प्रथम स्थान पर मीना गोयल द्वितीय स्थान पर रंजना गर्ग व मधु मित्तल रहे तृतीय स्थान पर डिंपल अग्रवाल का नाम घोषित किया गया इससे सर्वश्रेष्ठ मीना गोयल जी को सावन सुंदरी
अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत सत्रह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 31/7/2022 रविवार को चतुर्मास, श्रावण की तीज, प्रेमचंद, हिंदी कहानिकार और उपन्यासकार, मुमताज़, भारतीय अभिनेत्री की जन्म तारीख और हिंदी फिल्मों के महान पार्श्र्व गायक मोहम्मद रफी, स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद ऊधम सिंह की निधन तिथि पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल अध्यक्ष ने अपने निज निवास पर भगवान शंकर पार्वती के छाया चित्र पर पुष्पार्पण, माल्यार्पण कर मंत्रोचार से दीप प्रज्वलित किया।
मधु मित्तल ने राष्ट्रगान, पार्बती अग्रवाल ने गणेश वंदना, कमलेश बोंदिया ने पितरों जी की स्तुति, तारा बेरीवाल ने गुरु वंदना प्रस्तुति दी।
लीला देई ने त्रयोदशी मंत्र पढ़ संपूर्ण विश्व की मंगल कामना की।
उषा कलानोरिया अध्यक्ष बारादवार इकाई कार्यक्रम संयोजिका संचालिका ने श्रावण पवित्र मास के
मुख्य अतिथि प्रतियोगिता की निर्णायक के रुप में श्रीमती सीमा जी कोलकाता से पधारी उनका स्वागत मधु मित्तल द्वारा फूलों का गुलदस्ता देकर किया गया उसके बाद सावन सुंदरी का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ इसमें बहनों को हरे साड़ी में सोलह सिंगार के साथ अपनी प्रस्तुति करनी थी साथ ही हर बहनों से प्रश्न राउंड या डांस मे से एक चीज चुनने को कहा गया किसी ने प्रश्नों के उत्तर दिए तो किसी ने सावन के गानों के ऊपर डांस किया लास्ट मे जज साहिबा ने रिजल्ट घोषित किया प्रथम स्थान पर मीना गोयल द्वितीय स्थान पर रंजना गर्ग व मधु मित्तल रहे तृतीय स्थान पर डिंपल अग्रवाल का नाम घोषित किया गया इससे सर्वश्रेष्ठ मीना गोयल जी को सावन सुंदरी घोषित किया गया।
कार्यक्रम अध्यक्ष नंदिनी चौधरी सिंगापुर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया मुमताज़ (अपनी शादी के बाद मुमताज़ माधवानी के नाम से जानी जाती हैं; जन्म: 31 जुलाई 1947) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। उन्होंने 1971 में खिलौना में अपने किरदार के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। हालांकि उन्होंने छोटी सहायक भूमिकाओं के साथ शुरुआत की, बाद में उन्होंने तरक्की की और अपने समय के सभी शीर्ष अभिनेताओं के साथ मुख्य भूमिकाओं में काम किया। उन्हें 60 और 70 के दशक की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों और नर्तकियों में से एक के रूप में याद किया जाता है।
मुख्य अतिथि पार्बती अग्रवाल लाऊ मुंडा उड़ीसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनमें से अधिकांश हिन्दी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिन्दी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा। उन्होंने हिन्दी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया। इसके लिए उन्होंने सरस्वती प्रेस खरीदा जो बाद में घाटे में रहा और बन्द करना पड़ा। प्रेमचंद फिल्मों की पटकथा लिखने मुंबई आए और लगभग तीन वर्ष तक रहे। जीवन के अंतिम दिनों तक वे साहित्य सृजन में लगे रहे। महाजनी सभ्यता उनका अंतिम निबन्ध, साहित्य का उद्देश्य अन्तिम व्याख्यान, कफन अन्तिम कहानी, गोदान अन्तिम पूर्ण उपन्यास तथा मंगलसूत्र अन्तिम अपूर्ण उपन्यास माना जाता है।
विशिष्ट अतिथि सबिता अग्रवाल सन पुर ओडिसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया उधम सिंह (26 दिसम्बर 1899 – 31 जुलाई 1940) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के महान सेनानी एवं क्रान्तिकारी थे। उन्होंने जलियांवाला बाग कांड के समय पंजाब के गर्वनर जनरल रहे माइकल ओ’ ड्वायर को लन्दन में जाकर गोली मारी थी।कई इतिहासकारों का मानना है कि यह हत्याकाण्ड ओ’ ड्वायर व अन्य ब्रिटिश अधिकारियों का एक सुनियोजित षड्यंत्र था, जो पंजाब प्रांत पर नियन्त्रण बनाने के लिये किया गया था।
