ट में छपी होती हैं।विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर कन्वेंशन के अनुच्छेद 2 में परिलक्षित शिक्षा, अभिव्यक्ति और राय की स्वतंत्रता के साथ-साथ सामाजिक समावेश के संदर्भ में ब्रेल आवश्यक है।

*कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री प्रशांत मोकाशे नोडल ऑफिसर, नोडल, सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट बिलासपुर* ने *लुईस ब्रेल जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया दृष्टिहीनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण दिवस है आज मसीहा लुइस ब्रेल के 213 वीं जन्म दिन के शुभ अवसर पर महान विभूति को नमन कर उनके द्वारा बनाई गई लीपी को वरदान बताया। इस महान उपलब्ध के लिए शत शत नमन किया। इस लीपी के कारण ही गर दृष्टिहीन समाज की ऊंचाई को छूने में समर्थ रहा।लुइस ब्रेल की 213 वीं जयंती दृष्टि बाधित की शिक्षा संभव हो पा रही है दृष्टिहीन अब साक्षर हो स्मार्ट फोन इस्तेमाल कर रहे है। उनकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनेक ब्रेल लीपी की सामग्री उपलब्ध करवाया गया जिसके लिए 3/12/2020 को बिलासपुर छत्तीसगढ़ को *नेशनल अवार्ड राष्ट्रीय सम्मान* से सम्मानित किया गया।उन्होंने ई पुस्तकालय और सभी सुविधाओं के बारे में बताया।कैसे 8 से 6 बिंदु में 15 भाषा मे ब्रेल लीपी उपलब्ध गई।
उन्होंने लुइस ब्रेल के संपूर्ण जीवन पर प्रकाश डाला।लुई ब्रेल (4 जनवरी 1809 – 6 जनवरी 1852) फ्रांस के शिक्षाविद तथा अन्वेषक थे जिन्होने अंधों के लिये लिखने तथा पढ़ने की प्रणाली विकसित की। यह पद्धति ‘ब्रेल’ नाम से जगप्रसिद्ध है। फ्रांस में जन्मे लुई ब्रेल अंधों के लिए ज्ञान के चक्षु बन गए। ब्रेल लिपि के निर्माण से नेत्रहीनों की पढ़ने की कठिनाई को मिटाने वाले लुई स्वयम भी नेत्रहीन थे।आज हम ऐसे दृष्टिहीन लोगों को बहुत सामर्थ्य के साथ अनेक जगहों पर काम करते हुए देखते हैं, लेकिन पहले ऐसा नहीं था। अंधे व्यक्ति या तो किसी के आश्रित होते थे या उन्हें भीख मांगकर अपना जीवन गुजारना पड़ता था। फ्रांस के लुई ब्रेल ने स्वयं एक दृष्टिहीन होने के बावजूद दृष्टिहीनों को पढ़ने-लिखने के योग्य बनाया।सामान्य बच्चे या तो रोमन लिपि में पढ़ते हैं या देवनागरी लिपि में, लेकिन दृष्टिहीन बच्चों के पढ़ने के लिए लुई ब्रेल ने एक अलग लिपि विकसित की और उसे ब्रेल लिपि नाम मिला।लुई ने यहां इतिहास, भूगोल और गणित में प्रावीण्य प्राप्त किया। इसी स्कूल में एक बार फ्रांस की सेना के एक अधिकारी कैप्टन चार्ल्स बार्बियर एक प्रशिक्षण के सिलसिले में आए और उन्होंने सैनिकों द्वारा अंधेरे में पढ़ी जाने वाली ‘नाइट राइटिंग’ या ‘सोनोग्राफी’ लिपि के बारे में बताया। यह लिपि कागज पर अक्षरों को उभार कर बनाई जाती थी और इसमें 12 बिंदुओं को 6-6 की दो पंक्तियों को रखा जाता था, पर इसमें विराम चिह्न, संख्‍या, गणितीय चिह्न आदि का अभाव था। प्रखर बुद्धि के लुई ने इसी लिपि को आधार बनाकर 12 की बजाय मात्र 6 बिंदुओं का उपयोग कर 64 अक्षर और चिह्न बनाए और उसमें न केवल विराम चिह्न बल्कि गणितीय चिह्न और संगीत के नोटेशन भी लिखे जा सकते थे। यही लिपि आज सर्वमान्य है। मात्र 15 वर्ष के उम्र में लुई ने यह लिपि बनाई। इस‍ लिपि में स्कूली बच्चों के लिए पाठ्‍युपस्तकों के अलावा रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथ प्रतिवर्ष छपने वाला कालनिर्णय पंचांग आदि उपलब्ध हैं। ब्रेल लिपि में पुस्तकें भी निकलती हैं।ब्रेल लिपि के द्वारा उन्होंने दृष्टिहीनों के जीवन में जो प्रकाश पैदा किया उसके लिए वे सदैव याद किए जाएंगे।

