अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत ग्यारह माह से प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में  8/1/2022 शनिवार को गूगल मीट पर *अफ्रीकी राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस स्थापना दिवस, स्टीफन विलियम हॉकिंग, अभिनेत्री नंदा, साईड जाफरी,मोहन राकेश, आशापूर्णा देवि, कार्ल रोजर्स, किम जोंग की जन्म तिथि और गैलेलियो गैलेली, केशवचंद सेन, जगद्गुरु चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती स्वामिगल, एंटोनी मारिया अल्कुवे ई सुरेदा, मणिलाल मगनलाल डॉक्टर, झोउ एनलाई, मधु लिमए पुण्य तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम व मनोरंजन के लिए *भजन अंताक्षरी* का आयोजन।

अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़

प्रांत द्वारा विगत ग्यारह माह से प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में 8/1/2022 शनिवार को गूगल मीट पर *अफ्रीकी राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस स्थापना दिवस, स्टीफन विलियम हॉकिंग, अभिनेत्री नंदा, साईड जाफरी,मोहन राकेश, आशापूर्णा देवि, कार्ल रोजर्स, किम जोंग की जन्म तिथि और गैलेलियो गैलेली, केशवचंद सेन, जगद्गुरु चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती स्वामिगल, एंटोनी मारिया अल्कुवे ई सुरेदा, मणिलाल मगनलाल डॉक्टर, झोउ एनलाई, मधु लिमए पुण्य तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम व मनोरंजन के लिए *भजन अंताक्षरी* का आयोजन।

कार्यक्रम की संचालन कर्ता *डॉ अनीता अग्रवाल* ने कार्यक्रम का श्री गणेश अपने निवास स्थान पर हनुमान भगवान के फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित, पूजा अर्चना आरती आराधना कर गणेश वंदना और पितरों जी की स्तुति से किया। उन्होंने जीवन में सतसंग का महत्व बताया।

सरिया इकाई की अध्यक्षा *डिंपल अग्रवाल* ने शानिववार का महत्व बता हनुमान महाराज जी की कथा सुना गणेश वंदना भजन प्रस्तुत किया।

बाराद्वार इकाई की अध्यक्षा कार्यक्रम की संयोजिका *उषा कलानौरिया* ने पितरों की कृपा के बारे में बता पितरों जी महाराज का भजन कर उनका आशीर्वाद की कामना की।
उन्होंने भजन *अंताक्षरी* का आयोजन किया को दो राउंड में खेला गया *पहला राउंड शब्द राउंड* था जिसमे *निमिषा गोयल को तारणहारे, हेमलता को लक्ष्मणराम, डिंपल को श्यामा, पुष्पा को शिवशंकर, भगवती को मदनगोपाल, कमलेश सांवरे, रश्मि को अमृत, अंशु को कीर्तन, प्रतिमा को श्रृष्टि, विजया को झांकी, माया को यमुनाजी शब्दो* पर भजन गाने थे *दूसरे राउंड* में सभी को *अपनी मां* पर फिल्मी गीत गा प्रस्तुति दे पूरे डिजिटल मंच को ममतामई बाबा दिया।

कोरबा इकाई की अध्यक्षा *भगवती अग्रवाल* ने सभी अतिथियों को तिलक लगा श्री फल और तुलसी मां का पौधा भेट कर स्वागत किया।