कुसुम अग्रवाल प्रांतीय सह कोषाध्यक्ष ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया मोहम्मद रफ़ी (24 दिसंबर 1924-31 जुलाई 1980) जिन्हें दुनिया रफ़ी या रफ़ी साहब के नाम से बुलाती है, हिन्दी सिनेमा के श्रेष्ठतम पार्श्व गायकों में से एक थे। अपनी आवाज की मधुरता और परास की अधिकता के लिए इन्होंने अपने समकालीन गायकों के बीच अलग पहचान बनाई। इन्हें शहंशाह-ए-तरन्नुम भी कहा जाता था। मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ ने अपने आगामी दिनों में कई गायकों को प्रेरित किया। इनमें सोनू निगम, मुहम्मद अज़ीज़ तथा उदित नारायण का नाम उल्लेखनीय है – यद्यपि इनमें से कइयों की अब अपनी अलग पहचान है। 1940 के दशक से आरंभ कर 1980 तक इन्होने कुल 26,000 गाने गाए।इनमें मुख्य धारा हिन्दी गानों के अतिरिक्त ग़ज़ल, भजन, देशभक्ति गीत, क़व्वाली तथा अन्य भाषाओं में गाए गीत शामिल हैं। जिन अभिनेताओं पर उनके गाने फिल्माए गए उनमें गुरु दत्त, दिलीप कुमार, देव आनंद, भारत भूषण, जॉनी वॉकर, जॉय मुखर्जी, शम्मी कपूर, राजेन्द्र कुमार, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, जीतेन्द्र तथा ऋषि कपूर मिथुन चक्रवर्ती गोविंदा के अलावे गायक अभिनेता किशोर कुमार का नाम भी शामिल है। 24 दिसंबर 2017 को मोहम्मद रफी जी के 93वें जन्मदिवस पर गूगल ने उन्हें सम्मानित करते हुए उनकी याद में गूगल डूडल बनाकर उनके गीतों को और उनकी यादों को समर्पित किया | इस डूडल को मुंबई के चित्रकार साजिद शेख द्वारा बनाया गया।
पुष्पा अग्रवाल प्रांतीय उपाध्यक्ष ने अपनी अभिव्यक्ति में भगवान सूर्य देव के कई प्रसंग व्यक्त किए।
डिंपल अग्रवाल अध्यक्ष सरिया इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया रविवार की पौराणिक कथा सुनाई।
तारा बेरीवाल अध्यक्ष रायगढ़ इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया भारत के इतिहास में 31 जुलाई को कौन सी मुख्य घटना घटित हुई है।
मधु मित्तल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया आज मंगलवार का दिन है. श्रावण माह कृष्ण पक्ष की तीज तिथि है उन्होंने तीज का मारवाड़ियो के लिए बहुत बड़ा त्योहार बता यू का महात्म बताया।
भगवती अग्रवाल अध्यक्ष कोरबा इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया जुलाई मास श्रावण मास और चतुर्मास का महात्म।
शीतल लाठ प्रांतीय योग प्रभारी बिलासपुर इकाई की अध्यक्ष ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर आभार प्रदर्शन कर उनके उद्बोधन को ज्ञानवर्धक बताया।
उपमा अग्रवाल प्रांतीय संयोजक बेटी मेरी शान ने सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
सुलोचना धनावत प्रचार प्रसार प्रभारी ने संपूर्ण विश्व कल्याण की भावना से कल्याण मंत्र द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।
कार्यक्रम में नंदिनी चौधरी, रजनी जिंदल, पूजा अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, तारा बेरीवाल, सरला लोहिया, पार्बती अग्रवाल, सपना सराफ, उषा कलानोरिया, प्रतिमा गुप्ता, राजकुमारी गुप्ता, यशोदा गुप्ता, कीर्ति अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, मधु मित्तल, निशा गोयल, निमिषा गोयल, लक्ष्मी गोयल, रजनी, किरण अग्रवाल, लक्ष्मी अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, उपमा अग्रवाल, हेमलता बंसल, हेमलता मित्तल, शीतल लाठ, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, सुलोचना धनावत ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
