अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़
प्रांत द्वारा विगत ग्यारह माह से प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में 28/12/2021 मंगलवार को गूगल मीट पर *राष्ट्रीय जन्म तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम की अध्यक्षा और संचालन कर्ता *डॉ अनीता अग्रवाल* ने कार्यक्रम का श्री गणेश अपने निवास स्थान पर हनुमान भगवान के फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित, पूजा अर्चना आरती आराधना कर गणेश वंदना और पितरों जी की स्तुति से किया। उन्होंने जीवन में सतसंग का महत्व बताया।
सरिया इकाई की अध्यक्षा *डिंपल अग्रवाल* ने मंगलवार का महत्व बता हनुमान जी की कथा सुनाई।
*निशा गोयल पत्थलगांव* ने गणेश वंदना भजन प्रस्तुत कर ऋद्धि सिद्धि के संग सभी के घर में विराजमान रहे की प्रार्थना की।
कोरबा इकाई की अध्यक्षा *भगवती अग्रवाल* ने पितरों की कृपा के बारे में बता पितरों जी महाराज का भजन कर उनका आशीर्वाद की कामना की।
बाराद्वार इकाई की अध्यक्षा *उषा कलानौरिया* ने सभी अतिथियों को तिलक लगा श्री फल और तुलसी मां का पौधा भेट कर स्वागत किया।उन्होंने हनुमान भजन की प्रस्तुति से हनुमान आराधना कर सद्बुद्धि प्राप्ति की मंगल कामनाएं की।
रायपुर इकाई की अध्यक्षा *पुष्पा अग्रवाल* ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि का संक्षिप्त जीवन परिचय दे उन्हे उनके उद्बोधन के लिए बारी बारी से डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल* ने *केन्द्रीय आरक्षी पुलिस दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सी॰आर॰पी॰एफ॰) भारत के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सबसे बड़ा है। यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत काम करता है। सीआरपीएफ की प्राथमिक भूमिका पुलिस कार्रवाई में राज्य / संघ शासित प्रदेशों की सहायता, कानून-व्यवस्था और आतंकवाद विरोध में निहित है। यह क्राउन प्रतिनिधि पुलिस के रूप में 27 जुलाई 1939 को अस्तित्व में आया। भारतीय स्वतंत्रता के बाद यह 28 दिसंबर 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम के लागू होने पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल बन गया।
मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता *नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *गजानन त्र्यंबक माडखोलकर जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया गजानन त्र्यंबक माडखोलकर मराठी उपन्यासकार, आलोचक तथा पत्रकार थे।आपने आरंभ में ‘रवि-किरण-मंडल’ नामक कविसप्तक के सदस्य के नाते काव्यलेखन आरंभ किया। बाद में आलोचक के नाते अधिक ख्याति प्राप्त की। 1933 में आपने ‘मुक्तात्मा’ नामक उपन्यास लिखकर मराठी में राजनीतिक उपन्यास लेखन की प्रथा आरंभ की। बाद में कई उपन्यास आपने लिखे जिनमें रूढ़ नैतिकता और सामाजिक मान्यताओं के प्रति विद्रोह का द्वंद बहुत तीव्र रूप से व्यक्त हुआ है। माडखोलकर अपनी काव्यमयी भाषाशैली के लिये बहुत प्रसिद्ध हैं। कुछ आलोचकों ने उनकी कथात्मक रचनाओं में स्त्री-पुरुष संबंधों की स्पष्ट व्याख्या को श्लीलता की मर्यादा से परे बताया है। संस्कृत काव्यशास्त्र के ज्ञाता और अभिजात रसवादी होने पर भी वे आधुनिकता को सहानुभूति से देखते थे। मराठी भाषा तथा साहित्य में पिछली पीढ़ी की औपन्यासिक त्रयी में फड़के-खांडेकर के साथ आपका नाम आदर से लिया जाता है। आपकी कई रचनाओं के अनुवाद हिंदी, गुजराती आदि भाषाओं में भी हुए हैं।