*विशिष्ट अतिथि पृथ्वीराज विश्वकर्मा और पूजा विश्वकर्मा जो दोनो दृष्टिबाधित* बिलासपुर भारत माता चौक अपोलो रोड के पास सेहाई ने अपने सुमधुर गायन प्रस्तुति से पूरे डिजिटल मंच को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल* ने *सर आइज़ैक न्यूटन जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया आइज़ैक न्यूटन इंग्लैंड के एक वैज्ञानिक थे। जिन्होंने गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धान्त की खोज की। वे एक महान गणितज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, ज्योतिष एवं दार्शनिक थे। यांत्रिकी में, न्यूटन ने संवेग तथा कोणीय संवेग दोनों के संरक्षण के सिद्धांतों को स्थापित किया।
सर आइज़ैक न्यूटन इंग्लैंड के एक वैज्ञानिक थे। जिन्होंने गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धान्त की खोज की। वे एक महान गणितज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, ज्योतिष एवं दार्शनिक थे। इनका शोध प्रपत्र ‘प्राकृतिक दर्शन के गणितीय सिद्धांतों ’ सन् 1687 में प्रकाशित हुआ, जिसमें सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धान्त की खोज की। वे एक महान गणितज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, ज्योतिष एवं दार्शनिक थे। इनका शोध प्रपत्र ‘प्राकृतिक दर्शन के गणितीय सिद्धांतों ’ सन् 1687 में प्रकाशित हुआ, जिसमें सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण एवं गति के नियमों की व्याख्या की गई थी और इस प्रकार चिरसम्मत भौतिकी (क्लासिकल भौतिकी) की नींव रखी। उनकी फिलोसोफी नेचुरेलिस प्रिन्सिपिया मेथेमेटिका, 1687 में प्रकाशित हुई, यह विज्ञान के इतिहास में अपने आप में सबसे प्रभावशाली पुस्तक है, जो अधिकांश साहित्यिक यांत्रिकी के लिए आधारभूत कार्य की भूमिका निभाती है।

विशिष्ट अतिथि *नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *प्रताप चन्द्र षड़ंगी जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया प्रताप चंद्र षड़ंगी (जन्म ४ जनवरी, १९५५) भारत के एक सामाजिक कार्यकर्ता एवं राजनेता हैं जो अपने सरल स्वभाव के लिए प्रसिद्ध है।१७वीं लोकसभा में वे बालासोर से सांसद चुने गए हैं तथा मोदी मन्त्रिमण्डल में राज्यमन्त्री थे । वे भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। उड़ीसा विधान सभा में वे दो बार विधायक रहे हैं -२००४ से २००९ तक तथा २००९ से २०१४ तक। इन्हें ‘ओड़ीसा का मोदी’ कहा जाता है।

विशिष्ट अतिथि *विजया डालमिया हैदराबाद* ने *तीरथ सिंह ठाकुर जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया तीरथ सिंह ठाकुर पूर्व भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं। वे पूर्व में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। वे जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय तथा कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हैं।तीरथ सिंह ठाकुर पूर्व भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं। वे पूर्व में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।

विशिष्ट अतिथि *सुशीला अग्रवाल शांतिनिकेतन* ने *नबीला जमशेद की जन्म जयंती* एक मानवीय, सार्वजनिक वक्ता और काल्पनिक उपन्यास विश अपॉन ए टाइम – द लेजेंडरी स्किमिटर की लेखिका हैं । उसने 9 TEDx वार्ता दी है, और वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करती है।नबीला जमशेद “फंतासी उपन्यास विश ऑन अ टाइम – द लीजेंडरी सिमिट्री” की लेखिका हैं। यह उनका पहला उपन्यास है।इन्हे गोल्डमैन सैक्स ग्लोबल लीडर्स अवार्ड से पुरस्कृत किया गया है। में बताया

