*सीडीएस जनरल विपिन रावत की हादसे में मौत राष्ट्रीय क्षति है डॉ अनीता*
अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन छत्तीसगढ़ प्रांत महिला
इकाई द्वारा विगत 10 माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 10 12 2021 शुक्रवार को *अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस,चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, चौधरी दिगम्बर सिंह,अशोक कुमार की जन्म तिथि सीडीएस जनरल विपिन रावत को श्रद्धांजलि सतसंग* कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य *अतिथि नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस* पर अपने उद्बोधन में बताया मानवाधिकार दिवस 10 दिसंबर को मनाया जाता है। मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाया गया था। यह दिन सभी लोगों के मौलिक मानवाधिकारों और उनकी बुनियादी मानव स्वतंत्रता की रक्षा के लिए मनाया जाता है।संयुक्त राष्ट्र ने 1948 में 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस घोषित किया था, जिसका उद्देश्य विश्वभर के लोगों को मानवाधिकारों के महत्व के प्रति जागरूक करना और इसके पालन के प्रति सजग रहने का संदेश देना है. दुनिया में हर व्यक्ति का मानवाधिकार है. इसके बारे में हर इंसान को जरूर पता होना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि *सुशीला अग्रवाल शांतिनिकेतन कोलकाता* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया भारतीय संविधान के भाग 3 में मौलिक अधिकारों का उल्लेख किया गया है और राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का उल्लेख भाग 4 में किया गया है। संभवतः संसार के किसी भी संविधान में मूल अधिकारों का इतना व्यापक और विशद वर्णन नहीं किया गया है। प्राचीन ग्रंथों से लेकर सम्राटों और बादशाहों ने मानवाधिकारों को किसी न किसी रूप में अपनाया।अधिकारों की श्रृंखला में मानवाधिकार को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार मानवाधिकार वे अधिकार हैं जो हमारे पास केवल इसलिए हैं, क्योंकि हम मानव है वे किसी भी राज्य द्वारा प्रदान नहीं किए गए हैं। राष्ट्रीयता, लिंग, जातीय मूल, रंग, धर्म, भाषा, या किसी अन्य के कारण भेदभाव किए बिना, ये सार्वभौमिक अधिकार हम सभी के लिए प्रकृति प्रदत्त हैं। सैद्धांतिक तौर पर इन अधिकारों का अतिक्रमण,विश्व के किसी भी देश या किसी भी सरकार के द्वारा नहीं किया किया जाना चाहिए । यह भ्रांत धारणा है कि मानवाधिकार की अवधारणा का सूत्रपात द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पश्चिमी देशों के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र के अस्तित्व में आने के बाद हुआ। इस धारणा को स्वीकृति देना प्राचीन आदिम सभ्यता के महान सभ्यताओं में उसकी उपस्थिति को नकारना होगा।
विशिष्ट अतिथि *विजया डालमिया हैदराबाद* ने *चक्रवर्ती राजगोपालाचारी की जन्म तिथि* के बारे में अपनी अभिव्यक्ति में बताया चक्रवर्ती राजगोपालाचारी भारत के वकील, लेखक, राजनीतिज्ञ और दार्शनिक थे। वे राजाजी नाम से भी जाने जाते हैं। वे स्वतन्त्र भारत के द्वितीय गवर्नर जनरल और प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल थे। १० अप्रैल १९५२ से १३ अप्रैल १९५४ तक वे मद्रास प्रान्त के मुख्यमंत्री रहे। वे दक्षिण भारत के कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, किन्तु बाद में वे कांग्रेस के प्रखर विरोधी बन गए तथा स्वतंत्र पार्टी की स्थापना की। वे गांधीजी के समधी थे। उन्होंने दक्षिण भारत में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए बहुत कार्य किया।
बरद्वार इकाई की अध्यक्षा *उषा कलानोरिया* ने अपने अभिव्यक्ति में बताया मानव अधिकार सिद्धांत की संकल्पना सदियों पुरानी प्राचीन काल से चली आ रही है किन्तु व्यवहारिक दृष्टि से इसका प्रारंभ द्वितीय विश्व युद्ध के भयंकर परिणाम के बाद हुआ जब अंतर्राष्ट्रीय शांति स्थापित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 दिसंबर 1948 को मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अंगीकृत किया।वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों के लिए चेतना जागृत करने में इस घोषणा का महत्वपूर्ण योगदान है।
सरिया इकाई की अध्यक्षा *डिंपल अग्रवाल* ने *चौधरी दिगम्बर सिंह की पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया *चौधरी दिगम्बर सिंह* की पुण्य तिथि पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया एक स्वतंत्रता सेनानी थे और मथुरा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार तथा एटा से एकबार लोकसभा के सांसद रहे। इन्होंने सहकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। किसानों की ‘भूमि अधिग्रहण अधिनियम’ में संशोधन का सबसे पहला प्रयास इनका ही था। लगभग 25 वर्ष ये ‘मथुरा ज़िला सहकारी बैंक’ के अध्यक्ष रहे। मथुरा में ‘आकाशवाणी’ की स्थापना करवाने का श्रेय इन्हें ही जाता है।
कोरबा इकाई की अध्यक्षा *भगवती अग्रवाल* ने *अशोक कुमार की पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया *अशोक कुमार अभिनेता की पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया आप हिन्दी फ़िल्मों के एक महान कलाकार अभिनेता थे। सन् १९९९ में भारत सरकार ने उन्हें कला के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया। ये महाराष्ट्र राज्य से थे।
नवगठित रायपुर इकाई की अध्यक्षा *पुष्पा अग्रवाल* ने अपने पद के अनुकूल समाज उत्थान के कार्यों में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की है।
वरिष्ट सदस्य *सुलोचना धनावत* ने मंच संचालन कर जीवन में सतसंग के महत्व पर प्रकाश डाला।सभी सदस्यो ने भजन प्रस्तुति प्रेमलता गोयल, उमा बंसल, सुलोचना धनावत, विजया डालमिया, सुशीला अग्रवाल, सिया अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, प्रेमलता गोयल, डिंपल अग्रवाल, गिरिजा गोयल, रेखा गर्ग, रंजना गर्ग, राखी गर्ग, पुष्पा अग्रवाल, नंदिनी चौधरी,कुसुम अग्रवाल, मंजू गोयल, निशा गोयल, राजबाला गर्ग ने अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से सतसंग कर भक्तिमय माहौल बना दिया।
*उमा बंसल* महासचिव ने अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया। सभी सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद प्रेषित किया।
कार्यक्रम अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल* ने सीडीएस जनरल विपिन रावत के हेलीकॉप्टर हादसे में हुई माउथ को राष्ट्रीय क्षति बता उनके जीवन और कार्यों पर प्रकाश डाल मंच से दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित कर शांति मंत्र द्वारा कार्यक्रम का समापन किया।