विशिष्ट अतिथि *विजया डालमिया हैदराबाद* ने *वॉन नॉय्मेन जन्म जयंती* पर अपने उद्बोधन में बताया वॉन नॉय्मेन का जन्म बुडापेस्ट, ऑस्ट्रिया-हंगरी में हुआ था।जॉन वाॅन नॉय्मेन एक महान हंगेरियाई गणितज्ञ थे। जान वान न्यूमैन एक महान साइंटिस्ट थे आधुनिक कंप्यूटर के विकास में इनका सर्वाधिक योगदान है।वॉन नॉय्मेन बचपन से कौतुक थे। छ: वर्ष की उम्र में वह दो ८-अंकोंवाले संख्याओं का विभाजन अपने मस्तिष्क में कर सकते थे।
विशिष्ट अतिथि *सुशीला अग्रवाल शांतिनिकेतन* ने *धीरुभाई अंबानी जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया धीरजलाल हीरालाल अंबानी जिन्हें धीरुभाई भी कहा जाता है। भारत के एक चिथड़े से धनी व्यावसायिक टाइकून बनने की कहानी है जिन्होनें रिलायंस उद्योग की स्थापना मुम्बई में अपने चचेरे भाई के साथ की। कई लोग अंबानी के अभूतपूर्व/उल्लेखनीय विकास के लिए अन्तरंग पूंजीवाद और सत्तारूढ़ राजनीतिज्ञों तक उनकी पहुँच को मानते हैं क्योंकि ये उपलब्धि अति दमनकारी व्यावसायिक वातावरण में पसंदीदा वर्ताव द्वारा प्राप्त की गई थी। (लाइसेंस राज ने भारतीयों को दबाया। १९९० तक भारतीय व्यवसाय का गला घोंट दिया और उन्हीं को राजनीतिज्ञों ने लाइसेंस प्रदत्त किया जो की उनके इष्ट थे, जिसने प्रतियोगिता के कोई आसार नहीं छोड़े)। अंबानी ने अपनी कंपनी रिलायंस को १९७७ में सार्वजानिक क्षेत्र में सम्मिलित किया और २००७ तक परिवार (बेटे मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी) की सयुंक्त धनराशी १०० अरब डॉलर थी, जिसने अम्बानियों को विश्व के धनी परिवारों में से एक बना दिया। उनके घर की पहली कुरसी गीरधरलाल मेवाडा ने बनाई जो गुजरात से थे।
*अनीता अग्रवाल कोरबा* ने *रत्न टाटा जन्म जयंती* पर अपने उद्बोधन में बताया रतन नवल टाटा (28 दिसंबर 1937, को मुम्बई, में जन्मे) टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया।तन टाटा को राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पनी लिमिटेड (नेल्को) का डाईरेक्टर-इन-चार्ज नियुक्त किया गया, एक कम्पनी जो कि सख्त वित्तीय कठिनाई की स्थिति में थी। रतन ने सुझाव दिया कि कम्पनी को उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के बजाय उच्च-प्रौद्योगिकी उत्पादों के विकास में निवेश करना चाहिए जेआरडी नेल्को के ऐतिहासिक वित्तीय प्रदर्शन की वजह से अनिच्छुक थे, क्यों कि इसने पहले कभी नियमित रूप से लाभांश का भुगतान नहीं किया था। इसके अलावा, जब रतन ने कार्य भार सम्भाला, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स नेल्को की बाज़ार में हिस्सेदारी 2% थी और घाटा बिक्री का 40% था। फिर भी, जेआरडी ने रतन के सुझाव का अनुसरण किया।रतन टाटा को सन २००० में भारत सरकार ने उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये गुजरात राज्य से हैं।
*पूजा अग्रवाल* ने *अरुण जेटली जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया अरुण जेटली (28 दिसंबर 1952 – 24 अगस्त 2019) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और वकील थे। भारतीय जनता पार्टी के एक सदस्य , जेटली ने 2014 से 2019 तक भारत सरकार के वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री के रूप में कार्य किया। जेटली ने पहले वित्त , रक्षा , कॉर्पोरेट मामलों, वाणिज्य और उद्योग , और कानून और न्याय के कैबिनेट विभागों को संभाला। में वाजपेयी सरकार और नरेन्द्र मोदी सरकार ।
