अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा 13/12/2021 सोमवार को गूगल मीट पर *अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह (08-14 दिसम्बर), हवाई सुरक्षा दिवस (सप्ताह), * पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़

प्रांत द्वारा विगत दस माह से प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में 13/12/2021 सोमवार को गूगल मीट पर *अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह (08-14 दिसम्बर), हवाई सुरक्षा दिवस (सप्ताह), इलाचन्द्र जोशी की जन्म तिथि, लक्ष्मी चंद्र जैन जन्म तिथि, महाराज छत्रसाल परमधाम दिवस, मंगसीर दशमी,* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम की संयोजिका और संचालन बार द्वार इकाई की अध्यक्षा *उषा कलानोरिया* ने करते हुए कार्यक्रम का श्री गणेश अपने निवास स्थान पर विष्णु भगवान, गणेश भगवान के फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित, पूजा अर्चना आरती आराधना कर गणेश वंदना और पितरों जी की स्तुति से किया।

रायपुर इकाई की अध्यक्षा *पुष्पा अग्रवाल* ने सभी अतिथियों को तिलक लगा श्री फल और मनी प्लांट का पौधा भेट कर स्वागत किया।उनका संक्षिप्त जीवन परिचय दे उन्हे उनके उद्बोधन के लिए बारी बारी से डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल* ने *अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह (08-14 दिसम्बर)* पर अपने उद्बोधन में बताया ये देश के सभी राज्यों में लोगों के बीच हस्तशिल्प के बारे में समाज में जागरुकता, सहयोग और इसके महत्व को बढ़ाने के लिये बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।सभी जिला उद्योग प्रोत्साहन केंद्र के अधिकारी और कर्मचारी हस्तशिल्पियों के बीच जाकर हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए चल रही योजनाओं की जानकारी देंगे।

मुख्य अतिथि *नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *हवाई सुरक्षा दिवस (सप्ताह)* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया लोगों के बीच में सुरक्षा जागरुकता को बढ़ाने के लिये मनाया जाता है।सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी सहायता सेवा के साथ उनको लाभ पहुँचाने के द्वारा उनके आर्थिक नुकसान और विभिन्न मानव समस्या सहित जीवन के घाटे को कम करने के लिए जागरूक करने के लिए ये सप्ताह मनाया नितांत आवश्यक है।

विशिष्ट अतिथि *विजया डालमिया हैदराबाद* ने *इलाचन्द्र जोशी की जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति मे बताया इलाचन्द्र जोशी का जन्म 12 दिसम्बर 1902 को अलमोड़ा जिले में ब्राह्मण परिवार मे हुआ। जोशी जी का परिवार बहुत विद्वान था। इनके बाबा बल्लभचन्द्र जोशी ने अपने अध्ययन के लिए बहुत बड़ा पुस्तकालय अलमोड़ा में खुलवाया था, जिसमें श्रीवृध्दि की इलाचन्द्र जोशी के बड़े भाई डॉ. हेमचन्द्र जोशी ने। आपने विदेशी धरती पर जाकर भाषा विज्ञान में शोध कार्य किया और पहले भाषा वैज्ञानिक हुए जिन्हें डॉक्टर लिखने का गौरव प्राप्त हुआ। डॉ. हेमचन्द्र जोशी हिन्दी के लब्ध प्रतिष्ठित विद्वान थे, जिन्हें सारा भारत एवं हिन्दी जगत जानता और पहचानता है।आधुनिक हिन्दी साहित्य एवं मनोविज्ञान की दुनिया में अपनी पहचान बनाने वालों में सर्वप्रथम जो नाम आता है वह इलाचन्द्र जोशी का है।

विशिष्ट अतिथि *प्रीति मोदी कोरबा* ने *लक्ष्मी चंद्र जैन जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया लक्ष्मी चंद्र जैन भारत के गांधीवादी अर्थशास्त्री थे। भारत में आर्थिक नियोजन के पिछले पचास वर्षों के इदिहास पर डॉ. जैन की बारीक नजर थी। वो योजना आयोग के सदस्य रहे और दक्षिण अफ्रीका में भारत के राजदूत भी। वो मानते थे कि हमारी प्रमुख समस्या नौकरशाही पर निर्भरता है। उनके मुताबिक गांधी यह भली भांति समझते थे कि जनता की भागीदारी के बिना कोई काम नहीं किया जाना चाहिए और जनता की भागीदारी के बिना कोई काम सफल भी नहीं हो सकता, लेकिन आजादी के बाद हम यह बुनियादी बात भूल गये उसे जागृत करना होगा।

विशिष्ट अतिथि *रंजना गर्ग गांधीग्राम* ने *महाराज छत्रसाल परमधाम दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया महाराजा छत्रसाल भारत के मध्ययुग के एक महान प्रतापी योद्धा थे जिन्होने मुगल शासक औरंगज़ेब को युद्ध में पराजित करके बुन्देलखण्ड में अपना राज्य स्थापित किया और ‘महाराजा’ की पदवी प्राप्त की।छत्रसाल बुन्देला का जीवन मुगलों की सत्ता के खि‍लाफ संघर्ष और बुन्देलखण्ड की स्‍वतन्त्रता स्‍थापि‍त करने के लि‍ए जूझते हुए नि‍कला। महाराजा छत्रसाल बुन्देला अपने जीवन के अन्तिम समय तक आक्रमणों से जूझते रहे। बुन्देलखण्ड केसरी के नाम से वि‍ख्‍यात महाराजा छत्रसाल बुन्देला के बारे में ये पंक्तियाँ बहुत प्रभावशाली है।
इत यमुना, उत नर्मदा, इत चम्बल, उत टोंस।
छत्रसाल सों लरन की, रही न काहू हौंस॥

*गिरिजा अग्रवाल लैलूंगा* ने हिंदी फिल्म अभिनेत्री स्मिता पाटिल की पुण्य तिथि पर उनके अभिनय पर चर्चा कर उनकी फिल्मों में प्रभावशाली अभिनय के बारे में सभी को सरल शब्दो में बताया।

कोरबा इकाई की अध्यक्षा *भगवती अग्रवाल* ने मंगसीर माह की दशमी का महात्म बता पौराणिक कथा सुनाई।उन्होंने भजन प्रस्तुति पेश की।

वरिष्ट सदस्य *सुलोचना धनावत* ने सोमवार का महात्म बता शिव भगवान के कई प्रसंग बता, भजन सुना सामूहिक कीर्तन और *ओम नमः शिवाय* मंत्र का जाप करवाया।

*कुसुम अग्रवाल* ने अलबेरूनी – एक फ़ारसी विद्वान् लेखक, वैज्ञानिक, धर्मज्ञ तथा विचारक की पुण्य तिथि पर अंकेकर्यो पर प्रकाश डाला।

*उमा बंसल महासचिव* ने आज के मुख्य समाचार पर प्रकाश सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया। सभी सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।

*सम्मेलन के सभी* सदस्य सुलोचना धनावत, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, गिरिजा गोयल, कुसुम अग्रवाल, उषा कलानौरिया, उमा बंसल, नंदिनी चौधरी, पुष्पा अग्रवाल, सरिता अग्रवाल, पूनम गोयल,विजया डालमिया,रंजना गर्ग,मंजू गोयल, प्रीति मोदी ने भजन प्रस्तुति से भक्तिमय वातावरण बना सभी सदस्यों को झूमने गाने के लिए प्रेरित किया। अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।