अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत साढ़े 14 माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रंखला में  7 अप्रैल 2022 गुरुवार को *विश्व स्वास्थ्य दिवस, पंडित रवि शंकर प्रसिद्ध सितार वादक, माँगो सैंटामारिया, क्यूबाई संगीतकार (वाटरमेलन मैन) (मृ. 2003), जितेन्द्र भारतीय फ़िल्म कलाकार, संजोय दत्त भारतीय अमरीकी कुश्ती खिलाडी़ जन्म तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम

*आहार के अंदर ऐसी क्षमता होती है जो हमें प्रशंसा की स्थिति में पहुंचाती है @ डॉक्टर विवेक डूबे चिकित्सक आयुर्वेदिक संस्थान बिलासपुर*

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत साढ़े 14 माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रंखला में 7 अप्रैल 2022 गुरुवार को *विश्व स्वास्थ्य दिवस, पंडित रवि शंकर प्रसिद्ध सितार वादक, माँगो सैंटामारिया, क्यूबाई संगीतकार (वाटरमेलन मैन) (मृ. 2003), जितेन्द्र भारतीय फ़िल्म कलाकार, संजोय दत्त भारतीय अमरीकी कुश्ती खिलाडी़ जन्म तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम

कार्यक्रम का श्रीगणेश *डॉ अनीता अग्रवाल* ने अपने निवास स्थान पर भगवान विष्णु के छाया चित्र पर रोली चावल का अक्षत लगा श्रीफल पुष्प चढ़ा माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित करके किया उन्होंने गणेश वंदना पितरों जी की आराधना और गुरु वंदना प्रस्तुत की।
*पूजा अग्रवाल* बेंगलुरु ने कार्यक्रम अध्यक्ष मुख्य वक्ता डॉ विवेक दुबे चिकित्सक शासकीय आयुर्वेदिक संस्थान का संक्षिप्त जीवन परिचय सभी के सम्मुख प्रस्तुत किया।
*डिंपल अग्रवाल* अध्यक्ष सरिया इकाई ने पुष्प गुच्छ भेंट कर मुख्य वक्ता का स्वागत किया।
*मंजू गोयल* अध्यक्ष अंबिकापुर इकाई ने स्वागत गीत गाकर डॉ विवेक स्वागत संभालकर उन्हें उनके उद्बोधन के लिए डिजिटल मच पर आमंत्रित किया।

मुख्य वक्ता *डॉ विवेक दुबे* ने विश्व स्वास्थ्य दिवस पर 2022 का थीम *हमारा जगत हमारा स्वास्थ्य आर प्लेनेट आर हेल्थ* विषय को सरल भाषा में विस्तार से बताया उन्होंने अपने वक्त वह में बताया जगत और स्वास्थ्य सिक्के के दो पहलू हैं यह एक दूसरे के पर्यायवाची है जगत और जीव में सामंजस होता है ।पृथ्वी का वह भाग जहां जीव जन्म ले पूर्ण चैतन्य के साथ अपने स्वास्थ्य का संवर्धन कर सके वो जगत है। उन्होंने बताया दुविधा की एक स्थिति ऐसी आती है जब हम स्वस्थ रहना चाहते हैं लेकिन स्वस्थ कैसे रहे स्वास्थ्य निरोगी कैसे प्राप्त करें यह नहीं पता होता है सुविधा *संपन्न* लोग अधिक पोषण ले लेते हैं जिससे उनका मेटाबॉलिक रेट बिगड़ जाता है *अभावग्रस्त* लोग कुपोषण का शिकार हो जाते हैं तो सही जीवन शैली कैसी होनी चाहिए इस पर हमें विचार करना चाहिए हम भारतीय हैं यहां *छह ऋतु* होती है हमें ऋतु ओं के अनुसार और हमारी जो *पुरातन परंपरा परंपरा है दाल चावल रोटी* वह हमें खाना चाहिए और उसी का एक बहुत बड़ा विज्ञान है जिसको हमें समझना चाहिए जगत में हर जीव अपनी उर्जा के लिए जगत से जुड़ा होता है मुख्य 24 तत्व होते हैं जो हर जीव जगत से प्राप्त करता है और जैसे ही यह तत्व शरीर में जाते हैं ऊर्जा अग्नि से प्रभावित होकर यह धातु में बदल जाते हैं जिसके कारण हमें पोषण प्राप्त होता है पोषण हमें मुख्यता *3 मार्गों* से प्राप्त होता है *आहार* से 19 प्रकार *निद्रा* से पांच *आनंद* से 4 कुल मिलाकर 24 हमारे भारतीय सभ्यता के ज्ञान से हमें प्राप्त हुआ है और हमें इसका आत्मसात करना चाहिए।
हमारा सुख में शरीर हमें आहार से आनंद तक ले जाता है । आहार मुख्य रूप से शूक्धन्य, शमी धान्य, मास वर्ग, शाक वर्ग, फल वर्ग, हरित वर्ग, मध्य वर्ग, जल वर्ग, गोरस वर्ग, इक्षु विकाद वर्ग, कृतन्न वर्ग, आहार योगी वर्ग होता है। निद्रा से हमें रात्रि सभाव, त्रि भाग्य निद्रा, निर्वेद निद्रा, भूत धात्री निद्रा चार प्रकार की निद्राये हैं इससे हमें यह सीखना है कि हमें 8 घंटे रात्रि 9:00 से सुबह 5:00 तक की निद्रा अवश्य लेनी चाहिए इससे भी हमें पोषण प्राप्त होता है जो हमें निरोगी रखता है।
यह बड़ा अनोखा है कि *आनंद* से भी हमें आहार पोषक तत्व प्राप्त होते हैं आहार में ब्रह्मचार्य,ज्ञान ,दान, मैत्री, करुणा, हर्ष, उपेक्षा, प्रश्न यह भावों से भी हम प्रसन्न रहते हैं और प्रसन्न रहने से जो हम आहार लेते हैं वह पोषक तत्व में परिवर्तित होते हैं ।
प्राण को धारण करने वाला आहार का हमें पान करना चाहिए यह हमें जीवन में निरोगी रखता है।
निरोगी रहने के लिए *चार नियमों का पालन करना* चाहिए
*प्रथम दिनचर्या* के अनुसार हमें उपयुक्त आहार लेना चाहिए प्रातः 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक मुख्य भोजन लेना चाहिए रात्रि में तरल लघु सुपाच्य भोजन का सेवन करना चाहिए ।
*दूसरा* नियम *रितुचर्या* अनुसार मौसम के अनुकूल हमें फल खाने चाहिए।
*तीसरा वया अनुसार उम्र* के अनुसार हमें भोजन लेना चाहिए बाल काल में कफ प्रवृत्ति रहती है जवानी में पित्त प्रवृत्ति बुढ़ापे में वात प्रवृत्ति तो हमें इसके हिसाब से भोजन लेना चाहिए ।
*चौथा* और अंतिम *कर्मानुसार* आहार हमें काम के अनुसार आहार लेना चाहिए अगर हम ऑफिस जाते हैं तो हमें हल्का रूखा भुना हुआ आहार लेना चाहिए अगर हम श्रमिक वर्ग के हैं तो हमें उसके हिसाब से भोजन लेना चाहिए ।
आज शिक्षण पद्धति में बदलाव आने के कारण ही हम बीमार पड़ रहे हैं।
जो भारी देर से पचने वाले फल है कंद है हमें कम सेवन करना चाहिए। निरोगी रहने के लिए उन्होंने *दो मुख्य मंत्र* बताएं *मातृ हस्ते भोजनाम और भोजनम मातृ मुखेंन शिक्षणम*