विशिष्ट अतिथि *कमलेश बोंदिया सिमगेड़ झारखंड* ने *नबीला जमशेद की जन्म जयंती* एक मानवीय, सार्वजनिक वक्ता और काल्पनिक उपन्यास विश अपॉन ए टाइम – द लेजेंडरी स्किमिटर की लेखिका हैं । उसने 9 TEDx वार्ता दी है, और वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करती है।नबीला जमशेद “फंतासी उपन्यास विश ऑन अ टाइम – द लीजेंडरी सिमिट्री” की लेखिका हैं। यह उनका पहला उपन्यास है।इन्हे गोल्डमैन सैक्स ग्लोबल लीडर्स अवार्ड से पुरस्कृत किया गया है।

विशिष्ट अतिथि *पूजा अग्रवाल बैंगलोर* ने *निरूपा राय अभिनेत्री जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया निरूपा राय हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री थीं।पुरस्कार-निरूपा रॉय को सहायक अभिनेत्री के किरदार को निभाने के लिए एक बार नहीं बल्कि तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।1949 उधार फिल्म से लेकर 1999 लाल बादशाह तक के फिल्म सफर को बखूबी निभाया था।उनका मूल नाम कोकिला बेन था। वैसे तो उन्होंने अपने फिल्मी जीवन की शुरूआत 1946 के दौरान प्रदर्शित गुजराती फिल्म गणसुंदरी से की थी लेकिन हिन्दी फिल्मों में जब उन्होंने कदम रखा तो फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी पहली हिन्दी फिल्म 1949 में प्रदर्शित होने वाली हमारी मंजिल थी। निरूपा राॅय ने बी॰एम॰ व्यास जैसे निर्माता निर्देशक की फिल्म रनक देवी में 150 रूपये प्रति माह पर कार्य भी किया था, हालाँकि बाद में उन्हें फिल्म से हटा दिया गया था। निरूपा राॅय को जितनी भी फिल्मों में कार्य मिला, माॅं के किरदार के रूप में ही मिला, लेकिन उन्होंने इसे चुनौती के रूप स्वीकार किया और यही उनकी सफलता का कारण बना। 13 अक्टूबर 2004 को निरूपा रॉय का निधन हो गया।

*निशा गोयल पत्थलगांव* ने *प्रदीप कुमार अभिनेता जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया प्रदीप कुमार भारतीय अभिनेता थे, जिन्हें हिंदी , बंगाली और अंग्रेजी भाषा की फिल्मों में उनके काम के लिए पहचाना जाता है।हिन्दी सिनेमा में उनको ऐसे अभिनेता के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने 1950 और साठ के दशक में अपने ऐतिहासिक किरदारों के जरिये दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।उस जमाने में फ़िल्मकारों को अपनी फ़िल्मों के लिए जब भी किसी राजा, महाराजा, राजकुमार अथवा नवाब की भूमिका की जरूरत होती थी तो वह प्रदीप कुमार को याद किया जाता था। उनके उत्कृष्ट अभिनय से सजी अनारकली, ताजमहल, बहू बेगम और चित्रलेखा जैसी फ़िल्मों को दर्शक आज भी नहीं भूले हैं।

प्रीति ने *गोपालदास नीरज जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया गोपाल नीरज (4 जनवरी 1925 – 19 जुलाई 2018), हिन्दी साहित्यकार, शिक्षक, एवं कवि सम्मेलनों के मंचों पर काव्य वाचक एवं फ़िल्मों के गीत लेखक थे। वे पहले व्यक्ति थे जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने दो-दो बार सम्मानित किया, पहले पद्म श्री से, उसके बाद पद्म भूषण से। यही नहीं, फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिये उन्हें लगातार तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला।

