विश्व हृदय दिवस पर डॉ राजेश अग्रवाल एमडी इंदौर द्वारा जागरूकता पर विशेष परिचर्चा
विश्व कद्दू दिवस पर कद्दू के व्यंजन और कद्दू के फायदे पर व्याख्यान
माता के जादगीत में राजकुमारी गुप्ता, प्रतिमा गुप्ता, कुसुम अग्रवाल, मधु अग्रवाल की भक्तिसे परिपूर्ण प्रस्तुति
अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत बीस माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 29 सितंबर 2022 गुरुवार को चतुर्मास, शारदीय नवरात्रि, गुरुवार, विश्व हृदय दिवस, , सितंबर खाद हानि और अपिष्ट के बारे में जागरूकता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस, विश्व पंपकिन कद्दू दिवस, – एस. एच. कपाड़िया – भारत के 38वें मुख्य न्यायाधीश, बृजेश मिश्र- भारत के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, महमूद – प्रसिद्ध हास्य अभिनेता, मोहम्मद ख़ातमी – ईरान के पाँचवें राष्ट्रपति, रॉबर्ट क्लाइव – ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा भारत में नियुक्त होने वाला प्रथम गवर्नर की जन्म तारीख और के. सी. शिवशंकर – भारत के प्रसिद्ध चित्रकार तथा कार्टूनिस्ट, टॉम अल्टर – विदेशी माता-पिता की संतान और भारतीय सिनेमा के अभिनेता, बालमणि अम्मा – मलयालम भाषा की प्रसिद्ध कवियित्री, गोपाल सेन – पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध क्रांतिकारी, मातंगिनी हज़ारा – प्रसिद्ध महिला क्रांतिकारी की निधन तारीख पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
डॉ अनीता अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर भगवान दरबार में मां दुर्गा के नवरूप की फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा श्री फल पुष्प अर्पित कर माल्यार्पण कर मंत्रोचार से दीप प्रज्वलित कर गणेश वंदना पितरों जी की स्तुति गुरु वंदना राष्ट्रगान से किया।
उन्होंने अपने स्वागत उद्बोधन में सभी अतिथियों और सदस्यों का स्वागत कर नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं बधाई प्रेषित की। नवरात्रि नौ दिन के पखवाड़े में उन्होंने बताया लगभाग 20 प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है सभी चयनित विजेताओं को दशहरा के दिन प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। प्रतिदिन भजन कीर्तन पाठ जा आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने नवरात्रि की बधाई दे बताया ये समय स्वयं की शुद्धि का है हमे स्वयं के मान वाणी को स्वच्छ कर चिंतन मनन अध्यात्म की ओर ले जाना चाहिए जिससे शुद्ध चित से हम स्वयं, परिवार, समाज और राष्ट्र की शांति कल्याण के लिए समर्पित हो सकते है।
हमे शांत मन प्रसन्न चित्त से मां दुर्गा की आराधना, ध्यान, व्रत, उपवास यथाशक्ति भजन, कीर्तन करना चाहिए दुर्गा चालीसा, चांदी पाठ, दुर्गा सप्तश्री, ललिता सहस्रनामा का पाठ करना चाहिए।
उन्होंने मंत्र
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्मांडा शुभदास्तु मे ॥ का सामूहिक पाठ कर बताया ह्रदय यानी अनाहत चक्र की ऊर्जा कूष्मांडा के जागरण से स्वयं के बोध यानी आध्यात्म का सूत्रपात होता है। और मानव सृष्टि में अपार प्रेम, पवित्रता, शुद्धता, भक्ति, और निष्ठा जागृत होती है। यदि कूष्मांडा सुप्तावस्था में रह गईं तो जीव भौतिक आंकांक्षाओं, काम- कामनाओं, लोभ, मोह वासनाओं में फंसा रह जाता है और उसके भीतर के द्वेष, कुढ़न, जलन, उदासीनता, हताशा और निराशा में विस्तार होता है।
भगवती अग्रवाल अध्यक्ष कोरबा इकाई मीडिया प्रभारी कार्यक्रम की संयोजिका संचालिका ने विश्व हृदय दिवस पर जागरूक कार्यक्रम और माता के जादगीत गायन का कार्यक्रम दो चरणों में रखा उन्होंने मुख्य वक्ता मुख्य अतिथि डॉ राजेश अग्रवाल का संक्षिप्त जीवन परिचय प्रस्तुत किया और हेमलता मित्तल ने स्वागत गान गा पुश जी भेट कर उन्हे उनके उद्बोधन के लिए आमंत्रित किया।
