अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत पंद्रह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में  9/5/2022 सोमवार को दोपहर तीन बजे से गूगल मीट पर *महाराणा प्रताप,गोपाल कृष्ण गोखले, स्वतंत्रता सेनानी, फ़र्डिनांड मोनोयेर, स्नेहमयी चौधरी, जहाँदारशाह, एन. जनार्दन रेड्डी जन्म तारीख और भवानी दयाल संन्यासी, तेनज़िंग नोर्गे,कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर, तलत महमूद राजिंदर पाल, की पुण्य तिथि* आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम

*सभी को महाराणा प्रताप जैसे शौर्य वीर पराक्रमी बन समाज हित के कार्यों के लिए अग्रसर रहना है@ डॉ अनीता*

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत पंद्रह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 9/5/2022 सोमवार को दोपहर तीन बजे से गूगल मीट पर *महाराणा प्रताप,गोपाल कृष्ण गोखले, स्वतंत्रता सेनानी, फ़र्डिनांड मोनोयेर, स्नेहमयी चौधरी, जहाँदारशाह, एन. जनार्दन रेड्डी जन्म तारीख और भवानी दयाल संन्यासी, तेनज़िंग नोर्गे,कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर, तलत महमूद राजिंदर पाल, की पुण्य तिथि* आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर भगवान गणेश के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना आराधना कर किया।
अपने आतिथ्य उद्बोधन में सभी अतिथियों और सदस्यों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की गुणवत्ता पर परिचर्चा की।महाराणा प्रताप के शौर्य की गाथा सुना सभी को शौर्य वीर बन समाज हित के कार्यों के लिए प्रेरित किया।

*पार्बती अग्रवाल* ने गणेश वंदना, *उषा अग्रवाल* रायपुर ने पितरों की स्तुति, *सुलोचना धनावत* प्रचार प्रसार प्रभारी ने गुरु वंदना प्रस्तुत की।

*सुलोचना धनावत* प्रचार प्रसार प्रभारी ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया 1653 – विश्वविख्यात ऐतिहासिक इमारत ताजमहल का निर्माण 22 वर्ष के निरंतर परिश्रम के बाद हुआ।1946 – डॉ. राम मनोहर लोहिया की अगुवाई में गोवा में पुर्तगाल के शासन के खिलाफ पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू हुआ था।2004 – चेचेन्या में एक विस्फोट में वहाँ के राष्ट्रपति अखमद कादरोव का निधन।2010 – भारत की वंदना शिवा को विकासशील देशों में महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग देने के लिए वर्ष 2010 के सिडनी शांति पुरस्कार के लिए चुना गया। उन्हें चार नवंबर को सिडनी ओपेरा हाउस में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

मुख्य अतिथि *नंदिनी चौधरी* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *राजिंदर पाल* (जन्म १८ नवंबर १९३७ – ०९ मई २०१८) एक पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी थे जिन्होंने १९६४ में एकमात्र टेस्ट मैच खेला था। इनका निधन ०९ मई २०१८ को देहरादून के एक अस्पताल में हुआ है, इससे पहले इन्हें ६ मई को दिल का दौरा पड़ा था।

विशिष्ट अतिथि *सबिता अग्रवाल* सन पुर ओडिसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया* ( ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत 1597 तदनुसार 9 मई 1540 – 19 जनवरी 1597) उदयपुर, मेवाड में सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा थे।उनका नाम इतिहास में वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ प्रण के लिये अमर है। उन्होंने मुगल बादशहा अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और कई सालों तक संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलों को कईं बार युद्ध में भी हराया और हिंदुस्थान के पुरे मुघल साम्राज्य को घुटनो पर ला दिया।

विशिष्ट अतिथि *पार्बती अग्रवाल* लाऊ मुंडा उड़ीसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *गोपाल कृष्ण गोखले* (9 मई 1866 – फरवरी 19, 1915) भारत के एक स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं सुधारक थे। महादेव गोविन्द रानडे के शिष्य गोपाल कृष्ण गोखले को वित्तीय मामलों की अद्वितीय समझ और उस पर अधिकारपूर्वक बहस करने की क्षमता से उन्हें भारत का ‘ग्लेडस्टोन’ कहा जाता है। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सबसे प्रसिद्ध नरमपंथी थे। चरित्र निर्माण की आवश्यकता से पूर्णतः सहमत होकर उन्होंने 1905 में सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी की स्थापना की ताकि नौजवानों को सार्वजनिक जीवन के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। उनका मानना था कि वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा भारत की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। स्व-सरकार व्यक्ति की औसत चारित्रिक दृढ़ता और व्यक्तियों की क्षमता पर निर्भर करती है। महात्मा गांधी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।

*उषा कलानोरिया* कार्यक्रम संचालिका ने भगवान शंकर पार्वती की पौराणिक कथा सुनाई।
भगवती अग्रवाल ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। अपनी अभिव्यक्ति में बताया *महाराणा प्रताप (धर्म ध्वजा के रक्षक)*

मां भारती की रक्षा में मुग़ल आक्रांताओ से अनवरत संघर्ष करने वाले राणा प्रताप सिंह का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ में हुआ था

मेवाड़ के सिसोदिया कुल के राणा प्रताप अपने पुरखों की भांति ही मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए जीवनपर्यंत संघर्षरत रहे

राणा प्रताप की अगुवाई में हल्दीघाटी के भीषण युद्ध मे केसरिया बाना ओढ़े 20000 राजपूतों की सेना ने 80000 मुग़ल सैनिकों को नाको चने चबवा दिए

तत्कालीन मुग़ल शासक अकबर ने राणा प्रताप से संधि के लिए चार बार प्रयास किए किन्तु प्रत्येक बार राणा प्रताप ने अकबर को तुर्क आक्रान्ता बतलाते हुए संधि से इनकार कर दिया

राणा ने अपने कुलदेवता एकलिंगजी को साक्षी मान कर ये प्रण लिया था कि जब तक वे चित्तौड़गढ़ को मुग़लो से छुड़ा नहीं लेते तब तक भूमि पर ही विश्राम करेंगे

अपनी इस प्रतिज्ञा का उन्होंने जीवनपर्यंत कठोरता से अनुपालन किया

धर्म ध्वजा के रक्षक, अदम्य साहस और वीरता के प्रतिमूर्ति ऐसे युग पुरुष को कोटि कोटि प्रणाम ।

*डिंपल अग्रवाल* ने सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत गीत। द्वारा स्वागत किया।
*पुष्पा अग्रवाल* ने सभी अतिथियों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
*शीतल लाठ* ने सभी सदस्यो की प्रस्तुति को सरहया।
*मंजू गोयल* ने शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।

कार्यक्रम ने नंदिनी चौधरी, पार्बती अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, अंशु अग्रवाल, कीर्ति अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, रंजना जिंदल, उषा अग्रवाल, उमा बंसल, उषा कलानोरिया, निशा गोयल, निमिषा गोयल, मधु मित्तल, सरला लोहिया ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।