*कीर्ति* ने *भारतीय निशानेबाज अपूर्वी चंदेला जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया अपूर्वी चंदेल (जन्म: 4 जनवरी 1993; जयपुर) एक भारतीय निशानेबाज हैं, जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्म, ग्लासगो में 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग इवेंट में 206.7 का स्कोर बनाकर भारत को दूसरी बार निशानेबाजी में स्वर्ण पदक दिलाया।अपूर्वी सिंह चंदेला एक भारतीय निशानेबाजी खिलाड़ी हैं जो 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में भाग लेते हैं । उन्होंने नई दिल्ली में 2019 ISSF विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता ।वह अर्जुन पुरस्कार की प्राप्तकर्ता हैं।

*लक्ष्मी* ने अपनी *आदित्य पंचोली ,गुरमान मान जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया आदित्य पंचोली (जन्म: 4 जनवरी, 1965) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं *गुरदास मान* पंजाब के मशहूर लोक गायक अभिनेता हैं। उन्हें पंजाबी गायकी का सम्राट कहा जाता है।

*गिरिजा गोयल* ने *जेसी कुमारप्पा जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया जे सी कुमारप्पा (जन्म जोसेफ चेल्लादुरै कॉर्नेलियस ) (4 जनवरी 1892 – 30 जनवरी 1960) एक भारतीय अर्थशास्त्री [1] और महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी थे । ग्रामीण आर्थिक विकास सिद्धांतों के अग्रणी, कुमारप्पा को गांधीवाद पर आधारित आर्थिक सिद्धांतों को विकसित करने का श्रेय दिया जाता है।आर्थिक विचार का एक स्कूल जिसे उन्होंने ” गांधीवादी अर्थशास्त्र ” गढ़ा था ।

*कुसुम अग्रवाल* ने *पंडित झाबरमल्ल शर्मा पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया पंडित झाबरमल्ल शर्मा (जन्म: 1888 – मृत्यु: 4 जनवरी, 1983) राजस्थान के वयोवृद्ध साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासकार थे। पं. झाबरमल्ल ने ‘नेहरू वंशावली और राजस्थान’ पर अपनी अन्तिम पुस्तक लिखी थी। अनेक गवेष्णामूलक लेख उन्होंने राजस्थानी हस्तलिखितों पर लिखे। इन्हें राष्ट्रीय सम्मान दिया गया था, पद्मभूषण उपाधि से अलंकृत किया गया था। पंडित झाबरमल्ल शर्मा हिन्दी के उन पत्रकारों में थे, जिन्होंने अपने पूर्ववर्ती व समकालीन साहित्यकारों की कीर्ति-रक्षा के लिए अपने जीवन का अधिकांश समय लगाया था। आप उच्चकोटि के पत्रकार होने के साथ इतिहास, साहित्य, संस्कृति के प्रकाण्ड विद्वान् थे।इन्होंने अपने पिताजी के विद्या-गुरू गणनाथ सेन के टोले में जाकर कलकत्ता में रहने लगे और वहां निरंतर स्वाध्याय से ज्ञान की परिधि को विस्तृत कर लिया था

*पूजा अग्रवाल* ने *गांधीजी के अनूनायी रामचंद्र कृष्ण प्रभु पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया रामचंद्र कृष्ण प्रभु (जन्म- 23 अगस्त, 1883, गुरुपुर कस्बा (मंगलौर के निकट); मृत्यु- 4 जनवरी, 1967) गांधी जी के अनुयाई और प्रसिद्ध पत्रकार थे। वे 1930 में नमक सत्याग्रह में गिरफ्तार हुए और जेल से छूटने पर उन्होंने फिर पत्रकारिता के पेशे को अपना लिया।रामचंद्र कृष्ण प्रभु ने जेल की यातनाएं भोगीं और जेल से छुटने के बाद पत्रकारिता के माध्यम से देश और समाज सेवा का काम जारी रखा। 1942 में उनकी पुस्तक ‘क्विट इंडिया’ की 24000 प्रतियां एक महीने में बिक गईं थीं और पुस्तक जब्त कर ली गई थीं।