मुख्य वक्ता मुख्य अतिथि डॉ राजेश अग्रवाल एमडी इंदौर ने विश्व हृदय दिवस पर सभी को स्वस्थ रहने हृदय को स्वस्थ रखने के लिए विस्तार से सरल भाषा में बताया।
उन्होंने कहा हमारे पूर्वजों की जीवन शैली अपनानी होगी समय पर भोजन और शारीरिक श्रम, नियमित दिनचर्या, उचित समय पर खान पान, व्यायाम, पैदल चलने से हृदय को मजबूत और स्वस्थ रखा जा सकता है।
उन्होंने बताया प्रत्येक वर्ष ’29 सितम्बर’ को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। अव्यवस्थित जीवन शैली और असंतुलित खानपान के चलते दुनिया भर में हृदय रोग के पीड़ितों की संख्या तेज़ीसे बढ़ी है। भागती-दौड़ती जिंदगी में लोगों को अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने का मौका नहीं मिलता, जिसका उन्हें भारी खामियाजा चुकाना पड़ता है। हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार दिल की बीमारी किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है, इसके लिए कोई निर्धारित उम्र नहीं होती। महिलाओं में हृदय रोग की संभावनाएं ज्यादा होती हैं, बावजूद इसके वे इस बीमारी के जोखिमों को नजरअंदाज़कर देती हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक दिल ही है, जिस पर सबसे अधिक बोझ पड़ता है। तनाव, थकान, प्रदूषण आदि कई वजहों से रक्त का आदान-प्रदान करने वाले इस अति महत्वपूर्ण अंग को अपना काम करने में मुश्किल होती है, इसीलिए ‘विश्व हृदय दिवस’ लोगों में यह भावना जागृत करता है कि वे हृदय की बीमारियों के प्रति सचेत रहें।
प्रश्नोत्तरी में सभी सदस्यो के प्रश्नों का उनकी संतुष्टि तक समाधान बताया।
जसगीत गायन में राजकुमारी गुप्ता, मधु अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, प्रतिमा गुप्ता ने अपनी सुमधुर भक्तिमय प्रस्तुति से मंच को झूमने पर मजबूर कर माता रानी के रंग में भिगो दिया।
विशिष्ट अतिथि नंदिनी चौधरी ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया
नवरात्रि के चतुर्थ दिवस पूजित देवी कूष्मांडा कोई पाषाण प्रतिमा नहीं वरन हमारी देह के अनाहत केंद्र यानी ह्रदय चक्र पर गतिशील ऊर्जा है। सत्रह तत्वों के लोक में इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर एक विशिष्ट लोक में है। उस तप्त लोक में वहां निवास करने की क्षमता और शक्ति केवल मां कूष्मांडा में ही है। इनके शरीर की चमक-दमक, मार्तण्ड के समान दैदीप्यमान हैं। अष्टभुजा कूष्मांडा के सप्त हस्त कमल में पुष्प,अमृत कलश, कमंडल, चक्र, धनुष-बाण, गदा व आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है जो अनेक उपक्रमों से सिद्धियों और निधियों को स्वयं में समेट कर एक लक्ष्य की ओर अग्रसर होने का संकेत है। इनका वाहन सिंह है। कूष्मांडा के मण्डलों से ओज व प्रकाश से दसों दिशाएं रोशन हैं। ब्रह्मांड के समस्त प्राणियों में विद्यमान ओज, तेज और चमक इनकी परछाईं मात्र है।
विशिष्ट अतिथि पूजा अग्रवाल बैंगलोर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया
हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है ह्रदय रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिन मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को यह सूचित करना है कि हृदय रोग दुनिया में मृत्यु का मुख्य कारण है और इसका रोकथाम और नियंत्रण के लिए किए गए किए जाने वाले कार्यों को उजागर करना है।
विशिष्ट अतिथि सबिता अग्रवाल सन पुर ओडिसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया 29 सितंबर खाद्य हानि और अपशिष्ट के बारे में जागरूकता का अंतरराष्ट्रीय दिवस खाद्य और अपशिष्ट के बारे में जागरूकता का अंतरराष्ट्रीय दिवस 29 सितंबर को मनाया जाता है। यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के कार्यवाही करने के लिए कॉल करने का अवसर है। ताकि भोजन काटने के प्रयास और पहल को प्राथमिकता दी जा सके प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग को बढ़ाने के लिए जलवायु परिवर्तन को कम करने और खाद्य सुरक्षा और पोषण को समर्थन करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
