पांडव पंचमी पर आयोजित आध्यात्मिक कार्यक्रम, होमी जहांगीर भाभा व शांताराम राजाराम वणकुद्रे पर अभिव्यक्ति प्रस्तुति

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत साढ़े बीस माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 30 अक्टूबर 2022 रविवार को दोपहर तीन बजे से गूगल मीट पर चतुर्मास, कार्तिक मास, पांडव पंचमी डाला छठ,रिचर्ड शेरेगन, थ्योडो दोस्तोवस्की, प्रसिद्ध रूसी लेखक, सुकुमार रे, बंगाल के लोकप्रिय उपन्यासकार, होमी जहाँगीर भाभा, अभिजीत दा की जन्म तारीख और विनोद मेहरा, वी शांताराम की निधन तारीख पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

पांडव पंचमी पर आयोजित आध्यात्मिक कार्यक्रम, होमी जहांगीर भाभा व शांताराम राजाराम वणकुद्रे पर अभिव्यक्ति प्रस्तुति

कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर भगवान दरबार में फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा मोली चढ़ा पुष्पार्पण, माल्यार्पण कर श्री फल प्रसाद चढ़ा मंत्रोचार से दीप प्रज्वलित कर गणेश वंदना, पितरों जी की स्तुति, गुरु वंदना और राष्ट्रगान से किया।
अपने आतिथ्य उद्बोधन में उन्होंने सभी अतिथियों और सदस्यों का स्वागत किया सभी को कार्तिक पुण्य माह की बधाई प्रेषित कर अतिथियों का संक्षिप्त जीवन परिचय प्रस्तुत कर सभी को उनके उद्बोधन के लिए आमंत्रित किया।

कार्यक्रम अध्यक्ष नंदिनी चौधरी सिंगापुर ने अपने उद्बोधन में बताया
साढ़े बीस माह से प्रतिदिन वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन करवाना बहुत बढ़ी बात है कार्यक्रम अध्यात्म, बौद्धिक, मानसिक, मनोरंजन की दृष्टि बहुत ही उपयोगी ज्ञानवर्धक बताया।

मुख्य वक्ता कमलेश बोंदिया सिमगेड़ा झारखंड ने अपने उद्बोधन में बताया कार्तिक मास का महात्म बताया उन्होंने इस माह के दौरान सुनी जाने वाली पौराणिक कहानियां सुनाई।

मुख्य अतिथि सबिता अग्रवाल सन पुर ओडिसा ने अपने उद्बोधन में बताया प्रतिवर्ष कार्तिक मास की पंचमी तिथि को पांडव पंचमी पर्व के रूप में मनाया जाता है।भगवान श्रीकृष्ण के आदेश से पांडवों ने कौरवों को जिस दिन हराया था, उस दिन पंचमी थी। इसीलिए तभी से पांचों पांडवों की पूजा होती पांडव पंचमी मनाई जाती है। मान्यता है कि पांडव जैसे पुत्रों की प्राप्ति हेतु इस दिन श्रीकृष्‍ण सहित पांडवों की पूजा की जाती है।महाभारत के 5 प्रसिद्ध वीर योद्धा थे पांडव, जिन्हें पांडु पुत्रों के रूप में जाना जाता है। पांडु के पांचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन की माता कुंती थीं तथा नकुल और सहदेव की माता माद्री थी।

विशिष्ट अतिथि पार्वती अग्रवाल लाऊ मुंडा ओडिसा ने अपने उद्बोधन में बताया होमी जहांगीर भाभा (30 अक्टूबर, 1909 – 24 जनवरी, 1966) भारत के एक प्रमुख वैज्ञानिक और स्वप्नदृष्टा थे जिन्होंने भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की कल्पना की थी। उन्होने मुट्ठी भर वैज्ञानिकों की सहायता से मार्च 1944 में नाभिकीय उर्जा पर अनुसन्धान आरम्भ किया। उन्होंने नाभिकीय विज्ञान में तब कार्य आरम्भ किया जब अविछिन्न शृंखला अभिक्रिया का ज्ञान नहीं के बराबर था और नाभिकीय उर्जा से विद्युत उत्पादन की कल्पना को कोई मानने को तैयार नहीं था। उन्हें ‘आर्किटेक्ट ऑफ इंडियन एटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम’ भी कहा जाता है। भाभा का जन्म मुम्बई के एक सभ्रांत पारसी परिवार में हुआ था। उनकी कीर्ति सारे संसार में फैली। भारत वापस आने पर उन्होंने अपने अनुसंधान को आगे बढ़ाया। भारत को परमाणु शक्ति बनाने के मिशन में प्रथम पग के तौर पर उन्होंने 1945 में मूलभूत विज्ञान में उत्कृष्टता के केंद्र टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआइएफआर) की स्थापना की। डा. भाभा एक कुशल वैज्ञानिक और प्रतिबद्ध इंजीनियर होने के साथ-साथ एक समर्पित वास्तुशिल्पी, सतर्क नियोजक, एवं निपुण कार्यकारी थे। वे ललित कला व संगीत के उत्कृष्ट प्रेमी तथा लोकोपकारी थे। 1947 में भारत सरकार द्वारा गठित परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रथम अध्यक्ष नियुक्त हुए।

विशिष्ट अतिथि पूजा अग्रवाल बैंगलोर ने अपने उद्बोधन में शांताराम राजाराम वणकुद्रे (18 नवंबर 1901 – 30 अक्टूबर 1990), जिसे वी. शांताराम या शांताराम बापू कहते हैं, एक भारतीय फिल्म निर्माता, फिल्म निर्देशक और अभिनेता थे। वह डॉ. कोटणीस की अमर कहानी (1946), अमर भोपाल (1951), झनक झनक पायल बाजे (1955), दो आँखे बारह हाथ (1957), नवरांग (1959), दुनिया न माने (1937) पिंजरा (1972), चानी, इय मराठिएचे नगरी और जुंजे जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।

सुलोचना धनावत प्रचार प्रसार प्रभारी ने रामचरित मानस का जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है बताते हुए कई प्रसंगों का दैनिक जीवन में अनुसरण करने की बात पर जोर दिया। उन्होंने सभी उपस्थित सदस्यो को उत्तर काण्ड के पाठ के लिए आमंत्रित किया। कथा समापन पर रामायण जी की आरती कर पुष्पांजलि के बाद भोग लगा विश्व कल्याण की भावना प्रकट की गई।

सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया और सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के धन्यवाद ज्ञापित किया गया। संपूर्ण विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।

कार्यक्रम में शामिल मीना गोयल, नंदनी चौधरी, पूजा अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, पार्बती अग्रवाल, कमलेश बोंदिया, अंशु अग्रवाल, आशा बेरीवाल, मीना अग्रवाल, लक्ष्मी अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, तारा बेरीवाल, सुलोचना धनावत, पुष्पा अग्रवाल, प्रतिमा गुप्ता, राजकुमारी गुप्ता, कीर्ति अग्रवाल, मोनिका अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, उषा कलानोरिया, डिंपल अग्रवाल, मंजू गोयल, हेमलता मित्तल, निमिषा गोयल, निशा गोयल, मधु अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, मोनिका अग्रवाल, रजनी जिंदल, श्वेता अग्रवाल, रेखा गर्ग, मधु मित्तल, शीतल लाठ, सरला लोहिया ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।