अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत ग्यारह माह से प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में 10/1/2022 सोमवार को गूगल मीट पर *विश्व हिंदी भाषा दिवस,उपन्यासकार गुरुदयाल सिंह, अमेरिकी आविष्कारक समेउल कोल्ट, उपन्यासकार सुचित्रा भट्टाचार्य, राजनीतिज्ञ मुरली देवड़ा, साहित्यकार पद्मनारायणं राय, अर्थशास्त्री जॉन मथाई, पार्श्व गायक के जे येसुदास, मरोत्त राव कन्नमवार, जोया अफरोज, आयशा टाकिया, ऋतिक रोशन, दृष्टि धामी, अल्लू अरविंद जन्म तिथि और डॉ संपूर्णा नंद ,गिरिजा कुमार माथुर, राधा विनोद पाल, रिचर्ड बुन पुण्य तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

*राष्ट्र भाषा हिंदी अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित होगी डॉ विनय पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग*

अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत ग्यारह माह से प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में 10/1/2022 सोमवार को गूगल मीट पर *विश्व हिंदी भाषा दिवस,उपन्यासकार गुरुदयाल सिंह, अमेरिकी आविष्कारक समेउल कोल्ट, उपन्यासकार सुचित्रा भट्टाचार्य, राजनीतिज्ञ मुरली देवड़ा, साहित्यकार पद्मनारायणं राय, अर्थशास्त्री जॉन मथाई, पार्श्व गायक के जे येसुदास, मरोत्त राव कन्नमवार, जोया अफरोज, आयशा टाकिया, ऋतिक रोशन, दृष्टि धामी, अल्लू अरविंद जन्म तिथि और डॉ संपूर्णा नंद ,गिरिजा कुमार माथुर, राधा विनोद पाल, रिचर्ड बुन पुण्य तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम की संचालन कर्ता *डॉ अनीता अग्रवाल* ने कार्यक्रम का श्री गणेश अपने निवास स्थान पर शंकर भगवान के फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित, पूजा अर्चना आरती आराधना कर गणेश वंदना और पितरों जी की स्तुति से किया।

सरिया इकाई की अध्यक्षा *डिंपल अग्रवाल* ने सोमवार का महत्व बता शंकर पार्वती जी की कथा सुना गणेश वंदना भजन प्रस्तुत किया।

बाराद्वार इकाई की अध्यक्षा *उषा कलानौरिया* ने पितरों की कृपा के बारे में बता पितरों जी महाराज का भजन कर उनका आशीर्वाद की कामना की।

कोरबा इकाई की अध्यक्षा *भगवती अग्रवाल* ने सभी अतिथियों को तिलक लगा श्री फल और तुलसी मां का पौधा भेट कर स्वागत किया।

रायपुर इकाई की अध्यक्षा *उमा बंसल और कुसुम अग्रवाल* ने मुख्य अतिथि , मुख्यवक्ता,कार्यक्रम के अध्यक्ष और विशिष्ट अतिथि का संक्षिप्त जीवन परिचय दे उन्हे उनके उद्बोधन के लिए बारी बारी से डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।