*प्रतिमा गुप्ता भाटापारा* ने *नेरेला वेणु माधव जन्म जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया नेरेला वेणु माधव एक भारतीय प्रभाववादी मिमिक्री कलाकार थे।नेरेल्ला वेणु माधव (28 दिसंबर 1932 – 19 जून 2018) एक भारतीय प्रभाववादी और वेंट्रिलोक्विस्ट थे । उन्होंने मशहूर हस्तियों, राजनेताओं, स्थानीय बोलियों , निज़ामों की नकल करते हुए लोकप्रियता हासिल की और संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रदर्शन करने वाले पहले व्यक्ति थे । उन्होंने तेलुगु विश्वविद्यालय में डिप्लोमा कोर्स शुरू किया, जो दुनिया में पहला था। उन्हें अक्सर भारतीय मिमिक्री का जनक माना जाता है। उन्हें भारत में मिमिक्री के अग्रणी और उस्ताद के रूप में भी जाना जाता है।
*कुसुम अग्रवाल* ने *राजा राव रामबख्श सिंह बलिदान दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया राजा राव रामबख्श सिंह भारत की उत्तर प्रदेश एक रियसत डौंडियाखेड़ा के राजा थे। उनका संबंध बैस राजपूत से है।1857 में भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम में उन्होने अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ा था। उन्हें अंग्रेजों से हार का सामना करना पड़ा था। ब्रिटिश शासकों ने उन्हें फांसी की सजा दी थी। ओर स्थानिय लोगो की माने तो उन्हें जब फाँसी दी गयी तो वे दो बार बचे क्योंकि की उनके गले मे स्फटिक सिला थी ।। अंग्रेजों ने राजा के किले को तोड़ दिया।राजा राव राम बख्श सिंह एक बैस राजपूत थे जो तत्कालीन अवध प्रांत में उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के डौंडिया खेरा के राजा राव थे जो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का एक जागीरदार राज्य था। वह सिपाही विद्रोह के नेताओं में से एक थे, और नाना साहब के करीबी सहयोगी थे।
17 फरवरी 1856 को, जब अंग्रेज जनरल लॉर्ड डलहौजी ने अवध को ब्रिटिश राज्य में मिलाने की घोषणा की, राव राम बख्श सिंह एक अच्छे शासक के रूप में प्रसिद्ध थे। राव साहब द्वारा ग़दर के दौरान दिखाई गई सक्रियता और युद्ध कौशल के कारण जनरल हैवलॉक का लखनऊ पहुंचना मुश्किल था, उन्हें बीच रास्ते में ही कानपुर लौटना पड़ा।
*राखी गोयल* ने *पंडित सुंदरलाल शर्मा पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया पंडित सुंदरलाल शर्मा (२१ दिसम्बर १८८१ – १९४०), छत्तीसगढ़ में जन जागरण तथा सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे। वे कवि, सामाजिक कार्यकर्ता, समाजसेवक, इतिहासकार, स्वतंत्रता-संग्राम सेनानी तथा बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्हें ‘छत्तीसगढ़ का गांधी’ कहा जाता है। उनके सम्मान में उनके नाम पर पण्डित सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ की स्थापना की गई है।
*वंदना अग्रवाल* ने *सुमित्रानंदन पंत पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया सुमित्रानंदन पंत (२० मई १९०० – २८ दिसम्बर १९७७) हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और रामकुमार वर्मा जैसे कवियों का युग कहा जाता है। उनका जन्म कौसानी बागेश्वर में हुआ था। झरना, बर्फ, पुष्प, लता, भ्रमर-गुंजन, उषा-किरण, शीतल पवन, तारों की चुनरी ओढ़े गगन से उतरती संध्या ये सब तो सहज रूप से काव्य का उपादान बने। निसर्ग के उपादानों का प्रतीक वबिम्ब के रूप में प्रयोग उनके काव्य की विशेषता रही। उनका व्यक्तित्व भी आकर्षण का केंद्र बिंदु था। गौर वर्ण, सुंदर सौम्य मुखाकृति, लंबे घुंघराले बाल, सुगठित शारीरिक सौष्ठव उन्हें सभी से अलग मुखरित करता था।
