समाज में धर्म-जाति के गहरी होती खाई को दूर करना होगा- हुलास साहू

*समाज में धर्म-जाति के गहरी होती खाई को दूर करना होगा- हुलास साहू*

छत्तीसगढ़ ग्राम विकास एकता समिति के प्रदेश अध्यक्ष हुलास साहू ने कहा कि जब भी ग्राम सभाओं के जरिये लोगो को स्वशासन के अनुरूप सीधे सत्ता देने की बात की जाती है, तो सरकार में बैठे नेता तथा कुछ बड़बोले छुटभैय्ये नेता कहते है कि लोग तो लड़ेंगे। लोग तो धर्म और जाति के नाम पर विभाजित है, इसलिए लोगो को सत्ता नही दी जा सकती।

इतिहास गवाह है कि जब-जब आजादी की बात की गई, तब-तब सत्ताधारी नेताओं व कुछ लोगो ने जनता के बीच के विभाजनों को कारण बता कर जनता को सत्ता देने से मना कर दिया। इन्ही नेताओं, गाँवो के कुछ लोगों ने ही अपने फायदे के लिए जनता के बीच जाति-धर्म, भेद-भाव आदि विभाजनों का बीज बोकर उन्ही विभाजनों का सहारा लिया और सत्ता की मलाई चाट रहे है। अक्सर सत्ताधारी नेता लोग जनता के बीच के विभाजनों को पाटने के बदले और कुरेदते रहे इस खाई को पाटने के बजाय और विभाजनों के बीज बोते रहे है। और इन्ही विभाजनों को कारण बता कर जनता को सत्ता देने से इनकार करते है और पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के बजाय विधानसभा में संशोधन कर शिथिल करते आ रहे है।

हमारे नेता, पार्टीयाँ और अफसर हमारे गाँव तथा पूरे छत्तीसगढ़ में जाति-धर्म और भेद-भाव की राजनीति का खेल खेलते आ रहे है और गहरा करते आ रहे है।

इसलिए सबसे पहली हमे अपने विभाजनों को खुद दूर करना होगा। जो सत्ता हम सबको 26 जनवरी 1950 को मिली थी। वो सत्ता अब हमें वापस लेना होगा । इन लोगो उसका दुरुपयोग बहुत किया। हमने जो सत्ता आपको थी, हमे यह भी करना होगा कि अपने समाज के विभाजनों को दूर करने के लिए अभियान चलाने होंगे। इसलिए जरूरी है कि गाँव-गाँव मे ग्राम सभाएं और ग्राम स्वराज सभा शुरू करने होंगे।