कार्यक्रम के अध्यक्ष *डॉ विनय पाठक पूर्व अध्यक्ष* राज भाषा आयोग ने *विश्व हिंदी दिवस* पर अपने वक्तत्व पर शुभकामनाएं देते हुए कहा ये सुखंड संयोग है कि अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन मंच द्वारा हिंदी दिवस के प्रचार प्रसार में कार्य किए जा रहे है ये अत्यंत सरहनीय है।
उन्होंने हिंदी भाषा के इतिहास को बताते हुए बताया हिंदी विश्व में सबसे ज्यादा बोलने वाली भाषा है।ये राष्ट्रीय न हो कर अंतराष्ट्रीय भाषा के रूप में जल्द ही स्थापित होगी। 1975 में इंदिरा गांधी जी ने प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन जा आयोजन करवाया था उसके बाद 2006 में माननीय मनमोहन सिंह जी ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर इसे मनाया। अंतराष्ट्रीय भाषा, राजभाषा, लोकभाषा के रूप में हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार हुआ। सी दयानंद सरस्वती ने भी संस्कृत के साथ साथ हिंदी भाषा का ज्ञान अर्जित किया।महात्म गांधी, स्वामी विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस, लालबहादुर शास्त्री, बाल गंगाधर तिलक आदि सभीने हिंदी भाषा के जन आंदोलन द्वारा ही स्वतंत्रता हासिल की।
हमारी हिंदी भाषा हमारी संस्कृति, अस्मिता को दर्शाती है। संस्कृत से संस्कृति, प्राकृत से प्रकृति संपर्क की भाषाहिंदी भाषा ही विकसित और स्थापित है।जल्द ही ये विश्व भाषा के रूप में स्थापित होगी।

मुख्य अतिथि *श्रीमती अंजुलता भास्कर सहायक प्राध्यापक उमरमारा* कोटा, बिलासपुर ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित कर हिंदी भाषा का इतिहास बताए हुए हिंदी को सर्वाधिक अध्यन पठान की भाषा बताया।उन्होंने सभी से आहवान किया की दैन के जीवन में हिंदी को ही प्राथमिकता देनी होगी। हिंदी से ही कई भाषाओं के उत्पन्ता की बात बताई।

*डॉ अनीता अग्रवाल* ने विश्व हिंदी दिवस पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया अतः राष्ट्र की प्रगति के लिए हिन्दी की सर्वस्वीकार्यता आवश्यक है. ”निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल”- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का यह कथन विगत डेढ़ सौ वर्षों से निज भाषा की स्वीकार्यता का समर्थन कर रहा है।इसका उद्देश्य विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं। विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ तब से ही इस दिन को ‘विश्व हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। हिन्दी न सिर्फ भारतीय संस्कृति की अभिव्यक्ति का माध्यम है, बल्कि यह पूरे देश को एकता के सूत्र में भी पिरोती है। भारत के अलावा विश्व के कई अन्य देशों में भी हिंदी भाषा बोली जाती है, जो हमारे लिए गर्व का विषय है,उन्होंने शुभकामनाएं दे सभी से निवेदन है कि हम हिंदी भाषा का अधिक से अधिक उपयोग करें।
*मुझे गर्व है कि हिंदी मेरी मातृभाषा है, एवं राष्ट्रभाषा है*।

*विशिष्ट अतिथि नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *गुरुदयाल सिंह जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया गुरदयाल सिंह(10 जनवरी 1933 – 16 अगस्त 2016) एक पंजाबी साहित्यकार थे जो उपन्यास और कहानी लेखक थे। इन्हें 1999 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपनी प्रथम कहानी भागों वाले प्रो.मोहन सिंह के साहित्य मैगजीन पंज दरिया में प्रकाशित की थी। उनके पंजाबी साहित्य में आने से पंजाबी उपन्यास में बुनियादी तबदीली आई थी।उनके उपन्यास मढ़ी दा दीवा , अंधे घोड़े का दान का सभी पंजाबी भाषाओँ में अनुवाद हो चुक्का है और इन की कहाँनीयों पर अधारत फ़िल्में भी बनी हैं।

*विशिष्ट अतिथि सुशीला अग्रवाल शांतिनिकेतन कोलकाता* ने *सैमुएल कोल्ट जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया अमेरिकी आविष्कारक, उद्योगपति, व्यापारी सैमुएल कोल्ट का जन्म 10 जनवरी, 1862 को हुआ था। वे एक अमेरिकी आविष्कारक, उद्योगपति, और व्यापारी जो कोल्ट का पेटेंट आग-शस्त्र विनिर्माण कंपनी (अब स्थापित था कोल्ट का विनिर्माण कंपनी ) और बनाया बड़े पैमाने पर उत्पादन की रिवाल्वर व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य।

