चंद्र ग्रहण के दौरान गीता के पाठ भावार्थ, महात्म पढ़, भजन, कीर्तन, मंत्रोचार, कीर्तन, सत्संग

चंद्र ग्रहण के दौरान गीता के पाठ भावार्थ, महात्म पढ़, भजन, कीर्तन, मंत्रोचार, कीर्तन, सत्संग

मंगलवार, कार्तिक त्रिपुरारी पूर्णिमा, गुरुनानक जयंती पर भजन, सत्संग

लाल कृष्ण अडवाणी जी, सितारा देवी नृत्यांगना को जन्मदिन की बधाई प्रेषित कर उत्तम स्वस्थ की मंगलकामना

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत ईक्काईस माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 8 नवंबर 2022 मंगलवार को दोपहर साढ़े चार बजे से गूगल मीट पर कार्तिक मास, देव दीपावली, गुरु पर्व, कार्तिक पूर्णिमा गुरुनानक जयंती, चंद्र ग्रहण, भीष्म पंचक समाप्ति, कमल रणदीवे, लाल कृष्ण आडवाणी, सितारा देवी, अवनी लखेरा,अरविंद त्रिवेदी, भूपेंद्र नाथ कृपाल, पुरषिताम लक्ष्मण देशपांडे, अरविंद त्रिवेदी की जन्म तारीख और बोमी रेड्डी नरसिम्हा रेड्डी, जॉन ऐलिया, लोचन प्रसाद पांडे, संचमान लिंबू स्मृति दिवस पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर भगवान दरबार में फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा मोली चढ़ा पुष्पार्पण, माल्यार्पण कर श्री फल प्रसाद चढ़ा मंत्रोचार से दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रगान से किया।
अपने आतिथ्य उद्बोधन में उन्होंने सभी अतिथियों और सदस्यों का स्वागत किया सभी को कार्तिक पूर्णिमा की बधाई प्रेषित कर अतिथियों का संक्षिप्त जीवन परिचय प्रस्तुत कर सभी को उनके उद्बोधन के लिए आमंत्रित किया।

पुष्पा अग्रवाल प्रांतीय उपाध्यक्ष ने कार्यक्रम की रूप रेखा बता सभी को गुरु नानक जयंती पर गुरु नानक देव के कार्यों पर प्रकाश डाल उनके राष्ट्र प्रेम का सभी को अनुसरण करने का आहवान किया।

गणेश वंदना निमिषा गोयल, पितरों जी की स्तुति श्वेता अग्रवाल , गुरु वंदना पार्वती अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल ने गुरु भजन, भगवती अग्रवाल ने हनुमान भजन, पूजा अग्रवाल ने अष्ट लक्ष्मी वंदना, कमलेश बोंदिया ने हनुमान भजन प्रस्तुत किया।

सुलोचना धनावत ने ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः, श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवाय नमः, ओम नमः शिवाय, ओम नमो चन्द्रशेखर नमः, गायत्री मंत्र, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे, हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे, का पाठ करवाया।सत्संग करवाया जिसने मानव देह और आत्मा के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने प्रार्थना की की ही चंद्र देव आप सभी राशियों के मनुष्य एवम संपूर्ण विश्व में जीव निर्जीव पर अपनी असीम कृपा बरसा सभी को शीतलता, सौम्यता, सद्बुद्धि, संतोष, शांति प्रदान करे जिससे सभी एकजुट हो सकारात्मक सोच ले मानवता की नई मिसाल कायम कर मनुष्य जीवन को सफल बनाएं।