रायपुर इकाई की अध्यक्षा *पुष्पा अग्रवाल और कुसुम अग्रवाल* ने मुख्य अतिथि , मुख्य वक्ता,कार्यक्रम के अध्यक्ष और विशिष्ट अतिथि का संक्षिप्त जीवन परिचय दे उन्हे उनके उद्बोधन के लिए बारी बारी से डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल* ने *स्टीफ़न विलियम हौकिंग जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया स्टीफन विलियम हॉकिंस (8 जनवरी 1942– 14 मार्च 2018) एक विश्व प्रसिद्ध ब्रितानी भौतिक विज्ञानी,ब्रह्माण्ड विज्ञानी, लेखक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सैद्धांतिक ब्रह्मांड विज्ञान केन्द्र (Centre for Theoretical Cosmology) के शोध निर्देशक थे। इन्हे इनके कार्यों के लिए प्रसिद्धि प्राप्त हुई वे है हौकिंग विकिरण, विचित्रता प्रमेय, अ ब्रीफ़ हिस्ट्री ऑफ टाइम (1988) (समय का संक्षिप्त इतिहास)।कुछ उल्लेखनीय सम्मान आल्बर्ट आइन्स्टाइन पुरस्कार (1978), वॉल्फ प्राइज़ (1988)
प्रिंस ऑफ ऑस्टुरियस अवाडर्स (1989), कोप्ले मेडल (2006)
प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम (2009), विशिष्ट मूलभूत भौतिकी पुरस्कार (2012) से सम्मानित किया गया था।

विशिष्ट अतिथि *नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *अफ़्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस स्थापना दिवस* (African National Congress Foundation Day)
दक्षिण अफ्रीकी मूलनिवासी राष्ट्रीय कांग्रेस (SANNC) की स्थापना 8 जनवरी 1912 में Bloemfontein में John Langalibalele Dube द्वारा की गई थी. इसके पीछे प्राथमिक मकसद काले और मिश्रित जाति के अफ्रीकियों को मतदान का अधिकार देना या अफ्रीकी लोगों को एकजुट करना और मौलिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक बदलाव के लिए संघर्ष करना था।

विशिष्ट अतिथि *विजया डालमिया हैदराबाद* ने **नन्दा अभिनेत्री जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया नंदा (8 जनवरी 1939 – 25 मार्च 2014) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री थीं।इन्हे फ़िल्म आँचल (1960) के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

विशिष्ट अतिथि *सुशीला अग्रवाल शांतिनिकेतन* ने *सईद जाफ़री जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया सईद जाफ़री (पंजाबी: ਸਈਦ ਜਾਫ਼ਰੀ; ८ जनवरी १९२९ – १५ नवम्बर २०१५) भारत में जन्मे ब्रितानी अभिनेता थे। उन्होंने विभिन्न ब्रितानी और हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय किया। उनका जन्म मलेरकोटला, पंजाब में एक पंजाबी मुस्लिम परिवार में हुआ। उन्होंने द मैन हू वूड बी किंग (१९७५), शतरंज के खिलाड़ी (१९७७), गाँधी (१९८२), ए पैसेज टू इंडिया (१९६५ बीबीसी संस्करण एवं १९८४ फ़िल्म), द फार पैविलियंस (१९८४) और माय ब्यूटीफुल लौन्ड्रेट (१९८५) सहित विभिन्न फ़िल्मों में अभिनय किया। उन्होंने १९८० और १९९० के दशक में विभिन्न बॉलीवुड फ़िल्मों में भी काम किया।

विशिष्ट अतिथि *कमलेश बोंदिया झारखंड* ने *मोहन राकेश जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया मोहन राकेश (८ जनवरी १९२५ – ३ दिसम्बर १९७२) नई कहानी आन्दोलन के सशक्त हस्ताक्षर थे।
पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए किया। जीविकोपार्जन के लिये अध्यापन किया। कुछ वर्षो तक ‘सारिका’ के संपादक भी रहे। ‘आषाढ़ का एक दिन’,’आधे अधूरे’ और लहरों के राजहंस के रचनाकार। ‘संगीत नाटक अकादमी’ से सम्मानित। ३ दिसम्बर १९७२ को नयी दिल्ली में आकस्मिक निधन। मोहन राकेश मूलतः एक सिंधी परिवार से थे। उनके पिता कर्मचन्द बहुत पहले सिंध से पंजाब आ गए थे। वे हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और उपन्यासकार हैं। समाज के संवेदनशील व्यक्ति और समय के प्रवाह से एक अनुभूति क्षण चुनकर उन दोनों के सार्थक सम्बन्ध को खोज निकालना, राकेश की कहानियों की विषय-वस्तु है। मोहन राकेश की डायरी हिंदी में इस विधा की सबसे सुंदर कृतियों में एक मानी जाती है।