*विशिष्ट अतिथि विजया डालमिया हैदराबाद* ने *सुचित्रा भट्टाचार्य जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया सुचित्रा भट्टाचार्य (जन्म- 10 जनवरी, 1950; मृत्यु- 12 मई, 2015) बांग्ला भाषा की प्रसिद्ध महिला उपन्यासकार थीं। उनमें बचपन से ही लिखने के प्रति विशेष रुचि थी। वह सत्तर के दशक के अंत (1978-1979) में छोटी कहानियों में लेखन के साथ लौटीं। उन्होंने अस्सी के दशक के मध्य में उपन्यास लिखना शुरू किया। एक दशक के भीतर, विशेषकर उपन्यास ‘काचर देवल’ (ग्लास वाल) के प्रकाशन के बाद, वे बंगाल के प्रमुख लेखकों में से एक बन गईं।

*विशिष्ट अतिथि पूजा अग्रवाल बैंगलोर* ने मुरली देवड़ा (10 जनवरी 1937 – 24 नवंबर 2014) एक भारतीय राजनीतिज्ञ, व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता थे। वह मुंबई के मेयर , उच्च और निचले दोनों सदनों में संसद सदस्य और कैबिनेट रैंक के मंत्री थे। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे ।श्री मुरली देवड़ा को भारत सरकार की पंद्रहवीं लोकसभा के पंद्रहवीं लोकसभा का मंत्रीमंडल|मंत्रीमंडल में पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार| पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में मंत्री बनाया गया है।

विशिष्ट अतिथि *कमलेश बोंदिया झारखंड* ने *पद्मनारायण राय जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया पद्मनारायण राय (जन्म- 10 जनवरी, 1908, नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश; मृत्यु- 31 जनवरी, 1968) हिन्दी के निबन्धकार और साहित्यकार थे। ये काफ़ी लम्बे समय तक ‘नागरी प्रचारिणी पत्रिका’ के सम्पादक रहे थे।
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में जन्में पद्मनारायण राय ने ‘नागरी प्रचारिणी पत्रिका’ का कुशल सम्पादन किया था।
इनके द्वारा लिखे गये प्रमुख निबन्ध इस प्रकार हैं-
शिक्षा का सुधार, वैदिक स्वर, शब्द शक्ति, साहित्य की आत्मा
भक्ति भाव की अभिनव मीमांसा
जयशंकर प्रसाद जी की ‘कामायनी’ पढ़ाते समय पद्मनारायण राय बहुत तन्मय हो जाते थे।
31 जनवरी, 1968 को काशी में इनका निधन हुआ।

विशिष्ट अतिथि *लाता मोदी साकोली महाराष्ट्र* ने हिंदी को सुहागन की बिंदी जैसे दमकने की प्रार्थना कर हिंदी दिवस की बधाई दे *जॉन मथाई जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया डॉ जॉन मथाई भारत के शिक्षाविद, अर्थशास्त्री एवं न्यायविद् थे।जॉन मथाई का जन्म त्रिवेंद्रम नगर में 10 जनवरी 1886 ई को एक धनी कुटुंब में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा त्रिवेंद्रम में ही हुई। इसके उपरांत उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कालेज में शिक्षा प्राप्त की। बी ए तथा बी एल की डिग्रियाँ प्राप्त कर वे लंदन गए और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से बी लिट् की डिग्री प्राप्त की। फिर उन्होंने डी एस-सी की डिग्री लंदन विश्वविद्यालय से प्राप्त की।टाटा संस लिमिटेड के निदेशक नियुक्त हुए फिर वे भारतीय स्टेट बैंक के बोर्ड ऑव डाइरेक्टर्स के अध्यक्ष रहे। इसी बीच वे मुंबई विश्वविद्यालय के उपकुलपति नियुक्त हुए और फिर 1958 से 1959 तक केरल विश्वविद्यालय के उपकुलपति रहे। 1959 ई में भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण की उपाधि से विभूषित किया।

