कोविड गाइड लाइन के तहत बिलासपुर में विवाह और
अंत्येष्टि को छोड़कर सभी कार्यक्रमों पर पाबंदी है ,लेकिन इसी दौरान प्रशासन की आंख में धूल झोंक कर या फिर प्रशासन की मौन सहमति के साथ शहर के एक होटल में फैशन शो का आयोजन किया गया। बताया जा रहा है कि प्रशासन से अनुमति लिए बगैर बिलासपुर के होटल सिल्वर ऑक में नेशनल ब्राइडल कंपटीशन एंड फैशन शो एवं एजुकेशन सेमिनार का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पहले लखीराम ऑडिटोरियम होने वाला था जिसे बाद में होटल में शिफ्ट किया गया। इस आयोजन में बॉलीवुड सेलिब्रिटी सारा खान, इंटरनेशनल मेकअप आर्टिस्ट जिया सोजा और छालीवुड डायरेक्टर दानिश अहमद शामिल हुए।
इधर जिला प्रशासन दावा करता रहा कि इस तरह का कोई आयोजन बिलासपुर में नहीं हो रहा है ,लेकिन होटल में बुधवार सुबह से ही आयोजन की शुरुआत हो गई थी ,जिसे लेकर शहर के कुछ जागरूक लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई । समाजसेवी धनंजय गिरी गोस्वामी का कहना है कि जब कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए सभी तरह के आयोजन पर पाबंदी है तो फिर क्यों एक फैशन शो के नाम पर शहर को दाव पर लगाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में शामिल होने मुंबई से कथित सेलिब्रिटी पहुंचे थे, जिनसे संक्रमण का खतरा हो सकता था। इस दौरान कुछ लोगों ने कलेक्टर से लेकर एसडीएम और अन्य अधिकारियों तक भी शिकायत की लेकिन अधिकारी इसी बात पर अड़े रहे कि ऐसा कोई आयोजन नहीं हो रहा है । जबकि लोगों की आंखों के सामने फैशन शो चल रहा था। बाद में हंगामा देखकर प्रशासन ने दखल दिया लेकिन इसके बावजूद भी होटल के कमरों के भीतर फैशन शो और अन्य कार्यक्रम पूरे किए गए।
जिस वक्त सभी तरह के धार्मिक ,सामाजिक कार्यक्रमों पर पाबंदी है, उसी दौरान कैसे एक गैरजरूरी कार्यक्रम को शहर में पूरा होने दिया गया ? इस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। विरोध करने वालों का दावा है कि आयोजकों को जिला प्रशासन की मौन सहमति थी और उनके ही इशारे पर यह कार्यक्रम पूरा हुआ। एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए इस तरह की अनुमति देने का भी आरोप लग रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि प्रशासनिक अधिकारी इस बात से अगर बेखबर थे तो यह उनकी बड़ी चूक कही जा सकती है। जाहिर है प्रशासन की ढीली ढाली कार्यशैली की वजह से होटल के कमरों में आयोजकों ने अपनी जिद पूरी की। भले ही इससे नियमों का उल्लंघन हो या फिर संक्रमण फैले, उनकी बला से। इस उल्लंघन के बावजूद आयोजकों के खिलाफ किसी तरह की कानूनी कार्यवाही तक नहीं की गई, जिसे लेकर एक बड़े वर्ग में नाराजगी है।
