*आओं अपनी ग्रामसभा से जुड़े व सशक्त बनाये तथा पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करे- हुलास साहू*

*आओं अपनी ग्रामसभा से जुड़े व सशक्त बनाये तथा पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करे- हुलास साहू*

छत्तीसगढ़ ग्राम विकास एकता समिति के प्रदेश अध्यक्ष हुलास साहू ने कहा कि हम सबको मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि कहीं ग्रामसभाएं सरकारी योजनाओं की बंदरबांट करने वाली मशीन बन न जाये। ग्राम सभा की बैठकें ‘‘रस्म-अदायगी‘‘ मात्र बनने नही देना होगा। कागजी कार्यवाही पूर्ण करने हेतु घर-घर जाकर रजिस्टर में हस्ताक्षर करवाने से रोकना होगा । जिसके कारण ग्रामीण जनों का ग्रामसभा के प्रति मोह भंग हो गई है। इसके अतिरिक्त ग्रामसभा को स्थानीय नेता की राजनीति की आखाड़ा नही बनने देना होगा। जिसके कारण ग्रामसभा में उपस्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ते आ रहे है। अब हम लोगो को ग्रामसभा में “जय जोहार” आप मन कइसे हव जी से शुरू करनी होगी। लोग अपने सभी समस्याएं रखने को स्वतंत्र होने चाहिए। ग्रामसभा लोगो की निजी, पारिवारिक, सामाजिक और गाँव से सम्बंधित सभी समास्याओं की चर्चा करने का मंच बनाना होगा। लोग अपनी समस्याएं बताये और वही समाधान पर भी चर्चा हो। लोग आपस मे ही गाँव स्तर पर ही अधिकतर समस्याओं का समाधान खोजने की कोशिश करें। जैसे कि किसी गरीब के घर में कोई बीमार है, किसी बच्चे के माता पिता या पिता की मृत्यु हो गई है तो ग्रामसभा मे बैठ कर लोग चर्चा करेंगे कि उसकी मदद कैसे करें। और सरकारी सभी जनहित योजनाएं जैसे शौचालय निर्माण की राशि, आवास योजना गाँव के पात्र हितग्राहियों की चिन्हित कर दिलाना होगा। इससे लोग आपस मे जुड़ेंगे। ज्यादा से ज्यादा लोग ग्रामसभा की बैठक आने लगेंगे।

साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ किसी गाँव का सरपंच हर महीने ग्रामसभाएं बुलाने को तैयार होता है तो बहुत अच्छी बात है। अगर नही बुलाता है तो कोई बात नही। हम लोगो को खुद अपनी ओर से हर महीने प्रमुख चौक पर पूरे गाँव की सभा बुलाना शरू करना होगा। पहले कुछ लोग ही आएंगे। प्रयास करके सभी समाज के अंतिम व्यक्ति, गरीबो को जरूर बुलाना है। और महिलाओं की उपस्थिति भी बहुत जरूरी है। गाँवों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी बहुत जरूरी है और अगर महिलाओं में जागरूकता आ जाये तो पुरे गाँव को अपने अथक मेहनत और प्रयास से नशामुक्त बना देगी। इसमें हर व्यक्ति को अपनी हर समस्या रखने को स्वतंत्र देनी होगी। हम सबको लोगो की समस्याओं को ज्यादा से ज्यादा सुनना होगा और समस्याओं के समाधान पर चर्चा करना होगा। भारत गांवों में ही बसता है, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के यह कथन को आत्मसात करते हुए। छत्तीसगढ़ के सभी जनता गांव की आत्मा ग्राम सभाओं को सशक्त एवं सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम जरूर उठाए। ताकि आम जनता की जरूरतों, आवश्यकताओं एवं इच्छाओं को उजागर करने का स्वच्छ एवं पारदर्शी मार्गदर्शन बन सके। इसके अतिरिक्त, सशक्त ग्राम सभाएं आर्थिक व सामाजिक रूप से कमजोर व समाज के अंतिम व्यक्ति व वंचित वर्गों को भी निर्णय प्रक्रिया में सहभागी बनाकर उनकी माली हालात में सुधार करने का माध्यम बनाना होगा। हम सबको ग्रामसभा बैठकर समाधान निकालने की कोशिश करना होगा। आम जनता को अपनी समस्याएं रखने का मौका दिलाना होगा और इनमें से कुछ समस्याओं का भी निवारण करना होगा, इसी से लगातार आम जनता की संख्या इन सभाओं में बढ़ेंगे।

हम सबको हर सभा मे पंचायती राज व्यवस्था से चुने हुए जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करना होगा। यदि दो तीन सभाओं के बाद भी वो नही आता तो हर माह सूचना के अधिकार के तहत पंचायत द्वारा पिछले माह में किये गये काम काज के ब्यौरे की जानकारी प्राप्त करके जनता के समक्ष रखना है। हर गाँव मे आम जनता की खुली बैठक चालू करना- अति आवश्यक है।
गाँव, राज्य और देश की तस्वीर यदि बदलनी है तो हम सबको मिलजुल कर ही काम करना होगा।