विशिष्ट अतिथि *यशोदा गुप्ता ओडिसा* ने *के. जे. कट्टासेरी जोसेफ़ येसुदास जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया के. जे. कट्टासेरी जोसेफ़ येसुदास एक प्रसिद्ध कर्नाटक संगीत गायक हैयेसुदास प्लेबैक सिंगिग में एक जाना पहचाना चेहरा है। इन के गाए गीतों में “गोरी तेरा गाँव बड़ा फिल्मी गाना बहुत ही खूबसूरत और सुप्रसिद्ध गाना रहा है।उनकी सुरीली आवाज़ सुनने वालों के ऊपर बहुत गहरा प्रभाव छोड़ती है। येसुदास ने हिन्दी के अतिरिक्त मलयालम, तमिल, कन्नड़, तेलुगू, बंगाली, गुजराती, उड़िया, मराठी, पंजाबी, संस्कृत, रूसी तथा अरबी भाषाओं में भी गीतों को अपनी सुरीली आवाज़ दी है। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत वर्ष 1961 में की थी। उनके गाए गीत ‘गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा’, ‘सुरमई अखियों में’, ‘दिल के टुकड़े-टुकड़े करके’, ‘जानेमन-जानेमन तेरे दो नयन’, ‘चाँद जैसे मुखड़े पे’ सबकी जुबां पर चढ़ गए। दक्षिण भारतीय भाषाओं में उन्होंने कई सफ़ल फिल्में भी बनाईं, जैसे- ‘वडाक्कुम नाथम’, ‘मधुचंद्रलेखा’ और ‘पट्टनाथिल सुंदरन’। सर्वश्रेष्ठ गायन के क्षेत्र में सात राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले वे देश के एकमात्र गायक हैं। वर्ष 2002 में येसुदास को भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया था।

*विशिष्ट अतिथि रंजना गर्ग गुजरात* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया मारोतराव कन्नमवार एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। वे २० नवंबर १९६२ से २४ नवंबर १९६३ तक महाराष्ट्र के दुसरे मुख्यमंत्री रहे थे और अपने कार्यकाल में ही उनकी मृत्यु हो गई।चन्द्रपूर जिले के साओली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ थे। वह एक प्रभावशाली राजनीतिज्ञ थे और १९६२ के भारत-चीन युद्ध के दौरान उनकी प्रार्थना पर, चंद्रपुर जिले ने महाराष्ट्र में से मुम्बई के बाद अधिकतम सोना एकत्र किया।

*निशा गोयल पत्थलगांव* ने *ज़ोया अफ़रोज़ जन्मदिन* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया जोता (जन्म: १० जनवरी १९९४) एक भारतीय अभिनेत्री और मॉडल हैं।हम साथ-साथ हैं और ‘कुछ ना कहो’ जैसी फिल्मों में काम करने वाली जोया ने नौ साल की उम्र में अभिनय की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने टीवी शो ‘सोन परी’ में भी काम किया है।

*गिरिजा गोयल लैलूंगा* ने *आयशा टाकिया जन्मदिन* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया आयशा (जन्म: १० जनवरी १९८६) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री है जो मुख्यतः हिन्दी फ़िल्मों में कार्यरत है। उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत टार्ज़न द वण्डर कार (२००४) नामक फ़िल्म से की जिसके लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर महिला प्रथम अभिनय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फ़िल्म डोर (२००६) में युवा विधवा के पात्र के लिए उन्हें काफी सराहा गया। उन्हें अधिक कामयाबी वांटेड (२००९) के कारण मिली जो व्यावसायिक दृष्टि से उनकी अब तक की सर्वाधिक सफल फ़िल्म है।