सुलोचना धनावत प्रचार प्रसार प्रभारी ने कार्यक्रम संयोजिका ने भागवत गीता का सार बता गीता को जीवन जा अभिन्न अंग बताया। उन्होंने बंधन मुक्ति का रास्ता क्या है कैसे प्राप्त करते है के बारे में बताया। हर कार्य को स्वाभाविक बताया ऐसा सोचने से दुख नहीं होगा।उन्होंने शरीर को कर्म सामग्री बताता।
उन्होंने सभी उपस्थित सदस्यो को गीता अध्याय दो के पाठ के लिए बारी बारे से आमंत्रित किया।सभी सदस्यो ने बरी बरी से संस्कृत में श्लोक शुद्ध रूप में पढ़ना सीख और उसका हिंदी में भावार्थ पढ़ा और समझा। तारा, डिंपल, किरण, कीर्ती, पुष्पा, ललिता, कुसुम, अनीता, सुलोचना, शीतल, मोनिका, श्वेता ने गीता पाठ कर अध्यात्म की राह पर चल गीता को मोक्ष प्राप्ति का सरल उपाय बताया।

कार्यक्रम अध्यक्ष नंदिनी चौधरी सिंगापुर ने अपने उद्बोधन में बताया
ईक्काईस माह से प्रतिदिन वर्चुअल कार्यक्रम की भूरी भूरी तारीफ कर आज चंद्र ग्रहण के उपलक्ष में गीता पाठ, भजन, कीर्तन ,सत्संग के आयोजन को सराहते हुए जहा अब पूर्ण विश्वास है वे दिन दरवाजे पर दस्तक दे रहे है जिससे पृथ्वी पर राम राज्य की स्थापना कर भारत को विश्व गुरु स्थापित करने में सफल होगे।

मुख्य वक्ता कमलेश बोंदिया सिमगेड़ा झारखंड ने देव दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा के स्नान का महात्म बताया उन्होंने इस के दौरान सुनी जाने वाली पौराणिक कहानियां सुनाई। मंगलवार के उपलक्ष में हनुमान भजन सुनाया।

मुख्य अतिथि सबिता अग्रवाल सन पुर ओडिसा ने अपने उद्बोधन में बताया देवदीवाली कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार है जो यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी मे मनाया जाता है। यह विश्व के सबसे प्राचीन शहर काशी की संस्कृति एवं परम्परा है। यह दीपावली के पंद्रह दिन बाद मनाया जाता है।गंगा नदी के किनारे जो रास्ते बने हुए है रविदास घाट से लेकर राजघाट के आखरी तक वहाँ करोड़ो दिये जलाकर गंगा नदी की पुजा की जाती है और गंगा को माँ का सम्मान दिया जाता है। देवदीवाली की परम्परा सबसे पहले पंचगंगा घाट १९१५ मे हजारो दिये जलाकर शुरुवात की गयी थी। प्राचीन परम्परा और संस्कृति में आधुनिकता का शुरुवात कर काशी ने विश्वस्तर पर एक नये अध्याय का आविष्कार किया था। जिससे यह विश्वविख्यात आयोजन लोगों को आकर्षित करने लगा है।

विशिष्ट अतिथि सरिता अग्रवाल ने चंद्र ग्रहण के बारे में बताया सूतक, ग्रहण क्या है इस दौरान क्या क्या करना चाहिए।इस दौरान कौन से मंत्र पढ़ना चाहिए उच्चारण कर बताए।चंद्र ग्रहण खत्म हो जाने के बाद क्या करना चाहिए के बारे में विस्तार से बताया।चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान शुद्धि और दान करना फलदायी बताया गया है। उन्होंने कहा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण के प्रभाव को दूर करना चाहते हैं तो गंगाजल से छिड़काव और स्नान आदि से निवृत होकर मंदिर जरूर जाएं और सफेद वस्तु जा दान करे।

विशिष्ट अतिथि पार्वती अग्रवाल लाऊ मुंडा ओडिसा ने अपने उद्बोधन में बताया गुरु नानक जयंती कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है. इसे प्रकाश पर्व या गुरु पर्व भी कहा जाता है. गुरु नानक जी सिख धर्म के संस्थापक थे. ऐसी मान्यताओं हैं कि इस दिन सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव का जन्म हुआ था. सिख समुदाय के लोग गुरु नानक पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन लोग भजन-कीर्तन करते हैं और वाहे गुरु का जाप करते हैं. कुछ इलाकों में तो ढोल मंजीरों के साथ प्रभात फेरी निकाली जाती है. इस साल गुरु नानक जयंती 08, नवंबर को मनाई जा रही है।