विशिष्ट अतिथि *कीर्ति गर्ग राजस्थान* ने *आशापूर्णा देवी जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया आशापूर्णा देवी (8 जनवरी 1909-13 जुलाई 1995) भारत से बांग्ला भाषा की कवयित्री और उपन्यासकार थीं, जिन्होंने 13 वर्ष की अवस्था से लेखन प्रारम्भ किया और आजीवन साहित्य रचना से जुड़ीं रहीं। गृहस्थ जीवन के सारे दायित्व को निभाते हुए उन्होंने लगभग दो सौ कृतियाँ लिखीं, जिनमें से अनेक कृतियों का भारत की लगभग सभी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। उनके सृजन में नारी जीवन के विभिन्न पक्ष, पारिवारिक जीवन की समस्यायें, समाज की कुंठा और लिप्सा अत्यंत पैनेपन के साथ उजागर हुई हैं। उनकी कृतियों में नारी का वयक्ति-स्वातन्त्र्य और उसकी महिमा नई दीप्ति के साथ मुखरित हुई है। उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं स्वर्णलता, प्रथम प्रतिश्रुति, प्रेम और प्रयोजन, बकुलकथा, गाछे पाता नील, जल, आगुन आदि। उन्हें 1976 में *ज्ञानपीठ पुरस्कार* से सम्मानित किया गया था।यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली वे पहली महिला हैं।

विशिष्ट अतिथि *माया पटवारी महाराष्ट्र* ने कार्ल रोजर्स जन्म तिथि पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया कार्ल रोजर्स (8 जनवरी 1902 – 4 फ़रवरी 1987) अमेरिका के प्रसिद्ध मनश्चिकित्सक थे। मनश्चिकित्सा में मानवीय संवेदना को स्थान देने के लिये प्रसीध हैं।
उपचारार्थी केंद्रित मनश्चिकित्सा नामक मानसिक रोगों के निवारण की एक मनोवैज्ञानिक विधि कार्ल रोजर्स द्वारा प्रतिपादित की गई है। रोजर्स का स्व-वाद प्रसिद्ध है जो अधिकांशत: उपचार प्रक्रिया या परिस्थितियों से उद्भूत प्रदत्तों पर अवलंबित है। रोजर्स की मूल कल्पनाएँ स्वविकास, स्वज्ञान, स्वसंचालन, बाह्य तथा आंतरिक अनुभूतियों के साथ परिचय, सूझ का विकास करना, भावों की वास्तविक रूप में स्वीकृति इत्यादि संबंधी हैं। वस्तुत: व्यक्ति में वृद्धिविकास, अभियोजन एवं स्वास्थ्यलाभ तथा स्वस्फुटन की स्वाभाविक वृत्ति होती है। मानसिक संघर्ष तथा संवेगात्मक क्षोभ इस प्रकार की अनुभूति में बाधक होते हैं। इन अवरोधों का निवारण भावों के प्रकाशन और उनको अंगीकार करने से सूझ के उदय होने से हो जाता है।
इस विधि में ऐसा वातावरण उपस्थित किया जाता है कि रोगी अधिक से अधिक सक्रिय रहे। वह स्वतंत्र होकर उपचारक के सम्मुख अपने भावों, इच्छाओं तथा तनाव संबंधी अनुभूतियों का अभिव्यक्तीकरण करे, उद्देश्य, प्रयोजन को समझे और संरक्षण के लिए दूसरे पर आश्रित न रह जाए। इसमें स्वसंरक्षण अथवा अपनी स्वयं देख देख आवश्यक होती है। उपचारक परोक्ष रूप से, बिना हस्तक्षेप के रोगी को वस्तुस्थिति की चेतना में केवल सहायता देता है जिससे उसके भावात्मक, ज्ञानात्मक क्षेत्र में प्रौढ़ता आए। वह निर्देश नहीं देता, न तो स्थिति की व्याख्या ही करता है।

