शांता फाउंडेशन ने मकर संक्रांति का पर्व अमरकंटक व शहर के मंदिरों में भिक्षुओं को अन्नदान कर व सेवा कर मनाया , संस्था के संस्थापक व समाजसेवी नीरज गेमनानी प्रतिदिन करते हैं सेवा

भारत त्योहारों का देश है जहां त्यौहार किसी वर्ग विशेष

के लिए नहीं है चाहे वह अमीर हो या गरीब हो जरूरतमंद हो यह संपन्न हो सभी के लिए त्यौहार होते हैं शहर में कई सामाजिक सेविक संस्थाएं हैं जो गरीबों और जरूरतमंदों को हर खुशी प्रदान करती है ऐसी एक संस्था है शांता फाउंडेशन जहां पर मकर संक्रांति का पर्व शुक्रवार को अमरकंटक के मंदिर प्रांगण एवं बिलासपुर शहर के विभिन्न मंदिरों में भिक्षुकों को अन्न दान कोविड प्रोटोकॉल के तहत मनाया गया कार्यक्रम कहते हैं मकर

संक्रांति पर दान का महत्व होता है तो इस मौके पर मंदिरों प्रांगण में जरुरुतमन्दों को सुबह से ही दान-पुण्य किया गया जहां कहीं गरीबों को कंबल भेंट किए गए तो कहीं निर्धनों को अन्न दान कराकर तिल-गुड़ खिलाया गया। वहीं शहर के प्रमुख मोहल्ला-चौराहा, बस स्टैंड, आदि पर पशुओं को चारा खिलाया गया।

शांता फाउंडेशन के संस्थापक समाजसेवी नीरज गेमनानी का कहना है कि हमें सेवा प्रतिदिन करनी है,अभी कोरोना महामारी फिर अपने पैर पसार रही है हमारी संस्था पुनः काम मे लग गई है विशेष रूप से भिक्षुकों, जरुरुतमन्दों और पशुओं पर विशेष ध्यान शांता फाउंडेशन के सदस्यों के द्वारा दीया जा रहा है। इस दौरान जय प्रकाश तिवारी,नेहा तिवारी,रुपाली पाण्डेय,प्राची सिंह ठाकुर,दानेश राजपूत उपस्थित रहे