*हेमलता मित्तल भिलाई* ने *दृष्टि धामी जन्म दिन* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया दृष्टि भारतीय मॉडल और अभिनेत्री है। वह दिल मिल गए, गीत हुई सबसे पराई और मधुबाला धारावहिक के लिए जानी जाती है। झलक दिखला जा के छठे संस्करण की वो विजेता है।उनकी स्कूल कि पढाई मेरी इमाक्यूलेट गर्ल्स हाईस्कूल बोरीवली, मुंबई से हुई। दृष्टि ने मिथीबाई कॉलेज, मुंबई से नागरिक सास्त्र में अपना ग्राज्युएशन पुरा किया। दृष्टि कि राशी मकर है।

*पुष्पा अग्रवाल रायपुर* ने *ऋतिक रोशन जन्मदिन* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया ह्रितिक रोशन एक भारतीय अभिनेता है जो बॉलीवुड में काम कर रहे हैं।इनका जन्म एक कायस्थ परिवार में हुआ था। सन 1980 में हृतिक रोशन ने एक बाल कलाकार के रूप में फिल्मों में पदर्पण होने के बाद फिल्म कहो ना प्यार है (2000) में प्रमुख भूमिका निभाई ।

*कुसुम अग्रवाल* ने *अल्लू अरविंद जन्मदिन* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया अल्लू अरविंद (जन्म 10 जनवरी 1949) टॉलीवुड में एक भारतीय फिल्म निर्माता और वितरक हैं । वह अपने प्रोडक्शन बैनर गीता आर्ट्स के तहत फिल्मों का निर्माण करते हैं । वह इंडियन सुपर लीग क्लब केरला ब्लास्टर्स एफसी के सह-मालिकों में से एक हैं ।

*प्रतिमा गुप्ता* ने शिव भजन सुना, *डॉ॰ संपूर्णानन्द पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया डॉ॰ संपूर्णानन्द (1 जनवरी 1890 – 10 जनवरी 1969) कुशल तथा निर्भीक राजनेता एवं सर्वतोमुखी प्रतिभावाले साहित्यकार एवं अध्यापक थे। वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वे सदा हिन्दी के पक्षधर रहे। उन्हें हिन्दी की श्रीवृद्धि के लिए ‘समाजवाद’ पुस्तक पर ‘मंगला प्रसाद पुरस्कार’ भी मिला। 1940 में वे ‘अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ के सभापति निर्वाचित हुए। लम्बे समय तक वे ‘नागरी प्रचारिणी सभा’ के भी अध्यक्ष और फिर संरक्षक रहे।सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना में विशेष योगदान दिया।

*सरला मित्तल* ने *गिरिजाकुमार माथुर पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया गिरिजा कुमार माथुर (२२ अगस्त १९१९ – १० जनवरी १९९४) एक कवि, नाटककार और समालोचक थे। गिरिजा कुमार माथुर का जन्म मध्य प्रदेश के अशोक नगर में हुआ।उनके पिता देवीचरण माथुर स्कूल अध्यापक थे तथा साहित्य एवं संगीत के शौकीन थे। वे कविता भी लिखा करते थे। सितार बजाने में प्रवीण थे। माता लक्ष्मीदेवी मालवा की रहने वाली थीं और शिक्षित थीं। गिरिजाकुमार की प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई। उनके पिता ने घर ही अंग्रेजी, इतिहास, भूगोल आदि पढ़ाया। स्थानीय कॉलेज से इण्टरमीडिएट करने के बाद १९३६ में स्नातक उपाधि के लिए ग्वालियर चले गये। ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से उन्होंने शिक्षा ग्रहण की तथा सन् १९३८ में उन्होंने बी.ए. किया, १९४१ में उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एम॰ए॰ किया तथा वकालत की परीक्षा भी पास की। सन १९४० में उनका विवाह दिल्ली में शकुन्त माथुर से हुआ, जो अज्ञेय द्वारा सम्पादित सप्तक परम्परा (‘दूसरा सप्तक’) की पहली कवयित्री रहीं। 1943 से ‘ऑल इंडिया रेडियो’ में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए अंग्रेजी और उर्दू के वर्चस्व के बीच हिन्दी को पहचान दिलाई। लोकप्रिय रेडियो चैनल ‘विविध भारती’ उन्हीं की संकल्पना का मूर्त रूप है। माथुर जी दूरदर्शन के उप-महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए।