अंबिकापुर की अध्यक्षा *प्रेमलता गोयल* ने *अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि और साहित्यकार प्रो. सुरेश वात्स्यायन पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में उनके जीवन और कार्यों पर प्रकाश डाला।
*गिरिजा गोयल* ने *28 दिसंबर महत्त्वपूर्ण घटनाओ* पर अपनी अभिव्यक्ति में प्रकाश डाल बताया
1612 – गैलीलियो ने नेप्च्यून ग्रह को देखा और इसे स्थिर तारे की संज्ञा दी l
1885 – भारतीय नेशनल कांग्रेस पार्टी की स्थापना हुई।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अधिवेशन बंबई में हुआ, जिसमें 72 प्रतिनिधि शामिल हुए।
1895 – सिनेमा के इतिहास में पहली बार किसी कहानी को फ़िल्म का रूप दिया गया। यह फ़िल्म फ्रांस के अविष्कारक लूमीर बंधुओं ने बनाई जिन्हें फ़िल्म जगत का जनक कहा जाता है।
1926 – इंपिरियल एयरवेज ने भारत और इंग्लैंड के बीच यात्री और डाक सेवा शुरू की।
1928 – कोलकाता में पहली बार बोलती फ़िल्म मेलोडी ऑफ लव प्रदर्शित हुई।
1942 – रॉबर्ट सुलिवन पहले पायलट बने, जिन्होंने अटलांटिक महासागर के ऊपर एक सौ बार उड़ानें भरी।
1950 – द पीक डिस्ट्रिक्ट ब्रिटेन का पहला राष्ट्रीय पार्क बना।
1957 – इंग्लैंड के उत्तर में स्थित सबसे बड़े बूचड़खाने को पशुओं की फुट एंड माउथ बीमारी की वजह से बंद करने का फैसला लिया गया था.
1957 – सोवियत संघ ने परमाणु परीक्षण किया।
1966 – चीन ने लोप नोर में परमाणु परीक्षण किया।
1976 – अमेरिका ने नेवादा में परमाणु परीक्षण किया।
1983 – भारत के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ मद्रास टेस्ट में अपना 30 वां शतक जड़कर महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमेन का रिकॉर्ड तोड़ा था।
2003 – इस्रायल ने कज़ाकिस्तान के बैंकानूर अंतरिक्ष स्टेशन से दूसरा वाणिज्य उपग्रह छोड़ा।
2007 – रूस ने ईरान के बुशेहर विद्युत संयंत्र के लिए परमाणु ईधन की दूसरी खेप भेजी।
*उमा बंसल महासचिव कोरबा* ने आज के मुख्य समाचार की मुख्य घटना पर प्रकाश डाला ओमनिक्रोन और करोना से सावधान रहने के उपाय बताए।
*बिलासपुर इकाई की अध्यक्षा शीतल लाठ* ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया
*हेमलता बंसल कोषाध्यक्ष* ने सभी सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।
भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, गिरिजा गोयल, उषा कलानौरिया, कुसुम अग्रवाल, उमा बंसल, सुलोचना धनावत, प्रेमलता गोयल, पुष्पा अग्रवाल, नंदिनी चौधरी, प्रतिमा गुप्ता, श्रद्धा गुप्ता, विकास अग्रवाल, कृष्णा अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, सरिता गोयल, सुनीता गोयल, मंजू गोयल, निशा गोयल, पूजा अग्रवाल, रेखा गर्ग, राखी गोयल, निशा गोयल, शीतल लाठ, सुशीला अग्रवाल, विजया डालमिया,हेमलता बंसल, प्रेमलता गोयल, ने भजन प्रस्तुति से भक्तिमय वातावरण बना सभी सदस्यों को झूमने गाने के लिए प्रेरित किया। अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