विशिष्ट अतिथि पूजा अग्रवाल बैंगलोर ने अपने उद्बोधन में कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस पुर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि आज के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे।ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फाल मिलता है।

विशिष्ट अतिथि रंजना गर्ग गुजरात ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया लालकृष्ण आडवाणी को उनके जन्मदिन की मंच से बधाई प्रेषित कर बताया भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। भारतीय जनता पार्टी को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में उनका योगदान सर्वोपरि कहा जा सकता है। वे कई बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं।

विशिष्ट अतिथि ललिता डोकानी भागलपुर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया कार्तिक पूर्णिमा का 4 घटनाओं से खास संबंध है। पहला इस दिन मत्स्य अवतार हुआ था, दूसरा तुलसी का प्राकट्य दिवस है, तीसरा श्रीकृष्ण जी को इस दिन आत्मबोध हुआ था और चौथा भगवान शिवजी ने त्रिपुरासुर का वध किया था।

कुसुम अग्रवाल प्रांतीय सह कोषाध्यक्ष ने बताया सितारा देवी महान नृत्यांगना भारत की प्रसिद्ध नृत्यांगना थीं। उनका नाम कथक नृत्यांगना के रूप में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वे जिस मुकाम पर थीं, वहाँ तक पहुँचने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया था। बहुत कम लोग यह जानते हैं कि मात्र सोलह साल की उम्र में उनका नृत्य देखकर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें “कथक क्वीन” के खिताब से सम्मानित किया था। आज भी लोग इसी खिताब से उनका परिचय कराते हैं। इसके अतिरिक्त सितारा देवी के खाते में ‘पद्मश्री’ और ‘कालिदास सम्मान’ भी हैं, जो कथक के प्रति उनकी सच्ची लगन और मेहनत को दर्शाते हैं।

मोनिका अग्रवाल ने देवता क्यों मनाते हैं के बारे में बताया यह दिवाली के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध करके देवताओं को भय से मुक्ति कर पुन: स्वर्ग का राज्य सौंप दिया था। इसी की खुशी में देवता लोग गंगा और यमुना के तट पर एकत्रित होकर स्नान करते हैं और *खुशी में दिवाली मनाते हैं। इसलिए इसे *त्रिपुरारी पूर्णिमा* भी कहते हैं।

डिंपल अग्रवाल ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया और सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

तारा बेरीवाल ने संपूर्ण विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।

कार्यक्रम में शामिल नंदनी चौधरी, पूजा अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, पार्बती अग्रवाल,ललिता अग्रवाल, प्रेमलता गर्ग, सरिता अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, किरण अग्रवाल, कीर्ती अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, ललिता डोकानी, लक्ष्मी अग्रवाल, निमिषा गोयल, अंशु अग्रवाल, आशा बेरीवाल, मीना अग्रवाल, लक्ष्मी अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, मोनिका अग्रवाल, तारा बेरीवाल, सुलोचना धनावत, पुष्पा अग्रवाल, प्रतिमा गुप्ता, राजकुमारी गुप्ता, कीर्ति अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, उषा कलानोरिया, रजनी जिंदल, रेखा गर्ग, सरोज अग्रवाल, शुभी अग्रवाल, मंजू गोयल, ललिता अग्रवाल, राजबाला गर्ग, हेमलता बंसल, निमिषा गोयल, निशा गोयल, मधु अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, मोनिका अग्रवाल, रजनी जिंदल, सुरेश अग्रवाल, श्वेता अग्रवाल, रेखा गर्ग, मधु मित्तल, शीतल लाठ, भगवती अग्रवाल, मधु अग्रवाल,मंजू गोयल, उपमा अग्रवाल, मोनिका अग्रवाल, किरण अग्रवाल, नीलिमा गोयल, प्रतिमा गुप्ता राजकुमारी गुप्ता ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।