विशिष्ट अतिथि *पूजा अग्रवाल बैंगलोर* ने *किम जोंग उन के जन्मदिन* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया किम जोंग का जन्म 8 जनवरी 1984 को हुआ वे उत्तरी कोरिया के सर्वोच्च नेता हैं। वे किम जोंग इल (1941–2011) के पुत्र हैं। और किम सुंग (1912–1994) के पोते है। इसने 28 दिसम्बर 2011 को अपने आपको तानाशाह बना लिया और उसकी आधिकारिक घोषणा भी कर दी।

*निमिषा गोयल पत्थलगांव* ने *गैलीलियो गैलिली की पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया गैलीलियो गैलली (१५ फरवरी, १५६५ – ८ जनवरी, १६४२) इटली के वैज्ञानिक थे। वे एक महान आविष्कारक थे तथा दूरदर्शी के विकास में उनका अतुलनीय सहयोग था।

*मंजू गोयल* ने *केशवचन्द्र सेन पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया केशवचंद्र सेन (19 नवम्बर 1838 – 8 जनवरी 1884) बंगाल के हिन्दू दार्शनिक, धार्मिक उपदेशक एवं समाज सुधारक थे। 1856 में ब्रह्मसमाज के अंतर्गत केशवचंद्र सेन के आगमन के साथ द्रुत गति से प्रसार पानेवाले इस आध्यात्मिक आंदोलन के सबसे गतिशील अध्याय का आरंभ हुआ। केशवचन्द्र सेन ने ही आर्यसमाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती को सलाह दी की वे सत्यार्थ प्रकाश की रचना हिन्दी में करें।

*सीमा गुप्ता* ने *जगद्गुरु चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती स्वामिगल पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया जगद्गुरु चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती स्वामिगल (20 मई 1894 – 8 जनवरी 1994) काँची कामकोटिपीठम के 68वें जगद्गुरु थे। उन्हे प्रायः परमाचार्य या ‘महा पेरिययवाल’ कहा जाता है।

*कुसुम अग्रवाल रायपुर* अपनी अभिव्यक्ति में बताया *अन्तोनी मारिया अलकुवे ई सुरेदा* (2 फ़रवरी 1862 – 8 जनवरी 1932) स्पेनी कातालोन्याई पादरी, भाषावैज्ञानिक, लेखक और इतिहासकार थे। मायोर्का द्वीप के निवासी अलकुवे की लेखन शैली आधुनिकतावादी थी व इन्होंने कई विविध विषयों जैसे रोमन कैथलिक गिरजाघर, लोककथाओं और भाषाविज्ञान में रचनाएँ की थीं। मुख्य रूप से इन्हें कैटलन भाषा और उसकी उपभाषाओं में रुचि पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से किए गए प्रयासों के लिए जाना जाता है तथा अपने इस कार्य के लिए ये इतने प्रसिद्ध हुए कि इन्हें ‘भाषा का देवदूत’ कहा गया। इनके कुछ प्रमुख कार्यो में शामिल है कैटलन-वैलेंसियाई-बालेआरिक शब्दकोश।

*कीर्ति अग्रवाल* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *मनीलाल मगन्लाल डाक्टर* (२८ जूलाई १८८१ – ८ जनवरी १९५६) भारत में जन्मे, लंदन शिक्षित वकील और नेता था, जो[के अनेक देशों की यात्रा की ब्रिटिश साम्राज्य समेत, [फिजी]], मॉरीशस और अदन, को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के स्थानीय जातीय भारत आबादी. वह मिले गाँधी, जो उसे कहा मॉरीशस जाना, जहां उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया अदालत में Mauritians और संपादित एक समाचार पत्र,हिन्दुस्तानी. गांधी के बाद बाद एक फिजी में बैरिस्टर के लिए जरूरत से उसे सूचित किया और वह में फिजी में 1912 पहुंचे। भारतीय आबादकार फिजी में वह भी प्रतिनिधित्व हिंद फ़ीजी अदालत में एस, एक समाचार पत्र शुरू और फिजी भारतीयों, भारतीय इंपीरियल एसोसिएशन के रूप में जाना के लिए एक संगठन की स्थापना की।