विशिष्ट अतिथि सोनल सिंघानिया ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया कद्दू की सब्जी का भारतीय व्यंजन में बहुत महत्व हैं। एक तरफ जहां ये भारतीय ब्राह्मणों का प्रिय भोजन है वहीं दूसरी ओर इसको आयुर्वेद में औषधीय फल के रूप में महत्व दिया गया है। तमाम तरह की विशेषताओं वाले इस सब्जी के लिए एक विशेष दिन भी तय किया गया है। आज 29 सितंबर को विश्व कद्दू दिवस मनाया जाता है।
कुसुम अग्रवाल प्रांतीय सह कोषाध्यक्ष ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया सरोश होमी कपाड़िया (जन्म- 29 सितम्बर, 1947, मुम्बई; मृत्यु- 4 जनवरी, 2016) भारत के 38वें मुख्य न्यायाधीश थे। एस. एच. कपाड़िया 12 मई, 2010 में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए थे तथा 28 सितंबर, 2012 में इस पद से सेवानिवृत्त हुए। एक न्यायाधीश के अतिरिक्त एस. एच. कपाड़िया अर्थशास्त्र, लोक वित्त, सैद्धांतिक भौतिकी के भी गहरे जानकार थे। हिन्दू और बौद्ध दर्शनों का भी उन्होंने गहन अध्ययन किया था।
सुलोचना धनावत प्रचार प्रसार प्रभारी ने बताया बृजेश मिश्र (जन्म: 29 सितम्बर, 1928; मृत्यु: 28 सितम्बर, 2012) भारत के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधान सचिव थे।
पुष्पा अग्रवाल अध्यक्ष रायपुर इकाई और प्रांतीय उपाध्यक्ष ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया महमूद (जन्म- 29 सितंबर, 1932, मुम्बई; मृत्यु- 23 जुलाई, 2004, अमेरिका) फ़िल्म जगत् के प्रसिद्ध हास्य अभिनेता थे। उनका पूरा नाम महमूद अली था। तीन दशक लम्बे चले उनके कैरियर में उन्होंने 300 से ज़्यादा हिन्दी फ़िल्मों में काम किया। अपने बहुरंगीय किरदारों से दर्शकों को हँसाने और गंभीर भूमिका कर रुलाने वाले महमूद अभिनय के प्रति समर्पित थे। अपने बहुमुखी अभिनय और कला के प्रति समर्पण ने उन्हें बुलंदियाँ दी और उनको फ़िल्मफ़ेयर सहित कई पुरस्कारों का सम्मान मिला। उन्होंने कई फ़िल्मों में गीत ही नहीं गाये बल्कि फ़िल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया।
सरला लोहिया अध्यक्ष राजनांदगांव इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया
रॉबर्ट क्लाइव (जन्म- 29 सितंबर, 1725 ई.; मृत्यु- 22 नवंबर, 1774 ई.) अंग्रेज़ ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा भारत में नियुक्त होने वाला प्रथम गवर्नर था। कम्पनी ने उसे सन 1757 में बंगाल का गवर्नर नियुक्त करके भारत भेजा था। रॉबर्ट क्लाइब को भारत में अंग्रेज़ी शासन का संस्थापक माना जाता है। पहली बार वह सन 1757-1760 और फिर दूसरी बार सन 1765-1767 तक बंगाल का गवर्नर रहा। हिन्दुस्तान से क्लाइव 1767 में इंग्लैण्ड वापस चला गया, जहाँ 1774 ई. में उसने आत्महत्या कर ली।
डिंपल अग्रवाल अध्यक्ष सरिया इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया
के. सी. शिवशंकर (जन्म- 1927; मृत्यु- 29 सितम्बर, 2020) भारत के प्रसिद्ध चित्रकार तथा कार्टूनिस्ट थे। उन्हें ‘चंदा मामा’ के नाम से भी लोग जानते हैं। ‘विक्रम बेताल’ की कहानियों को चंदामामा मैगजीन में चित्रित करने के बाद उन्हें देशभर में विशेष पहचान मिली थी। इसके अलावा के. सी. शिवशंकर ने और भी कई कार्टून्स चित्रित किए। उन्होंने 60 से ज्यादा सालों तक कला के क्षेत्र में अपना योगदान दिया। वर्ष 2021 में के. सी. शिवशंकर को मरणोपरान्त ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया।
मंजू गोयल अध्यक्ष अंबिकापुर इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया
टॉम अल्टर ( जन्म- 22 जून, 1950, मसूरी; मृत्यु- 29 सितम्बर, 2017, मुम्बई) भारतीय सिनेमा के अभिनेता थे। उन्होंने करीब 250-300 फ़िल्मों में अभिनय किया। 2008 में भारत सरकार द्वारा टॉम अल्टर को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। इंडियन-अमेरिकन एक्टर टॉम ने कई फ़िल्मों में काम किया, लेकिन अपने लुक की वजह से उन्हें ज्यादातर अंग्रेज़ अफसरों या विदेशी चरित्र का रोल मिला। कई लोगों के लिए वह खलनायक के तौर पर सिर्फ अंग्रेज़ अफसर ही साबित हुए। हिंदी फ़िल्मों के अलावा बंगाली, असमी, मलयाली जैसी फ़िल्मों ने भी टॉम अल्टर को अंग्रेज़ करेक्टर के लिए ही काम दिया।
शीतल लाठ अध्यक्ष बिलासपुर इकाई योग प्रभारी ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया नालापत बालमणि अम्मा ( जन्म- 19 जुलाई, 1909, मालाबार, केरल; मृत्यु- 29 सितम्बर, 2004, कोच्चि) मलयालम भाषा की प्रसिद्ध कवियित्री थीं। वे महादेवी वर्मा की समकालीन थीं, जो हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक थीं। नालापत बालमणि अम्मा की गणना बीसवीं शताब्दी की चर्चित व प्रतिष्ठित मलयालम कवयित्रियों में की जाती है। उनकी रचनाएँ एक ऐसे अनुभूति मंडल का साक्षात्कार कराती हैं, जो मलयालम में अदृष्टपूर्व है। आधुनिक मलयालम की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण नालापत बालमणि अम्मा को “मलयालम साहित्य की दादी” कहा जाता है। उन्होंने 500 से अधिक कविताएँ लिखीं।
सपना सराफ संयोजिका बेटी मेरी शान ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया गोपाल सेन ( मृत्यु- 29 सितंबर, 1944) पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे।गोपाल सेन क्रांतिकारी दल के एक सक्रिय सदस्य थे और जिन दिनों बर्मा में आज़ाद हिन्द फ़ौज सक्रिय थी, गोपाल सेन को उससे संपर्क स्थापित करने में सफलता मिल गई थी। वह किसी बड़े षड़यंत्र की संरचना कर रहे थे; लेकिन पुलिस को उनकी गतिविधियों का पता चल गया।
उपमा अग्रवाल संयोजिका बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया मातंगिनी हज़ारा (जन्म- 19 अक्टूबर, 1870, पश्चिम बंगाल; शहादत- 29 सितम्बर, 1942) भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाली बंगाल की वीरांगनाओं में से थीं। भारतीय इतिहास में उनका नाम बड़े ही मान-सम्मान के साथ लिया जाता है। मातंगिनी हज़ारा विधवा स्त्री अवश्य थीं, किंतु अवसर आने पर उन्होंने अदम्य शौर्य और साहस का परिचय दिया था। ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ के तहत ही सशस्त्र अंग्रेज़ सेना ने आन्दोलनकारियों को रुकने के लिए कहा। मातंगिनी हज़ारा ने साहस का परिचय देते हुए राष्ट्रीय ध्वज को अपने हाथों में ले लिया और जुलूस में सबसे आगे आ गईं। इसी समय उन पर गोलियाँ दागी गईं और इस वीरांगना ने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी।
निमिषा गोयल प्रस्तावित अध्यक्ष पत्थलगांव इकाई ने का महात्म बताया और पौराणिक कथा सुना , सामूहिक का पाठ किया।
सुलोचना धनावत प्रचार प्रसार प्रभारी ने सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
तारा बेरीवाल अध्यक्ष रायगढ़ इकाई ने सम्पूर्ण विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।
कार्यक्रम में डॉक्टर राजेश अग्रवाल, हेमलता मित्तल, सरला लोहिया, नंदिनी चौधरी, पूजा अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, पार्बती अग्रवाल, रंजना गर्ग, उषा कलानोरिया, अंशु अग्रवाल, आशा बेरीवाल, तारा बेरीवाल, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, आशा बेरीवाल, मीना अग्रवाल, लक्ष्मी अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, रजनी जिंदल, किरण अग्रवाल मधु मित्तल, मधु अग्रवाल ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