*प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम* में उन्होंने सभी सदस्यों का एक के बाद की प्रश्नों का उनकी संतुष्टि तक समाधान बताया। मुख्यता उन्होंने बताया आहार के अंदर ऐसी क्षमता होती है जो हमें प्रशंसा की स्थिति में पहुंचाती है ।आहार को धारण करने पोषक तत्व प्राप्त होता है जो बनाने वाली की मनुष्य की मनास्तिथि, ग्रहण करने वाले की मनो स्थिति पर बहुत कुछ निर्भर होता है। हमारे भारतीय संस्कृति में हर त्योहार पूजा पद्धति ने आहार को विशेष माना गया है।
उन्होंने *खीर* का उद्धरण बताया कि चार वर्ग से मिलके बनती है और यह पोषक तत्व से भरी हुई है।
उन्होंने *शाक वर्ग* में बताया ये पोषक से भरपूर और पाचन में सरल होते है।
हमे भारी देर से पचने वाले कांद, आलू, अरबी, कच्चा भोजन, बीन्स,टमाटर, गोभी,अंकुरित का सेवन उबाल कर करना चाहिए इनका स्थूल और सूक्ष्म शरीर पर गहन असर पड़ता है।
चावल पुराना अगर है उसे खुले गंज में प्रदा कर बना कर ही सेवन में लाना चाहिए, तिल का तेल बरसात में, ठंड में सरसो जा तेल और गर्मी में घी का सेवन करना चाहिए।
*शाक बनाना* है तो उसे उबाल कर निचोड़ कर, तेल घी मिलाकर छोंक दे पकाकर ही खाना चाहिए।

*पुष्पा अग्रवाल* अध्यक्ष रायपुर इकाई ने मुख्य वक्ता, मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

*भगवती अग्रवाल* अध्यक्ष कोरबा इकाई ने मुख्य अतिथि का उनके सारगर्भित उद्बोधन को ज्ञानवर्धक बता धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में डॉक्टर विवेक दूबे, नंदिनी चौधरी, कमलेश बोंदिया, तारा बेरीवाल, नंदिनी चौधरी, उषा कलामोरिया, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, पार्बती अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, कीर्ति अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, रेखा अग्रवाल, रेखा गर्ग, राखी अग्रवाल, उषा अग्रवाल, सुलोचना धनावत, अंजली चावड़ा, वंदना अग्रवाल, मधु मित्तल, निशा गोयल, निमिषा गोयल, गिरिजा गोयल, पूजा अग्रवाल, मंजू गोयल, सिया अग्रवाल, राजकुमारी गुप्ता, यशोदा गुप्ता, अनुपमा बारीक, डॉक्टर विनोद दडसेना, राखी नहाड़िया, रंजना गर्ग, हेमलता मित्तल ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।