*राखी गोयल* ने *मुहम्मद अली जौहर पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया मुहम्मद अली जौहर: (10 दिसंबर 1878 – 4 जनवरी 1931), जिन्हें मौलाना मोहम्मद अली जौहर के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय मुस्लिम नेता, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के कार्यकर्ता, विद्वान, पत्रकार और कवि थे। वर्तमान में मुहम्मद अली के सम्मान में रामपुर जिले में मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय समर्पित है।

*निशा गोयल* ने *अयोध्या प्रसाद खत्री पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया अयोध्या प्रसाद खत्री (१८५७-४ जनवरी १९०५) हिन्दे के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। उनका नाम हिंदी पद्य में खड़ी बोली हिन्दी के प्रारम्भिक समर्थकों और पुरस्कर्ताओं में प्रमुख है। उन्होंने उस समय हिन्दी कविता में खड़ी बोली के महत्त्व पर जोर दिया जब अधिकतर लोग ब्रजभाषा में कविता लिख रहे थे। १८७७ में उन्होंने “हिन्दी व्याकरण” नामक खड़ी बोली की पहली व्याकरण पुस्तक की रचना की जो बिहार बन्धु प्रेस द्वारा प्रकाशित की गई थी। उनके अनुसार खड़ीबोली गद्य की चार शैलियाँ थीं- मौलवी शैली, मुंशी शैली, पण्डित शैली तथा मास्टर शैली।

*सुलोचना धनावत* ने *एस एच कापड़िया पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया एस एच कापड़िया (29 सितम्बर 1947 – 4 जनवरी 2016) भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। वे मई 2010 में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए थे तथा सितंबर 2012 में इस पद से सेवानिवृत्त हुए। वे पारसी समुदाय से सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले प्रथम व्यक्ति थे।

*पुष्पा अग्रवाल* ने *राहुल देव बर्मन पुण्य तिथि* पर अपने उद्बोधन में बताया राहुल देव बर्मन हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। इन्हें पंचम या ‘पंचमदा’ नाम से भी पुकारा जाता था। मशहूर संगीतकार सचिन देव बर्मन व उनकी पत्नी मीरा की ये इकलौती संतान थे। अपनी अद्वितीय सांगीतिक प्रतिभा के कारण इन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों में एक माना जाता है।अपनी अद्वितीय सांगीतिक प्रतिभा के कारण इन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों में एक माना जाता है। माना जाता है कि इनकी शैली का आज भी कई संगीतकार अनुकरण करते हैं।

*उमा बंसल महासचिव कोरबा* ने आज के मुख्य समाचार और इतिहास की मुख्य घटना पर प्रकाश डाला।
1643 : गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त और गति के नियम का प्रतिपादन करने वाले इंग्लैंड के महान भौतिक विज्ञानी एवं गणितज्ञ सर आइजक न्यूटन का जन्म।1964 : वाराणसी लोकोमोटिव वर्क्स में डीजल का पहला लोकोमोटिव बनकर तैयार।1966 : भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 की लड़ाई के बाद ताशकंद में शिखर बैठक की शुरुआत, जिसमें भारत की तरफ से प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के जनरल अयूब खान ने शिरकत की।
1972 : विभिन्न अपराधों की जांच को बेहतर और आधुनिक तरीके से अंजाम देने के लिए नई दिल्ली में इंस्टिट्यूट ऑफ क्रिमिनलॉजी एंड फॉरेंसिक साइंस की स्थापना।

*बिलासपुर इकाई की अध्यक्षा शीतल लाठ* ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया

*हेमलता बंसल कोषाध्यक्ष* ने सभी सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।

पृथ्वी राज विश्वकर्मा, पूजा विश्वकर्मा, देवेंद्र चंद्रा, प्रशांत मोकाशे, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, गिरिजा गोयल, उषा कलानौरिया, सिया अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, उमा बंसल, सुलोचना धनावत, पुष्पा अग्रवाल, नंदिनी चौधरी, निशा गोयल, पूजा अग्रवाल, रेखा गर्ग, राखी गोयल, निशा गोयल, शीतल लाठ, सिया अग्रवाल, सुशीला अग्रवाल, विजया डालमिया, हेमलता बंसल,लक्ष्मी, कीर्ति ने भजन प्रस्तुति से भक्तिमय वातावरण बना सभी सदस्यों को झूमने गाने के लिए प्रेरित किया। अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।