*डिंपल अग्रवाल सरिया* ने हिंदी दिवस पर अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुत कर *राधा विनोद पाल पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया राधाबिनोद पाल (27 जनवरी 1886 – 10 जनवरी 1967) भारत के अंतरराष्ट्रीय ख्याति के विधिवेत्ता और न्यायाधीश थे। उन्होंने द्वितीय महायुद्ध के बाद जापान द्वारा सुदूर पूर्व में किए गये युद्धापराधों के विरुद्ध चलाए गए अंतरराष्ट्रीय मुकदमे में वे भारतीय जज थे। ११ जजों में वे अकेले थे जिन्होने निर्णय दिया कि सभी निर्दोष हैं।

*भगवती अग्रवाल* ने हिंदी दिवस पर शुभकामनाएं दे *रिचर्ड बुन पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया जेम्स रिचर्ड बून (जन्म ca. 1952) बज़कॉक्स के पूर्व प्रबंधक और रिकॉर्ड लेबल, न्यू हार्मोन्स के बॉस हैं।हॉवर्ड देवोटो के लीड्स ग्रामर स्कूल के दोस्त बून, बैंड के लिए गिग्स आयोजित करने के बाद, डिफ़ॉल्ट रूप से मौलिक गुंडा समूह बज़कॉक्स के प्रबंधक बन गए ।बून ने एलन डायल नाम के कलम का उपयोग करते हुए कई बज़कॉक्स गीतों के लेखन में भाग लिया। बैंड के संगीत को जारी करने की मांग करते हुए, बून ने न्यू हार्मोन्स लेबल शुरू किया। लेबल ने जनवरी 1977 में स्पाइरल स्क्रैच ईपी जारी किया , और 1979 से 1982 तक नियमित रूप से अन्य कलाकारों द्वारा रिकॉर्ड जारी करना शुरू किया। इस समय के दौरान बिटिंग टंग्स , डायग्राम ब्रदर्स , डिस्लोकेशन डांस , लुडस और एरिक रैंडम जैसे कार्य करता है। सभी ने मैनचेस्टर-आधारित लेबल के साथ शुरुआती रिकॉर्ड जारी किए।

*उमा बंसल महासचिव कोरबा और प्रेमलता गोयल उपाध्यक्ष* अंबिकापुर ने आज के इतिहास की मुख्य घटनाओं पर प्रकाश डाला।

*बिलासपुर इकाई की अध्यक्षा शीतल लाठ, हेमलता मित्तल, पुष्पा अग्रवाल, भगवती अग्रवाल* ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया

*हेमलता बंसल कोषाध्यक्ष* ने सभी सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।

डॉ विनय पाठक, अंजुलता भास्कर, नंदिनी चौधरी, लाता मोदी, कमलेश बोंदिया, सीता अग्रवाल, उपमा अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, गिरिजा गोयल, उषा कलानौरिया, सिया अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, उमा बंसल, सुलोचना धनावत, डिंपल अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, रेखा गर्ग, राखी गोयल, सरिता अग्रवाल, पूनम गोयल, सुशीला अग्रवाल, विजया डालमिया, हेमलता बंसल, प्रतिमा गुप्ता, राजकुमारी गुप्ता, यशोदा गुप्ता, प्रेमलता गोयल, हेमलता मित्तल, सरला मित्तल, सिया अग्रवाल ने भजन प्रस्तुति से भक्तिमय वातावरण बना सभी सदस्यों को झूमने गाने के लिए प्रेरित किया। अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।