वरिष्ट सदस्या *सुलोचना धनावत रायपुर* ने अपने उद्बोधन में बताया *झ़ोउ एनलाई* (जन्म: ५ मार्च १८९८; देहांत: ८ जनवरी १९७६) जनवादी गणतंत्र चीन के सबसे पहले प्रधान मंत्री थे जिन्होनें अक्टूबर १९४९ से जनवरी १९७६ तक इस ओहदे पर काम किया। चीनी साम्यवादी पार्टी के सर्वोच्च नेता माओ ज़ेदोंग के अधीन काम करते हुए उन्होंने साम्यवादी दल के चीन पर क़ब्ज़े में और उसके बाद चीन की विदेश नीति और आर्थिक विकास के क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाई। १९४९-१९५८ काल में वे चीन के विदेश मंत्री रहे। १९७२ में अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के चीन के दौरे और फिर चीनी-अमेरिकी संबंधों में सुधार के पीछे भी उनका काफ़ी हाथ था। भारत, ताइवान, सोवियत संघ और वियतनाम के साथ कटु-संबंधों में भी विदेशी नीति बनाने में झ़ोउ की बड़ी भूमिका रही थी।

*पुष्पा अग्रवाल अध्यक्ष रायपुर इकाई* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *मधु लिमये* (1 मई 1922 – 1995) भारत के समाजवादी विचारों के निबन्धकार एवं कार्यकर्ता थे जो १९७० के दशक में विशेष रूप से सक्रिय रहे। वे राममनोहर लोहिया के अनुयायी एवं रामसेवक यादव व जार्ज फर्नांडीज के सहकर्मी थे। वे जनता पार्टी के शासन में आने के समय बहुत सक्रिय रहे थे।

*उमा बंसल महासचिव कोरबा और प्रेमलता गोयल उपाध्यक्ष अंबिकापुर* ने आज के मुख्य समाचार और इतिहास की मुख्य घटना पर प्रकाश डाला।
1997 – महात्मा गान्धी अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना।
2010- दुबई की एक होटल प्रबंधन कंपनी रोटाना कंपनी के 72 मंजिला ‘रोज रेहान’ नामक होटल को गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड्स ने दुनिया के सबसे ऊंचे होटल के रूप में दर्ज किया। यह होटल 333 मीटर उंचा है। इसमें 482 कमरे हैं।

*बिलासपुर इकाई की अध्यक्षा शीतल लाठ* ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया

*हेमलता बंसल कोषाध्यक्ष* ने सभी सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।

उपमा अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, गिरिजा गोयल, उषा कलानौरिया, सिया अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, उमा बंसल, सुलोचना धनावत, पुष्पा अग्रवाल, नंदिनी चौधरी, मंजू गोयल, पूजा अग्रवाल, आरूषीअग्रवाल, निमिषा गोयल, निशा गोयल, नंदिनी गोयल, कृष्णा भिवानीवाला, लाता मोदी, माया पटवारी, राजबाला गर्ग, रश्मि अग्रवाल, संगीता चौधरी, प्रीति मोदी, कीर्ति अग्रवाल, सपना सराफ, नंदिनी गोयल, अंशु अग्रवाल, सिया अग्रवाल, रेखा गर्ग, राखी गोयल, सरिता अग्रवाल, पूनम गोयल, सपना सराफ, सुशीला अग्रवाल, विजया डालमिया, हेमलता मित्तल, हेमलता बंसल,विकास अग्रवाल ने भजन प्रस्तुति से भक्तिमय वातावरण बना सभी सदस्यों को झूमने गाने के लिए प्रेरित किया। अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।